जनपद बस्ती उ०प्र० हुआ नीला
नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने गुर्जर रेजीमेंट की मांग की।
आप अपनी ताकत नहीं बनाओगे आप सरकार नहीं बनाओगे तो कैसे बदलाव होगा।
अयोध्या से सांसद चंद्रशेखर आजाद का संबोधन।
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शिक्षा का बाजारीकरण रोका जाए सरकारी संस्थानों में विधिवत उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जाए।
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जो भी जनता के पैसों से सुख-सुविधा ले रहा हो, चाहे वह माननीय न्यायाधीश हो या सुरक्षा प्राप्त अभिनेता हो या नेता हो या उद्योगपति हो या आई.ए.एस/आई.पी.एस हो या सरकारी वकील हो या क्लास-वन या क्लास-टू के अधिकारी हो उनका और साथ ही उनके बच्चों का ईलाज जरुरत पड़ने पर सरकारी अस्पताल में ही होना चाहिए तभी जाकर सरकारी अस्पतालों में सुविधाए आएँगी जिससे आम जनता को बेहतर ईलाज मिलेगा।
~ Chandra Shekhar Aazad BHIM ARMY ...A..S..P
राजस्थान और उत्तर प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल कराए जाए , जिसे गरीब किसान का बेटा भी नेता बन पाए। #भीमआर्मी
एड.चंद्रशेखर आजाद
सांसद नगीना
पाकिस्तान के लोग भी चाहते हैं की जो थोड़ा बहुत कश्मीर पाकिस्तान में है इंडिया में मिल जाए।
यह वीडियो बहराइच का बताया जा रहा है। खैर चाहे जहां का हो बारिश तो और जम के होना चाहिए क्योंकि जब ग्राउंड लेवल मेंटेन होगा तभी हम लोगों को स्वच्छ पानी मिल पाएगा।
भारत में आर्थिक असमानता 70% गरीबो, मजलूमो के गले की फांस बना हुआ है। देश की 75% राशि य धन केवल 1% लोगों के पास संचित है और उनमें भी मुख्य रूप से 57 लोग ऐसे हैं जो भारत वर्ष के गरीबों की गरीबी का कारण बने हुए हैं।
आखिर आर्थिक असमानता कब तक?
प्राकृतिक संसाधनों पर एकाकृति अधिकार क्यों?
प्रत्यक्ष य अप्रत्यक्ष रूप से गरीबों मजलूमो का शोषण कब तक?
प्रकृति संसाधनों, प्रचलित मुद्राओं पर आर्थिक समानता का विधेयक लाने के लिए आंदोलन, परिस्थिति की मांग बन गई है।
ऐसे भी कोई एडिट करता है😜 एडिट करने की निंदा तो करता हूं। परंतु एडिट वीडियो देखकर हंसी भी आ रही😂😂😂
एक मर्यादित पत्रकार के शब्दों पर गौर कीजिए लगता है यह न्यूज़ कम और अपने अंदर की भड़ास ज्यादा निकाल रहे है। जरा ध्यान से सुनिए इनके शब्दों की भाव भंगिमा से आप समझ सकते हैं।
धारा 144 लगी हुई है लेकिन इसके बावजूद इन लोगों ने (इन लोगों ने-- इनका कहने का तात्पर्य मुझे समझ में नहीं आया, अगर यह कहना चाहते हैं राष्ट्र के बहुजन, दलित तो गलत और निम्नवत दृष्टिकोण का प्रयोग कर रहे हैं) संघ मुख्यालय को घेरने की कोशिश।
पुलिस प्रशासन इन्हे(फिर वही शब्द आया अप्रासंगिक घृणित और द्वेषपूर्ण, शब्द और भाव भंगिमा के अनुसार) रोकने की कोशिश कर रही है लेकिन इसके बावजूद ये लोग नहीं माने हम आपको बता दें दरअसल इन लोगों ने कोर्ट का भी रुख किया था इन नेताओं ने मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका भी दाखिल की थी लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दिया पुलिस से इजाजत मांगी पुलिस ने मना कर दिया उसके बावजू