Saheb Kabir Ji

Saheb Kabir Ji जीव हमारी जाती है, मानव धर्म हमारा । हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई , धर्म नहीं कोई न्यारा ।।

📒🎉 𝐁𝐡𝐚𝐠𝐰𝐚𝐭 𝐆𝐢𝐭𝐚 𝐆𝐲𝐚𝐧 👇गीता के अनुसार वह सत्य कर्म क्या हैं, जिनसे हमें लाभ प्राप्त होगा है और वह भक्ति क्या है?जिससे हमा...
08/04/2024

📒🎉 𝐁𝐡𝐚𝐠𝐰𝐚𝐭 𝐆𝐢𝐭𝐚 𝐆𝐲𝐚𝐧 👇

गीता के अनुसार वह सत्य कर्म क्या हैं, जिनसे हमें लाभ प्राप्त होगा है और वह भक्ति क्या है?
जिससे हमारा मोक्ष होगा।
और वह तत्वदर्शी संत कौन हैं?

इस तरह के अनेकों प्रश्नों का उत्तर प्रमाण सहित जानने के लिए
पढिये संत रामपाल जी महाराज जी ✓ 𝐒𝐚𝐧𝐭 𝐑𝐚𝐦𝐩𝐚𝐥 𝐉𝐢 द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक 👇
📖 "ज्ञान गंगा 𝐆𝐲𝐚𝐧 𝐆𝐚𝐧𝐠𝐚"📚

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▪️यह पुस्तक हमारे सभी सदग्रंथों पर आधारित है।
▪️अगर पहले ऑर्डर किया है तो दोबारा आर्डर न करे
▪️कोई चार्ज नहीं है बिल्कुल फ्री पुस्तक प्राप्त करें।
▪️नाम पता मोबाइल नंबर अगर आपका सही है तो इस पुस्तक को हम आप तक पहुंचाने की गारंटी लेते हैं।
▪️पुस्तक 30 दिनों के अंदर आप तक 𝐅𝐑𝐄𝐄 पहुंचा दी जाती है।
▪️इस पुस्तक को पढ़ने मात्र से सारी बुराइयां छूट जाती है।।

📚 𝐎𝐑𝐃𝐄𝐑 𝐅𝐑𝐄𝐄 𝐁𝐎𝐎𝐊 📚😳😳 क्या आप जानते हैं?🤔◆ सृष्टि रचना किसने और कैसे की है?◆ हम मरना नहीं चाहते फिर भी क्यों मरते हैं?◆भ...
27/01/2024

📚 𝐎𝐑𝐃𝐄𝐑 𝐅𝐑𝐄𝐄 𝐁𝐎𝐎𝐊 📚
😳😳 क्या आप जानते हैं?🤔

◆ सृष्टि रचना किसने और कैसे की है?
◆ हम मरना नहीं चाहते फिर भी क्यों मरते हैं?
◆भगवान वास्तव में है भी या नहीं?
◆हम इतनी भक्ति करते हैं फिर भी हमें सुख क्यों नहीं मिलता?

इन अनसुलझे सवालों का जवाब पाने के लिए पढ़िए पुस्तक 👇
📖 "ज्ञान गंगा ✓ 𝐆𝐲𝐚𝐧 𝐆𝐚𝐧𝐠𝐚"📚
जो संत रामपाल जी महाराज 𝐒𝐚𝐧𝐭 𝐑𝐚𝐦𝐩𝐚𝐥 𝐉𝐢 द्वारा लिखित है!

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17/07/2023

Pustak Sewa😍😍
12/07/2023

Pustak Sewa😍😍

12/07/2023

#ज्ञानगंगा_Part78

"भूतों व रोगों के सत्ताए परिवार को आबाद करना

भक्तमति अपलेश देवी पत्नी श्री रामेहर पुत्र श्री मांगेराम, गाँव-मिरच, तहसील चरखी दादरी, जिला भिवानी (हरियाणा) ।

मैं अपलेश देवी अपने दुःखी जीवन की एक झलक आपको बता रही हूँ। मैं और मेरे बच्चे - राहूल और ज्योति हैं जो बीते समय के बुरे हालातों को याद करके सिहर जाते हैं। जिनका वर्णन करते समय कलेजा मुंह को आता है।

6 दिसम्बर 1995 की रात्री में बदमाशों ने मेरे पति को ड्यूटी के दौरान जान से मार दिया था। लेकिन इस पूर्ण परमात्मा (कबीर साहिब) ने हमारा ध्यान रखा और मेरे पति को जीवन दान दिया जो आज हमें परिवार सहित बन्दी छोड़ गुरु रामपाल जी महाराज की दया से पूर्ण परमात्मा के चरणों में स्थान मिल गया है। हमारे परिवार में मेरे पति को साफ कपड़े पहनाते जो कुछ देर बाद अन्डर वियर के ऊपर के हिस्से पर जहाँ पर रबड़ या नाड़ा होता है वहाँ चारों ओर खून से कपड़े रंगीन हो जाते थे, तथा बच्चों को भी बलगम के साथ खून आता था और मैं भी एक वर्ष से हार्ट (दिल) की बीमारी से बहुत परेशान हो चुकी थी। जिसके लिए वर्षों से दवाईयाँ खा रही थी। मेरे पतिदेव दिल्ली पुलिस में हैं। मेरे सारे शरीर पर फोड़े-फुन्सी हो जाते थे। घर में परेशानियों के कारण मेरे पति रामेहर का दिमागी संतुलन भी बिगड़ गया था।

हमने इन परेशानियों के लिए सन् 1995 से जुलाई 2000 तक एक दर्जन से भी ज्यादा लंगड़े, लोभी व लालची गुरुवों के दरवाजे खटखटाए तथा भारत वर्ष में तीर्थ स्थानों जैसे जमुना, गंगा, हरिद्वार, ज्वाला जी, चामुन्डा, चिन्तपूरनी, नगर कोट, बाला जी, मेहन्दी पुर व गुड़गाँवा वाली माई तथा गौरख टीला राजस्थान वाले प्रत्येक स्थानों पर बच्चों सहित काफी बार चक्कर लगाते रहे लेकिन हमें कोई राहत नहीं मिली।

इस प्रकार हमारे परिवार की हालत यहाँ तक आ चुकी थी कि हम होली व दिवाली भी किसी मस्जिद में बैठकर बिताने लग गये थे। हम बड़े खुशनसीब हैं जो हमें संत रामपाल जी महाराज के द्वारा परम पूज्य कबीर परमेश्वर की शरण मिल गई। अब कहाँ गये वे काल के दूत तथा वे हमारी बीमारियाँ जिनका ईलाज आल इण्डिया हॉस्पीटल में चल रहा था, जो सतगुरुदेव के चरणों की धूल के आगे टिक नहीं पाई। 25 फरवरी 2001 को एक काल की पूजा करने वाले स्थाने ने फोन करके पूछा कि अपलेश तुम्हारा नाम है। मैंने कहा कि हाँ, आप अपना नाम बताओ। तब वह स्याना कहता है कि यह बलवान कौन है, आपका क्या लगता है? मैंने कहा कि तुम कौन हो, आपका क्या नाम है तथा यह सब क्यों पूछना चाहते हो ? तब वह स्याना कहता है कि बेटी तुम मेरा नाम मत पूछो। मैं बताना नहीं चाहता तथा मैं हांसी से बोल रहा हूँ। यह बलवान तथा इसके साथ एक आदमी आए और दोनों मुझे 3700 रूपए तुम पर घाल घलवाने के लिए दे गए थे। मैंने तुम्हारा फोन नं. भी बलवान से लिया था कि मैं पूछूंगा कि उनकी दुर्गति हुई या नहीं। मेरे पास आपका फोन नं. नहीं था, बलवान ने ही दिया था। जो मैंने यह बुरा कार्य रात्री में किया। लेकिन जैसे ही मैं सोने लगा तो मुझे सफेद कपड़ों में जिस गुरु की तुम पूजा करते हो वे दिखाई दिये, जिन्होंने मुझे बतला दिया कि इसका परिणाम तुम खुद भोगोगे । यह परिवार सर्व शक्तिमान सर्व कष्ट हरण परम पूज्य कबीर परमेश्वर की शरण में है । आपकी तो औकात ही क्या है ? यहाँ का धर्मराज भी अब इस परिवार का कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

गरीब, जम जौरा जासै डरै मिटें कर्म के लेख अदली अदल कबीर हैं, कुल के सद्गुरु एक ।।

परम पूज्य कबीर परमेश्वर जी से जम (काल तथा काल के दूत) तथा मौत भी डरती है। वे पूर्ण प्रभु पाप कर्म के दण्ड के लेख को भी समाप्त कर देते हैं। इसके बाद उस स्थाने ने कहा कि बेटी तुम्हें यह बतला दूँ कि तुम जिस देव पुरुषोत्तम की पूजा करते हो, वे बहुत प्रबल शक्ति हैं। मैं 25 वर्ष से यह घाल घालने का कार्य कर रहा हूँ। न जाने कितने परिवार उजाड़ चुका हूँ। परन्तु आज पहली बार हार खाई है। बेटी इस शक्ति को मत छोड़ देना, नहीं तो मार खा जाओगे। आपके विनाश के लिए बलवान आदि घूम रहे हैं। मैंने कहा कि हम पूर्ण परमात्मा की पूजा करते हैं, बलवान मेरे पति का बड़ा भाई है। हमारा जानी दुश्मन बना है।

हम आज इतने खुशनसीब हैं कि हमारे दिल में किसी वस्तु या कार्य की आवश्यकता होती है उसको यह सतगुरुदेव, सत कबीर साहिब पूर्ण कर देते हैं। आज गुरु गोविन्द दोनों खड़े, हम किसके लागे पाय । हम बलिहारी सतगुरुदेव रामपाल जी के चरणों में जिन्हें परमेश्वर दिया मिलाय ।

हे भाईयों और बहनों हम सारा परिवार मिलकर आपको यह सन्देश देते हैं कि अगर आपको सतलोक का मार्ग, पूर्ण मोक्ष व सर्व सुख प्राप्त करना हो और सांसारिक दुःखों से छुटकारा पाना हो तो बन्दी छोड़ संत रामपाल जी महाराज से सतनाम प्राप्त कर लेना और अपना अनमोल मनुष्य जन्म सफल कर लेना । ।।

सत साहिब ।।

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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे।

संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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11/07/2023

#ज्ञानगंगा_Part77

"गुर्दे ठीक करना व शैतान को इंसान बनाना "

मैं भक्त जगदीश पुत्र श्री प्रभुराम, गाँव- पंजाब खोड़, दिल्ली-81 । डी. टी. सी. (दिल्ली ट्रांस्पोर्ट कॉर्पोरेशन) में मकैनिक हूँ। मुझे शराब ने राक्षस वत्ति का इन्सान बना दिया था। शराब पीना, मुर्गे खाना, सिगरेट पीना, हुक्का पीना ।
मैं नौकरी से शाम को लगभग 7 या 8 बजे आता था। कई बार घर आने में शराब ज्यादा पीने पर 9 या 10 भी बज जाते थे। शराब में पागल हुए एक बार इधर एक बार उधर लड़खड़ाते हुए पैरों से घर में घुसता था। आते ही पत्नी व बच्चों को पीटना शुरु कर देना, हर रोज घर में कहर होता था। जिन बच्चों को प्यार के साथ अपनी छाती से लगाना चाहिए था वे मासूम बच्चे मुझको देखकर चारपाई के नीचे घुस जाते थे। बच्चे अपने पिता जी के घर आने की राह देखते हैं कि पापा जी आएगें, हमारे लिए खाने की चीजें लाएगें। परन्तु मैं खाने की चीजों की बजाय शराब में पागल हुए लाल आँखों से उनको मारने लग जाता था।

दूसरी तरफ मेरी धर्मपत्नी सुमित्रा देवी भी अपने दुःखी जीवन के साथ खतरनाक बीमारी से जूझती हुई स्वांस पूरे कर रही थी। उसके दोनों गुर्दे खराब हो चुके थे। डॉक्टरों ने कह दिया था कि दवाई खाते रहो। लेकिन छः महीने से ज्यादा यह जीवित नहीं रह सकती। ऑल इंडिया मैडीकल और डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल दिल्ली से भी यह रिपोर्ट मिली कि गुर्दे खराब हो चुके हैं और यह छः महीने से ज्यादा जीवित नहीं रह सकती और साथ में दवाई भी अंत समय तक खाते रहना होगा। उन मासूम बच्चों का क्या हाल होगा जिनका पिता शराब पीता हो, माँ मत्युशैय्या पर हो। कोई वजन का कार्य नहीं कर सकती। तो उन बच्चों को जब यह पता चला कि तुम्हारी मम्मी ( माता जी ) भी छ: महीने से ज्यादा जीवित नहीं रहेगी तो उन बच्चों की आँखों से आंसु बहते रहते थे। एक तो पिता जी शराबी और दूसरी तरफ हमारी माता जी जानलेवा बीमारी से पीड़ित, हमारा क्या होगा? तीन लड़के तथा एक लड़की अपनी माता जी के पास गिरकर रोने लगे तथा कहा कि हे भगवान हम सब को भी हमारी माता जी के साथ ही अपने पास बुला लेना । यहाँ किसके सहारे जीयेंगे ?

परमात्मा ने उन बच्चों की भी पुकार सुनी और हमारे भी शुभ कर्म उदय हुए कि हमारे पड़ोस में ही भक्तमति निहाली देवी ने अपने गुरुदेव संत रामपाल जी महाराज की आज्ञानुसार 30-31-1 जनवरी 1997 को सतगुरु गरीबदास जी महाराज की अमतमयी वाणी तीन दिन का अखण्ड पाठ अपने घर करवाया। जिसमें संत रामपाल जी महाराज ने 31 दिसम्बर 1996 को रात्री में 9 से 11 बजे तक सत्संग किया। मेरी धर्मपत्नी सुमित्रा देवी भी पड़ोस में सत्संग सुनने के लिए चली गई। थोड़ी देर बाद मैं (जगदीश ) भी अपनी नौकरी से घर आ गया। घर आने पर बच्चों से पता चला कि हमारी माता जी पड़ोस में माई निहाली देवी के घर सत्संग सुनने के लिए गई है। यह सुनकर मैं बहुत क्रोधित हुआ और मैंने कहा कि कहाँ पाखण्डियों के पास चली गई ? मैं अभी उसको पीटते हुए घर लाता हूँ। यह विचार कर मैं भक्तमति निहाली देवी के घर चला गया। मैंने शराब पी रखी थी। जब मैं निहाली माई के घर पहुँचा तो संत रामपाल जी महाराज सत्संग कर रहे थे। बहुत संख्या में भक्तजन सत्संग सुन रहे थे। उन सभी को देखकर मैं कुछ नहीं बोला और चुपचाप सबसे पीछे बैठ गया। मैंने सत्संग सुना।

सत्संग में महाराज जी ने बताया कि
शराब पीवै कड़वा पानी, सत्तर जन्म श्वान के जानी।
गरीब, सो नारी जारी करें, सुरापान सो बार एक चिलम हुक्का भरें, डूबैं काली धार ।। कबीर, मानुष जन्म पाय कर, नहीं भजैं हरि नाम जैसे कुआ जल बिना, खुदवाया किस काम ।।

महाराज जी ने सत्संग में बताया कि जिन बच्चों को पिता जी ने सीने से लगाना चाहिए, उस शराबी व्यक्ति को देख कर बच्चे चारपाई के नीचे छुप जाते हैं। शराबी व्यक्ति आप भी दुःखी, धनहानि, समाज में इज्जत समाप्त तथा परिवार तथा पड़ौस व रिश्तेदारों तक को परेशान करके बद दुआऐं प्राप्त करता है। जैसे शराबी की पत्नी व बच्चे तो कहर का शिकार होते ही हैं। परन्तु पत्नी के माता-पिता, भाई-बहन आदि भी दिन-रात चिन्तित रहते हैं । सर्व पाप का भार उस नादान शराबी के शीश पर आता है। मनुष्य जन्म प्रभु ने भक्ति करके आत्म कल्याण करने को दिया है, इसको शराब आदि में नष्ट नहीं करना चाहिए। जैसे बच्चा स्कूल में शिक्षा ग्रहण नहीं करता, आवारा गर्दी में घूमता रहता है। वह शिक्षा से वंचित रह जाता है। फिर सारी आयु मजदूरी करके जीवन निर्वाह करता है। फिर उसे याद आता है कि यदि में आवारागर्दी न करता तो आज अन्य सहपाठियों की तरह बड़ा अधिकारी होता। परन्तु अब क्या बने, यह तो उस समय सोचना था । कबीर साहेब कहते हैं कि -

अच्छे दिन पीछे गये, गुरु से किया न हेत ।
अब पछतावा क्या करे, जब चिड़ियां चुग गई खेत ।।

इसी प्रकार यदि मनुष्य जन्म में जो प्राणी प्रभु भक्ति नहीं करता वह पशु-पक्षियों की योनियों को प्राप्त होता है। जो व्यक्ति शराब पीता है, वह शराब के नशे में खाने की भरी थाली को लात मारता है। भक्ति न करने से भिन्न-भिन्न प्राणियों की योनियों में कष्ट उठाता है। कभी वह कुत्ते की योनी धारण करता है। कुत्ता सारी रात सर्दी में भी गली में रहता है। ऊपर से वर्षा तथा सर्दियों की रात्री में महाकष्ट उठाता है। सुबह भूख सताती है। किसी घर की रसोई में घुसने की चेष्टा करता है। घर वाले डण्डा या पत्थर मारते हैं। कुत्ता बहुत देर तक चिल्लाता रहता है। फिर अन्य घर में घुसता है, वहाँ न जाने रोटी मिलेगी या सोटी (डण्डा ) । यदि वहाँ भी डण्डा नसीब में हुआ तो वह शराबी जो अब कुत्ता बना है, गाँव के बाहर जाता है। भूख से व्याकुल हुआ मनुष्यों का मल खाता है। यदि वह नादान प्राणी जब मनुष्य शरीर में था, सत्संग में आता, अच्छे विचार सुनता, बुराई त्यागकर अपना कल्याण करवाता तथा बच्चों को अच्छी शिक्षा तथा प्रभु की दीक्षा प्रदान करवाता, सदा सुखी हो जाता। शराब का नशा कुछ समय रहता है। परमात्मा के नाम भजन से हुए सुख का आनन्द सदा साथ रहता है।

उपरोक्त सत्संग आदरणीय संत रामपाल जी महाराज का सुन कर मेरी शराब छू मंत्र हो गई। आँखों से आंसु बह चले। घर चला गया, नींद नहीं आई । 1 जनवरी 1997 को दोपहर 1.30 बजे अपनी पत्नी को साथ लेकर संत रामपाल जी महाराज के पास गया, उनसे आत्म कल्याण के लिए उपदेश प्राप्त किया। उसके बाद आज (2005) तक शराब, तम्बाकु तथा मांस छुआ भी नहीं। मेरी पत्नी ने भी सतगुरु रामपाल जी से उपदेश लिया। उस दिन के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ है। डॉक्टरों के ईलाज तथा बीमारी की एक्स-रे आदि की रिपोर्ट आज भी हमारे घर रखी है।

जन-जन को दिखाते हैं। मेरी सर्व से प्रार्थना है कि आप भी प्रभु के चरणों में आओ संत रूप में आए परमेश्वर के संदेश वाहक संत रामपाल को पहचानों। मुफ्त नाम उपदेश प्राप्त करके कंप्या अपना कल्याण करवाऐं। सत साहेब |

भक्त जगदीश मोबाईल नं. 9268475242

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सतगुरु सुंदर रूप अपारा, सतगुरु तीन लोक से न्यारा ।सतगुरु साहिब एक शरीरा. सतगुरु बिना न लागे तीरा ॥
07/07/2023

सतगुरु सुंदर रूप अपारा, सतगुरु तीन लोक से न्यारा ।सतगुरु साहिब एक शरीरा. सतगुरु बिना न लागे तीरा ॥


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