28/05/2024
नवमेश की स्थिति
नवम भाव के स्वामी नवम भाव में विराजमान हो या केंद्र या त्रिकोण में शुभ राशि में विराजमान हो तो भाग्य की विशेष उन्नति होती है । ऐसे व्यक्ति धर्म का पालन करते हैं ।
यदि नवम भाव के स्वामी का केंद्र के किसी भाव (विशेष करके
चतुर्थेश एवं दशमेश) के स्वामी के साथ शुभ भाव में शुभ योग बने तो
इसे राजयोग माना जाता है ।
यदि लग्नेश नवम भाव में विराजमान हो तो ऐसे व्यक्ति भाग्यशाली होते हैं।
सप्तम भाव का स्वामी नवम भाव में विराजमान हो तो भाग्यशाली जीवनसाथी प्राप्त होते – होती है ।
यदि प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा का योग अच्छा हो एवं नवम भाव एवं नवमेश की स्थिति अच्छी हो तो उच्च शिक्षा बहुत अच्छी प्राप्त होती है ।
कुछ ग्रंथों में पिता के स्वामी को दशम भाव के अलावा नवम भाव के स्वामी को भी माना जाता है ।
नवमेश यदि 6, 8 या 12 भाव में विराजमान हो तो भाग्य की उन्नति में कठिनाई तथा परेशानियों का सामना करना पड़ता है । 8 या 12 भाव में विराजमान हो तो भाग्य की उन्नति जन्म स्थान से बहुत दूर या बाहरी स्थानों के संपर्क से होती है ।