06/10/2024
मुंबई के बीचो बीच एक 50 मंजिला बिल्डिंग....
सामने बड़ी सी बोर्ड में लिखा
आर
एस
इंडस्ट्रीज
बिल्डिंग के 20 वे. फ्लोर पर खड़ा एक लड़का अपने केबिन के विंडो से बाहर देखता हुआ कॉफी की सिप ले रहा था ।
तभी गेट नॉक हुआ
कमिंग ........
गेट से अंदर आता हुआ लड़का - सर 20 मिनट बाद आपकी मीटिंग है।
विंडो के पास खड़ा हुआ लड़का बिना उसकी ओर देखें पूछा - सारी तैयारियां हो गई??
यस सर
हम्मममम...
तभी वह लड़का बोला - सर यह फाइल इस पर आपके साइन ....
विंडो के पास वाला लड़का पलटता हुआ सामने एक 25-26 साल का लड़का जिसकी हाइट 6 फुट साफ गोरा रंग भूरी काले घने सिल्की बाल हल्की दाढ़ी मूछें ब्लू कलर का शर्ट ब्राउन कलर का थ्री पीस सूट पहने पैरों में ब्रांडेड चमचमाती जूते पहने हुए खड़ा था।
यह है रजत सिंघानिया , सिंघानिया इंडस्ट्रीज का मालिक इसका बिजनेस सिर्फ मुंबई में ही नहीं पूरी दुनिया में फैला हुआ है जाने-माने अरबपतियों में से एक रजत सिंघानिया बहुत ही कम उम्र में अपने बिजनेस को बहुत ही अच्छे तरीके से हैंडल किया। रजत जिसके पीछे सारी लड़कियां पागल है पर इसे किसी से कोई मतलब नहीं।
उस लड़के से फाइल लेकर उस पर साइन करने लग जाता है ।
सामने जो लड़का है आदित्य सिंह रजत का मैनेजर सेक्रेटरी दोस्त भाई सब है। यह अकेले रजत का गुस्सा सह सकता है। रजत की फैमिली में कोई नहीं है सिवाय एक दादी की और उसके बेटे समर्पण (सैम) के।
रजत - आदि आज का शेड्यूल क्या है?
आदि -आज मीटिंग के बाद हमें दादी के पास माथेरान (मुंबई से यह से 80- 90 किलोमीटर दूर एक बहुत खूबसूरत जगह है) जाना है।
दादी का कॉल आया था उन्होंने हमें बुलाया है।
रजत ने गहरी आंखों से आदि को देखा और बिना एक्सप्रेशन के कहा- तो तुम चले जाओ हमेशा तो तुम ही जाते हो ।
आदि - नहीं सर इस बार आपको भी जाना है दादी का आर्डर है।
और कुछ कहा है दादी ने?
नहीं सर।
ओके तो जाने की तैयारी करो हम मीटिंग के बाद निकलेंगे और पेपर रेडी कर लेना। तुम्हें पता है ना किस चीज का?
ओके सर..
डन.. लेट्स गो टू मीटिंग।
आखिर 2 घंटे बाद मीटिंग रूम में ......
कांग्रेचुलेशन मिस्टर सिंघानिया तो यह डील फाइनल रहा आप जल्द से जल्द काम शुरू कीजिए ।
रजत - ओके मिस्टर मल्होत्रा हम फाइनल स्ट्रक्चर के साथ साइट पर मिलते हैं। बाय सी यू सून ..
रजत के केबिन मे......
आदि -सर पेपर रेडी है ।
रजत- ओके चलो निकलते हैं ।
2 घंटों के सफर के बाद उनकी कार एक बंगले में रुकी। बांग्ला बहुत ज्यादा बड़ा तो नहीं था पर बहुत ही खूबसूरत था। आसपास का वातावरण बहुत शांति और सुकून भरा था। एक अलग ही शांति थी । सामने गार्डन के चारों तरफ की दीवारों से लगे फूलों के पौधों से फूलों की महक आ रही थी । पर इन सब को देखते हुए भी रजत का दिल शांत नहीं था वह अंदर जाने के लिए जैसे खुद से लड़ रहा था आंखों की कोरों पर हल्की नमी आ गई पर उसे अपनी भावनाओं को छुपाना आता था । फिर से वही बिना एक्सप्रेशन वाले अपने सख्त चेहरे के साथ वह अंदर बढ़ रहा था।। तभी ...
सामने से किसी मधुर हंसी की खनक उसके कानों से टकराई सामने से आती लड़की बिना सामने देखे दौड़ते हुए आ रही थी उसके पैरों में पड़े पायल की छन छन पूरे हवा में गूंज रही थी वह बार-बार पीछे मुड़ कर देख रही थी तभी उसका पैर मुड़ा और वह गिरने लगी उसने कस कर सपने अपनी आंखें मीच ली। पर गिरने से पहले ही दो मजबूत हाथों ने उसे पकड़ लिया । अब रजत का हाथ उस लड़की के कमर पर था दोनों की आंखें टकराई .... गहरी काली आंखें उसमें गहरा घना काजल लगा तीखी नाक पतली होंठ जिसमें हल्के गुलाबी लिपस्टिक की पतली परत माथे पर छोटी सी बिंदी और माथे पर निकले बाल जो हवा में उसके चेहरे पर आ रहे थे ।
दोनों एक दूसरे में ही खोए रहते तभी एक बच्चे के हंसने की आवाज आई दोनों झेंपते हुए एक दूसरे से अलग हुए।
वह बच्चा - मम्मा हाल गई ..... मम्मा हाल गई....
वह बच्चा अपनी तोतली और लड़खड़ाती जुबान से बोल रहा था तभी पीछे से आते हुए आदि ने कहा हे चैम्प कैसे हो ?
मैं अच्छा हूं मामू वह बच्चा अटक अटक कर बोला आदि ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और उस लड़की की तरफ देखते हुए कहा- सुधा जी आप कैसी हैं?
सुधा - हम अच्छे हैं। आप कैसे हैं आदि भैया ?
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कागज पर शुरू हुआ सफर कब लड़ते झगड़ते प्यार में बदल जाए देखना होगा.......