01/10/2023
पौधारोपण अभियान पर सरकार के हुए खर्च करोड़ों
लगाए गए कुल पौधों में से जिंदा बचे हैं कितने
जिले में प्रतिबंधित पेडों का अवैध कटान, जिम्मेदार कौन
वन भूमि पर कहीं किसी दबंग का अवैध कब्जा तो नहीं ?
पौधारोपण अभियान चलाने में सरकार हर साल करोड़ों खर्च करती होगी लेकिन शायद ही जायजा लिया हो कि लगाए गए कुल पौधों में जिंदा बचे हैं कितने ? अगर जायजा लिया जाए तो परिणाम चौंकाने वाला ही सामने आएगा,, बशर्ते जायजा कागजों में नहीं धरातल पर लिया जाए ! गत वर्षों की बात छोड़िए इसी वर्ष कुल कितनी भूमि पर कुल कितने पौधे शासनादेश पर वन विभाग द्वारा जिला बुलंदशहर में कहां कहां लगवाए गए और उनको लगवाने में कुल कितना रुपया सरकार का खर्च हुआ और अब लगाए गए कुल पौधों में से हैं जिंदा कितने, जानकारी ले लो जिला वनाधिकारी से ,सच सामने आ जाएगा लेकिन पंगा लेवे कौन और क्यों लेवे ? वो इसलिए कि होने को तो पूरे जिले में ही रोजाना कहीं न कहीं शासन द्वारा प्रतिबंधित पेडों का अवैध कटान होता है लेकिन ज्यादातर वनाधिकारी जुर्माना वहीं करते हैं जहां किसी के द्बारा शिकायत की गई होती है, हालांकि इस तर्क का कोई सबूत तो नहीं है लेकिन फिर भी हर इंसान का अपना जमीर तो है ही !
बुलंदशहर जिला वनाधिकारी से यदि जिले में होने वाले प्रतिबंधित पेडों के अवैध कटान के संबंध में पूछा जाए तो जबाब एक ही मिलेगा कि गत वर्षो में लगभग 1करोड 62 लाख रुपए का जुर्माना अवैध कटान करने वालों से वसूला गया है लेकिन आपने पूछ लिया कि इस धनराशि में से कितनी धनराशि शिकायत के आधार वसूली गई है तो जबाब शून्य ही रहेगा,, इतना ही नहीं यही सवाल कोई जिला वनाधिकारी से पूछ ले कि जिले में कहीं भी वन विभाग की भूमि पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा तो नहीं किया हुआ है, तो भी सच्चाई उजागर हो सकती है कि वनाधिकारी व वनकर्मी अपने कार्य के प्रति कितने समर्पित, दृढ़ संकल्प जागरूक हैं ।
अभी शायद पिछले महीने वन विभाग की रेंज खुर्जा का मामला सामने आया था जिसमें पीडितों ने जिलाधिकारी को शपथ पत्र पर वनकर्मियों को नामजद करते हुए शिकायत की थी कि जुर्माना की धनराशि वसूली गई ज्यादा और रसीद दी गई बहुत कम धनराशि की , जिसपर विरोध किया गया तो पीडितों के साथ अपशब्दों का इस्तेमाल तो किया ही गया साथ ही मारपीट भी की गई, बामुश्किल लोगों की मध्यस्थता पर उन्हें छोडा तो गया लेकिन उससे पहले कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए और पीडितों की विडियो भी बनाई गई,,अब सवाल उठता है कि पूरे जिले में जहां भी अवैध कटान करने वाले से जुर्माना वसूला गया क्या उसकी विडियो बनाई गई और कोरे कागज पर उनसे हस्ताक्षर कराए गए और नहीं ऐसा किया गया तो फिर यहीं ऐसा क्यों किया गया, सवाल में ही जबाब है वो अलग बात है कि पंगा लेवे कौन ?