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News Barmer सकारात्मक सोच रखो
(14)

09/10/2023

साचौर : नेशनल हाईवे 68 पर गुजरात बोर्डर पर बड़ा सड़क हादसा

दो ट्रेलरों के बीच भीषण टक्कर, हादसे के बाद दोनों वाहनों में लगी भयंकर आग ,आग लगने से दोनों वाहनों के चालकों की जिंदा जलने से मौत, एक ट्रेलर के खलासी ने कूदकर बचाई जान,गुजरात बॉर्डर पर देर रात को हुआ हादसा।।।।

29/09/2022

जेसलमेर.. जहरीला पानी पीने से 9 लोगों की तबीयत बिगड़ी..!!

एक ही परिवार के सभी सदस्य
कीटनाशक पानी पीने से सभी की बिगड़ी तबीयत
नाचना क्षेत्र के भारेवाला गांव की है घटना
सभी को लाया गया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
तीन लोगों की गंभीर स्थिति होने के कारण जैसलमेर किया रेफर
राजकीय जवाहर अस्पताल में चल रहा है उपचार
एक लोगों की हालत गंभीर होने के कारण जोधपुर किया रेफर
पुरुष, महिला और बच्चों की तबीयत हुई खराब।

28/09/2022

बाड़मेर.. गुड़ामालानी: थाना क्षेत्र में सरकारी स्कूल के बाथरूम में दलित नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म..!!

गांव के युवक पर ही दुष्कर्म का आरोप,
पीड़िता की मां ने आरोपी के खिलाफ थाने में कराया मामला दर्ज,
गुड़ामालानी थानाधिकारी रमेश ढाका ने दी जानकारी

यह भी एक जमाना था, लेकीन बहुत लाजवाब था।
27/09/2022

यह भी एक जमाना था, लेकीन बहुत लाजवाब था।

*दिवाली से पहले बालोतरा को मिल सकती है खुशखबरी, MLA मदन प्रजापत का प्रण होगा पूरा**बाड़मेर*राजस्थान में नए जिलों के गठन ...
17/09/2022

*दिवाली से पहले बालोतरा को मिल सकती है खुशखबरी, MLA मदन प्रजापत का प्रण होगा पूरा*

*बाड़मेर*
राजस्थान में नए जिलों के गठन को लेकर एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है. जिलों के गठन को लेकर सरकार द्वारा गठित कमेटी की 22 सितंबर को जयपुर में बैठक प्रस्तावित है, सम्भावित जिलों के अधिकारियों को समस्त मापदंड और अन्य दस्तावेजों के साथ जयपुर मीटिंग में भाग लेने के निर्देश जारी किए गए है. ऐसे में बालोतरा को जिले बनाने को लेकर अधिकारी तैयारियों में जुटे हुए.

विधायक मदन प्रजापत ने भी बजट सत्र के दौरान जिले नहीं बनने तक अपने जूते छोड़ कर नंगे पांव रहने का संकल्प लिया था. अब एक बार फिर से कागजी कार्यवाही शुरू होने से उन्हें भी बालोतरा को जिला बनने की पूरी उम्मीद है, विधायक ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भरोसा है.

बालोतरा में एएसपी, जिला परिवहन कार्यालय पहले से शुरू है. वहीं एडीएम और जिला अस्पताल की तैयारी जारी है, रिफाईनरी निर्माण और नए ओद्योगिक क्षेत्र में भी तेजी आ चुकी है, पचपदरा में और डीएसपी कार्यालय और जसोल में नए थाने की भी स्वीकृति मिल चुकी है, ऐसे में बालोतरा के जिले बनने की पूरी उम्मीद है, इस बार की दीपावली पर क्षेत्र की जनता को दोहरी खुशी मिल सकती है।

बाड़मेर बालोतरा का सीमांकन 👇👇👇

Saint Rampal Ji Maharaj is the only true Guru in this world who guarantees peace, happiness and salvation.  is the besto...
14/12/2021

Saint Rampal Ji Maharaj is the only true Guru in this world who guarantees peace, happiness and salvation.

is the bestower of happiness.
He alone is worthy of being worshipped. The world is milsled by Kaal/Satan. Only a true Guru can provide a true way to worship God Kabir.

भगवान ने इतना सारा शाकाहारी भोजन दिया है फिर भी इंसान मास खाता है और ढेरों पाप इकट्ठे करता है👇👇👇
03/06/2021

भगवान ने इतना सारा शाकाहारी भोजन दिया है फिर भी इंसान मास खाता है और ढेरों पाप इकट्ठे करता है👇👇👇

🌺🌺🌺🌺सेवा के प्रति समर्पण🌺🌺🌺 🥀🥀🥀🥀सेवा  का जज्बा🌷🌷🌷🌷👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇
30/05/2021

🌺🌺🌺🌺सेवा के प्रति समर्पण🌺🌺🌺
🥀🥀🥀🥀सेवा का जज्बा🌷🌷🌷🌷👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇

दहेज प्रथा अभिशाप है
29/05/2021

दहेज प्रथा अभिशाप है

बाड़मेर का लोकप्रिय फल
28/05/2021

बाड़मेर का लोकप्रिय फल

 #खासखबर
27/05/2021

#खासखबर

वतन की मोहब्बत पर मर मिटने का जजबा था लेकिन.....  शब्द खामोश!!छुट्टी पर घर आए सेना के जवान को पत्नी ने जहर देकर मारा।   ...
24/02/2021

वतन की मोहब्बत पर मर मिटने का जजबा था लेकिन..... शब्द खामोश!!
छुट्टी पर घर आए सेना के जवान को पत्नी ने जहर देकर मारा।

छुट्टी पर घर आए सेना के जवान को पत्नी ने जहर देकर मारा

Letest update
29/01/2021

Letest update

😭😭😭😭😭
28/01/2021

😭😭😭😭😭

बाड़मेर. का गेमराराम पाकिस्तान (pakistan) की अमरकोट (amarkot) की सेंट्रल जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि गेमराराम के त...
26/01/2021

बाड़मेर. का गेमराराम पाकिस्तान (pakistan) की अमरकोट (amarkot) की सेंट्रल जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि गेमराराम के तारबन्दी क्रॉस (cross fencing )पाकिस्तान चला गया था। अब उसके वतन वापसी के लिए आवाज़ें मुखर हो रही है। विदेश मंत्रालय (external affairs ministry) से भी गुहार लगाई जा रही है। भारत-पाक सीमा से सटे प्रदेश के जिले बाड़मेर से गणतंत्र दिवस पर पीड़ा देने वाली खबर का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि यहां सज्जन के पार के कुम्हारों का टिब्बा का गेमराराम अनजाने में सरहद पार पाकिस्तान चला गया है। अब उसकी रिहाई के लिए अब हर तरफ से आवाज मुखर होने लगी है। पाक रेंजरों की गिरफ्त में आने के बाद पाकिस्तान की अमरकोट जेल में बन्द गेमराराम के परिवार वालों के हाल -बेहाल है। सरहदी बाड़मेर के कई जनप्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से मामले में कदम उठाने की गुहार की है। ऐसे में बीते तकरीबन तीन महीनों से हैरान परेशान गेमराराम के घरवालों को अब उसकी रिहाई की उम्मीदें बंध रही है।

भारत-पाकिस्तान की सीमा पर गेमराराम के गलती से सरहद पार पाकिस्तान चले जाने और वहां जेल में बन्द होने का मामला अब विदेश मंत्रालय तक पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि तकरीबन तीन महीने से अमरकोट जेल में बन्द गेमराराम की रिहाई के लिए कई जनप्रतिनिधियों ने आवाज मुखर करना शुरू कर दी है। गेमराराम के भाई जुगताराम का कहना है कि उसके भाई की अनजाने में हुई गलती ने पूरे घर को ग़मज़दा कर रखा है। अब तो उसकी वतन वापसी से ही सूकूंन लौटेगा।

अवैध खनन रोकने गई वन विभाग की टीम पर हमला, एक घायल, मोबाइल छीनेचौहटन में वन विभाग की पहाड़ी की तलहटी में अवैध खनन की शिक...
04/12/2020

अवैध खनन रोकने गई वन विभाग की टीम पर हमला, एक घायल, मोबाइल छीने

चौहटन में वन विभाग की पहाड़ी की तलहटी में अवैध खनन की शिकायत पर शुक्रवार को कार्यवाही करने गई वन विभाग की टीम पर एक दर्जन लोगों ने लाठियों से हमला कर दिया। हमलावरों ने टीम के सदस्यों के मोबाइल छीनकर लाठियों से मारपीट की। जिससे एक बेलदार को गंभीर चोटें आई है।
जानकारी के अनुसार उपखंड मुख्यालय के निकटवर्ती ढोक के भीलड़ी गांव की सरहद में वन भूमि में अवैध खनन कर पत्थर निकाले जा रहे थे। शिकायत पर विभाग की टीम कार्यवाही के लिए गई थी। टीम पर अचानक लाठियों से हमला होने पर वन विभाग के बेलदार धन्नाराम पुत्र डूंगराराम जाट को गंभीर चोटें आई है। उसे अस्पताल पहुंचाया गया। भीलड़ी गांव में रॉयल्टी नाके के पास ही अवैध खनन किया जा रहा था।
नकली रसीद बुक बरामद
रॉयल्टी के नाम पर अवैध वसूली करने की बात सामने आई है। जहां नकली रसीद बुक भी मौके से बरामद की गई है। सूचना मिलने पर चौहटन पुलिस मौके पर पहुंची तथा घायलों को अस्पताल पहुंचाकर इलाज शुरू करवाया। साथ बदमाशों की तलाश शुरू की है। वन विभाग की टीम ने मौके से पत्थरों से भरे दो ट्रैक्टर जब्त किए हैं, वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी दीपक दवे भी मौके पर पहुंचे। - न्यूज़ बाड़मेर

इन बच्चों की देशभक्ति को सलाम है 👌🇮🇳
24/10/2020

इन बच्चों की देशभक्ति को सलाम है 👌🇮🇳

14/10/2020
निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने मनीषा वाल्मीकि का केस लड़ने का किया फैसला , न्याय मिलने की बढ़ी उम्मीद , कल मिलेंगी पीड़...
30/09/2020

निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने मनीषा वाल्मीकि का केस लड़ने का किया फैसला , न्याय मिलने की बढ़ी उम्मीद , कल मिलेंगी पीड़ित परिवार से

पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाकिस्तान की सरहद  पर स्थित बाड़मेर का जिक्र आते ही जेहन में रेत के समंदर में टापू सरीखे नजर आन...
18/09/2020

पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाकिस्तान की सरहद पर स्थित बाड़मेर का जिक्र आते ही जेहन में रेत के समंदर में टापू सरीखे नजर आने वाले इलाके की तस्वीर उभरती है. हर दूसरे साल सूखा और अकाल को देखने वाले इसे इलाके में भी हिम्मत और जज्बे से धरती को हरितमा (Greenery) की चुनरी ओढ़ाई जा सकती है. इसे साबित कर दिखाया है एक रिटायर्ड मेहनतकश अधिकारी ने. इस अधिकारी ने अपनी 10 साल की मेहनत से अपने घर में एक बगीचा लगाया है. यह बगीचा आज सभी को हैरत में डाले हुए है. ये अधिकारी हैं सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी मूलाराम चौधरी

जिला मुख्यालय के बलदेव नगर में मूलाराम चौधरी ने अपने घर पर छोटा बगीचा तैयार किया है. चौधरी के इस बगीचे में जहां देखो वहां हरियाली ही हरियाली नजर आती है. ऊंचे-ऊंचे पेड़ और वह भी फलों से लदकद. मूलाराम चौधरी ने इस बगीचे को अपने पसीने से सींचा है. उन्होंने केवल खुद की मेहनत की बदौलत 10 साल में यह वाटिका तैयार की है. उन्होंने दस साल पहले बगीचे में फलदार पौधे लगाने शुरू किए थे. वे अब फलों से लदे नजर आ रहे हैं.
मूलाराम ने दस साल पहले बगीचे में नींबू, मौसमी, नारंगी, अनार, थाई सेव, पपीता, शहतूत, सहजन, लीची, सीताफल, अंजीर, अंगूर और कागजी नींबू के पौधे लगाये थे. चौधरी ने दिनरात मेहनत कर इन पौधों की नेचर के विपरीत जलवायु, मिट्टी और पानी के यह वाटिका तैयार कर डाली. इसके अलावा अशोक, बेलपत्र, बिजोरा, तुलसी, इलायची और गिलोय सहित कई देशी पौधे भी लगाए हुए हैं. चौधरी ने बताया कि मूल रूप से किसान होने के कारण हमेशा खाली पड़ी जगह पर बगीचा लगाने के लिए खाली समय में काम किया है. दस साल की मेहनत करने के बाद अब फलदार पौधे तैयार हुए हैं. बकौल चौधरी पेड़ों से फल मिलने से अधिक मुझे इनको हराभरा देखकर सुकून मिलता है.

घर के आगे लगा रखा है 25 फीट का कल्प वृक्ष

चौधरी के घर के आगे लगा 25 फीट का कल्प वृक्ष भी किसी सपने के हकीकत में बदलने सरीखा है. हर तरफ फलदार पेड़ों के बीच चौधरी घंटों इनकी सेवा में बिता देते हैं. लगातार दस बरसों तक चौधरी की इस वाटिका के लिए की गई मेहनत आज यहां साफ तौर पर देखने को मिल रही है। barmer

मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त एक युवा नौजवान की बहुत अच्छी नौकरी लग जाती है, उसे कंपनी की और से काम करने के लिए अलग से एक ...
16/09/2020

मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त एक युवा नौजवान की बहुत अच्छी नौकरी लग जाती है, उसे कंपनी की और से काम करने के लिए अलग से एक केबिन दे दिया जाता है।

वह नौजवान जब पहले दिन office जाता है और बैठ कर अपने शानदार केबिन को निहार रहा होता है तभी दरवाजा खट -खटाने की आवाज आती है दरवाजे पर एक साधारण सा व्यक्ति रहता है , पर उसे अंदर आने कहनेँ के बजाय वह युवा व्यक्ति उसे आधा घँटा बाहर इंतजार करनेँ के लिए कहता है। आधा घँटा बीतनेँ के पश्चात वह आदमी पुन: office के अंदर जानेँ की अनुमति मांगता है, उसे अंदर आते देख युवक टेलीफोन से बात करना शुरु कर देता है. वह फोन पर बहुत सारे पैसोँ की बातेँ करता है, अपनेँ ऐशो – आराम के बारे मेँ कई प्रकार की डींगें हाँकनेँ लगता है, सामनेँ वाला व्यक्ति उसकी सारी बातेँ सुन रहा होता है, पर वो युवा व्यक्ति फोन पर बड़ी-बड़ी डींगें हांकना जारी रखता है.

जब उसकी बातेँ खत्म हो जाती हैँ तब जाकर वह उस साधारण व्यक्ति से पूछता है है कि तुम यहाँ क्या करनेँ आये हो?

वह आदमी उस युवा व्यक्ति को विनम्र भाव से देखते हुए कहता है , “साहब, मैँ यहाँ टेलीफोन रिपेयर करनेँ के लिए आया हुँ, मुझे खबर मिली है कि आप जिस टेलीफोन से बात कर रह थे वो हफ्ते भर से बँद पड़ा है इसीलिए मैँ इस टेलीफोन को रिपेयर करनेँ के लिए आया हूँ।”

इतना सुनते ही युवा व्यक्ति शर्म से लाल हो जाता है और चुप-चाप कमरे से बाहर चला जाता है। उसे उसके दिखावे का फल मिल चुका होता है.

कहानी का सार यह है कि जब हम सफल होते हैँ तब हम अपनेँ आप पर बहुत गर्व होता हैँ और यह स्वाभाविक भी है। गर्व करनेँ से हमे स्वाभिमानी होने का एहसास होता है लेकिन एक सी के बाद ये अहंकार का रूप ले लेता है और आप स्वाभिमानी से अभिमानी बन जाते हैं और अभिमानी बनते ही आप दुसरोँ के सामनेँ दिखावा करने लगते हैं ।

अतः हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम चाहे कितने भी सफल क्यों ना हो जाएं व्यर्थ के अहंकार और झूठे दिखावे में ना पड़ें अन्यथा उस युवक की तरह हमे भी कभी न कभी शर्मिंदा होना पड़ सकता है।

भैया का फोन सुनते ही बिना समय गंवाये रिचा पति के संग मायके पहुंच गई। मम्मी की सबसे लाडली बेटी थी वो। इसलिए अचानक मां की ...
09/09/2020

भैया का फोन सुनते ही बिना समय गंवाये रिचा पति के संग मायके पहुंच गई। मम्मी की सबसे लाडली बेटी थी वो। इसलिए अचानक मां की गम्भीर हालत को देख कर रेखा की आंखों से आंसुओं की झड़ी लग गयी। मां का हाथ अपने हाथों में थाम कर ” मम्मी sss ” सुबकते हुए बस इतना ही कह पायी रिचा।”बेटी की आवाज कानों में पड़ते ही मां ने धीरे से आँखें खोल दीं। लाडली बेटी को सामने देकर उनके चेहरे पर खुशी के भाव साफ झलक रहे थे। ” तू.. आ.. गयी.. बिटिया!.. कैसी है तू!, देख. मेरा.. अब.. जाने का.. वक्त.. आ. गया.. है , बस तुझ से.. एक ही बात.. कहनी थी बेटा ! ”

” पहले आप ठीक हो जाओ मम्मी!! बात बाद में कह लेना ” रिचा नेआंखों से हो रही बरसात पर काबू पाने की असफल कोशिश करते हुए कहा।

” नहीं बेटा!.. मेरे पास.. वक्त नहीं है,.. सुन!.. मां बाप किसी.. के हमेशा.. नहीं रहते,.. उनके बाद.. मायका. भैया भाभियों से बनता है.. “। मां की आवाज कांप रही थी।

रिचा मां की स्थिति को देख कर अपना धैर्य खो रही थी। और बार बार एक ही बात कह रही थी ऐसा न कहो मम्मा!सब ठीक हो जायेगा “।

मां ने अपनी सारी सांसों को बटोर कर फिर बोलने की हिम्मत जुटाई-

मैं तुझे एक ही… सीख देकर जा.. रही हूं बेटा!…मेरे बाद भी.. रिश्तों की खुशबू यूं ही… बनाये रखना, भैया भाभियों के… प्यार.. को कभी लेने -देने की.. तराजू में मत तोलना.. बेटा!.. मान का.. तो पान ही.. बहुत.. होता है…

मां ने जैसे तैसे मन की बात बेटी के सामने रख दी। शरीर में इतना बोलने की ताकत न थी, सो उनकी सांसें उखड़ने लगीं।

” हां मम्मा! आप निश्चिंत रहो, हमेशा ऐसा ही होगा, अब आप शान्त हो जाओ, देखो आप से बोला भी नहीं जा रहा है “, रेखा ने मां को भरोसा दिलाया और टेबल पर रखे जग से पानी लेकर, मां को पिलाने के लिए जैसे ही पलटी, तब तक मां की आंखें बन्द हो चुकी थीं। उनके चेहरे पर असीम शान्ति थी, मानों उनके मन का बोझ हल्का हो गया था। माँ..... ❤

खचाखच भरी बस में कंडक्टर को एक गिरा हुआ बटुआ मिला जिसमे एक पांच सौ का नोट और एक फोटो थी.वह जोर से चिल्लाया , ” अरे भाई! ...
07/09/2020

खचाखच भरी बस में कंडक्टर को एक गिरा हुआ बटुआ मिला जिसमे एक पांच सौ का नोट और एक फोटो थी.
वह जोर से चिल्लाया , ” अरे भाई! किसी का बटुआ गिरा है क्या?”
अपनी जेबें टटोलने के बाद सीनियर सिटीजन सीट पर बैठा एक आदमी बोला, “हाँ, बेटा शायद वो मेरा बटुआ होगा… जरा दिखाना तो.”

“दिखा दूंगा- दिखा दूंगा, लेकिन चाचाजी पहले ये तो बताओ कि इसके अन्दर क्या-क्या है?”

“कुछ नहीं इसके अन्दर थोड़े पैसे हैं और मेरे सतगुरु की एक फोटो है.”, चाचाजी ने जवाब दिया.

“पर फोटो तो किसी के भी बटुए में हो सकती है, मैं कैसे मान लूँ कि ये बटुआ आपका ही है.”, कंडक्टर ने सवाल किया.

अब चाचाजी उसके बगल में बैठ गए और बोले, “बेटा ये बटुआ तब का है जब मैं हाई स्कूल में था. जब मेरे बाबूजी ने मुझे इसे दिया था तब से मेरे सतगुरु की फोटो इसमें थी.

लेकिन मुझे लगा कि मेरे माँ-बाप ही मेरे लिए सबकुछ हैं इसलिए मैंने अपने गुरदेव की फोटो के ऊपर उनकी फोटो लगा दी…

जब युवा हुआ तो लगा मैं कितना हैंडसम हूँ और मैंने माँ-बाप के फोटो के ऊपर अपनी फोटो लगा ली…

फिर मुझे एक लड़की से प्यार हो गया, लगा वही मेरी दुनिया है, वही मेरे लिए सबकुछ है और मैंने अपनी फोटो के साथ-साथ उसकी फोटो लगा ली… सौभाग्य से हमारी शादी भी हो गयी.

कुछ दिनों बाद मेरे बेटे का जन्म हुआ, इतना खुश मैं पहले कभी नहीं हुआ था…सुबह-शाम, दिन-रात मुझे बस अपने बेटे का ही ख़याल रहता था…

अब इस बटुए में मैंने सबसे ऊपर अपने बेटे की फोटो लगा ली…

पर अब जगह कम पड़ रही थी, सो मैंने गुरदेव और अपने माँ-बाप की फोटो निकाल कर बक्से में रख दी…

और विधि का विधान देखो, फोटो निकालने के दो-चार साल बाद माता-पिता का देहांत हो गया… 😢😢
और दुर्भाग्यवश उनके बाद मेरी पत्नी भी एक लम्बी बीमारी के बाद मुझे छोड़ कर चली गयी. 🤦🏻‍♂😢

इधर बेटा बड़ा हो गया था, उसकी नौकरी लग गयी, शादी हो गयी… बहु-बेटे को अब ये घर छोटा लगने लगा, उन्होंने अपार्टमेंट में एक फ्लैट ले लिया और वहां चले गए,
अब मैं अपने उस घर में बिलकुल अकेला था जहाँ मैंने तमाम रिश्तों को जीते-मरते देखा था… 😭

पता है, जिस दिन मेरा बेटा मुझे छोड़ कर गया, उस दिन मैं बहुत रोया… इतना दुःख मुझे पहले कभी नहीं हुआ था…कुछ नहीं सूझ रहा था कि मैं क्या करूँ और तब मेरी नज़र उस बक्से पर पड़ी जिसमे सालों पहले मैंने अपने भगवान की फोटी अपने बटुए से निकाल कर रख दी थी…

मैंने फ़ौरन वो फोटो निकाली और उसे अपने सीने से चिपका ली… अजीब सी शांति महसूस हुई…लगा मेरे जीवन में तमाम रिश्ते जुड़े और टूटे… लेकिन इन सबके बीच में मेरे भगवान् से मेरा रिश्ता अटूट रहा… मेरा रब कभी मुझसे रूठा नहीं…
और तब से इस बटुए में सिर्फ मेरे मालिक की फोटो है और किसी की भी नहीं… और मुझे इस बटुए और उसमे पड़े पांच सौ के नोट से कोई मतलब नहीं है, मेरा स्टॉप आने वाला है…तुम बस बटुए की फोटो मुझे दे दो…मेरी परवाह करने वाला मुझे दे दो….....!!

कंडक्टर अपनी आंखों का पानी पोछता हुआ कांपते हाथो से फौरन बटुआ चाचाजी के हाथ में रखा और उन्हें एकटक देखता रह गया...!

एक बार दो आदमी एक मंदिर के पास बैठे गपशप कर रहे थे। वहां अंधेरा छा रहा था और बादल मंडरा रहे थे।थोड़ी देर में वहां एक आदम...
06/09/2020

एक बार दो आदमी एक मंदिर के पास बैठे गपशप कर रहे थे। वहां अंधेरा छा रहा था और बादल मंडरा रहे थे।
थोड़ी देर में वहां एक आदमी आया और वो भी उन दोनों के साथ बैठकर गपशप करने लगा।

कुछ देर बाद वो आदमी बोला उसे बहुत भूख लग रही है, उन दोनों को भी भूख लगने लगी थी।
पहला आदमी बोला मेरे पास 3 रोटी हैं, दूसरा बोला मेरे पास 5 रोटी हैं, हम तीनों मिल बांट कर खा लेते हैं।
उसके बाद सवाल आया कि 8 (3+5) रोटी तीन आदमियों में कैसे बांट पाएंगे??
पहले आदमी ने राय दी कि ऐसा करते हैं कि हर रोटी के 3 टुकडे करते हैं, अर्थात 8 रोटी के 24 टुकडे (8 X 3 = 24) हो जाएंगे और हम तीनों में 8 - 8 टुकडे बराबर बराबर बंट जाएंगे।
तीनों को उसकी राय अच्छी लगी और 8 रोटी के 24 टुकडे करके प्रत्येक ने 8 - 8 रोटी के टुकड़े खाकर भूख शांत की और फिर बारिश के कारण मंदिर के प्रांगण में ही सो गए।
सुबह उठने पर तीसरे आदमी ने उनके उपकार के लिए दोनों को धन्यवाद दिया और प्रेम से 8 रोटी के टुकडो़ के बदले दोनों को उपहार स्वरूप 8 सोने की गिन्नी देकर अपने घर की ओर चला गया।
उसके जाने के बाद पहला आदमी ने दुसरे आदमी से कहा हम दोनों 4 - 4 गिन्नी बांट लेते हैं।
दुसरा बोला नहीं मेरी 5 रोटी थी और तुम्हारी सिर्फ 3 रोटी थी अतः मै 5 गिन्नी लुंगा, तुम्हें 3 गिन्नी मिलेंगी।
इस पर दोनों में बहस और झगड़ा होने लगा।
इसके बाद वे दोनों सलाह और न्याय के लिए मंदिर के पुजारी के पास गए और उसे समस्या बताई तथा न्यायपूर्ण समाधान के लिए प्रार्थना की।
पुजारी भी असमंजस में पड़ गया, उसने कहा तुम लोग ये 8 गिन्नियाँ मेरे पास छोड़ जाओ और मुझे सोचने का समय दो, मैं कल सबेरे जवाब दे पाऊंगा।
पुजारी को दिल में वैसे तो दूसरे आदमी की 3 - 5 की बात ठीक लगी रही थी पर फिर भी वह गहराई से सोचते सोचते गहरी नींद में सो गया।
कुछ देर बाद उसके सपने में भगवान प्रगट हुए तो पुजारी ने सब बातें बताई और न्यायिक मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना की और बताया कि मेरे ख्याल से 3 - 5 बंटवारा ही उचित लगता है।
भगवान मुस्कुरा कर बोले- नहीं। पहले आदमी को 1 गिन्नी मिलनी चाहिए और दुसरे आदमी को 7 गिन्नी मिलनी चाहिए।
भगवान की बात सुनकर पुजारी अचंभित हो गया और अचरज से पूछा- *प्रभू ऐसा कैसे ?*

भगवन फिर एकबार मुस्कुराए और बोले :

इसमें कोई शंका नहीं कि पहले आदमी ने अपनी 3 रोटी के 9 टुकड़े किये परंतु उन 9 में से उसने सिर्फ 1 बांटा और 8 टुकड़े स्वयं खाया अर्थात उसका *त्याग* सिर्फ 1 रोटी के टुकड़े का था इसलिए वो सिर्फ 1 गिन्नी का ही हकदार है।
दुसरे आदमी ने अपनी 5 रोटी के 15 टुकड़े किये जिसमें से 8 तुकडे उसने स्वयं खाऐ और 7 टुकड़े उसने बांट दिए। इसलिए वो न्यायानुसार 7 गिन्नी का हकदार है .. ये ही मेरा गणित है और ये ही मेरा न्याय है!

ईश्वर की न्याय का सटीक विश्लेषण सुनकर पुजारी उनके चरणों में नतमस्तक हो गया।

इस कहानी का सार ये ही है कि हमारा वस्तुस्थिति को देखने का, समझने का दृष्टिकोण और ईश्वर का दृष्टिकोण एकदम भिन्न है। हम ईश्वरीय न्यायलीला को जानने समझने में सर्वथा अज्ञानी हैं।
हम अपने त्याग का गुणगान करते है परंतु ईश्वर हमारे त्याग की तुलना हमारे सामर्थ्य एवं भोग तौर कर यथोचित निर्णय करते हैं।

यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हम कितने धन संपन्न है, महत्वपूर्ण यहीं है कि हमारे सेवाभाव कार्य में त्याग कितना है।

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