01/01/2025
चलदे चलदे केत्थी पुज्जी गए
सामणे सामणे साल गुजरी गए...
मुक्या एक होर साल भी के
हया पर से ही हाल भी के
बदल्हां ता रोज ध्याड़ा भी मित्रो
तिधी पर कोई ध्यान नी देंदा...
सोच बदलूआं बदल्हां शिशटम
फर्क कोई नवा साल नी देंदा.....
समझी गए ता बढ़िया गल ही...
नी ता हूणी हर चीज कल ही....
कलहे ही आईरे
कलहे ही जाणा...
रही मेरी नमस्ते
हर ध्याड़ा नवे साल्ला साहीं मनाणा ...
इ-हां-ही writing by
HI RAI