16/04/2024
संत सूरमा भक्त ओर देशभक्त MVC जनरल हनुतसिंह-*१-पिता, चाचा ,भाई जसवंतसिंह)सब फ़ौज में ।अपनी पलटन पूना होर्स के लिए उनका ज़बरदस्त समर्पण पहली रेजिमेंट जिसने 65 ,71 दोनों लड़ाई में परमवीर चक्र जीता युद्ध के क़िस्से किंवदंती हो गई ओर पाकिस्तानी फ़ौज ने भी कहा ये तो फ़ख़्र-ए-हिंद हैं।२-वे आत्मसंयमी थे व्यवहारिक ओर पूर्ण ईमानदार ओर निर्मम रूप से निष्पक्ष ।अंकुशाकार नाक लंबे दुबले आँखों में गौरवपूर्ण चमक व तेज अपने विश्वास व धारणाओं से कभी समझौता ना करने वाले।३- ख़ाली वक्त में आध्यात्म व पुस्तकें ।पुस्तकों से चिरस्थायी प्रेम था आध्यात्मिक साहित्य युद्ध नायक व महापुरुषों की जीवनियां ।उन्हें अनावश्यक रूप से मिलना जुलना व उसके साथ जुड़ी अनर्गल बातें बेहद उबाऊ लगती थी उन्हें एक अच्छी किताब से अच्छा कुछ नहीं लगता।खरे व्यक्तित्व के हनुत के पास मूर्खों के लिए वक्त नहीं था वे इसी में ख़ुश थे कि उन्हें उनकी पुस्तकों के साथ छोड़ दिया जाए।३-उन्होंने फ़ौज में टेक्नीक ओफ शूटिंग फ़्राम आर्मड फाईटिंग व्हीकल्स पर जनरल स्टाफ बुक फिर से लिखी जो भारत के टेंक युद्ध की गाईडिंग किताब है।४-71 की जंग में पाकिस्तान 50 टेंक तबाह किये पाकिस्तान की 13 लांसर व 31 कैवेलरी पुरी तरह से तबाह हो गई ।हनुत इसका श्रेय भगवान के हाथ को देते है।रेजिमेंट ने 1857 में फारसी युद्ध में प्रथम खुसगाई रेजिमेंट ओफ फार्स से एक चाँदी का हाथ जीता था जिस पर लिखा है”याद उल्लाल फौक इदेहीम” जिसके मायने है “ईश्वर का हाथ हर चीज़ से ऊँचा है”।५-फ़ौजी दावतों से दूर नियमित ध्यान करने वाले हनुत के लिए धर्म ओर कर्म समानार्थी सैनिक मूल्य थे।सैन्य पेशे के प्रति उनका समर्पण इतना सम्पूर्ण था कि उन्होंने विवाह नहीं किया।क्योंकि उनको लगता था कि यह पेशे के साथ समझौता होगा।इतने योग्य व्यक्ति को आर्मी कमांडर नहीं बनाया गया तो उनके एक जूनियर ने खेद व्यक्त किया तो उनका जवाब था’आप क्यों खेद व्यक्त करते हो?खेद तो सेना को व्यक्त करना चाहिए अगर वे मुझे नहीं चाहते तो नुक़सान उनका है’।६-वो एक सैनिक जनरल थे अधिकारियों से कहते थे ‘हम अधिकारी के तौर पर उन जवानों के लायक़ नहीं जिनको हम कमांड करते हैं हम उनके लिए कितना कम करते हैं और बदले में वे हमें कितना कुछ देते हैं।शत शत नमन मालाणी के इस महान संत जनरल को।(यह Leadership In The Indian Army किताब में उन पर छपे एक आलेख के अंश हैं विशेष रूप से नौजवान पीढ़ी के लिए कि हमारे आदर्श कौन होने चाहिए......