namah sidham

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25/11/2023
15/11/2023

*बहुत हैरान करने वाली बात है की महावीर जी जैसे बड़े तीर्थ क्षेत्र पर अंदर मंदिर परिसर में आज गोवर्धन की स्थापना कर पूजा अर्चना की गई। हम और हमारा जैन धर्म कहाॅं से कहाॅं की ओर अग्रसर हो रहा है। चिंतन जरूर करें।अंधश्रध्दा, महामिथ्यात्व कब कैसे बंद होगा❓*

13 नवम्बर दिन सोमवार तीर्थंकर महावीर स्वामी का है मोक्ष कल्याणक , पावापुरी में हुआ था | आज के ही दिन रात्रि के अंतिम प्र...
11/11/2023

13 नवम्बर दिन सोमवार तीर्थंकर महावीर स्वामी का है मोक्ष कल्याणक , पावापुरी में हुआ था | आज के ही दिन रात्रि के अंतिम प्रहर व स्वाति नक्षत्र में 1000 मुनिराजों के साथ मोक्ष पद को प्राप्ति किया था | साक्षात दर्शन करें इस अंतिम कल्याणक क्षेत्र के ---

Vishudh sagar ji maharaj chaturmas in Baraut
11/11/2023

Vishudh sagar ji maharaj chaturmas in Baraut

Aacharya shri ke darshan karne pahucha  bharat ke primeminister narandra modi ji
06/11/2023

Aacharya shri ke darshan karne pahucha bharat ke primeminister narandra modi ji

28/10/2023

इक चाँद खिला था अम्बर में,
एक चाँद जमीं पर आया था।
शरद पूर्णिमा पर गुरुवर,
ये कैसा जादू छाया था।
तुम ज्ञानपुंज थे दागरहित ,
विद्याधर नाम कहाया था।
तुम्हारी आभा पर हो नतमस्तक,
अम्बर का चांद लजाया 🙏
संत शिरोमणी आचार्य भगवन परम पूज्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज के 77 वे अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏

28/10/2023

Vidhya sagar ji maharaj ji ke avtaran divas ke bahut bahut badai. Vidhyadhar se vidhyasagar tak ka safar.

26/10/2023

Diksha Maha mahotsav in baraut . Eight munirajo ki diksha.

Dikha Mahotsav
26/10/2023

Dikha Mahotsav

26/10/2023

Bhavya #

Avtaran divas ki bahut bhuta shubkamnaye.Namostu GurudevVidhyasagar maharaj ki jai ho.
10/10/2023

Avtaran divas ki bahut bhuta
shubkamnaye.
Namostu
Gurudev
Vidhyasagar maharaj ki jai ho.

22/09/2023

India ke Famous serial tarak mehata me jain dharm ke mahaparv daslakshan ke bare me bahut badia jankari di gi hai

दसलक्षण धर्म की जय 🙏🙏उत्तम क्षमा धर्म की जय 🙏🙏
19/09/2023

दसलक्षण धर्म की जय 🙏🙏
उत्तम क्षमा धर्म की जय 🙏🙏

अजमेर में गोधा गुवाडी स्थित अजमेर का सबसे प्राचीन भगवान पार्श्वनाथ जी का मंदिर।
14/09/2023

अजमेर में गोधा गुवाडी स्थित अजमेर का सबसे प्राचीन
भगवान पार्श्वनाथ जी का मंदिर।

14/09/2023

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13/09/2023

आचार्य श्री 108 भारत भूषण जी महाराज की सुशिष्या आर्यिका श्री 105 भवति भूषण मति माता जी का आज दिनांक 11 सितंबर 2023 को प्रातः ठीक 6:15 बजे धर्मनगरी खतौली उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट समाधि पूर्वक देह का विसर्जन हो गया है।
ॐ शान्ति ! शान्ति ! शान्ति !🙏

11/09/2023

क्या ह म भगवान को देख सकते है

11/09/2023

हमे जाप कैसे करनी चाहिए

एक महिला रोज मंदिर जाती थी एक दिन उस महिला ने पुजारी से कहा अब मैं मंदिर नही आया करूँगी इस पर पुजारी ने पूँछा क्यो ???तब...
11/09/2023

एक महिला रोज मंदिर जाती थी
एक दिन उस महिला ने पुजारी से कहा अब मैं मंदिर नही आया करूँगी

इस पर पुजारी ने पूँछा क्यो ???

तब महिला बोली मैं देखती हूं लोग मंदिर परिसर मे अपने फोन से अपने व्यापार की बात करते है

कुछ ने तो मंदिर को ही गपसप करने का स्थान चुन रखा है

कुछ पूजा कम पाखंड ज्यादा करते है

इस पर पुजारी कुछ देर तक चुप रहे फिर कहा सही हैं

परंतु अपना अंतिम निर्णय लेने से पहले आप मेरे कहने से कुछ कर सकती है।

महिला बोली -आप बताइए क्या करना है

पुजारी ने कहा- एक गिलास पानी से भरकर लीजिए औऱ 2 बार मंदिर परिसर के अंदर परिक्रमा लगाइए शर्त ये है कि गिलास का पानी गिरना नही चाहिये।

महिला बोली-मे ऐसा कर सकती हूँ फिर थोड़ी ही देर में उस महिला ने ऐसा कर दिखाया।

उसके बाद मंदिर के पुजारी ने महिला से 3 सवाल पूछे :-

1.क्या आपने किसी को फोन पर बात करते देखा

2.क्या आपने किसी को मंदिर मे गपसप करते देखा

3.क्या किसी को पाखंड करते देखा

महिला बोली-नही मैंने कुछ भी नही देखा

फिर पुजारी बोले- जब आप परिक्रमा लगा रही थी तो आपका पूरा ध्यान गिलास पर था कि इस मे से पानी न गिर जाए इसलिए आपको कुछ दिखाई नही दिया

अब जब भी आप मंदिर आये तो सिर्फ अपना ध्यान परम पिता परमात्मा में ही लगाना फिर आपको कुछ दिखाई ही नही देगा

सिर्फ भगवान ही सर्ववृत दिखाई देगा

Namostu bhagwan
10/09/2023

Namostu bhagwan

 #विश्व_के_प्रथम_शिक्षक जिन्होंने पुत्री ब्राह्मी को दाएं हाथ से लिपि लिखना सिखाया और दूसरी पुत्री सुंदरी को बाएं हाथ से...
07/09/2023

#विश्व_के_प्रथम_शिक्षक जिन्होंने पुत्री ब्राह्मी को दाएं हाथ से लिपि लिखना सिखाया और दूसरी पुत्री सुंदरी को बाएं हाथ से अंक विद्या का ज्ञान दिया। पुरुषों को 72 कलाएं और स्त्रियों को 64 जीवन निर्वाह उपयोगी कलाएं सिखलाईं।जिसमे कृषि करना,लोहे की वस्तुएं बनाना,पाक कला, शस्त्र विद्या , व्यापार करना, नृत्य, संगीत आदि सम्मिलित हैं
इतना ही नहीं सर्वप्रथम दिक्षा लेकर धर्म का ज्ञान भी दिया। विश्व के प्रथम शिक्षक आदिनाथ के चरणों में कोटी कोटी वंदना।
Happy teacher's day

*📢सभी साधर्मी जनों को सादर जयजिनेंद्र🙏🏻*👉एक वर्ष में हमारे द्वारा जितना भी अशुद्धि के माध्यम से पाप बंध होता है(सूतक पात...
03/09/2023

*📢सभी साधर्मी जनों को सादर जयजिनेंद्र🙏🏻*
👉एक वर्ष में हमारे द्वारा जितना भी अशुद्धि के माध्यम से पाप बंध होता है(सूतक पातक में या महिला अशुद्धि में इधर उधर स्पर्श करने से)उसके निराकरण करने के लिए हमें *चंदनाषष्ठी* व्रत करना चाहिए।यह व्रत भाद्रपद कृष्ण षष्ठी के दिन आता है(रक्षाबंधन के छठवे दिन)।यह व्रत घर के प्रत्येक सदस्य (जो ८ वर्ष के ऊपर है)को करना चाहिए।यह व्रत उपवास या फिर एकासन से करें।
*👉चंदनाषष्ठी व्रत की पूजा*
१] समुच्चय पूजा या नवदेवता पूजा
२] भगवान चंद्रप्रभ पूजा
*👇चंदनाषष्ठी व्रत के जाप*
१)श्री णमोकार महामन्त्र की १ माला
२)ऊँ ह्रीं अनंतानंत श्री परम सिध्देभ्यो नमो नमः की १माला
३)ऊँ ह्रीं अर्हम् श्री चंद्रप्रभ जिनेंद्राय नमः की १ माला
इसके अलावा धर्ममय दिन बिताने का प्रयास करें और अपने जीवन को सार्थक करें।जयजिनेंद्र जी।
*👉इस बार यह व्रत ०५/०९/|२०२३ को मंगलवार के दिन है।*
*✍साभार- व्रत कथा संग्रह*
*🔴वंदे श्री वीरशासनम्!*
*लेख क्रमांक~३६५*

मुनि महाराज सहते बाईस परिषहकरते विजय प्रात उनपरयदि नहीं हो शक्ति उनमे उसे सहन करने कीतो क्या करते वोउस समय ??अरे !उपसर्ग...
03/09/2023

मुनि महाराज
सहते बाईस परिषह
करते विजय प्रात उनपर
यदि नहीं हो शक्ति उनमे
उसे सहन करने की
तो क्या करते वो
उस समय ??
अरे !
उपसर्ग और परिषह
बताये उत्तर गुण मुनि के
यदि नहीं है शक्ति
तो वो
प्रतिकार कर सकते
उनको दूर कर सकते किंतु
उसमे अपने मूल गुणो का
उल्लंघन नहीं होने देते
जैसे मच्छर काट रहा
साधु उसे नहीं उड़ाता / हटाता
पिच्छी आदि से
अब साधु में नहीं है क्षमता
तो प्रतिकार करेगा
उसको वहाँ से हटाने का
मारेगा नहीं
मल आदि अटक जाये
तो उसे निकालने का
उद्यम तो कर लेगा
किंतु उसे
नहाकर दूर नहीं करेगा
अस्नान मूल गुण होता साधु का
क्षुधा परिषह सहन नहीं होती
तो उठता आहार के लिये
दिन में एक दफ़ा
ऐसा नहीं कर सकता
वो दो दफ़ा आहार नहीं करेगा
क्योंकि एक बार आहार का
ही निर्देश दिया उनको
आगम में,,,
इतना ही जाने इस विषय में !
नमोस्तु मुनिवर गुरुवर श्री

मैं अपनी दृष्टि में ऐसे लोगों को जैन मान ही नही सकता।जो चौबीस तीर्थकर भगवान के होते हुए भी।एक अधिष्ठायक देव के प्रति इतन...
03/09/2023

मैं अपनी दृष्टि में ऐसे लोगों को जैन मान ही नही सकता।
जो चौबीस तीर्थकर भगवान के होते हुए भी।
एक अधिष्ठायक देव के प्रति इतना राग रखते है। की उनके अतिरिक्त उन्हें और कोई भी अरिहंत, सिद्ध भगवान की मूरत, उनका ध्यान करना, उनका दर्शन करना।
कुछ भी दिखाई नही देता।
प्रोफाइल मे भी अधिष्ठायक देव ही रखते है।
ग्रुप भी अधिष्ठायक देव वाला ही पसंद करते, पोस्ट भी अधिष्ठायक देव की ही करते है।

जब आपकी आंखों में आपके अंतर मन में
आपकी अंतर आत्मा में
आपने अधिष्ठायक देव को बसा लिया है।
फिर आप जैन रह ही कहा गए।
आप कितने भी जैन उपवास, जाप, अरिहंत दर्शन कर लो।
आप कभी वीतराग पद प्राप्त नहीं कर सकते।
पिछले भव के पुण्य कर्म से ये भव तो जैन कुल में मिल गया।
लेकिन इसी प्रकार अधिष्ठायक देव देवियों के प्रति राग रहा।
तो अगले भव मे जैन कुल से कोसो दूर जन्म मिलेगा।

कुछ लोग समझते है अधिष्ठायको की शरण में जाने से उनकी पूजा भक्ति करने से।
उनके सारे कष्ट, रोग पीड़ा, निर्धनता सब दूर हो जाएगी। मगर ये सब तो आपके पिछले कर्मों पर निर्भर करता है।
अच्छे कर्म रहे होंगे तो अच्छा समय रहेगा।
बुरे कर्म करे होगें तो बुरा समय काटना ही पड़ेगा।
मगर इस लालच में पड़कर की
अधिष्ठायक देव आपका सब भला कर देंगे।आप अरिहंत भक्ति को उनसे बाट रहे हो।
और ये कर्म ये अंध भक्ति ही आपको जन्मों जन्मांत तक इस संसार में रोके रखेगी।
आपकी मुक्ति मे सदा बाधक रहेगी।
जब तीर्थकर भगवान स्वयं हमारे द्वारा किए कर्मों के विपरीत हमारे लिए कुछ नही कर सकते।
तो ये अधिष्ठायक देव तो तीर्थंकर भगवान के सेवक है।
फिर सेवकों से क्यों और कैसी अपेक्षा करते हो।
मालिक को छोड़कर क्यों अगले भव मे नौकर बनना चाहते हो।
बाकी आपकी मर्जी,
वीतरगी परमात्मा सद्बुद्धि दे सभी को।

जय जिनेन्द्र 👏👏

03/09/2023

बडी उम्र की कुँवारी लड़कियाँ घर बैठी हैं 👏🏻

अगर अभी भी माँ-बाप नहीं जागे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो सकती हैं।

हमारा समाज आज बच्चों के विवाह को लेकर इतना सजग हो गया है कि आपस में रिश्ते ही नहीं हो पा रहे हैं।

समाज में आज 27-28-32 उम्र तक की बहुत सी कुँवारी लडकियाँ घर बैठी हैं क्योंकि इनके सपने हैसियत से भी बहुत ज्यादा हैं ! इस प्रकार के कई उदाहरण हैं।

ऐसे लोगों के कारण समाज की छवि बहुत खराब हो रही है।

सबसे बडा मानव सुख, सुखी वैवाहिक जीवन होता है।

पैसा भी आवश्यक है, लेकिन कुछ हद तक।

पैसे की वजह से अच्छे रिश्ते ठुकराना गलत है। पहली प्राथमिकता सुखी संसार व अच्छा घर-परिवार होना चाहिये।

ज्यादा धन के चक्कर में अच्छे रिश्तों को नजर-अंदाज करना गलत है। "संपति खरीदी जा सकती है लेकिन गुण नहीं।"

मेरा मानना है कि घर-परिवार और लडका अच्छा देखें लेकिन ज्यादा के चक्कर में अच्छे रिश्ते हाथ से नहीं जाने दें।

सुखी वैवाहिक जीवन जियें।

30 की उम्र के बाद विवाह नहीं होता समझौता होता है और मेडिकल स्थिति से भी देखा जाए तो उसमें बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

आज उससे भी बुरी स्थिति कुंडली मिलान के कारण हो गई है।

आप सोचिए जिनके साथ कुंडली मिलती है लेकिन घर और लड़का अच्छा नहीं और जहाँ लड़के में सभी गुण हैं वहां कुण्डली नहीं मिलती और हम सब कुछ अच्छा होने के कारण भी कुण्डली की वजह से रिश्ता छोड़ देते हैं

आप सोच के देखें जिन लोगो के 36 में से 20 या फिर 36/36 गुण भी मिल गए फिर भी उनके जीवन में तकलीफें हो रही हैं, क्योंकि हमने लडके के गुण नहीं देखे |

पंडितों ने पढे लिखे आधुनिक समाज को एक सदी और पीछे धकेल दिया ! कुंडली मिलान के चक्कर में अच्छे रिश्ते नहीं हो पा रहे हैं।

आजकल समाज में लोग बेटी के रिश्ते के लिए (लड़के में) चौबीस टंच का सोना खरीदने जाते हैं, देखते-देखते चार पांच साल व्यतीत हो जाते हैं |

उच्च "शिक्षा" या "जॉब" के नाम पर भी समय व्यतीत कर देते हैं। लड़के देखने का अंदाज भी समय व्यतीत का अनोखा उदाहरण हो गया है?

खुद का मकान है कि नहीं? अगर है तो फर्नीचर कैसा है? घर में कमरे कितने हैं ? गाडी है कि नहीं? है तो कौनसी है? रहन-सहन, खान-पान कैसा है? कितने भाई-बहन हैं? बंटवारे में माँ-बाप किनके गले पड़े हैं? बहन कितनी हैं, उनकी शादी हुई है कि नहीं? माँ-बाप का स्वभाव कैसा है? घर वाले, नाते-रिश्तेदार आधुनिक ख्यालात के हैं कि नहीं?

बच्चे का कद क्या है?रंग-रूप कैसा है?शिक्षा, कमाई, बैंक बैलेंस कितना है? लड़का-लड़की सोशल मीडिया पर एक्टिव है कि नहीं? उसके कितने दोस्त हैं? सब बातों पर पूछताछ पूरी होने के बाद भी कुछ प्रश्न पूछने में और सोशल मीडिया पर वार्तालाप करने में और समय व्यतीत हो जाता है। हालात को क्या कहें माँ-बाप की नींद ही खुलती है 30 की उम्र पर। फिर चार-पाँच साल की यह दौड़-धूप बच्चों की जवानी को बर्बाद करने के लिए काफी है। इस वजह से अच्छे रिश्ते हाथ से निकल जाते हैं और माँ-बाप अपने ही बच्चों के सपनों को चूर चूर-चूर कर देते हैं।

एक समय था जब खानदान देख कर रिश्ते होते थे। वो लम्बे भी निभते थे | समधी-समधन में मान मनुहार थी। सुख-दु:ख में साथ था। रिश्ते-नाते की अहमियत का अहसास था।

चाहे धन-माया कम थी मगर खुशियाँ घर-आँगन में झलकती थी। कभी कोई ऊँची-नीची बात हो जाती थी तो आपस में बड़े-बुजुर्ग संभाल लेते थे। तलाक शब्द रिश्तों में था ही नहीं | दाम्पत्य जीवन खट्टे-मीठे अनुभव में बीत जाया करता था। दोनों एक-दूसरे के बुढ़ापे की लाठी बनते थे और पोते-पोतियों में संस्कारों के बीज भरते थे। अब कहां हैं वो संस्कार? आँख की शर्म तो इतिहास हो गई। नौबत आ जाती है रिश्तों में समझौता करने की।

लड़का-लड़की अपने समाज के नही होंगे तो भी चलेगा, ऐसी बातें भी सामने आ रही हैं।

आज समाज की लडकियाँ और लड़के खुले आम दूसरी जाति की तरफ जा रहे हैं और दोष दे रहे हैं कि समाज में अच्छे लड़के या लड़कियाँ मेरे लायक नहीं हैं। कारण लडकियाँ आधुनिकता की पराकाष्ठा पार कर गई है। जब ये लड़के-लड़कियाँ मन से मैरिज करते हैं तब ये कुंडली मिलान का क्या होता है ? तब तो कुंडली की कोई बात नहीं होती‌ | यही माँ बाप सब कुछ मान लेते हैं। तब कोई कुण्डली, स्टेटस, पैसा, इनकम बीच में कुछ भी नहीं आता।

अगर अभी भी माँ-बाप नहीं जागेंगे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो जाएंगी। समाज के लोगों को समझना होगा कि लड़कियों की शादी 22-23-24 में हो जाये और लड़का 25-26 का हो। सब में सब गुण नहीं मिलते।"

घर, गाड़ी, बंगला से पहले व्यवहार तोलो। माँ बाप भी आर्थिक चकाचोंध में बह रहे है । पैसे की भागम-भाग में मीलों पीछे छूट गए हैं, रिश्ते-नातेदार।

टूट रहे हैं घर परिवार | सूख रहा है प्रेम और प्यार।

परिवारों का इस पीढ़ी ने ऐसा तमाशा किया है कि आने वाली पीढ़ियां सिर्फ किताबों में पढ़ेंगी "संस्कार"।

समाज को अब जागना जरूरी है अन्यथा रिश्ते ढूंढते रह जाएंगे।"

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