सरस्वती बुक्स की स्थापना 25 -08 -2010 को रायपुर में हुई इसके संस्थापक श्री आकाश महेश्वरी जी है यह सरस्वती बुक्स नाम इनकी माताजी श्रीमती कुसुम महेश्वरी जी ने दिया है 2010 से 2016 तक यह प्रकाशन वंश पब्लिकेशन के सहायक प्रकाशन के रूप में कार्य कर रही थी 2016 से यह मुख्य रूप से संचालित है
सरस्वती बुक्स ने इन वर्षो में छत्तीसगढ़ के अनेको विषय पर किताबे प्रकाशित की है छत्तीसगढ़ की बोली भाषा के साथ यहाँ
की आंचलिक बोली पर भी किताबें प्रकाशित की है आज सरस्वती बुक्स से लगभग 200 लाइटल प्रकाशित है सरस्वती बुक्स ने "कोरोना" पर भी 7 पुस्तकें प्रकाशित की है इसपर सरस्वती बुक्स के लेखक को "गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉड" प्राप्त है सरस्वती बुक्स ने छत्तीसगढ़ी , हल्बी , गोंडी, सरगुजहिया पर पुस्तकें प्रकाशित की है साथ ही हमारे प्रकाशन ने छत्तीसगढ़ में होने वाले विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी अनेको पुस्तकें प्रकाशित की है जिससे की छत्तीसगढ़ के युवाओ को भी एक ठोस वा प्रामाणिक पुस्तकों का लाभ मिल सके सरस्वती बुक्स ने छत्तीसगढ़ के विषय के साथ साथ भरतीय सिनेमा पर भी काफी किताबें प्रकाशित की है जैसे की " भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा " भारतीय सिनेमा का जाना माना नाम " इरफ़ान " पर भी देश की पहली हिंदी किताब प्रकाशित की है जो की 10 दिन में 1000 प्रतिया बिकने का अपना रिकॉड है यह किताब अमेज़न पर भी पुरे देश में टॉप #3 पर रही थी
छत्तीसगढ़ के अनमोल रत्न , छत्तीसगढ़ के माटी पुरखा , हमर रायपुर, छत्तीगढ़ की जनजातीय , इतिहास , कला एवं संस्कृति , छत्तीसगढ़ी मुहवरा , छत्तीसगढ़ी कहावते , छत्तीसगढ़ी पहेलियाँ ,छत्तीसगढ़ी - अंग्रेजी हिंदी शब्दकोश , छत्तीसगढ़ी - हिंदी शब्दकोश, छत्तीसगढ़ी व्याकरण यह छत्तीसगढ़ी की प्रमुख पुस्तकें है
साथ ही हमने आंचलिक बोलियों पर
गोंडी में गोठ बात , हल्बी मुहवरा , हल्बी कहावते , हल्बी व्याकरण , हिंदी हल्बी शब्दकोश , बस्तर के जननायक , आदिवासी बस्तर , बस्तर की मुरिया जनजाति , बस्तर टाइगर चेंदरू, मानक सरगुहजिया शब्दकोश जैसे अनेको पुस्तकें प्रकाशित है छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़ी साहित्य के विकास के प्रति हमारा प्रकाशन सदैव तत्पर रहेगा और साथ ही हम छत्तीगढ़ के साहित्यकारों से भी यह प्रार्थना करते है की वे भी हमारे इस प्रयास में सहयोग प्रदान करे