नबी की शान निराली

नबी की शान निराली (Islamic) post video short creator deene Islam

13/01/2025

जब यह न्याज घर में दिलाए कोई बशर

♥️♥️Jannat aur dojak
13/01/2025

♥️♥️
Jannat aur dojak

13/01/2025

Kah Raha Hai tumse yah parvardigaar

12/01/2025

Maa baap ki ahmiyat

🕋हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु●⬤⚫⬤●●⬤⚫⬤●हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु का ईसार (तोहफा देन...
12/01/2025

🕋हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु
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हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु का ईसार (तोहफा देना) व क़ुर्बानी :- हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु खानदाने नुबुव्वत के चश्मों चिराग थे, आप के अख़लाक़े करीमाना व ईसार क़ुर्बानी के बेशुमार वाक़िआत सैरो तारिख में भरे पड़े हैं, सिर्फ एक वाकिए से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं के रब्बे काइनात ने आप को कैसा ईसार व क़ुर्बानी का पैकर बनाया था,
वाकिया ये है के एक शख्स दीनारों की थैली ग़ुम हो गई इस नादान ने आप को पकड़ कर कहा के मेरी थैली आप ने ली है? इस बे खबर ने आप को पहचाना नहीं और बिला वजह इलज़ाम लगा दिया, आप ने फ़रमाया के बताओ तुम्हारी थैली में कितनी रक़म थी? उसने कहा के थैली में एक हज़ार दीनार थे, आप उस को अपने दौलत कदे (घर) पर ले गए और एक हज़ार दीनार इस को दे दिए, दूसरे दिन इस की ग़ुम खोई हुई दीनार की थैली मिल गई तो दौड़ता हुआ आप के पास आया और माफ़ी माज़रत करते हुए वो हज़ार दीनार वापस करने लगा आप ने इरशाद फ़रमाया के ये माल तुम्हारा हो गया इस लिए हम लोग जिस चीज़ को देते हैं उसको फिर वापस नहीं लेते, उस के बाद उसने लोगों से मालूम किया के आप कौन हैं? लोगों ने बताया के ये हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु हैं आप की ज़ात से जब वो शख्स वाक़िफ़ हुआ तो बड़ा ही नादिम व शर्मिंदा हुआ,

12/01/2025

😱🥺
'''
Julm ki Aag mein jalim ko jalaya usne #

11/01/2025

Milati hai isa nayaj se har ek Ko rahte

11/01/2025

FIR iske bad kuchh bhi Na aaye hamen

हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु "❈-❈-❈-❈-❈-❈❈-❈-❈आप मुस्तजाबुद दावात थे (जिस की दुआ क़बूल होती हो) :- हज़रत ...
11/01/2025

हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु "
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आप मुस्तजाबुद दावात थे (जिस की दुआ क़बूल होती हो)
:- हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु इस दर्जा मुस्तजाबुद दावात व कसीरुल करामात थे के जब आप को किसी चीज़ की ज़रुरत महसूस होती तो आप हाथ उठा कर दुआ करते के ए मेरे रब मुझे फुलां चीज़ की ज़रूत है आप की दुआ ख़त्म होने से पहले ही वो चीज़ आप के पहलू में मौजूद हो जाती,
चुनाचे अबुल कासिम तबरी इबने वहब से नकल करते हैं के मेने लैस बिन सअद रहमतुल्लाह अलैह को फरमाते सुना के में 113, हिजरी में हज के लिए पैदल चलता हुआ मक्का मुकर्रमा ज़ादा हल्ल्लाहु शरफऊं व ताज़ीमा पहुंचा,
असर की नमाज़ के वक़्त जबले अबू कबीस पर पहुंचा तो वहां एक बुजरुग को देखा के बैठे हुए दुआएं मांग रहें हैं, और या रब्बी या रब्बी, इतनी बार कहा के दम घुटने लगा, फिर इसी तरफ या हय्यू या हय्यू, कहा फिर इसी तरह लगा तार या रब्बा हू या रब्बा हू, कहा फिर इसी तरह एक सांस में या अल्लाह हू या अल्लाह हू, कहा फिर इसी तरह या रहमानू या रहमानू, फिर या रहीमू या रहीमू, फिर या अरहमर राहीमीन अरहमर राहीमीन, कहते रहे, उस के बाद कहा या अल्लाह मेरा दिल अंगूर खाने को चाहता है वो अता फरमा,
और मेरी चादरें पुरानी हो गयीं हैं मुझे नई चादरें अता फरमा लैस रहमतुल्लाह अलैह फरमाते हैं के खुदा की क़सम अभी आप की दुआ ख़त्म भी नहीं हुई थीं के मेने अंगूर की एक भरी टोकरी रखी देखि हालांके वो मौसम अंगूर का नहीं था और न ही कहीं उस का नामो निशान था, और साथ में चादरें भी रखी हुई थीं के आज तक मेने वैसी चादरें कहीं नहीं देखीं, उसके बाद आप अंगूर खाने के लिए बैठ गए मेने कहा के हुज़ूर में भी आप का शरीक हूँ फ़रमाया कैसे? मेने कहा जब आप दुआ में मशगूल (बीजी) थे तो में अमीन अमीन कह रहा था, तो आप ने इरशाद फ़रमाया अच्छा आगे बड़ कर खाओ में आगे बड़ कर अंगूर खाने लगा वो अंगूर ऐसे उम्दा लज़ीज़ थे वैसे अंगूर मेने कभी नहीं खाये थे यहाँ तक के मेरा पेट भर गया और टोकरी वैसी की वैसी भरी रही उस के बाद मुझ से फ़रमाया इससे ज़खीरा मत रखना और न ही इससे कुछ छुपाना फिर एक चादर भी मुझे अता फरमाने लगे, मेने कहा के मुझे इस की ज़रूरत नहीं है उस के बाद आप ने एक चादर का तहबन्द बांधा और दूसरी चादर को ओढ़ लिया और दोनों पुरानी चादर हाथ में लिए हुए नीचे उतरे में भी आप के पीछे चलने लगा जब आप सफा मरवा के क़रीब पहुंचे तो एक साइल ने कहा:
ए इबने रसूल ये कपड़ा मुझे पहना दो अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त आप को जन्नत का हुल्लाह पहनाएगा तो उन्होंने दोनों चादरें उस को देदीं, मेने उस साइल के पास जाकर उससे पूछा ये कौन हैं? उस ने कहा ये “हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ बिन मुहम्मद रदियल्लाहु अन्हु हैं” मेने फिर उनको ढूंढा ताके उन से कुछ सुनूँ और नफ़ा हासिल करूँ मगर में उनको नहीं पा सका,
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क़ीमती लिबास :- इसी तरह एक मर्तबा का एक वाकिया है के आप लोगों ने बहुत ही उम्दा और बेश क़ीमत लिबास ज़ेब्तन किए हुए देखा एक शख्स ने आप से दरयाफ्त किया के ए इबने रसूल इतना क़ीमती लिबास अहले बैते किराम को जेब नहीं देता? ये सवाल सुन कर आप ने उस का हाथ पकड़ कर आस्तीन के अंदर खींच कर दिखाया के देखो ये किया है? उस ने आप को अंदर टाट जैसा खुरदरा लिबास पहने हुए देखा तो आप ने इरशाद फ़रमाया के ये अंदर वाला ख़ालिक़ के लिए है और ऊपर वाला उम्दा लिबास मख्लूक़ के वास्ते,

हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु की      हालाते ज़िन्दगी🔘⟶⟵💠⟶⟵🔘सिद्क़ सादिक़ का तसद्दुक़ सादिकुल इस्लाम करबे गज़...
11/01/2025

हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु की हालाते ज़िन्दगी
🔘⟶⟵💠⟶⟵🔘
सिद्क़ सादिक़ का तसद्दुक़ सादिकुल इस्लाम कर
बे गज़ब राज़ी हो काज़िम और रज़ा के वास्ते
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आप की पैदाइश :- हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु की विलादत बसआदत 17, रबीउल अव्वल बरोज़ पीर के दिन 80, हिजरी या 83, हिजरी मदीना शरीफ में हुई, में
आप हज़रत सय्यदना इमाम मुहम्मद बाक़र रदियल्लाहु अन्हु के बेटे हैं और हज़रत इमाम ज़ैनुल अबिदीन रदियल्लाहु अन्हु के पोते और शहीदे कर्बला हज़रते सय्यदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु के पर पोते थे,
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आप का इसमें मुबारक कुन्नियत व लक़ब :- आप का नाम “जाफर बिन मुहम्मद” कुन्नियत अबू अब्दुल्लाह अबू इस्माईल, और लक़ब “सादिक़” “फ़ाज़िल” और “ताहिर” है,
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आप की वालिदा मुहतरमा :- आप की वालिदा मुहतरमा अम्मी जान का नाम “उम्मे फरवाह” है जो मुहम्मद बिन अबू बक्र सिद्दीक रदियल्लाहु अन्हु की पोती थीं, जिन के वालिद क़ासिम बिन मुहम्मद बिन अबू बक्र हैं, और क़ासिम रदियल्लाहु अन्हु की वालीदह अस्मा हैं, जो बेटी हैं हज़रत अब्दुर रहमान बिन अबू बक्र सिद्दीक रदियल्लाहु अन्हु की,
इसी वजह से हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु फ़रमाया करते थे, के “में अबू बक्र सिद्दीक से दो मर्तबा पैदा हुआ हूँ” और आप के नाना जान का नाम हज़रत सय्यदना क़ासिम रदियल्लाहु अन्हु है,
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आप का हुलिया शरीफ :- आप बड़े हसीनो जमील और निहायत शकील खूब सूरत थे, क़द मुबारक जच्चा तुला रंग गंदुम गेहूं जैसा, बाक़ी सूरतो सीरत में अपने आबाओ अजदाद के मिस्ल थे,
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आप के फ़ज़ाइलो कमालात :- हज़रत इमाम ज़ैनुल आबिदीन रदियल्लाहु अन्हु आप के दादा हैं, नीज़ आप को तबे तबईन में से होने का शरफ़ भी हासिल है,
आप की वालिदा मुहतरमा सय्यदा “उम्मे फरवाह” हज़रत सय्यदना अबू बक्र सिद्दीक रदियल्लाहु अन्हु की पर पोती भी थीं, और पर नवासी भी इस लिए आप फ़रमाया करते थे, के “मुझे अबू बक्र सिद्दीक से दोहरी विलादत होने का शरफ़ हासिल है,
आप “छटे इमाम सिलसिलए आलिया मशाइखे क़दीरिया रज़विया के हैं” आप को अगर मिल्लते नबवी का सुल्तान और दीने मुस्तफ़वी का बुरहान कहें तो दुरस्त है, आप वक़्त के इमाम अहले ज़ौक़ के खिदमत गार इश्क़ो मुहब्बत के पेशवा थे, आबिदों के मुक़द्दम और ज़ाहिदों के मुकर्रम थे, आप ने तरीकत की बेशुमार बातें बयान फ़रमाई है और अक्सर रिवायत आप से मरवी हैं आप को हर इल्मो इशरत में बेहद दर्जे का कमाल था, और आप बुर्गज़ीदा जुमला मशाइख इज़ाम थे सब का आप की ऊपर एतिमाद था और आप को पेशवाए मुतलक़ जानते थे,
हाफ़िज़ अबू नोएम अस्फहानी “ख़लीफ़तुल अबरार” में उमर बिन मिक़्दाम से रिवायत करते हैं: वो फ़रमाया करते थे की जब में हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु को देखता था तो मुझे ख्याल होता था की ये अम्बियाए किराम की नस्ल से हैं,
“तब्कातुल अबरार” में है की आप ने अपने वालिद माजिद और ज़ेहरि और नाफ़े से और इब्नुल मुकंदिर वगैरह से हदीस ली है और आप से सुफियान सौरी, इबने उईना, शोबआ, याहया अल क़ितान, इमाम मालिक और आप के बेटे हज़रत सय्यदना इमाम मूसा काज़िम रदियल्लाहु अन्हु ने हदीस की रिवायत की है,
और “अस्सवाइके मुहर्रिका” में अल्लामा इबने हजर मक्की रहमतुल्लाह अलैह लिखते हैं की अकाबिर अइम्मा में से मिस्ल याहया बिन सईद व इबने जरीह व इमाम मालिक इबने अनस व इमाम सुफियान सौरी व सुफियान
उईना और इमाम आज़म अबू हनीफा व अबू अय्यूब सजिस्तानी ने आप से हदीस को अख़्ज़ किया है (लिया है),
और अबुल कासिम कहते हैं की हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु ऐसे सिका सच्चे हैं के आप जैसे की निस्बत हर गिज़ पूछा नहीं जाता,

मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत🔶━❖✥◈✥❖━🔶۞ हदीस: मुआद बिन जबल (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है के,रसूलअल्लाह (ﷺ) ने...
10/01/2025

मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत
🔶━❖✥◈✥❖━🔶
۞ हदीस: मुआद बिन जबल (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है के,
रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:
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“जिस नफ्स को भी इस हाल में मौत आए की वो इस बात की गवाही देता हो की अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही और मैं (मुहम्मद सलअल्लाहू अलैही वसल्लम) अल्लाह का रसूल हूँ और ये गवाही दिल के यकीन से हो तो अल्लाह सुबहानहु उसकी मगफिरत फरमा देगा।”
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📕 सुनन इब्न माजा, 3796

सुभान अल्लाह !
۞ अल्लाह तआला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए।
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۞ जब तक हमे ज़िंदा रखे इस्लाम और इमान पर जिन्दा रखे।
۞ खात्मा हमारा ईमान पर हो।
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वा आखीरु दा-वाना अल्हम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमीन। अमीन।

10/01/2025
10/01/2025

Ya rab dene Muslim ko

Uski dua radd nahin karunga
09/01/2025

Uski dua radd nahin karunga

09/01/2025

Shud khane ka Gunah

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