26/08/2023
सांप्रदायिकता की इसी भावना को खत्म करने के लिए भारतीय संविधान ने पहले डिक्लेयर कर दिया है कि राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध के केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगा।
मुझे पीड़ा इस बात को देखकर और ज्यादा हो रही है कि आप एक महिला होकर पीड़ित बच्चे की दर्द पर हंस रही है। आपने एक बार ये भी नही सोचा कि इस का कितना गहरा असर उस मासूम पर पड़ेगा। विधि के समक्ष सभी समान है इसलिये इन पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिये।