Avinash Kumar

Avinash Kumar Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from Avinash Kumar, Digital creator, Aurangabad.

सुभाष चंद्र बोस: एक प्रेरणादायक जीवन की कहानीसुभाष चंद्र बोस, जिन्हें नेताजी के नाम से जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता स...
07/01/2025

सुभाष चंद्र बोस: एक प्रेरणादायक जीवन की कहानी

सुभाष चंद्र बोस, जिन्हें नेताजी के नाम से जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता और महानायक थे। उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और देशभक्ति का एक अद्वितीय उदाहरण है। उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में एक संपन्न और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उनके पिता जानकीनाथ बोस एक प्रसिद्ध वकील थे और उनकी माता प्रभावती देवी एक धार्मिक महिला थीं।

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
सुभाष बचपन से ही एक बुद्धिमान और कर्तव्यनिष्ठ विद्यार्थी थे। उन्होंने कटक के रेवेनशॉ कॉलेजिएट स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। पढ़ाई में उनकी गहरी रुचि थी और वे हमेशा अपने शिक्षक और सहपाठियों के प्रिय थे। इसके बाद उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातक किया और प्रथम स्थान प्राप्त किया।

उनके माता-पिता चाहते थे कि वे भारतीय सिविल सेवा (ICS) में जाएं, जो उस समय एक प्रतिष्ठित करियर माना जाता था। सुभाष ने अपने माता-पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए इंग्लैंड जाकर सिविल सेवा की परीक्षा दी और 1920 में वह चौथे स्थान पर आए। लेकिन उनका मन अंग्रेजी सरकार की सेवा करने में नहीं था।

स्वतंत्रता संग्राम में प्रवेश
सुभाष चंद्र बोस का झुकाव शुरू से ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ओर था। महात्मा गांधी के नेतृत्व में हो रहे असहयोग आंदोलन ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। उन्होंने ICS की नौकरी छोड़ दी और देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

1921 में, वे कोलकाता लौटे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए। चितरंजन दास उनके राजनीतिक गुरु बने। सुभाष ने चितरंजन दास के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई। धीरे-धीरे, वे कांग्रेस के युवा वर्ग के प्रमुख नेता बन गए।

नेताजी का उदय
सुभाष चंद्र बोस का दृष्टिकोण अन्य स्वतंत्रता सेनानियों से अलग था। महात्मा गांधी अहिंसा और सत्याग्रह में विश्वास करते थे, जबकि सुभाष का मानना था कि भारत को आजाद कराने के लिए सशस्त्र संघर्ष और बल प्रयोग आवश्यक है।

1938 में सुभाष चंद्र बोस को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए एक निर्णायक रुख अपनाया। लेकिन गांधीजी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ उनके मतभेद उभरने लगे। 1939 में, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी अलग पार्टी 'फॉरवर्ड ब्लॉक' की स्थापना की।

विदेश में आजादी की लड़ाई
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सुभाष चंद्र बोस ने महसूस किया कि यह भारत की आजादी का सबसे अच्छा समय हो सकता है। 1941 में, उन्होंने अंग्रेजों की नजरों से बचकर भारत छोड़ दिया और जर्मनी पहुंचे। वहां उन्होंने हिटलर से मुलाकात की और भारत की आजादी के लिए समर्थन मांगा।

जर्मनी के बाद, वे जापान गए। जापान में उन्होंने आजाद हिंद फौज (इंडियन नेशनल आर्मी - INA) का गठन किया। इस फौज में भारतीय सैनिक और दक्षिण-पूर्व एशिया के भारतीय प्रवासी शामिल थे। सुभाष चंद्र बोस ने "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" का नारा दिया, जो भारतीयों के दिलों में आजादी के प्रति जोश भर गया।

आजाद हिंद फौज और संघर्ष
आजाद हिंद फौज ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नई ऊर्जा भरी। सुभाष ने अपने सैनिकों को भारत की धरती पर कदम रखने और अंग्रेजों से लड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भारतीय तिरंगा उठाकर स्वतंत्र भारत की सरकार की स्थापना की, जिसे कई देशों ने मान्यता भी दी।

1944 में, आजाद हिंद फौज ने भारत के पूर्वोत्तर सीमा क्षेत्र में प्रवेश किया और अंग्रेजी सेना से युद्ध किया। हालांकि, फौज को पर्याप्त संसाधन और सहयोग न मिल पाने के कारण यह अभियान सफल नहीं हो सका।

रहस्यमयी मृत्यु
सुभाष चंद्र बोस का जीवन जितना प्रेरणादायक था, उनकी मृत्यु उतनी ही रहस्यमयी है। 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु की खबर आई। हालांकि, उनकी मृत्यु को लेकर कई विवाद और रहस्य आज भी बने हुए हैं। कई लोग मानते हैं कि वे विमान दुर्घटना में नहीं मरे और जीवन के अंत तक आजादी के लिए संघर्ष करते रहे।

सुभाष चंद्र बोस की विरासत
सुभाष चंद्र बोस का जीवन हमें यह सिखाता है कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समर्पण, साहस और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। वे एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने अपने देशवासियों के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।

उनकी प्रसिद्ध पंक्तियाँ "जय हिंद" और "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजती हैं। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अविस्मरणीय है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस न केवल भारत के बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

निष्कर्ष
सुभाष चंद्र बोस का जीवन त्याग, संघर्ष और देशभक्ति का प्रतीक है। उन्होंने न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी, बल्कि भारत के लोगों को आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता का महत्व भी समझाया। उनकी कहानी हर भारतीय को प्रेरित करती है कि जब लक्ष्य बड़ा हो, तो हर बाधा को पार किया जा सकता है। नेताजी का जीवन और उनके आदर्श सदैव हमारे लिए प्रेरणा स्रोत बने ! ....✍️अविनाश की कलम से

1991 में भारत को आर्थिक संकट से उबारने वाले, प्रख्यात अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का न...
27/12/2024

1991 में भारत को आर्थिक संकट से उबारने वाले, प्रख्यात अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का निधन देश के लिये अत्यंत दुखद और अपूरणीय क्षति है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व ने देश को आर्थिक प्रगति की दिशा में नई राह दिखाई।

उनका योगदान भारत के इतिहास में सदैव स्मरणीय रहेगा। मैं उन्हें विनम्र आदरांजलि अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ उनके परिजनों और समर्थकों के साथ हैं, प्रकृति उनके परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें। 😞🙏🏻

16/02/2024

13/02/2024

लोग कितना भी गुमराह करले, लेकिन अपना अस्तित्व नहीं बदलना चाहिए|

14/12/2023

इंसानियत ही धर्म है
17/04/2023

इंसानियत ही धर्म है

01/04/2023

Amarjeet jaiker sing a song

अपनी गृहस्थी को कुछ इस तरह से बचा लिया करो|
27/03/2023

अपनी गृहस्थी को कुछ इस तरह से बचा लिया करो|

22/03/2023
14/03/2023

गरीबी की ढकन हटाओ

I've received 100 reactions to my posts in the past 30 days. Thanks for your support. 🙏🤗🎉
14/03/2023

I've received 100 reactions to my posts in the past 30 days. Thanks for your support. 🙏🤗🎉

Address

Aurangabad
824102

Telephone

+19798141841

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Avinash Kumar posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Avinash Kumar:

Videos

Share