11/01/2025
हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु की हालाते ज़िन्दगी
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सिद्क़ सादिक़ का तसद्दुक़ सादिकुल इस्लाम कर
बे गज़ब राज़ी हो काज़िम और रज़ा के वास्ते
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आप की पैदाइश :- हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु की विलादत बसआदत 17, रबीउल अव्वल बरोज़ पीर के दिन 80, हिजरी या 83, हिजरी मदीना शरीफ में हुई, में
आप हज़रत सय्यदना इमाम मुहम्मद बाक़र रदियल्लाहु अन्हु के बेटे हैं और हज़रत इमाम ज़ैनुल अबिदीन रदियल्लाहु अन्हु के पोते और शहीदे कर्बला हज़रते सय्यदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु के पर पोते थे,
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आप का इसमें मुबारक कुन्नियत व लक़ब :- आप का नाम “जाफर बिन मुहम्मद” कुन्नियत अबू अब्दुल्लाह अबू इस्माईल, और लक़ब “सादिक़” “फ़ाज़िल” और “ताहिर” है,
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आप की वालिदा मुहतरमा :- आप की वालिदा मुहतरमा अम्मी जान का नाम “उम्मे फरवाह” है जो मुहम्मद बिन अबू बक्र सिद्दीक रदियल्लाहु अन्हु की पोती थीं, जिन के वालिद क़ासिम बिन मुहम्मद बिन अबू बक्र हैं, और क़ासिम रदियल्लाहु अन्हु की वालीदह अस्मा हैं, जो बेटी हैं हज़रत अब्दुर रहमान बिन अबू बक्र सिद्दीक रदियल्लाहु अन्हु की,
इसी वजह से हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु फ़रमाया करते थे, के “में अबू बक्र सिद्दीक से दो मर्तबा पैदा हुआ हूँ” और आप के नाना जान का नाम हज़रत सय्यदना क़ासिम रदियल्लाहु अन्हु है,
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आप का हुलिया शरीफ :- आप बड़े हसीनो जमील और निहायत शकील खूब सूरत थे, क़द मुबारक जच्चा तुला रंग गंदुम गेहूं जैसा, बाक़ी सूरतो सीरत में अपने आबाओ अजदाद के मिस्ल थे,
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आप के फ़ज़ाइलो कमालात :- हज़रत इमाम ज़ैनुल आबिदीन रदियल्लाहु अन्हु आप के दादा हैं, नीज़ आप को तबे तबईन में से होने का शरफ़ भी हासिल है,
आप की वालिदा मुहतरमा सय्यदा “उम्मे फरवाह” हज़रत सय्यदना अबू बक्र सिद्दीक रदियल्लाहु अन्हु की पर पोती भी थीं, और पर नवासी भी इस लिए आप फ़रमाया करते थे, के “मुझे अबू बक्र सिद्दीक से दोहरी विलादत होने का शरफ़ हासिल है,
आप “छटे इमाम सिलसिलए आलिया मशाइखे क़दीरिया रज़विया के हैं” आप को अगर मिल्लते नबवी का सुल्तान और दीने मुस्तफ़वी का बुरहान कहें तो दुरस्त है, आप वक़्त के इमाम अहले ज़ौक़ के खिदमत गार इश्क़ो मुहब्बत के पेशवा थे, आबिदों के मुक़द्दम और ज़ाहिदों के मुकर्रम थे, आप ने तरीकत की बेशुमार बातें बयान फ़रमाई है और अक्सर रिवायत आप से मरवी हैं आप को हर इल्मो इशरत में बेहद दर्जे का कमाल था, और आप बुर्गज़ीदा जुमला मशाइख इज़ाम थे सब का आप की ऊपर एतिमाद था और आप को पेशवाए मुतलक़ जानते थे,
हाफ़िज़ अबू नोएम अस्फहानी “ख़लीफ़तुल अबरार” में उमर बिन मिक़्दाम से रिवायत करते हैं: वो फ़रमाया करते थे की जब में हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु को देखता था तो मुझे ख्याल होता था की ये अम्बियाए किराम की नस्ल से हैं,
“तब्कातुल अबरार” में है की आप ने अपने वालिद माजिद और ज़ेहरि और नाफ़े से और इब्नुल मुकंदिर वगैरह से हदीस ली है और आप से सुफियान सौरी, इबने उईना, शोबआ, याहया अल क़ितान, इमाम मालिक और आप के बेटे हज़रत सय्यदना इमाम मूसा काज़िम रदियल्लाहु अन्हु ने हदीस की रिवायत की है,
और “अस्सवाइके मुहर्रिका” में अल्लामा इबने हजर मक्की रहमतुल्लाह अलैह लिखते हैं की अकाबिर अइम्मा में से मिस्ल याहया बिन सईद व इबने जरीह व इमाम मालिक इबने अनस व इमाम सुफियान सौरी व सुफियान
उईना और इमाम आज़म अबू हनीफा व अबू अय्यूब सजिस्तानी ने आप से हदीस को अख़्ज़ किया है (लिया है),
और अबुल कासिम कहते हैं की हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु ऐसे सिका सच्चे हैं के आप जैसे की निस्बत हर गिज़ पूछा नहीं जाता,