15/11/2024
मैने कल से, जब पहली बार देहरादून कार एक्सीडेंट के वीडियो के बारे में सुना कुछ लिखना चाह रहा था। लिखना चाह रहा था अपने परिवार के युवाओं के लिए, अपने युवा मित्रों के लिए।
मैं स्वयं एक roadie हूं, अधिकांशतः अपनी ही गाड़ी से घूमता हूं इसलिए मैने अनुभव किया है ऐसे रोड रेज को, खासकर उत्तर भारत की सड़कों पर. इच्छा ( इंपल्स) तो मुझे भी बहुत होती थी रैश ड्राइवर्स को मजा चखाने की लेकिन मैने अपने दिमाग को धीरे धीरे ट्रेन किया रिएक्ट नहीं करने के लिए।
मैं कुछ लिखना चाह रहा था, लेकिन लिखा नहीं और आज सोशल मीडिया पर एक लेख मिल गया हूबहू वही जो मैं लिखना चाह रहा था।
तो मेरे प्रियवरों , ये अज्ञात लेखक ( एडिट लेखक का पता चल गया है, एक सोशल मीडिया सेलिब्रिटी अजीत भारती का लेख है ) द्वारा लिखा गया लेख समर्पित है उन सभी को जो घूमना चाहते हैं, रोड ट्रिप पसंद करते हैं, लोग ड्राइव पसंद करते हैं, करो खूब करो, सिर्फ इतने एहतियात के साथ करो कि संयम ना खो।
रजनीश खरे
भोपाल
गुरुनानक जयंती 2024
फेसबुक से कॉपी किया हुआ लेख
देहरादून की दर्दनाक घटना न तो पहली है, न अंतिम। छः मित्र, नई इनोवा कार, पार्टी, दारू, लॉन्ग ड्राइव की चर्चा और फिर ‘दारू पीने से कन्सनट्रेशन बढ़ता है’ जैसे निरर्थक उपहास को सत्य मानने वाले लाखों बच्चों की तरह, अल्कोहल के नशे में सड़क पर।
एक BMW उन्हें ओवरटेक करती है। संभवतः, ‘भाई, इसने तो तुझे ओवरटेक कर दिया, ये क्या गाड़ी चला रहा है तू’ जैसी उकसाऊ ललकार जैसा मजाक और स्पीड 100 से 120-30-50 की ओर। दो लोग सनरूफ से बाहर देख कर ठिठोली करते हुए ‘उत्साहवर्धन’ कर रहे थे।
स्पीड और बढ़ती है, ट्रक आता है और गाड़ी टकराती है। दोनों बच्चों का सर सनरूफ के साथ कार और शरीर से अलग हो जाता है। बाकियों के देह की दुर्दशा ऐसी हो जाती है कि उसे लिखना भी मुश्किल है। इम्पैक्ट इतना भयावह की नई कार का ढाँचा पहचानने योग्य नहीं रह जाता। एक भी सवारी बचती नहीं, उनकी देह क्षत-विक्षत।
शराब, नशा, गाड़ी और मित्र मंडली ऐसा कॉकटेल है, जिसे हर कोई तब तक हल्के में लेता है, जब तक वो स्वयं इसका शिकार नहीं हो जाते। सबको लगता है वो अजेय, अजित, अमर है, उस पर महादेव का हाथ है। ऐसा होता नहीं। उनके परिजनों के बारे में सोचिए।
ऋषभ पंत के साथ 2022 के 31 दिसंबर को जो हुआ, पूरे देश ने देखा। ऐसे एथलीट को भी रिकवर करने में बीस महीने लग गए जिसके पास हर व्यवस्था थी। वो नशे में नहीं था, केवल स्पीड में था।
शराब जानलेवा है, सड़क-गाड़ी-मित्र-रात्रि न हो तब भी। नशे में गाड़ी चलाना जानलेवा है, स्पीड-मित्र-समय से कोई मतलब नहीं। गाड़ी जानलेवा है, यदि मित्र आपको दारू पीने के बाद भी उस पर बिठाते हैं। मित्र मंडली जानलेवा है यदि उनमें से एक भी आपको ऐसी स्थिति में कार पर बैठने से रोक न रहा हो।
मैं कभी भी ड्रिंक एंड ड्राइव नहीं करता, परंतु ऐसे मित्रों के साथ रहा हूँ जो ऐसा करना चाहते हैं। मैं ऐसी गाड़ी पर नहीं बैठता चाहे मुझे मित्रों द्वारा ‘डरपोक, कायर, फट्टू’ जैसे विशेषण सुनने पड़े। मेरे लिए उस क्षणिक ‘पौरुष’ प्रदर्शन से करोड़ों-गुणा कीमती मेरा जीवन है।
वीरता और पौरुष सड़क पर दूसरी कार के पीछे भागते हुए मरने में नहीं है। वीरता है स्वयं पर संयम रखना और अपने मित्रों को किसी भी प्रकार से उस समय, उस अवस्था में, गाड़ी पर बैठने से रोकना।
दुर्घटना के बाद के फोटोज और वीडियो काफी भयावह है, जो किसी भी इंसान को विचलित कर सकते है, इसलिए वो शेयर नहीं कर रहा यहां।
उन छह युवाओं की आत्मा के लिए ॐ शांति 🙏