17/10/2023
“हमास” नाम एक धोखा और छलावा है सारी दुनिया के लोगों को बेवकूफ बनाने का.. जब हमास के नाम पर आधा गाज़ा ख़त्म हो जाएगा तब कोई एक और संगठन निकल कर आएगा “हमास रिटर्न्स”.. उसे ख़त्म कीजियेगा फिर “हिजबुल्लाह”, “फ़लाने उल्लाह”, “धिमाके उल्लाह”, “रफ़ी उल्लाह”, “शफ़ी उल्लाह”, “तालिबान”, “अल-क़ायदा”, “बेक़ायदा”, “उल्टा-क़ायदा”, “सीधा-क़ायदा”.. ये सब मशरूम की तरह निकलते रहेंगे और आप उन्हें ख़त्म करते रहेंगे इस आस में कि शायद आप आतंकवाद ख़त्म कर रहे हैं.. भारत और अमेरिका समेत जाने कितने देश लगभग “पचास” सालों से यही कर रहे हैं
हमास और कोई नहीं बल्कि “गाज़ा” के नागरिक हैं.. ये आम घरों में पले हैं, वहीँ बड़े होते हैं और वहीँ जा कर छिपते हैं.. एक घर में दो भाई हैं जिनमे से एक हमास बना हुआ है दूसरा हिजबुल्लाह.. इनका कहीं कोई ऑफिस या कोई हेडक्वार्टर नहीं होता है.. इसलिए इन्हें मारने के लिए आपको आम नागरिक ठिकानों पर ही हमला करना पड़ेगा.. जो लोग ये वकालत कर रहे हैं कि इस्राईल गाज़ा के निवासियों पर हमला कर रहा है वो ये बताने का कष्ट करें कि “हमास” को नागरिकों के बीच से पहचान कर कैसे मारा जाय? एक बेटा है जो अपने पड़ोसियों को मिलिर्ट्री ट्रेनिंग दे रहा था, इस्रायिलियों को मारने के लिए, और अब अपनी माँ की छाती से लिपटा अपने फ्लैट में बैठा है, उसे कैसे ढूंढ के मारा जाएगा? उसकी माँ और उसका परिवार सब जानता है और वो उसे छिपाए बैठा है.. कैसे मारेगी मिलिट्री उसे ये बताईये?
सीरिया, अफगानिस्तान समेत सभी देशों का यही हाल था.. नागरिक ही आतंकी थे.. कश्मीर का भी यही हाल है.. जिस दिन कश्मीर के नागरिक ठान लेंगे, आतंकवाद ख़त्म हो जाएगा.. मगर वो ठानेंगे क्यूँ? वो ठानेंगे ही नहीं कभी.. उनकी “आइडियोलॉजी” उन्हें ठानने ही नहीं देगी
इरान से लेकर हमास, सब एक किताब, एक आइडियोलॉजी के मानने वाले हैं.. बस कब किसको कहाँ और कैसे “पॉवर” मिल जाए, इन्हें इसी का इंतज़ार रहता है.. अगर कभी हमास ने भारत पर अटैक किया, तो ये जो इस्राईल में उनके नरसंहार पर खुश हैं, क्या हमारे और आपके साथ खड़े होंगे? नहीं.. ये कहेंगे मोदी और योगी ज़ालिम थे और “हमास” उनका “ज़ुल्म” ख़त्म करने आया है.. और फिर आपको यहीं हजारों हज़ारों “हमास” देखने को मिलेंगे
जो भी हमास के साथ खडा है यहाँ या कहीं भी, वो “हमास” ही है
जय जय श्री राम