कलयुगी माँ की काली करतूत कपकापाती ठंड मे बेटे को जन्नम देकर रहाड़ के खेत मे फेका क्रांति देवी बनी मशीहा.
नीमी गाँव के अरविन्द सिंह उर्फ़ मंगल सिंह अनुज भाई नवीन कुमार ने अपने माता पिता जय रानी देवी व कमेंद्र सिंह की इच्छा पूर्ति कर एक मिशाल कायम कर दिया उनके माता पिता की इच्छा हुई की गरीब लोगो को इस कपकाप्ति ठंड से बचने के लिए उनके वदन को कम्बल से ढँके तो पुत्र ने शेखोपुर सराय के 5 गॉवों के गरीब ग्रामीणों के बीच कुछ 500 वेस्किमित कम्बल दान किये. सिर्फ कम्बल हीं नहीं सुबह से बैठे ग्रामीणों को चाय. नास्ता का भी प्रबंध कर दिया.
नपं शेखोपुरसराय! नीमी गाँव में सोमवार का दिन मानवीय सेवा और सामाजिक समर्पण का अद्वितीय उदाहरण बना, जब गाँव के प्रतिष्ठित व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता अरविन्द कुमार उर्फ़ मंगल सिंह के अनुज भाई नवीन कुमार ने सैकड़ों गरीब ग्रामीणों के बीच कंबल वितरण का आयोजन किया। इस अवसर पर सुबह ही पंचायत के विभिन्न गाँव के ग्रामीण बड़ी संख्या में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।
गाँव में पहली बार इतना बड़ा कंबल वितरण कार्यक्रम
कार्यक्रम में न केवल कंबल वितरित किए गए, बल्कि वहाँ पहुंचे लोगों के लिए सुबह की चाय-नाश्ते और भोजन की भी व्यवस्था की गई। ग्रामीणों ने बताया कि नीमी गाँव में इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में कंबल वितरण का आयोजन कभी नहीं हुआ था।
मंगल सिंह की प्रेरणा और माता-पिता का आशीर्वाद
कार्यक्रम के दौरान मंगल सिंह ने कहा, "यह आयोजन मेरे माता-पिता, जय रानी देवी और कमेंद्र स
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माही मिश्रा गिनती के नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.
नीमी महाविद्यालय के प्रांगण में रविवार को ब्रह्मज्ञान कूलम के बैनर तले ब्राह्मण समाज और हिंदू राष्ट्र पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें मगध क्षेत्र के सैकड़ों ब्राह्मणों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत बरबीघा के मिशन चौक पर बजरंग बली की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद, भारी संख्या में ब्राह्मण समास स्थित विष्णु भगवान मंदिर और बाबा महेश की पूजा-अर्चना कर महाविद्यालय पहुंचे। वहां दीप प्रज्वलन के साथ सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। ब्राह्मण समाज और संस्कृति पर चिंता सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि इतिहास गवाह है कि ब्राह्मण समाज ने सदैव धर्म, नीति, और संस्कारों को दिशा दी है। आज ब्राह्मणों का मान-सम्मान और उनकी परंपराएं क्षीण हो रही हैं। संस्कृत, जो सभी विषयों की जननी है, विलुप्ति के कगार पर है। यदि इसे संरक्षित नहीं किया गया तो देश की स