𝗠𝗔𝗛𝗔𝗞𝗔𝗟 𝗕𝗥𝗢𝗔𝗗𝗖𝗔𝗦𝗧 𝗦𝗘𝗥𝗩𝗜𝗖𝗘 𝗕𝗛𝗜𝗟𝗔𝗜 𝗖.𝗚.

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𝗠𝗔𝗛𝗔𝗞𝗔𝗟 𝗕𝗥𝗢𝗔𝗗𝗖𝗔𝗦𝗧 𝗦𝗘𝗥𝗩𝗜𝗖𝗘 𝗕𝗛𝗜𝗟𝗔𝗜 𝗖.𝗚. 𝗥𝗔𝗛𝗨𝗟𝗡𝗔𝗧𝗛 𝗢𝗦𝗚𝗬
ASTROLOGER
ᴘʀᴏꜰᴇꜱꜱɪᴏɴᴀʟ ᴄᴏɴꜱᴜʟᴛᴀᴛɪᴏɴ
�𝗠𝗔𝗛𝗔𝗞𝗔𝗟 𝗕𝗥𝗢𝗔𝗗𝗖𝗔𝗦𝗧 𝗦𝗘𝗥𝗩𝗜𝗖𝗘

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल महादेव 🔱यह ऑफर सीमित समय के लिये है ।कृपया आप अग्रिम जानकारी व्हाट्सएप्प पे संपर्क करके ले।धन्यव...
29/08/2022

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल महादेव 🔱
यह ऑफर सीमित समय के लिये है ।
कृपया आप अग्रिम जानकारी व्हाट्सएप्प पे संपर्क करके ले।
धन्यवाद
#राहुलनाथ

🙏🌞~ * सुप्रभात* ~🌞🙏अगस्त २९.२०२२🙏  *卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐**🙏🏻🌼🙏🏻 *महाकालाश्रम समूह की प्रस्तुति* 🙏🏻🌼🙏🏻**ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ...
29/08/2022

🙏🌞~ * सुप्रभात* ~🌞🙏अगस्त २९.२०२२🙏
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*🙏🏻🌼🙏🏻 *महाकालाश्रम समूह की प्रस्तुति* 🙏🏻🌼🙏🏻*
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🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈।।श्रीहरि:।।🌺

*प्रश्न का समाधान भी वास्तव में भगवान की कृपा से ही होता है।* प्रश्नकर्ता का प्रश्न कहां से उठा है - यह वक्ता नहीं जानता और प्रश्नकर्ता अपने प्रश्न को ठीक तरह से व्यक्त भी नहीं कर पाया, और वक्ता ठीक तरह से उसका उत्तर भी नहीं दे पाया, *फिर भी उसका समाधान हो जाए तो यह भगवत्कृपा से हुआ है।*

🌷 *वास्तव में भगवान ही स्वयं उत्तर देते हैं, पर उत्तर देने का श्रेय अपने पर नहीं लेते!* 🌟 सत्संग का चमत्कार पृष्ठ १५९ गीता प्रकाशन

*परमात्मा ही आत्मा की शक्ती है मनुष्य कोई भि कर्म करणे से पहले उसे ज्ञान होता है की मुझे क्या करणा है जब तक उसे ज्ञान नही होता मुझे यह कर्म करणा है तब तक कोई कर्म संपन्न नही होता हर कर्म विधीसे प्रेरित है मनुष्य बस एक पात्र है हर किसीं का कर्म लिखा हुहा है जैसे प्रभू राम जी का वाल्मिकी ने लिखा है। तुम व्यर्थ ही चिंता कर रहे हो और प्रभू की माया से प्रेरित हो तुने क्या पाया जो खो दिया तुम क्या लाये थे जो ले जावोगे। तुम मेरी आज्ञा से जन्मे हो और मेरी आज्ञा से ही मर जावोगे। यही सत्य का वचन है चैतन्य।*🪷🚩🌸🍁📿

आज अपने प्रभु से सदा सन्मार्ग पर चलने और चलाने की अलौकिक प्रार्थना के साथ-साथ.....☀️सुप्रभातं☀️☀️सुप्रभातं☀️☀️सुप्रभातं☀️

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🙏🏻🚩जयश्री माहाँकाल 🔱
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
☀️ *राहुलनाथ* ☀️
ज्योतिष-तंत्र-वास्तु एवं अन्य अनुष्ठान-जीवन प्रशिक्षक)
भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩📱+९१९८२७३७४०७४(w)
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👉*यदि आप आध्यात्मिक-ज्योतिष-वास्तु-,प्रेरक प्रसंग । यदा-कदा तत्कालीन प्रसंग - स्वास्थ्य - हास्य आदि से संबंधित जानकारी रखते है या चाहते है तो ही ग्रुप से जुड़े।व्हाट्सएप एवं टेलीग्राम लिंक:-
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🙏 *शुभरात्री* 🙏अगस्त २८.२०२२🔱☀️🙏 *महाकालाश्रम समूह की प्रस्तुति* 🙏☀️🔱शीर्षक:-★★★★💐घमण्ड*💐*★★★★*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*काशी में सालों स...
28/08/2022

🙏 *शुभरात्री* 🙏अगस्त २८.२०२२
🔱☀️🙏 *महाकालाश्रम समूह की प्रस्तुति* 🙏☀️🔱

शीर्षक:-★★★★💐घमण्ड*💐*★★★★
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*

काशी में सालों साथ रहकर दो पंडितों ने धर्म और शास्त्रों की शिक्षा ली | शिक्षा पूरी होने के बाद दोनों विद्वान अपने-अपने गांव आये | यातायात के साधन के बिना उस समय लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में कई-कई दिन लगते थे और वे रात में विश्राम भी करते थे|

दोनों पंडित भी एक नगर में नगर के सबसे धनी सेठ के यहां आराम के लिए रुके | सेठ ने उनके रहने की उत्तम व्यवस्था की | सेठ दोनों के पास पहुंचा और उसने पाया की दोनों पडितों में बहुत ज्यादा घमंड है | दोनों एक-दूसरे को मूर्ख समझते हैं| उनसे बात कर सेठ को बड़ा बुरा अनुभव हुआ | सेठ में भोजन के समय दोनों को बड़े आदरपूर्वक भोजन कक्ष में बुला कर एक की थाली में चारा और दूसरे की थाली में भूसा परोसा| यह देख गुस्से में आकर पंडितो ने कहा क्या हम जानवर हैं जो यह चारा और भूसा खाएंगे| तुम हमारा अपमान कर रहे हो यह लक्ष्मी द्वारा सरस्वती का अपमान है ।

सेठ ने बड़ी ही शांति से जवाब दिया-इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है| जब मैंने आपमें से एक से दूसरे के बारे में पूछा था, तो एक ने कहा कि वह तो बैल है और दूसरे ने कहा था कि वह तो गधा है| तो मैंने उसी हिसाब से भोजन का प्रबंध किया | सेठ की बातें सुनते ही सुनते ही दोनों को अपनी गलती का एहसास हो गया ।

*शिक्षा:-*
ज्ञान का घमंड और दूसरों के प्रति बुरे भाव न तो किसी आम आदमी को शोभा देता है और न हीं किसी विद्वान् को | ज्ञान का घमंड करने से अच्छा है कि हम विद्वान् की बजाय इंसान पहले बने..!!

आज अपने प्रभु से सदा सन्मार्ग पर चलने और चलाने की अलौकिक प्रार्थना के साथ-साथ.....☀️शुभरात्रि☀️☀️शुभरात्रि☀️☀️शुभरात्रि☀️

🙏🏻🚩जयश्री माहाँकाल 🔱
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☀️ *राहुलनाथ* ☀️
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22/08/2022

ʀᴀʜᴜʟɴᴀᴛʜ ᴏꜱɢʏ™
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⁽ᴀꜱᴛʀᴏʟᴏɢᴇʀ & ᴠᴀꜱᴛᴜ ꜱʜᴀꜱᴛʀɪ⁻ᴸⁱᶠᵉ ᶜᵒᵃᶜʰ⁾
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🙏 *सुप्रभात* 🙏२२ अगस्त २०२२
🔱☀️🙏 *महाकालाश्रम समूह की प्रस्तुति* 🙏☀️🔱
★★★ 🙏आज का सुविचार🙏★★★
🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈
जिस समय सें हमारा मन
अपने और दूसरों के लिए
शुभ सोचना
प्रारम्भ कर देता है
"शांति"
उसी समय सें हमारे
जीवन में प्रविष्ट हो जाती है।
कुछ बातो का जबाब सिर्फ
खामोशी होती है,
और खामोशी एक बहुत ही
खूबसूरत जवाब है..!

“विचार और व्यवहार ।
दर्पण के समान है ।
एक में जहां दूसरों की छवि दिखती है
तो दुसरे में खुद की l”*

आज अपने प्रभु से सदा सन्मार्ग पर चलने और चलाने की अलौकिक प्रार्थना के साथ-साथ.....☀️सुप्रभातं☀️☀️सुप्रभातं☀️☀️सुप्रभातं☀️

🙏🏻🚩जयश्री माहाँकाल 🔱

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☀️ *राहुलनाथ* ☀️
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21/08/2022

ʀᴀʜᴜʟɴᴀᴛʜ ᴏꜱɢʏ™
⁽ᴀꜱᴛʀᴏʟᴏɢᴇʀ & ᴠᴀꜱᴛᴜ ꜱʜᴀꜱᴛʀɪ⁻ᴸⁱᶠᵉ ᶜᵒᵃᶜʰ⁾
ʙʜɪʟᴀɪ ᴄ.ɢ.ʙʜᴀʀᴀᴛ 📱+𝟵𝟭𝟵𝟴𝟮𝟳𝟯𝟳𝟰𝟬𝟳𝟰(𝘄)

🔱☀️🙏 *महाकालाश्रम समूह की प्रस्तुति* 🙏☀️🔱
🌞 *_~ वैदिक पंचांग ~_* 🌞

🌤️ *दिनांक - 22 अगस्त 2022*
🌤️ *दिन - सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - वर्षा ऋतु*
🌤️ *मास - भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार श्रावण)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - एकादशी 23 अगस्त सुबह 06:06 तक तत्पश्चात द्वादशी*
🌤️ *नक्षत्र - मृगशिरा सुबह 07:41 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
🌤️ *योग - वज्र रात्रि 11:41 तक तत्पश्चात सिध्दि*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 07:55 से सुबह 09:30 तक*
🌞 *सूर्योदय - 06:20*
🌦️ *सूर्यास्त - 19:02*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - अजा एकादशी (स्मार्त)*
🔥 *विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *अजा एकादशी* 🌷
➡️ *22 अगस्त 2022 सोमवार को प्रातः 03:36 से 23 अगस्त, मंगलवार को सुबह 06:06 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष - 23 अगस्त, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।*
🙏🏻 *यह व्रत सब पापों का नाश करनेवाला है | इसका माहात्म्य पढ़ने व सुनने से अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है |*
🙏🏻 *स्त्रोत : ऋषिप्रसाद – अगस्त २०१६ से*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *शरद ऋतु में कैसे करें स्वास्थ्य की रक्षा* 🌷
➡ *23 अगस्त 2022 मंगलवार से शरद ऋतु प्रारंभ*
🌷 *शरद ऋतु में ध्यान देने योग्य महत्त्वपूर्ण बातें :*
👉🏻 *१] रोगाणां शारदी माता | रोगों की माता है यह शरद ऋतु | वर्षा ऋतु में संचित पित्त इस ऋतु में प्रकुपित होता है | इसलिए शरद पूर्णिमा की चाँदनी में उस पित्त का शमन किया जाता हैं |*
*इस मौसम में खीर खानी चाहिए | खीर को भोजनों में ‘रसराज’ कहा गया है | सीता माता जब अशोक वाटिका में नजरकैद थीं तो रावण का भेजा हुआ भोजन तो क्या खायेंगी, तब इंद्र देवता खीर भेजते थे और सीताजी वह खाती थी |*
👉🏻 *२] इस ऋतु में दूध, घी, चावल, लौकी, पेठा, अंगूर, किशमिश, काली द्राक्ष तथा मौसम के अनुसार फल आदि स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं |* *गुलकंद खाने से भी पित्तशामक शक्ति पैदा होती है | रात को (सोने से कम-से-कम घंटाभर पहले ) मीठा दूध घूँट – घूँट मुँह में बार-बार घुमाते हुए पियें | दिन में ७ – ८ गिलास पानी शरीर में जाय, यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा है |*
👉🏻 *३] खट्टे, खारे, तीखे पदार्थ व भारी खुराक का त्याग करना बुद्धिमत्ता है | तली हुई चीजें, अचारवाली खुराक, रात को देरी से खाना अथवा बासी खुराक खाना और देरी से सोना स्वास्थ्य के लिए खतरा है क्योंकि शरद ऋतु रोगों की माता है | कोई भी छोटा-मोटा रोग होगा तो इस ऋतु में भडकेगा इसलिए उसको बिठा दो |*
👉🏻 *४] शरद ऋतु में कड़वा रस बहुत उपयोगी है | कभी करेला चबा लिया, कभी नीम के १०-१२ पत्ते चबा लिये | यह कड़वा रस खाने में तो अच्छा नहीं लगता लेकिन भूख लगाता है और भोजन को पचा देता है |*
👉🏻 *५] पाचन ठीक करने का एक मंत्र भी है :*
🌷 *अगस्त्यं कुम्भकर्ण च शनिं च वडवानलम् |*
*आहारपरिपाकार्थ स्मरेद् भीमं च पंचमम् ||*
➡ *यह मंत्र पढ़के पेट पर हाथ घुमाने से भी पाचनतंत्र ठीक रहता हैं |*
👉🏻 *६] बार-बार मुँह चलाना (खाना) ठीक नहीं, दिन में दो बार भोजन करें | और वह सात्त्विक व सुपाच्य हो | भोजन शांत व प्रसन्न होकर करें | भगवन्नाम से आप्लावित ( तर, नम ) निगाह डालकर भोजन को प्रसाद बना के खायें |*
👉🏻 *७] ५० साल के बाद स्वास्थ्य जरा नपा-तुला रहता है, रोगप्रतिकारक शक्तिदबी रहती है | इस समय नमक, शक्कर और घी-तेल पाचन की स्थिति पर ध्यान देते हुए नपा-तुला खायें, थोडा भी ज्यादा खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है |*
👉🏻 *८] कइयों की आँखें जलती होंगी, लाल हो जाती होंगी | कइयों को सिरदर्द होता होगा | तो एक –एक घूँट पानी मुँह में लेकर अंदर गरारा (कुल्ला) करता रहे और चाँदी का बर्तन मिले अथवा जो भी मिल जाय, उसमें पानी भर के आँख डुबा के पटपटाता जाय | मुँह में दुबारा पानी भर के फिर दूसरी आँख डुबा के ऐसा करें | फिर इसे कुछ बार दोहराये | इससे आँख व सिर की गर्मी निकलेगी | सिरदर्द और आँखों की जलन में आराम होगा व नेत्रज्योति में वृद्धि होगी |*
👉🏻 *९] अगर स्वस्थ रहना है और सात्त्विक सुख लेना है तो सुर्योदय के पहले उठना न भूलें | आरोग्य और प्रसन्नता की कुंजी है सुबह-सुबह वायु-सेवन करना | सूरज की किरणें नही निकली हों और चन्द्रमा की किरणें शांत हो गयी हों उस समय वातावरण में सात्तिवकता का प्रभाव होता है | वैज्ञानिक भाषा में कहें तो इस समय ओजोन वायु खूब मात्रा में होती है और वातावरण में ऋणायनों का प्रमाण अधिक होता है | वह स्वास्थ्यप्रद होती है | सुबह के समय की जो हवा है वह मरीज को भी थोड़ी सांत्वना देती है |*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – अगस्त २०१८ से*

📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷☘🌺🌸🌳💐🌻🌹🙏🏻

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
☀️ *राहुलनाथ* ☀️
ज्योतिष-तंत्र-वास्तु एवं अन्य अनुष्ठान-जीवन प्रशिक्षक)
भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩📱+९१९८२७३७४०७४(w)

19/08/2022

👉 फेसबुक लिंक:-https://www.facebook.com/shivshaktijyotishvastuonline.works/
🔱🚩🙏सुप्रभात🙏१९ अगस्त २०२२🙏🚩🔱
🔱☀️🙏 *महाकालाश्रम समूह की प्रस्तुति* 🙏☀️🔱

★★★ 🙏आज का सुविचार🙏★★★
🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈
मुस्कुराहट कठिन वक्त की श्रेष्ठ प्रतिक्रिया है।
और खामोशी गलत प्रश्न का बेहतरीन जवाब।
सच एक सर्जरी की तरह है।
थोड़ा दर्द देता है लेकिन।
राहत भी मिलती है।
झूठ एक पेन किलर की तरह है।
जो अस्थाई राहत जरूर देता है।
लेकिन साइड इफेक्ट जीवनभर रहते।
जहाँ गलत हो वहाँ झूठ बोलकर।
मिश्री बनने से अच्छा।
सच बोलकर नीम बन जाओ।
सपने सच करने में ऊर्जा डालो।
ना कि झूठ और फरेब में।

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
☀️ *पंडित राहुलनाथजी* ☀️(ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु शास्त्री)
🙏महाकालाश्रम,भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩
📱+९१९८२७३७४०७४(w)
आज अपने प्रभु से सदा सन्मार्ग पर चलने और चलाने की अलौकिक प्रार्थना के साथ-साथ.....☀️सुप्रभातं☀️☀️सुप्रभातं☀️☀️सुप्रभातं☀️

ज्योतिष एवं वास्तु सेवाएं
Astro-Vastu & spritual Consult

JOIN GROUP/ समूह से जुड़े....☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️👉TELEGRAM/टेलीग्राम ग्रुप एवं ब्रोडकोस्ट सेवा👈🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🚩नमस्कार ,🙏म...
17/08/2022

JOIN GROUP/ समूह से जुड़े....
☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️
👉TELEGRAM/टेलीग्राम ग्रुप एवं ब्रोडकोस्ट सेवा👈
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
🚩नमस्कार ,🙏
मैं राहुलनाथजी,(ज्योतिषचार्य एवँ वास्तुशास्त्री) भिलाई, छत्तीसगढ़ से
हमारे ग्रूप एवं ब्रोडकोस्ट सेवा 👉महाकाल आश्रम।। में आपका स्वागत करता हूँ , हमारा यह ग्रूप विश्व के अलग-अलग विद्याओ से जुड़े हुए विद्वानो को एक मंच में लाने का प्रयास है - जहाँ ज्ञान का प्रचार-प्रसार हो सके और हमारे साथ जो भी लोग जुड़े है उन्हें भी इसका लाभ मिल सकें।आपसे निवेदन है कि!आप इस ग्रुप से जुड़े एवं ज्योतिष/वास्तु/तंत्र-मंत्र-यंत्र/योग/ध्यान/धर्म/सिद्धि-साधना/आयुर्वेद/प्राकृतिक चिकित्सा/अनमोल विचार/आध्यात्मिक किस्से-कहानियां आदि से जुड़े हुए विद्वानो को एवं इनसे सम्बन्धी जिज्ञासा रखने वालों को इस ग्रूप में जोड़े और भारतीय संस्कृति प्रचार प्रसार में सहयोग करे| प्रयास करे इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा ग्रुप एवं मित्रों में शेयर करने का ।हमारा उद्देश्य है एक वृहद ग्रुप बनाने का जो आध्यात्मिक एवं अनमोल हो।
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आपका
राहुलनाथ
(ज्योतिषाचार्य एवँ वास्तुशास्त्री)
भिलाई,छत्तीसगढ़,भारत,📱 +𝟵𝟭𝟵𝟴𝟮𝟳𝟯𝟳𝟰𝟬𝟳𝟰(𝘄hatsapp)
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*🙏सुप्रभात🙏*१७ अगस्त २०२२🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱★★★ .*🌅🙏आज का सुविचार🙏🌅* ★★★🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*अकेलापन' इस संसार में सबसे बड़ी सज़ा है और '...
17/08/2022

*🙏सुप्रभात🙏*१७ अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
★★★ .*🌅🙏आज का सुविचार🙏🌅* ★★★
🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈

*अकेलापन' इस संसार में सबसे बड़ी सज़ा है और 'एकांत'
सबसे बड़ा वरदान!ये दो समानार्थी दिखने वाले शब्दों के अर्थ
में जमीन आसमान का अंतर है।
*अकेलेपन में छटपटाहट है, एकांत में आराम!
*अकेलेपन में घबराहट है, एकांत में शांति।
*जब तक हमारी नज़र बाहर की ओर है तब तक हम अकेलापन
महसूस करते हैं। जैसे ही नज़र भीतर की ओर मुड़ी, तो एकांत
अनुभव होने लगता है।
*ये जीवन और कुछ नहीं, वस्तुतः अकेलेपन से एकांत की ओर
एक यात्रा ही है। ऐसी यात्रा जिसमें, रास्ता भी हम हैं, राही भी
हम हैं और मंज़िल भी हम ही हैं।
*फूल तो कितने आराम से रह लेते हैं काटो के साथ*
*बस आदमी ही आदमी को चुभता है।।

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
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☀️पंडित राहुलनाथजी☀️(ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु शास्त्री)
🙏🚩महाकालाश्रम, भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩📱+९१९८२७३७४०७४(w)
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16/08/2022

*🙏सुप्रभात🙏*१६ अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
★★★ .*🌅🙏आज का सुविचार🙏🌅* ★★★
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*
जबसे तूने थामा है
बाबा मेरा हाथ
दुनिया अब दिखती नही
सब दीखते भोलेनाथ
मुझको तुझपे सबसे ज्यादा
ऐतबार हो गया
भोलेनाथ पता नहीं
तुझसे प्यार कब कब हो गया
भोलेनाथ पता नहीं
तुझसे प्यार कब कब हो गया
संसार को छोड़ने से
परमात्मा नहीं मिलता परंतु
परमात्मा के मिलने से दुनिया
अपने आप छूट जाती है

*आपके शब्द ही*
*आपकी Master key हैं,,,,!*
*ये दिलों के दरवाजे*
*खोल भी सकते हैं,,,,!*
*और लोगों के मुँह पर*
*ताले लगा भी सकते हैं,,,,!!*

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱

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पंडित राहुलनाथजी,(ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद)
ज्योतिष्य-वास्तु,तंत्र-यंत्र-मंत्र एवं आध्यात्मिक सलाहकार
🙏🚩महाकालाश्रम, भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩🔱
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𝗥𝗔𝗛𝗨𝗟𝗡𝗔𝗧𝗛 𝗢𝗦𝗚𝗬
ASTROLOGER
ᴘʀᴏꜰᴇ

*🙏शुभरात्री🙏*१५ अगस्त २०२२🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱शीर्षक:-★★★★बालक ध्रुव के ध्रुव तारा बनने की कथा ।★★★★*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*स्वयंभुव मनु और ...
15/08/2022

*🙏शुभरात्री🙏*१५ अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
शीर्षक:-★★★★बालक ध्रुव के ध्रुव तारा बनने की कथा ।★★★★
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*
स्वयंभुव मनु और शतरुपा के दो पुत्र थे-प्रियवत और उत्तानपाद।
उत्तानपाद की सुनीति और सुरुचि नामक दो पत्नियां थीं। राजा
उत्तानपाद को सुनीति से ध्रुव और सुरुचि से उत्तम नामक दो पुत्र
उत्पन्न हुए। यद्पि सुनीति बड़ी रानी थी परन्तु उत्तानपाद का प्रेम
सुरुचि के प्रति अधिक था। एक बार सुनीति का पुत्र ध्रुव अपने
पिता की गोद में बैठा खेल रहा था। इतने में सुरुचि वहां आ पहुंची।

ध्रुव को उत्तानपाद की गोद में खेलते देख उसका पारा सातवें
आसमान पर जा पहुंचा। सौतन के पुत्र को अपने पति की गोद में
वह बर्दाश्त न कर सकी। उसका मन ईष्र्या से जल उठा। उसने
झपट कर बालक ध्रुव को राजा की गोद से खींच लिया और अपने
पुत्र उत्तम को उसकी गोद में बिठा दिया तथा बालक ध्रुव से बोली,
अरे मूर्ख! राजा की गोद में वही बालक बैठ सकता है जो मेरी कोख
से उत्पन्न हुआ हो।
तू मेरी कोख से उत्पन्न नहीं हुआ है। इसलिए तुझे इनकी गोद में या
राजसिंहासन पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। पांच वर्ष के ध्रुव
को अपनी सौतेली मां के व्यवहार पर क्रोध आया। वह भागते हुए
अपनी मां सुनीति के पास आए तथा सारी बात बताई। सुनीति बोली,
बेटा! तेरी सौतेली माता सुरुचि से अधिक प्रेम के कारण तुम्हारे पिता
हम लोगों से दूर हो गए हैं।
तुम भगवान को अपना सहारा बनाओ। माता के वचन सुनकर ध्रुव को
कुछ ज्ञान उत्पन्न हुआ और वह भगवान की भक्ति करने के लिए पिता
के घर को छोड़ कर चल पड़े। मार्ग में उनकी भेंट देवार्षि नारद से हुई।
देवार्षि ने बालक ध्रुव को समझाया, किन्तु ध्रुव नहीं माना। नारद ने
उसके दृढ़ संकल्प को देखते हुए ध्रुव को मंत्र की दीक्षा दी। इसके
बाद देवार्षि राजा उत्तानपाद के पास गए।
राजा उत्तानपाद को ध्रुव के चले जाने से बड़ा पछतावा हो रहा था।
देवार्षि नारद को वहां पाकर उन्होंने उनका सत्कार किया। देवॢष ने
राजा को ढांढस बंधाया कि भगवान उनके रक्षक हैं। भविष्य में वह
अपने यश को सम्पूर्ण पृथ्वी पर फैलाएंगे। उनके प्रभाव से आपकी
कीर्ति इस संसार में फैलेगी। नारद जी के इन शब्दों से राजा उत्तानपाद
को कुछ तसल्ली हुई।
उधर बालक ध्रुव यमुना के तट पर जा पहुंचे तथा महॢष नारद से मिले
मंत्र से भगवान नारायण की तपस्या आरम्भ कर दी। तपस्या करते हुए
ध्रुव को अनेक प्रकार की समस्याएं आईं परन्तु वह अपने संकल्प पर
अडिग रहे। उनका मनोबल विचलित नहीं हुआ। उनके तप का तेज
तीनों लोकों में फैलने लगा। ओम नमो भगवते वासुदेवाय की ध्वनि
वैकुंठ में भी गूंज उठी।
तब भगवान नारायण भी योग निद्रा से उठ बैठे। ध्रुव को इस अवस्था
में तप करते देख नारायण प्रसन्न हो गए तथा उन्हें दर्शन देने के लिए
प्रकट हुए। नारायण बोले, हे राजकुमार! तुम्हारी समस्त इच्छाएं पूर्ण
होंगी। तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न होकर मैं तुम्हें वह लोक प्रदान कर रहा
हूं, जिसके चारों ओर ज्योतिष चक्र घूमता है तथा जिसके आधार पर
सब ग्रह नक्षत्र घूमते हैं।
प्रलयकाल में भी जिसका कभी नाश नहीं होता। सप्तऋषि भी नक्षत्रों
के साथ जिस की प्रदक्षिणा करते हैं। तुम्हारे नाम पर वह लोक ध्रुव
लोक कहलाएगा। इस लोक में छत्तीस सहस्र वर्ष तक तुम पृथ्वी पर
शासन करोगे। समस्त प्रकार के सर्वोत्तम ऐश्वर्य भोग कर अंत समय
में तुम मेरे लोक को प्राप्त करोगे। बालक ध्रुव को ऐसा वरदान देकर
नारायण अपने लोक लौट गए। नारायण के वरदान स्वरूप ध्रुव समय
पाकर ध्रुव तारा बन गए...संकलितं पोस्ट।

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱

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☀️पंडित राहुलनाथजी☀️
ज्योतिष्य-वास्तु,तंत्र-यंत्र-मंत्र एवं आध्यात्मिक सलाहकार
🙏🚩महाकालाश्रम, भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩📱+९१९८२७३७४०७४(w)
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15/08/2022

🙏स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं......
*🙏सुप्रभात🙏*१५ अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
★★★ .*🌅🙏आज का सुविचार🙏🌅* ★★★
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*
*ये दुनिया है 'जनाब',,*
*यहाँ 'मिट्टी' में मिलाने के लिए
लोग 'कन्धों' पर उठा लेते हैं !!*

मनुष्यजन्म,मुक्त होने की इच्छा
और महापुरुषों का संश्रय,
ये तीन दुर्लभ है तथा भगवान
एवं गुरुओं की कृ्पा से ही प्राप्त होते हैं!!!!

जीवन में अच्छे जरूर बने किन्तु
साबित करने की कोशिश कभी ना करें।

इच्छाओं की सडक तो बहुत दूर तक जाती है।
बेहतर यही है कि हम "जरुरतो की गली में मुड़ जाएं।।

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱

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पंडित राहुलनाथजी,(ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद)
ज्योतिष्य-वास्तु,तंत्र-यंत्र-मंत्र एवं आध्यात्मिक सलाहकार
🙏🚩महाकालाश्रम, भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩🔱
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𝗥𝗔𝗛𝗨𝗟𝗡𝗔𝗧𝗛 𝗢𝗦𝗚𝗬
ASTROLOGER
ᴘʀᴏꜰᴇ

*🙏शुभरात्री🙏*१४ अगस्त २०२२🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱शीर्षक:-★★★★*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈* *तुलसीदास जी जब “रामचरितमानस” लिख रहे थे, तो उन्होंने एक ...
14/08/2022

*🙏शुभरात्री🙏*१४ अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
शीर्षक:-★★★★
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*
*तुलसीदास जी जब “रामचरितमानस” लिख रहे थे, तो उन्होंने एक चौपाई लिखी*
*सिय राम मय सब जग जानी, करहु प्रणाम जोरी जुग पानी*
अर्थात –
पूरे संसार में श्री राम का निवास है, सबमें भगवान हैं और हमें उनको हाथ जोड़कर प्रणाम कर लेना चाहिए।

चौपाई लिखने के बाद तुलसीदास जी विश्राम करने अपने घर की ओर चल दिए। रास्ते में जाते हुए उन्हें एक लड़का मिला और बोला –"अरे महात्मा जी, इस रास्ते से मत जाइये, आगे एक बैल गुस्से में लोगों को मारता हुआ घूम रहा है। और आपने तो लाल वस्त्र भी पहन रखे हैं तो आप इस रास्ते से बिल्कुल मत जाइये।

तुलसीदास जी ने सोचा – ये कल का बालक मुझे चला रहा है। मुझे पता है – सबमें राम का वास है। मैं उस बैल के हाथ जोड़ लूँगा और शान्ति से चला जाऊंगा।

लेकिन तुलसीदास जी जैसे ही आगे बढे तभी बिगड़े बैल ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी और वो बुरी तरह गिर पड़े।
अब तुलसीदास जी घर जाने की बजाय सीधे उस जगह पहुंचे जहाँ वो रामचरितमानस लिख रहे थे। और उस चौपाई को फाड़ने लगे, तभी वहां हनुमान जी प्रकट हुए और बोले – श्रीमान ये आप क्या कर रहे हैं?

तुलसीदास जी उस समय बहुत गुस्से में थे, वो बोले – ये चौपाई बिल्कुल गलत है।मैंने बैल को प्रणाम किया क्योंकि उसमे भी प्रभु का वास जाना, किन्तु उसने वैसा वयवहार नहीं किया,ऐसा कहते हुए उन्होंने हनुमान जी को सारी बात बताई।

हनुमान जी मुस्कुराकर तुलसीदास जी से बोले – बाबा , ये चौपाई तो शत प्रतिशत सही है। आपने उस बैल में तो श्री राम को देखा लेकिन उस बच्चे में राम को नहीं देखा जो आपको बचाने आये थे। भगवान तो बालक के रूप में आपके पास पहले ही आये थे लेकिन आपने देखा ही नहीं।

ऐसा सुनते ही तुलसीदास जी ने हनुमान जी को गले से लगा लिया। और पश्चाताप करने लगे की में कितना मुर्ख हूँ, अपनी ही लिखी बात का सही सही अर्थ नहीं समझ पाया, क्योंकि बैल में रामजी को देखना तो समझ किन्तु उस बालक में राम के दर्शन नहीं किये, इसलिए विवेकपूर्वक आगे बढ़ना चाहिए,रामचरितमानस की कोई भी चोपाई अर्थहीन नहीं है, किन्तु हम मूर्क सही अर्थ ना जानकर उनकी मर्यादा का उलंग्घन कर देते है

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
🙏🚩महाकालाश्रम, भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩🔱

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☀️पंडित राहुलनाथजी☀️
ज्योतिष्य-वास्तु,तंत्र-यंत्र-मंत्र एवं आध्यात्मिक सलाहकार
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*🙏सुप्रभात🙏*१२ अगस्त २०२२🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱★★★★ ★★★★*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈**किसी ने गुरु से पूछा की**पाँच छिद्रों वाले घड़े को कैसे भरेंग...
12/08/2022

*🙏सुप्रभात🙏*१२ अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
★★★★ ★★★★
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*
*किसी ने गुरु से पूछा की*
*पाँच छिद्रों वाले घड़े को कैसे भरेंगे ?*
*गुरु ने मुस्कान के साथ उत्तर दिया*
*पानी में ही डूबा रहने दो ;भरा ही रहेगा !*
*इसी तरह हमारी पाँच इन्द्रियाँ*
*परमात्मा में ही डूबी रहेंगी तो*
*संसार क्या बिगाड़ लेगा*

मनुष्य शरीर *बदला* लेने के लिए नहीं है,*प्रत्युत
जन्म - मरण से सदा के लिए मुक्त होने के लिए है*।
अगर हम पूर्व जन्म के ऋणानुबंध से लेन - देन का
व्यवहार करते रहेंगे तो हम कभी जन्म - मरण से मुक्त
हो ही नहीं सकेंगे।
*लेन -देन के इस व्यवहार को बंद करने का उपाय है-
नि:स्वार्थ भाव से दूसरों के हित के लिए कर्म करना।*🌷
दूसरों के *हित* के लिए कर्म करने से *पुराना ऋण समाप्त*
हो जाता है और बदले में *कुछ न चाहने से नया ऋण उत्पन्न
नहीं होता*। इस प्रकार ऋण से मुक्त होने पर
मनुष्य जन्म- मरण से छूट जाता है।
🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
🙏🚩महाकालाश्रम, भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩🔱

🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
पंडित राहुलनाथजी,(ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद)
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*🙏शुभरात्री🙏*११ अगस्त २०२२🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱शीर्षक:-★★एक पिता का दर्द* ★★अवश्य पढ़ें मेरे दोस्तों*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈* भाग-एक👉,आज पूनम ल...
11/08/2022

*🙏शुभरात्री🙏*११ अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
शीर्षक:-★★एक पिता का दर्द* ★★अवश्य पढ़ें मेरे दोस्तों
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈* भाग-एक
👉,आज पूनम लव मैरिज कर अपने पापा के पास आयी, और अपने पापा से कहने लगी पापा मैंने अपनी पसंद के लड़के से शादी कर ली, उसके पापा बहुत गुस्सें में थे, पर वो बहुत सुलझे शख्स थे,
उसने बस अपनी बेटी से इतना कहा, मेरे घर से निकल जाओ, बेटी ने कहा अभी इनके पास कोई काम नही है, हमें रहने दीजिए हम बाद में चलें जाएगें। पर उसके पापा ने एक नही सुनी और उसे घर से बाहर कर दिया.........
कुछ साल बीत गये, अब पूनम के पापा नहीं रहे, और दुर्भाग्यवश जिस लड़के ने पूनम से शादी की वो भी उसे धोखा देकर भाग गया, पूनम की एक लड़की एक लड़का था, पूनम खुद का एक रेस्टोरेंट चला रही थी, जिससे उसका जीवन यापन हो रहा था.........
पूनम को जब ये खबर हुई उसके पापा नही रहे, तो उसने मन में सोचा अच्छा हुआ, मुझे घर से निकाल दिया था, दर_दर की ठोकरें खाने को छोड़ दिया, मेरे पति के छोड़े जाने के बाद भी मुझे घर नही बुलाया, मैं तो नही जाऊंगी उनकी अंतिम यात्रा में। पर उसके ताऊ जी ने कहा पूनम जाने वाला शख्श तो चला गया अब उनसे दुश्मनी कैसी। पूनम ने पहले हाँ नहीं किया फिर सोचा चलो हो आती हूं, देखूं तो जिन्होंने मुझे ठुकराया वो मरने के बाद कैसे सुकून पाता है...............।

पूनम जब अपने पापा के घर आयी तो सब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे थे, पर पूनम को उनके मरने का कोई दुख नही था, वो तो बस अपने ताऊजी के कहने पर आयी थी, अब पूनम के पापा की अंतिम यात्रा शुरू हुई, सब रो रहे थे, पर पूनम दूर खड़ी हुई थी, जैसे तैसे सब कार्यक्रम निपट गया, आज पूनम के पापा की तेरहवी थी। उसके ताऊ जी आए और पूनम के हाथ में एक खत देते हुये कहा, ये तुम्हारे पापा ने तुम्हें दिया है, हो सके तो इसे पढ़ लेना.............

रात हो चुकी थी सारे मेहमान जा चुके थे, पूनम ने वो खत निकाला और पढ़ने लगी।
उसने सबसे पहले लिखा था, मेरी प्यारी गुड़िया मुझे मालूम है, तुम मुझसे नाराज हो, पर अपने पापा को माफ कर देना, मैं जानता हूं, तुम्हें मैंने घर से निकाला था, तुम्हारे पास रहने की जगह नही थी, तुम दर_दर की ठोकरें खा रही थी, पर मैं भी उदास था, तुम्हें कैसे बताऊँ,,,,,,।

"याद है तुम्हें! जब तुम पाँच साल की थी, तब तुम्हारी माँ हमें छोड़ के चली गयी थी, तब तुम कितना रोती थी, डरती थी, मेरे बिना सोती नही थी, रातों को उठकर रोती थी, तब मैं भी सारी रात तुम्हारे साथ जागता था। तुम जब स्कूल जाने से डरती थी, तब मैं भी सारा वक्त तुम्हारे स्कूल के खिड़की पर खड़ा होता था, और जैसे ही तुम स्कूल से बाहर आती थी, तुम्हें सीने से लगा लेता था। वो कच्चा_पक्का खाना याद है, जो तुम्हें पसंद नही आता था। मैं उसे फेंक कर फिर से तुम्हारे लिए नया बनाता था, की तुम भूखी ना रहो। याद है तुम्हे! जब तुम्हें बुखार आया था, तो मैं सारा दिन तुम्हारे पास बैठा रहता था, अंदर ही अंदर रोता था, पर तुम्हें हंसाता था, की तुम ना रोओ वरना मैं रो पड़ता था।
वो पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा जब तुम रात भर पढ़ती थी, तो मैं सारी रात तुम्हें चाय बनाकर देता था।
याद है तुम्हें! जब तुम पहली बार कालेज गयी थी, और तुम्हें लड़कों ने छेड़ा था, तो मैं तुम्हारे साथ कालेज गया और उन बदतमीज लड़कों से भिड़ गया। उम्र हो गयी थी, और मैं कमजोर भी। कुछ चोटें मुझे भी आयी थी। पर हर लड़की की नजर में पापा हीरो होते हैं, इसलिए अपना दर्द सह गया................।

"याद है तुम्हें! वो तुम्हारी पहली जीन्स वो छोटे कपड़े, वो गाड़ी। सारी कालोनी एक तरफ थी की ये सब नहीं चलेगा, लड़की छोटे कपड़े नही पहनेगी। पर मैं तुम्हारे साथ खड़ा था, किसी को तुम्हारी खुशी में बाधा बनने नहीं दिया। तुम्हारा वो रातों को देर से आना, कभी_कभी शराब पीना, डिस्को जाना, लड़कों के साथ घूमना। इन सब बातों को कभी मैंने गौर नहीं किया, ......................

(संकलितं पोस्ट द्वारा व्हाट्सएप)
अभी कहानी बाकी है मेरे दोस्तों....
||क्रमशः||

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
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पंडित राहुलनाथजी
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*🙏सुप्रभात🙏*११ अगस्त २०२२🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱★★★★★★★ रिश्ते ★★★★★★★★★★★*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*जन्मप्रभृति यत्किंचि-* *त्सुकृतं समुपार्जितं।...
11/08/2022

*🙏सुप्रभात🙏*११ अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
★★★★★★★ रिश्ते ★★★★★★★★★★★
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*

जन्मप्रभृति यत्किंचि-* *त्सुकृतं समुपार्जितं।*
तत्सर्वम् निष्फलं याति* *एकहस्ताभिवादनात्।।*
( व्याघ्रपादस्मृति 367)
आपने जन्म से लेकर अभी तक जितने सत्कर्म किये हैं वे सभी एक हाथ से अभिवादन करने से नष्ट हो जाते हैं।अतः अभिवादन ,प्रणाम दोनों हाथों से करना चाहिए।

*बुधाग्रे न गुणान् ब्रूयात् ,साधु वेत्ति यत: स्वयम्।
मूर्खाग्रेपि च न ब्रूयाद् ,बुधप्रोक्तं न वेत्ति स:।।*
यह दुनिया कितनी मतलबी है मित्रों पावों के लड़खड़ाने पर
तो सब की नजर है लेकिन यह नहीं देखती है कि सिर कितना बोझ है।

विद्या रूपं कुरूपाणां क्षमा रूपं तपस्विनाम् ।
कोकिलानां स्वरो रूपं स्त्रीणां रूपं पतिव्रतम् ॥
कुरुप का रुप विद्या है, तपस्वी का रुप क्षमा,
कोकिला का रुप स्वर, तथा स्त्री का रुप पातिव्रत्य है ।

इस संसार में भगवान कितना निश्चित करके भेजता है
हे प्रभु ना आते हुए कुछ लाना पड़ता है और
ना ही जाते वक्त कुछ ले जाना पड़ता है।

एक चाहत ही तो है,अपनों के साथ जीने की
वरना पता तो हमें भी है,कि मरना अकेले ही है..

ऐसा ही सत्य कहना चहिए जो दूसरों की प्रसन्नता का कारण हो |
जो सत्य दूसरों के दु:ख का कारण हो,
उस सम्बन्ध में बुद्धिशाली व्यक्ति को मोन रहना चाहिए |

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
🙏🚩महाकालाश्रम, भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩🔱
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*🙏शुभरात्री🙏*१० अगस्त २०२२🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱शीर्षक:-★★एक्सीडेंट ★★*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*एक डॉक्टर बड़ी ही तेजी से हॉस्पिटल में घुसा , उसे...
10/08/2022

*🙏शुभरात्री🙏*१० अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
शीर्षक:-★★एक्सीडेंट ★★
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*

एक डॉक्टर बड़ी ही तेजी से हॉस्पिटल में घुसा , उसे किसी एक्सीडेंट
के मामले में तुरंत बुलाया गया था। अंदर घुसते ही उसने देखा कि जिस
लड़के का एक्सीडेंट हुआ है उसके परिजन बड़ी बेसब्री से उसका इंतज़ार
कर रहे हैं।डॉक्टर को देखते ही लड़के का पिता बोला ,
” आप लोग अपनी ड्यूटी ठीक से क्यों नहीं करते ,
आपने आने में इतनी देर क्यों लगा दी ….अगर मेरे बेटे को कुछ हुआ
तो इसके जिम्मेदार आप होंगे …”
डॉक्टर ने विनम्रता कहा , ” आई ऍम सॉरी , मैं हॉस्पिटल में नहीं था ,
और कॉल आने के बाद जितना तेजी से हो सका मैं यहाँ आया हूँ।
कृपया अब आप लोग शांत हो जाइये ताकि मैं इलाज कर सकूँ….”

“शांत हो जाइये !!!” , लड़के का पिता गुस्से में बोला ,
” क्या इस समय अगर आपका बेटा होता तो आप शांत रहते ?
अगर किसी की लापरवाही की वजह से आपका अपना बेटा
मर जाए तो आप क्या करेंगे ?” ; पिता बोले ही जा रहा था।

” भगवान चाहेगा तो सब ठीक हो जाएगा , आप लोग दुआ कीजिये
मैं इलाज के लिए जा रहा हूँ। ” , और ऐसा कहते हुए डॉक्टर ऑपरेशन
थिएटर में प्रवेश कर गया।
बाहर लड़के का पिता अभी भी बुदबुदा रहा था ,
” सलाह देना आसान होता है , जिस पर बीतती है वही जानता है…”
करीब डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर बाहर निकला और मुस्कुराते हुए बोला ,
” भगवान् का शुक्र है आपका बेटा अब खतरे से बाहर है। “
यह सुनते ही लड़के के परिजन खुश हो गए और डॉक्टर से सवाल पर
सवाल पूछने लगे , ” वो कब तक पूरी तरह से ठीक हो जायेगा……
उसे डिस्चार्ज कब करेंगे….?…”
पर डॉक्टर जिस तेजी से आया था उसी तेजी से वापस जाने लगा
और लोगों से अपने सवाल नर्स से पूछने को कहा।
” ये डॉक्टर इतना घमंडी क्यों है , ऐसी क्या जल्दी है कि वो दो मिनट
हमारे सवालों का जवाब नहीं दे सकता ?” लड़के के पिता ने नर्स से कहा।
नर्स लगभग रुंआसी होती हुई बोली , ” आज सुबह डॉक्टर साहब के
लड़के की एक भयानक एक्सीडेंट में मौत हो गयी , और जब हमने उन्हें
फ़ोन किया था तब वे उसका अंतिम संस्कार करने जा रहे थे। और
बेचारे अब आपके बच्चे की जान बचाने के बाद अपने लाडले का
अंतिम संस्कार करने के लिए वापस लौट रहे हैं। “
यह सुन लड़के के परिजन और पिता स्तब्ध रह गए और उन्हें
अपनी गलती का ऐहसास हो गया।

*💐💐शिक्षा💐💐*
फ्रेंड्स, बहुत बार हम किसी की परिस्थितियों के बारे में अच्छी तरह जाने बिना ही उसपर प्रतिक्रिया कर देते हैं। पर हमें चाहिए कि हम खुद पर नियंत्रण रखें और पूरी स्थिति को समझे बिना कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया न दें। वर्ना अनजाने में हम उसे ही ठेस पहुंचा सकते हैं जो हमारा ही भला सोच रहा हो।

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।*?

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
🙏🚩महाकालाश्रम, भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩🔱
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पंडित राहुलनाथजी,(ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद)
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सम्पर्क सूत्र-+९१९८२७३७४०७४(व्हाट्सएप)
🚩महाकाल ब्रोडकोस्ट सर्विस
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*🙏शुभरात्री🙏*०९ अगस्त २०२२🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱शीर्षक:-★★ध्यान से सुनना-भाग २★★*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*कृपया ध्यान से पढ़ें, फुर्सत के क्षण...
09/08/2022

*🙏शुभरात्री🙏*०९ अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
शीर्षक:-★★ध्यान से सुनना-भाग २★★
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*
कृपया ध्यान से पढ़ें, फुर्सत के क्षणों में ----
"®®®®®®®®®®®®®®®®
इतना कहकर मजदूर चला गया ।दूसरे दिन ठीक सात बजे सेठ की मौत
हो गयी।सेठ ऊपर पहुँचा तो यमराज ने मजदूर द्वारा बताया गया प्रश्न कर
दिया कि 'पहले पाप का फल भोगना चाहता है कि पुण्य का' ।
सेठ ने कहा 'पाप का फल भुगतने को तैयार हूं लेकिन जो भी जीवन में
मैंने पुण्य किया हो, उसका फल आंखों से देखना चाहता हूं।
यमराज बोले-" हमारे यहाँ ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है,यहाँ तो दोनों के फल भुगतवाए जाते हैं।"
सेठ ने कहा कि फिर मुझसे पूछा क्यों,और पूछा है तो उसे पूरा करो,
धरती पर तो अन्याय होते देखा है,पर यहाँ पर भी अन्याय है।
यमराज ने सोचा,बात तो यह सही कह रहा है,इससे पूछकर बड़े बुरे
फंसे,मेरे पास कोई ऐसी पावर ही नहीं है,जिससे इस जीव की इच्छा पूरी
हो जाय,विवश होकर यमराज उस सेठ को ब्रह्मा जी के पास ले गये ,
और पूरी बात बता दी
ब्रह्मा जी ने अपनी पोथी निकालकर सारे पन्ने पलट डाले,लेकिन उनको
कानून की कोई ऐसी धारा या उपधारा नहीं मिली, जिससे जीव की इच्छा
पूरी हो सके।
ब्रह्मा भी विवश होकर यमराज और सेठ को साथ लेकर भगवान के पास पहुचे और समस्या बतायी ।भगवान ने यमराज और ब्रह्मा से कहा:जाइये ,अपना -अपना काम देखिये ,दोनों चले गये।
भगवान ने सेठ से कहा-" अब बोलो,तुम क्या कहना चाहते हो?
सेठ बोला-"अजी साहब, मैं तो शुरू से एक ही बात कह रहा हूं कि पाप का फल भुगतने को तैयार हूं लेकिन पुण्य का फल आँखों से देखना चाहता हूं ।
भगवान बोले-"धन्य है वो सदगुरू(मजदूर )जो तेरे अंतिम समय में भी
तेरा कल्याण कर गया ,अरे मूर्ख ! उसके बताये उपाय के कारण तू मेरे
सामने खडा है,अपनी आँखों से इससे और बड़ा पुण्य का फल क्या
देखना चाहता है। मेरे दर्शन से तेरे सभी पाप भस्मीभूत हो गये।
इसीलिए बचपन से हमको सिखाया जाता है कि गुरूजनों की बात
ध्यान से सुननी चाहिए ,पता नहीं कौन सी बात जीवन में कब काम आ जाए?

®®इति सम्पूर्णं®®

🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
𝗥𝗔𝗛𝗨𝗟𝗡𝗔𝗧𝗛 𝗢𝗦𝗚𝗬 ₍ₐₛₜᵣₒₗₒGₑᵣ₎
ₚᵣₒFₑₛₛᵢₒₙₐₗ Cₒₙₛᵤₗₜₐₜᵢₒₙ.
Dₘ ₘₑ ₒₙ wₕₐₜₛₐₚₚ.fₒᵣ ₐₚₚₒᵢₙₜₘₑₙₜ.₊₉₁₉₈₂₇₃₇₄₀₇₄₍w₎
🚩ᴍᴀʜᴀᴋᴀʟ ʙʀᴏᴀᴅᴄᴀꜱᴛ ꜱᴇʀᴠɪᴄᴇꜱ
Bₕᵢₗₐᵢ CₕₐₜₜᵢₛGₐᵣₕ

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