Baba News Bihar

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12/11/2023

ये 🪔 दिया साहिदो के नाम

09/11/2023

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07/11/2023

सरस्वती विद्या मंदिर+2 बचियो ने अपने गुणों का किया प्रदर्शन

06/11/2023

बेतिया में राजपाल के स्वागत में बच्चियों ने किया डांस

05/11/2023

बिहार के राज्य पाल बेतिया मे

मानवता की रक्षा को आगे आए नई पीढ़ी के पत्रकार एवं मीडिया करने।    पूरी दुनिया में (शहादत)मारे गए पत्रकारों के सम्मान में...
03/11/2023

मानवता की रक्षा को आगे आए नई पीढ़ी के पत्रकार एवं मीडिया करने।
पूरी दुनिया में (शहादत)मारे गए पत्रकारों के सम्मान में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन। ‌पत्रकारों के खिलाफ अपराध से मुक्ति के अंतर्राष्ट्रीय दिवस (इंटरनेशनल डे टू इंड इंनपुनिटी फॉर क्राइम्स अगेंस्ट जर्नलिस्ट्स) पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ,मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन। दुनिया भर में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं, युद्ध प्रभावित क्षेत्रों एवं विभिन्न घटनाओं में मारे गए पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि।

आज, 2 नवंबर, 2023 को पत्रकारों के खिलाफ अपराधों के समाप्ति के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ. एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ. शाहनवाज अली, डॉ. अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक , सामाजिक कार्यकर्ता नविन्दु चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन, डॉ. मेहबूबुर रहमान ने संयुक्त रूप से विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं में मारे गये पत्रकारों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आपदाओं, युद्ध क्षेत्रों और दुनिया भर में विभिन्न घटनाओं पर संयुक्त राष्ट्र ने पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के खिलाफ सभी हमलों की निंदा करने के लिए इसे नामित किया है। इस मंच के माध्यम से फिलिस्तीन इजरायल युद्ध में लगभग 22 से अधिक से पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों के ( शहादत) मारे जाने एवं दर्जनों पत्रकारों के घायल होने एवं लापता होने पर हम सभी अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।
दिसंबर 2013 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 नवंबर को पत्रकारों के खिलाफ अपराधों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दण्डमुक्ति दिवस के रूप में घोषित किया। यह तारीख 2 नवंबर 2013 को माली में दो फ्रांसीसी पत्रकारों, क्लाउड वेरलॉन और घिसलीन ड्यूपॉन्ट की हत्या (शहादत)की याद में चुनी गई थी।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि दुनिया के पत्रकारों और मीडिया कर्मियों की नई पीढ़ी लोकतंत्र और मानवता की रक्षा के लिए आगे आये. लोकतंत्र को मजबूत करने और मानवता की रक्षा करने, असंवैधानिक कृत्यों को उजागर करने और सतत विकास लक्ष्यों 2030 (एसडीजी) को आगे बढ़ाने में प्रेस की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है। इस मंच के माध्यम से हम सरकारों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पत्रकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का आह्वान करते हैं। इस साल 202३ में पूरी दुनिया में 100 से ज्यादा पत्रकारों की समाज में अपनी भूमिका निभाते हुए और अपना कर्तव्य निभाते हुए हत्या कर दी गई. इस मंच पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
हमें पत्रकारों की सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र कार्य योजना की 11वीं वर्षगांठ मनाते हुए खुशी हो रही है। संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य सभी मीडिया कर्मियों के लिए एक सुरक्षित और खुला वातावरण, दण्ड से मुक्ति की एक साझा संस्कृति और पत्रकारों की सुरक्षा बनाना है। उन्हें अपना आवश्यक कार्य करने में सक्षम बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
प्रचार, ऑनलाइन हिंसा और घृणास्पद भाषण, विशेष रूप से महिला पत्रकारों के खिलाफ, ने दुनिया भर में मीडिया कर्मियों के खिलाफ हिंसा को बढ़ा दिया है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ अपराध से मुक्ति का अंतर्राष्ट्रीय दिवस हमारे मीडिया कर्मियों को सम्मानित करने और सभी के लिए सच्चाई, न्याय, मानवता की सुरक्षा और मानवाधिकारों के लिए खड़े होने का संकल्प लेने का एक अवसर है। रिपोर्टर अक्षय राज बाबा न्यूज बिहार बेतिया से

01/11/2023

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23/10/2023

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23/10/2023

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15/10/2023
08/10/2023

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07/10/2023

प्रधानमंत्री के खिलाफ पत्रकारों ने प्रतिरोध मार्च निकाला

07/10/2023

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02/10/2023

मोदी के स्वच्छता अभियान को उड़ाया धजिया बेतिया नगर निगम

स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत निरोजा ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन के द्वारा सागर पोखरा मे पौधारोपण कार्यक्रम किया गय...
01/10/2023

स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत निरोजा ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन के द्वारा सागर पोखरा मे पौधारोपण कार्यक्रम किया गया | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अमरीश कुमार (पी एच सी प्रभारी नौतन) के द्वारा मंदिर परिसर में जाल, रुद्राक्ष, एवं कई अन्य औषधि एवं फूल का पौधा लगाया गया |
डॉ.अमरीश कुमार ने बताया की आपने आस पास पेड़ पौधों का होना अत्यंत जरूरी है अगर पेड़ पौधे नहीं रहेंगे तो प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रोग से ग्रसित रहेगा हमें पेड़ पौधों को लगाने के साथ-साथ बचाने का दायित्व भी पूरा करना होगा | तब जाकर यह धरती स्वर्ग बन पाएगी |
निरोजा ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन के निदेशक स्वच्छता चैंपियन डॉ नीरज गुप्ता ने सरकार एवं आम जनता से अपील की जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके पेड़ लगाए | अगर पेड पौधे नहीं लगाएंगे तो आने वाले समय मे दाल, चावल भी नहीं मिलेगी | सिंगल यूज प्लास्टिक का पूरी तरह से बहिस्कार करे और बज़ार कपड़े का थैला लेकर जाएं | जिससे पर्यावरण में ऑक्सीजन का संतुलन बराबर बना रहे |
| सहयोगी संस्था मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट के डॉ. अमानुल हक ने कहां की हमें इस धरती को बचाने के लिए पेड़ पौधे लगाना अत्यंत जरूरी है पेड़ पौधा नहीं रहेंगे तो फिर ऑक्सीजन नहीं मिलेगी और सैकड़ो बीमारियों के साथ या धरती लुप्त हो जाएगी |
कार्यक्रम में निरोजा ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन के जिला अध्यक्ष मनोज कुमार बरनवाल, सदस्य सोनू कुमार, धिरज कुमार, राजन मिश्रा, प्रेप दिल्ली मॉडल स्कूल के निदेशक मुकेश कुमार, शिक्षक संतोष आनंद के साथ कई अन्य सदस्य उपस्थित थे |रिपोर्टर अक्षय राज बाबा न्यूज बिहार बेतिया से

01/10/2023

स्वच्छ बेतिया पश्चिमी चंपारण का लिया संकल्प होगा आंदोलन

01/10/2023

हेडमास्टर को बाबा ने क्या बोला पूरा विडियो देखिए

निरोजा ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन के तत्वाधान में अयोध्या  की भूमि पर कार सेवक पुरम और अंतर्राष्ट्रीय राम कथा संग्रहाल...
24/09/2023

निरोजा ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन के तत्वाधान में अयोध्या की भूमि पर कार सेवक पुरम और अंतर्राष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय एवं आर्ट गैलरी मे पौधारोपण कार्यक्रम किया गया | कार सेवक पुरम के आदरणीय श्री चंपत राय जी जो राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री एवं विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष, श्री भूपेंद्र शर्म कार सेवक प्रमुख,बिरजू जी निर्माण विभाग प्रभारी,शिव दास सिंह कार सेवक पूरम, प्रभारी के साथ निरोजा ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन राष्ट्रीय संरक्षक श्री प्रदीप शर्मा, पर्यावरण राजपूत भारत सुवालाल चौधरी, एवं संस्था के निदेशक स्वच्छता चैंपियन डॉ नीरज गुप्ता के द्वारा कार सेवक पुरम मे सिंदूर, कपूर, खिजड़ी के साथ कई औषधी युक्त पौधे लगाए गए | वही अंतर्राष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय में खिजड़ी, रुद्राक्ष, महुआ, चंदन के साथ और भी औषधि युक्त पौधे लगाए गए | धरा धाम इंटरनेशनल निदेशक डॉक्टर सौरभ पांडे द्वारा पौधा लगाने से पहले मंत्र उच्चारण किए गए | वही श्री मारुति नंदन फाउंडेशन द्वारा गणेश महोत्सव के दौरान निरोजा ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन ने स्वदेश कला संस्थान के निदेशक एस बी सागर प्रजापति को सर्वपल्ली राधाकृष्णन सेवा रत्न सम्मान से सम्मानित किया | साथ ही राजस्थान सीकर से आए हुए सुवा लाल चौधरी को पर्यावरण श्री सम्मान से सम्मानित किया गया | साथ में श्री मारुति नंदन फाउंडेशन के टीम को संस्था द्वारा श्रीमद् भागवत गीता पुस्तक दी गई | कार्यक्रम में श्री प्रदीप शर्मा, सीकर राजस्थान से सुवालाल चौधरी, गोरखपुर उत्तर प्रदेश से डॉ सौरभ पांडे, मेरठ उत्तर प्रदेश से मोहनलाल वर्मा, रक्सौल बिहार से अरुण कुमार गुप्ता के साथ अयोध्या नगरी के एस बी सागर प्रजापति, मनोज तिवारी के साथ अन्य सदस्य उपस्थित थे, रिपोर्टर अक्षय राज बाबा न्यूज बिहार बेतिया से

राष्ट्रमंडल देशों की पूर्व प्रमुख सहब्रिटेन की महारानी स्वर्गीय एलिजाबेथ द्वितीय का  अंतिम संस्कार कि‌ए जाने की प्रथम वर...
24/09/2023

राष्ट्रमंडल देशों की पूर्व प्रमुख सह
ब्रिटेन की महारानी स्वर्गीय एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार कि‌ए जाने की प्रथम वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों की ओर से दी गई भावभीनी श्रद्धांजली। राष्ट्रमंडल देशों के नए अध्यक्ष सह ब्रिटेन के नए राजा किंग चार्ल्स तृतीय का विभिन्न सामाजिक संगठनों ने किया स्वागत। आज दिनांक 19 सितंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में राष्ट्रमंडल देशों की प्रमुख सह इंग्लैंड की महारानी स्वर्गीय एलिजाबेथ द्वितीय को अंतिम संस्कार किए जाने की प्रथम वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ,विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों की ओर से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों, राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक , सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन , मोहम्मद महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राष्ट्रमंडल देशों की प्रमुख सह ब्रिटेन की महारानी का 96 वर्ष की आयु में स्कॉटलैंड के बाल्मोरल महल में 8 सितंबर 2022 को निधन हो गया। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के दसवें दिन के प्रथम वर्षगांठ पर होने वाले विशेष प्रार्थना सभा के अवसर पर बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि महारानी का सारा जीवन राष्ट्रमंडल देशों के अध्यक्ष के रूप में सराहनीय रहा। वे बीते लगभग 70 सालों से ब्रिटेन की राजगद्दी को सुशोभित किया। ब्रिटेन की राजगद्दी पर सबसे ज्यादा समय तक काबिज रहने का रिकार्ड भी उनके नाम पर है। 1952 में जब ब्रिटेन के राजा किंग जॉर्ज षष्ठम की मौत हुई थी उसके बाद एलिजाबेथ द्वितीय ने दुनिया के सबसे मजबूत और चर्चित राजघराने की बागडोर संभाली थी। जून 2022 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के शासनकाल के 70 साल पूरे हुए थे। इस अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ,विभिन्न सामाजिक संगठनों ,ब्रिटेन एवं राष्ट्रमंडल देशों द्वारा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सफल शासन के 70 वर्ष पूरे होने पर प्लेटिनम जुबली समारोह का आयोजन किया किया गया था।
इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म 21 अप्रैल 1926 को हुआ था। उनका पूरा नाम एलिजाबेथ एलेक्जेंडरा मैरी विंडसर है। किंग जार्ज पंचम के बाद क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के पिता किंग जॉर्ज षष्ठम राजा बने। उनकी पढाई घर में ही हुई। एलिज़ाबेथ को निजी रूप से पर घर पर शिक्षित किया गया था।
क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का विवाह 1947 में प्रिंस फिलिप से हुआ था। शादी के बाद जब 1952 में एलिजाबेथ और उनके पति प्रिंस फिलिप केन्या के दौरे पर थे तब उनके पिता किंग जॉर्ज छह की फरवरी में मौत हो गई। पिता की मौत की खबर पाकर वह आधे दौरे को अधूरा छोड़कर ब्रिटेन वापस आ गईं। पिता की मौत के समय क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की उम्र मात्र 25 साल थी। जिस दिन उनके पिता की मौत हुई थी उसी दिन यानी 6 फरवरी 1952 को एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की महारानी नियुक्त हुईं। बाद में दो जून 1953 को उनका औपचारिक रूप से राज्याभिषेक किया गया था। तब से लेकर अब तक वे ब्रिटेन की महारानी के रूप में सत्ता पर काबिज थीं। अभी तक उनके शासनकाल में 15 प्रधानमंत्रियों ने उनके साथ काम किया है। उन्होंने विश्व भर में स्वाधीनता मानवता की रक्षा एवं विश्व शांति के लिए अनेक रचनात्मक कार्य किए। साथ ही मानवता एवं दीन दुखियों की सेवा के लिए संत मदर टेरेसा के साथ मिलकर उन्होंनेअनेक रचनात्मक कार्य किए, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। एशिया अफ्रीका एवं लेटिन अमेरिका समेत सभी राष्ट्रमंडल देशों में सुख शांति समृद्धि एवं वास्तु खुशहाली के लिए अपने जीवन के अंतिम क्षण तक प्रयास करती रही ‌
एलिजाबेथ द्वितीय यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीपसमूह, तुवालू, संत लूसिया, संत विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज, अंटीगुआ, बारबूडा, संत किट्स और नेविस की महारानी थीं। इसके अलावा वह राष्ट्रमंडल के 54 राष्ट्रों और राज्यक्षेत्रों की प्रमुख भी थीं। ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में वह अंग्रेजी चर्च की सर्वोच्च राज्यपाल और राष्ट्रमंडल के सोलह स्वतंत्र सम्प्रभु देशों की संवैधानिक महारानी थीं।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रमंडल देशों की प्रमुख सह ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शासनकाल में कई बदलाव हुए जिसे परिवर्तनों एवं सुधारों का कल कहां जाए तो गलत न होगा।
एलिज़ाबेथ के शासन के दौरान यूनाइटेड किंगडम में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जैसे अफ्रीका की ब्रिटिश उपनिवेशीकरण से स्वतंत्रता, यूके की संसद की शक्तियों का वेल्स, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड व आयरलैंड की संसदों में विभाजन इत्यादि। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न युद्धों के दौरान अपने राज्य का नेतृत्व किया। साथ में विश्व शांति मानवता दीन दुखियों की सेवा एवं विश्व में वास्तविक खुशहाली के लिए वह जीवन भर संघर्ष करती रही। इस मंच के माध्यम से हम उन्हें नम आंखों से अंतिम संस्कार की प्रथम वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनके द्वारा छोड़ गए विश्व शांति, मानवता की रक्षा एवं सब के लिए वास्तविक खुशहाली का अधूरा सपना को पूरा करना अब हम सबकी जिम्मेदारी है। आइए हम सब मिलकर विश्व शांति, मानवता की रक्षा एवं सबके लिए वास्तविक खुशहाली का प्रयास करें। राष्ट्रमंडल देशों की अध्यक्ष रहे स्वर्गीय महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हम सभी राष्ट्रमंडल देशों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। साथ ही राष्ट्रमंडल के नए अध्यक्ष किंग चार्ल्स तृतीय का नए राष्ट्रमंडल देशों के अध्यक्ष के रूप में स्वागत करते हैं। राष्ट्रमंडल देशों के नए अध्यक्ष किंग चार्ल्स से हम सब आशा करते हैं कि राष्ट्रमंडल देशों मे वास्तविक खुशहाली लाने का प्रयास करेंगे जिसका सपना बरसों पहले राष्ट्र मंडल के निर्माताओं ,स्वर्गीय महारानी एलिजाबेथ द्वितीय एवं राष्ट्रमंडल देशों के पुरखों ने देखा था। रिपोटर अक्षय राज बाबा न्यूज बिहार बेतिया से

भारत के महान संत स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो (अमेरिका ) ऐतिहासिक धर्म संसद में संबोधन की 130वीं वर्षगांठ पर सत्याग्रह...
24/09/2023

भारत के महान संत स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो (अमेरिका ) ऐतिहासिक धर्म संसद में संबोधन की 130वीं वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा वृक्षारोपण। स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी विश्व शांति एवं मानवता के लिए प्रासंगिक। आज दिनांक 19 सितंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत के महान संत स्वामी विवेकानंद द्वारा अमेरिका के शिकागो में ऐतिहासिक धर्म संसद में संबोधन की 130वीं वर्षगांठ पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम अंतरराष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक ,डॉ महबूब उर रहमान ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि 19 सितंबर 1893 को शिकागो (अमेरिका) के विश्व धर्मसंसद में ऐतिहासिक भाषण भारत के महान संत स्वामी विवेकानंद ने दिया था। उनका मानना था कि विश्व के सारे मानव एक ही परिवार के अंग हैं। भाषा रंग संस्कृति एवं भौगोलिक विविधताओं के कारण उनके रहन-सहन खान-पान में अंतर हो सकता है लेकिन वह सभी एक ही परिवार के हैं। मानव धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं। इस अवसर पर वृक्षारोपण भी किया गया। इस अवसर पर प्रवक्ताओं ने कहा कि भारत के महान संत स्वामी विवेकानंद के विचार भारत समेत विश्व के लिए आज भी प्रासंगिक हैं। उन पर अमल करते हुए नई पीढ़ी अपने लक्ष्यो एवं आदर्शों को पा का सकती है जिसका सपना बरसों पहले हमारे महर्षियों, योग गुरुओं ,स्वामी विवेकानंद एवं हमारे पुरखों ने देखा था। रिपोर्टर अक्षय राज बाबा न्यूज बिहार बेतिया से

17/09/2023
विश्व ओजोन दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा वृक्षारोपण।  ...
17/09/2023

विश्व ओजोन दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा वृक्षारोपण। पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम से ही ओजोन परत का संरक्षण संभव। छात्र-छात्राओं ने लिया स्वच्छता,पर्यावरण संरक्षण ,जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं ओजोन परत के संरक्षण का संकल्प ‌। विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन।

आज दिनांक 16 सितंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर छात्र छात्राओं ने स्वच्छता पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं ओजोन परत संरक्षण का संकल्प लिया । इस अवसर पर वृक्षारोपण भी किया गया।इस अवसर पर स्वच्छता चैंपियन सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली अमित कुमार लोहिया वरिष्ठ पत्रकार सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ अमानुल हक, डॉ महबूब उर रहमान,सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से कहा कि दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 16 सितंबर को विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं राष्ट्र के प्रयासों के बाद मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने के बाद 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व ओजोन दिवस घोषित किया गया था ।ओजोन परत को कम करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर 1987 में लगभग सभी देश द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
ओजोन परत के क्षरण के कारण यह दिन महत्वपूर्ण है। ओजोन गैस की नाजुक परत है जो लोगों को हानिकारक किरणों से बचाती है। लेकिन मानव गतिविधियाँ पेड़ पौधों की अंधाधुन कटाई , जहरीली गैसों को हवा में छोड़े जाने पर पृथ्वी के प्राकृतिक प्रतिमान के लिए खतरा बन उत्पन्न हो गई है । आम लोगों में जागृति लाने के लिए ओजोन-क्षयकारी पदार्थों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। ओजोन परत के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी 197 सदस्यों द्वारा अनुसमर्थित होने वाला पहला प्रोटोकॉल है ।
भारत सरकार द्वारा इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए गए।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2019 में “India Cooling Action Plan (ICAP)” लांच किया। इस कार्य योजना का उद्देश्य रेफ्रिजरेंट ट्रांजिशन को कम करने, कूलिंग डिमांड को कम करने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक एकीकृत दृष्टि प्रदान करना है।
यह देशों के लिए सभी ओजोन-क्षयकारी पदार्थों जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन एरोसोल, हैलोन आदि के अस्तित्व पर अंकुश लगाने के लिए एक समझौता था, जिनका व्यापक रूप से शीतलन और प्रशीतन उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। इन हानिकारक पदार्थों के उपयोग से अंटार्कटिका में ओजोन परत में छेद हो गया था। यह छेद 1970 में खोजा गया था और पिछले 20 वर्षों में तीव्र ग्लोबल वार्मिंग का कारण बना है। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ,मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा संयुक्त रुप से स्वच्छ बेतिया, पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन रोकथाम के लिए पेड़ पौधे लगाने , पॉलिथीन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक बर्तनों के लिए जन जागरण अभियान चला रहा। इसके लिए शहर में नीम, पीपल, चंपा , तुलसी, रुद्राक्ष ,चंदन एवं विभिन्न औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके लिए विद्यालयों महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्र छात्राओं को पौधारोपण प्लास्टिक के बर्तनों के बहिष्कार पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं ओजोन परत के संरक्षण के लिए जागरूक किया जा रहा है । रिपोर्टर अक्षय राज बाबा न्यूज बिहार बेतिया से

राष्ट्रभाषा हिंदी दिवस पर  सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन  मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य...
14/09/2023

राष्ट्रभाषा हिंदी दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन। आज दिनांक राष्ट्रभाषा हिन्दी दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में किया गया। इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ अमित कुमार लोहिया, डॉ शाहनवाज अली, वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक , डॉ महबूब उर रहमान जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता नवींदु चतुर्वेदी ने संयुक्त रुप से अमीर खुसरो ,संत कबीर, रसखान, महात्मा गांधी, पीर मोहम्मद मुनीश, मुंशी प्रेमचंद, राष्ट्रकवि दिनकर, गोपाल सिंह नेपाली, फादर कामिल बुल्के एवं उन सभी विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिन्होंने राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाई। प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है ताकि लोगों में इस भाषा के प्रति उत्साह भरा जा सके और हिन्दी को बढ़ावा मिल सके साथ ही हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में अतुल योगदान देने वाले उन विभूतियों को भी हैं स्मरण किया जा सके।
14 सितंबर 1949 के दिन संविधान सभा ने हिंदी को एक आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। तारीख को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने चुना था। दिलचस्प बात यह है कि हिंदी एक फारसी शब्द है और भाषा की पहली कविता अमीर खुसरो, जो एक प्रसिद्ध कवि हैं उनके द्वारा लिखी गई थी। फारसी में हिंदी शब्द का अर्थ मोटे तौर पर 'सिंधु नदी की भूमि' है। हजारों वर्षों से मध्य एशिया के लोग एवं अरब व्यापारी सिंधु नदी कि इस भूमि को हिंद बोलते रहे हैं।हिन्दी भाषा मंडेरिन, स्पेनिश और अंग्रेजी के बाद दुनिया में चौथी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है। महात्मा गांधी की कर्मभूमि बेतिया चंपारण में सबसे पहले महान स्वतंत्रता सेनानी साहित्यकार पीर मोहम्मद मुनीश ने हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाई। राष्ट्र भाषा के विकास मे राष्ट्र कवि दिनकर एवं गोपाल सिंह नेपाली के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सुझाव पर हिंदी को समर्पित दिवस पहली बार 1953 में मनाया गया था। दिन को चिह्नित करने के पीछे का कारण भाषा के महत्व को बढ़ाना था। हिंदी दिवस राजेंद्र सिंह की जयंती भी है। वह एक भारतीय विद्वान, हिंदी-प्रतिष्ठित, संस्कृतिविद्, रामायण-अधिकार, और एक इतिहासकार थे। इसके अलावा, हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने में उनकी भूमिका भी बहुत बड़ी थी।
हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का विचार पहली बार 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान महात्मा गांधी द्वारा लाया गया था। भारत का संविधान अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देता है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने 1977 में वैश्विक स्तर पर हिंदी में एक अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को संबोधित किया था। उस वक्त वे विदेश मंत्री थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया था।
14 सितंबर से 21 सितंबर तक पूरे सप्ताह को राजभाषा सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान, भाषा को बढ़ावा देने के लिए निबंध लेखन, वाद-विवाद, कविता पाठ जैसी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। यह इवेंट्स कई स्कूलों और कॉलेजों में हर साल आयोजित किया जाता है। हिन्दी दिवस के दिन ही भाषा सम्मान पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। इस अवॉर्ड से उन लोगों को नवाज़ा जाता है, जिन्होंने अपने लेखन और अन्य माध्यमों से भाषा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। रिपोर्टर अक्षय राज बाबा न्यूज बिहार बेतिया से

13/09/2023

दिल्ली मुंबई के मशहूर मेला अब बेतिया में कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष में लगी मेला

राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर वृक्षारोपण।                       सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं वि...
12/09/2023

राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर वृक्षारोपण। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय वन शहीद दिवस संपन्न। पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के लिए छात्र-छात्राओं एवं आम जनमानस से पेड़ पौधे लगाने के लिए की गई अपील।

आज दिनांक 12 सितंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में दो दिवसीय राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर कार्यक्रम को संपन्न करते हुए स्वच्छता चैंपियन स्वच्छ भारत मिशन सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक , डॉ महबूब उर रहमान,सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से कहा कि राष्ट्रीय वन शहीद दिवस प्रत्येक वर्ष पर्यावरण मंत्रालय ने 2013 में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस को चिह्नित करने के लिए 11 सितंबर को दिन के रूप में चुना क्योंकि यह खेजरली नरसंहार (1730) की वर्षगांठ का दिन है।
11 सितंबर को हर साल भारत में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उन कई कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने पूरे भारत में जंगलोंऔर वन्यजीवों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
यह दिन बड़े पैमाने पर वनों, पेड़ों और पर्यावरण की रक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए देश भर के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, शैक्षिक समाजों और संस्थानों की भागीदारी को देखता है।
खेजरली नरसंहार (1730) हत्याकांड मारवाड़ राज्य में हुआ था जब महाराजा अभय सिंह राठौर खेजड़ली के बिश्नोई गांव के पास पेड़ों को काटना चाहते थे।
जैसा कि बिश्नोइयों की एक मान्यता रही है कि किसी भी हरे पेड़ को नहीं काटा जाए, ग्रामीणों ने राजा के प्रतिनिधियों से गाँव के पास के पेड़ों को न काटने की गुहार लगाई थी।
राजा के सैनिकों के अत्याचार के बाद अमृता देवी बिश्नोई नाम की एक महिला के नेतृत्व में ग्रामीणों ने उन्हें अपने शरीर से बचाने के लिए पेड़ों को गले लगा लिया। यह घोषणा करते हुए कि वे मरना पसंद करेंगे, सैनिकों ने देवी के साथ उनके परिवार और कई अन्य ग्रामीणों का सिर काट दिया।
आस-पास के अन्य बिश्नोई समुदायों ने खेरजली संघर्ष का समर्थन करने के लिए लोगों को भेजा, और पेड़ों की रक्षा करते हुए 363 बिश्नोई ग्रामीण मारे गए। अभय सिंह ने माफी मांगने के लिए गांव की यात्रा की। उन्होंने एक ऐसे आदेश की घोषणा की जिसने सभी बिश्नोई गांवों के पास जानवरों की हत्या और पेड़ों को काटने से रोका, और गांव को खेजड़ी के पेड़ों के बाद खेजरली के रूप में जाना जाने लगा, जिसे बचाने के लिए ग्रामीणों ने अपना जीवन लगा दिया था।
इस घटना ने अनेक आंदोलनों के लिए प्रेरित किया सबसे अधिक प्रसिद्ध चिपको आंदोलन सहित कई कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया, जहां ग्रामीण 1970 के दशक में सरकारी लॉगिंग को रोकने के लिए बिश्नोई के समान तरीके से पेड़ों को गले लगाते थे। रिपोर्टर अक्षय राज बाबा न्यूज बिहार बेतिया से

जी20 सम्मेलन से  विश्व को भारतीय संस्कृति एवं आदर्शों को देखने एवं नजदीक से समझने का मिलेगा मौका।   जी20 सम्मेलन के थीम ...
10/09/2023

जी20 सम्मेलन से विश्व को भारतीय संस्कृति एवं आदर्शों को देखने एवं नजदीक से समझने का मिलेगा मौका। जी20 सम्मेलन के थीम द्वारा भारत ने दुनिया को दिया वसुधैव कुटुंबकम (Vasudhaiva Kutumbakam) का संदेश। भारत को विगत एक वर्ष से 18वी जी 20 सम्मेलन का मेजबानी करने का अवसर मिला । इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक, डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ,स्वतंत्रता सेनानियों एवं जी20 देशों के महान विभूति को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत को 18वी जी 20 सम्मेलन को आयोजित करने का अवसर मिला इस के हम सभी ईश्वर का आभार व्यक्त करते हैं। इस सम्मेलन से विश्व को भारतीय संस्कृति एवं आदर्शों को देखने एवं समझने का अवसर मिला है। भारत का हजारों वर्षों से यह परम्परा रही है।एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य है। वहीं जी20 के चिन्ह (लोगो) को तिरंगे के रंग से दर्शाया गया है। इसमें केसरिया, सफेद और हरा रंग देखने को मिलता है, वहीं लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में 'भारत' लिखा हुआ है. इसका सीधा और स्‍पष्‍ट मतलब है कि जी20 समिट इस साल भारत में होने का संकेत चिह्न दे रहा है।.
1997 में विश्व वित्तीय संकट के बाद जी20 की शुरुआत की गई थी. इस बैठक में पहले आर्थिक मुद्दों पर चर्चा होती थी, लेकिन बाद में और भी कई मुद्दों को शामिल किये गये।
1 दिसंबर 2022 से देशभर में इससे जुड़े कार्यक्रम शुरू किए गए, जो 30 नवंबर 2023 तक जारी रहेंगे ।यानी 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में होने वाले जी20 सम्मेलन के बाद भी भारत में इससे जुड़े कार्यक्रम चलते रहेंगे।
जी20 में 19 देश- भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं. हर साल अध्यक्ष देश कुछ देशों और संगठनों को मेहमान के तौर पर भी आमंत्रित है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि इस बार भारत ने बांग्लादेश, ईजिप्ट, मॉरीशिस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को मेहमान के तौर पर बुलाया है. वहीं नियमित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (यूएन, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठनों (एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) की पीठों के अलावा जी20 के अध्यक्ष के रूप में भारत की ओर से आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया गया है।
जी20 के सदस्य देश, दुनिया की 60% आबादी की नुमाइंदगी करते हैं. इन देशों का पूरी दुनिया की GDP में 85% और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 75% हिस्सेदारी है।
भारत अपनी पूरी ताकत के साथ दुनिया के प्रमुख 20 देशों का नेतृत्व कर रहा है. भारत को मौका मिला है कि वह प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर आम सहमति बनाने, सामूहिक कार्रवाई के लिए जोर डालने की अगुवाई करे और साथ ही विकासशील देशों के एजेंडों का चैंपियन बनकर उभरे. सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह वैश्विक मंच भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाने की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस सम्मेलन में चर्चा के दौरान कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां भारत की अपनी कोशिशों पर ध्यान फोकस करने की उम्मीद है.
भारत को आजाद हुए 76 साल हो चुके हैं. इस दौरान देश ने कई उपलब्धियां हासिल की है. हम आज कई क्षेत्रों में टॉप-5 में हैं, कई में टॉप-3 तो कुछ जगहों पर टॉप पर हैं. इसके बावजूद भारत को विकासशील देशों में गिना जाता है. इसलिए जी20 एक ऐसा फोरम हैं जहां भारत अपनी श्रेष्ठता को और बेहतर ढंग से बता सकता है। भारत सरकार का लक्ष्य है कि जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब 2047 में भारत एक विकसित राष्ट्र होगा. दुनिया को बताने की जरूरत है कि भारत दुनिया का वैश्विक नेता बनने के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत ने समय-समय पर दिखाया है कि विकसित देश उन्नत संसाधनों के बावजूद वो मुकाम हासिल नहीं कर पाते, जो भारत अपने सीमित संसाधनों के साथ कर लेता है।
चाहे मंगलयान हो या कोविड जैसी महामारी में 140 करोड़ देशवासियों की रक्षा करना या फिर चंद्रयान-3 हर मामले में भारत औरों से बेहतर है। यह सब के सहयोग से ही सम्भव हो पाया है। इस के लिए हम सभी ईश्वर का धन्यवाद देते हैं।दुनिया के बाकी देश भी अगर भारत के साथ मिलकर एक साथ काम करेंगे तो मानव समाज की उन्नति और पर्यावरण ,पृथ्वी संरक्षण के प्रयास में तेजी लाई जा सकती है. जी20 में भी भारत का उद्देश्य यही है. भारत का G20 अध्‍यक्षता थीम भी- ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’ है। रिपोर्टर अक्षय राज बाबा न्यूज बिहार बेतिया से

08/09/2023

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ऐतिहासिक बेतिया राज की हजारों वर्षों  के ऐतिहासिक दस्तावेजों दुर्लभ पांडुलिपियों को कंप्यूटराइज करने की सत्याग्रह रिसर्च...
03/09/2023

ऐतिहासिक बेतिया राज की हजारों वर्षों के ऐतिहासिक दस्तावेजों दुर्लभ पांडुलिपियों को कंप्यूटराइज करने की सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने पुनः की मांग। बेतिया राज के 1000 वर्ष से 5000 वर्षों तक ऐतिहासिक दस्तावेजों, दुर्लभ पांडुलिपियों, प्राचीन धरोहरों को संरक्षित किया जा सके।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सचिव ,डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ अमानुल हक वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ अमित कुमार लोहिया एवं पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से कहा कि, बेतिया राज की अंतिम महारानी जानकी कुंवर ने अनेक रचनात्मक कार्य किए ताकि बेतिया के आम जनों के जीवन को सरल एवं सुलभ बनाया जा सके। बेतिया राज द्वारा
महारानी विक्टोरिया के बड़े बेटे एडवर्ड -7 के सम्मान में स्थापित बेतिया अस्पताल को भव्य बनाने का प्रयास किया, महारानी जानकी कुंवर ने अपने 1 वर्ष के शासनकाल 1896-1897 में बेतिया मेडिकल कॉलेज के लिए एक बड़ी धनराशि मुजफ्फरपुर स्थित बैंक में जमा कराई ताकि बेतिया में उच्च श्रेणी का मेडिकल कॉलेज ,अस्पताल स्थापित हो एवं देश-विदेश से लोग इलाज के लिए बेतिया की तरफ रुख करें। महारानी जानकी कुंवर का मेडिकल कॉलेज अस्पताल का सपना लगभग 110 वर्ष बाद पूरा हुआ ,उन्होंने मंदिरों , गिरजा घरो, मदरसों ,धर्मशालाओ एवं अनेक पाठशालाओं की स्थापना कराई ,इसी बीच अफगानिस्तान से लेपिस लजूली नामक हीरा को मांगा कर भारत के राजा रजवाड़ों के बीच चर्चा का विषय बन गई, जनता द्वारा किए गए उनके कार्यों से अंग्रेज नाखुश थे ।इसी बीच एक षड्यंत्र के तहत 1897 ई को महारानी जानकी कुंवर को मानसिक रूप से बीमार घोषित करते हुए बेतिया राज कोर्ट ऑफ वार्ट्स के हवाले कर दिया गया।
सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ,मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं बेतिया पश्चिम चंपारण के बुद्धिजीवियों का एक शिष्टमंडल पहल करते हुए बेतिया राज कचहरी स्थित बेतिया राज के ऐतिहासिक धरोहरो को जीवंत रूप देने के लिए एक जन जागरण अभियान चला रहा है। इसके लिए एक ब्लू प्रिंट तैयार की जा रही है ताकि आने वाली पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास को जान सके।
इस अवसर पर वक्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि बेतिया राज की जमीन पर बसे लोगों का सर्वेक्षण कर बेतिया राज के लगभग 1000 से 5000 वर्षों तक के गौरवशाली रिकॉर्ड रूम को कंप्यूटराइज करने की मांग थी ताकि बहुमूल्य धरोहरों को संरक्षित किया जाए। रिपोर्टर अक्षय राज बाबा न्यूज बिहार बेतिया से

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