Goverment Health And Family Welfare Department Surguja C.G.

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माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन श्री विष्णु देव साय जी  CMO Chhattisgarh एवं माननीय स्वास्थ मंत्री छत्तीसगढ़ शासन श्री...
07/01/2024

माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन श्री विष्णु देव साय जी CMO Chhattisgarh एवं माननीय स्वास्थ मंत्री छत्तीसगढ़ शासन श्री श्याम बिहारी जयसवाल जी का प्रथम नगर आगमन पर हार्दिक अभिनंदन और स्वागत स्वास्थ विभाग सरगुजा करता है। DPR Chhattisgarh Ministry of Health and Family Welfare, Government of India Goverment Health And Family Welfare Department Surguja C.G.

https://youtu.be/U2_EITyaLKo
23/12/2023

https://youtu.be/U2_EITyaLKo

Ambikapur: Corona से डरने की जरूरत नहीं बल्कि सचेत रहने की जरूरत है | IBC24 Surguja ...

19/09/2023
19/09/2023
*लड़े हैं जीते हैं कार्यक्रम में सम्मानित हुए सरगुजा के कोरोना वारियर्स**रेडक्रॉस सोसायटी के इस आयोजन में उपमुख्यमंत्री ...
27/08/2023

*लड़े हैं जीते हैं कार्यक्रम में सम्मानित हुए सरगुजा के कोरोना वारियर्स*
*रेडक्रॉस सोसायटी के इस आयोजन में उपमुख्यमंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने पुरस्कार प्रदान किया*

*अंबिकापुर, 26 अगस्त, 2023।* आज अंबिकापुर के पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में ‘लड़े हैं जीते हैं’ कार्यक्रम संपन्न हुआ। रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सरगुजा के कोरोना वारियर्स को सम्मानित किया गया। उपमुख्यमंत्री श्री टीएस सिंहदेव जी ने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने ‘लड़े हैं जीते हैं’ के मंच से सरगुजा जिले के कोरोना वारियर्स को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस कार्यक्रम में कोरोना काल में उत्कृष्ट योगदान के लिए 1000 से अधिक कोरोना वारियर्स को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। पुरस्कृतों में कई ऐसे थे जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से ज़रूरतमंदों की सहायता की। साथ ही वो भी थे जिन्होंने एक समूह के रूप कोरोना से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
पुरस्कार पाने वालो में मितानिनें, मरीज़ों की सेवा करने वाले निजी अस्पताल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मीडिया कर्मी शामिल हैं। इनके साथ-साथ नर्स, आरएचओ, पुलिस कर्मियों, ऑक्सीजन की आपूर्ति में योगदान देने वाले एनजीओ को सम्मानित किया गया। कई लैब टेक्नीशियन ने इस दौरान संक्रमित लोगों की पहचान हेतु जांच में महत्वपूर्ण योगदान दिया। फील्ड स्टाफ द्वारा सरगुजा जिले में कंटेनमेंट ज़ोन की पहचान और दवा का किट वितरण करने में योगदान दिया गया। लड़े हैं जीते हैं कार्यक्रम में इन्हें भी रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में कोरोना वारियर्स के योगदान को चित्रित करते थीम गीत को लॉन्च किया गया। पैनल डिस्कशन और जन संवाद कार्यक्रम के दौरान शहर के गणमान्य नागरिकों ने कोरोना काल में अपना अनुभव साझा किया। साथ उपस्थित आमजनों ने भी कोरोना वारियर्स के योगदान पर अपनी बात पर कही और शंका के निवारण हेतु सवाल भी किए।इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री टी एस सिंहदेव को कोरोना वारियर्स के रूप में सम्मानित किया गया। उन्हें सम्मानित करते हुए जिला स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी श्री पी एल सिसोदिया ने कहा कि बतौर स्वास्थ्य मंत्री कोविड काल में उनका योगदान अतुलनीय था। कार्यक्रम के आखिर में ड्यूटी के दौरान संक्रमण से मृत कोरोना वारियर्स को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम के दौरान मंच पर डॉ प्रीतम राम, औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक, श्री जे पी श्रीवास्तव, श्री द्वितेंद्र मिश्र, श्री राकेश गुप्ता, डॉ आर्या, डॉ आर एन गुप्ता, डॉ जे के रेलवानी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान शहर के गणमान्य नागरिक भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ अमीन फिरदौसी ने किया।

कोविड की विभीषिका का पहले ही अनुमान लगा लिया था- टी0एस0 सिंहदेव

इस कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री टी0एस0सिंहदेव को कोविड काल की स्मिृतियों पर बोलने के लिये निवेदन किया गया था। बतौर स्वास्थ्य मंत्री कोविड काल के अनुभवों पर उन्होंने बडी ही गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सत्ता सम्हालने के महज 1 वर्ष के भीतर ही चीन से आ रही इस बडी आफत को उन्होंने भांप लिया था। उन्होंने जानकारी दी कि 18 मार्च 2020 को जब छत्तीसगढ में कोविड का पहला केस आया था उसके तीन चार माह पूर्व ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बिमारी से निपटने के लिये एक आधारभूत चिकित्सीय ढांचे का निर्माण कर लिया था। इसी कारण छत्तीसगढ में कोविड के शुरुआती दौर में जब कम केस आ रहे थे तब रायपुर में कोविड नियंत्रण के लिये बने अस्पताल में लोगों का इलाज किया। इस दौरान विभिन्न जिलों के जिला अस्पतालों में भी तेजी से कोविड चिकित्सा इकाईयों का गठन किया गया। अम्बिकापुर के कोविड वार्ड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब अम्बिकापुर में कोविड का पहला मामला आया तब स्वास्थ्य विभाग सशंकित था कि मरीज का इलाज अम्बिकापुर में किया जाये या उसे रायपुर लाया जाये। तब मैने अम्बिकापुर की मेडिकल टीम पर भरोषा करते हुए मरीज का इलाज अम्बिकापुर के कोविड सेंटर में कराने का निर्णय लिया। सरगुजा के पहले कोविड मरीज का सफलतापूर्वक अम्बिकापुर के कोविड सेंटर में इलाज हुआ और इसके बाद अम्बिकापुर के कोविड सेंटर के साथ ही विभिन्न अस्पतालों में हजारो मरीजों का इलाज किया गया। अपने 45 मिनट के उद्बोधन में उन्होंने कहा कि जहां कोविड के नकारात्मक पक्ष की बहुतायत है वहीं इसके कई सकारात्मक परिणाम भी सामने आये। कोविड बिमारी के प्रबंधन में समूचे छत्तीसगढ में चिकित्सा क्षेत्र के आधारभूत ढांचे में अभूतपूर्व बढोत्तरी हुई है।सैकडों आई0सी0यू0 बेड तैयार हुए हैं। सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हुए हैं। कोविड के दौरान चेस्ट स्केन की सुविधा स्थापित करने के लिये सभी जिला चिकित्सालयों में सिटी स्केन मशीन लगाया गया, जो आज दूसरी व्याधियों के लिये उपयोग में आ रहा है। कोविडकाल में पूरे देश में मात्र पुणे में कोविड का वॉयरोलॉजी लैब था। आज अकेले छत्तीसगढ में ऐसे लैब की संख्या 14 से अधिक है। कोविडकॉल में छत्तीसगढ के कटघोरा में जो प्रथम व्यापक संक्रमण का फैलाव हुआ था पर एक रोचक प्रसंग का उन्होंने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब कटघोरा में एक साथ कई केस आये तब कोविड के लिये तैयार अमले में इसका सामना करने में कुछ हिचक-कुछ भय को मैने देखा जो कि मानव स्वभाव के अनुसार स्वभाविक था। तब मैने तय किया कि मै स्वयं वहां जाउंगा। उस वक्त मेरी आयु 68 वर्ष की थी। मेरे उत्साह को देख मेरी तब की स्वास्थ्य सचिव ने मुझे झिडकी दी और कहा कि मेरी आयु के मुताबिक यह सही नहीं है। लेकिन मेरे वहां जाने के उत्साह ने कोविड अमले में सक्रीयता ला दी। उन्होंने बताया कि कोविड वार रुम उनके बंगले के बगल में रेस्ट हाउस में बना था। इस वार रुम में निरंतर ऐसे लोगों का आनाजाना था जो सीधे कोविड के इलाज प्रक्रिया से जुडे हुए थे। इस वजह से स्टाफ के 60-70 लोग संक्रमित हो गये। मुझे स्वयं भी 3 बार कोविड संक्रमण हुआ। इतने संक्रमण के बावजूद भी स्टाफ ने कोविड काल में बेहद सक्रीयता से काम किया जिसके कारण मुझे अपने स्टाफ पर गर्व है। उन्होंने जानकारी दी कि आज तक कोविड की बीमारी का कोई सटीक इलाज सामने नहीं आया है। कोविड के तीन दौर में प्रदेश में 14190 मौतों का उन्होंने जिक्र किया। जिसमें सर्वाधिक मौतें वर्ष 2021 मंे कोविड के दूसरे दौर में मार्च से मई के बीच हुई जो 9000 से अधिक थी। उन्होंने कहा कि मौतों को देख हताश हो जाता था। कोई दिशा नहीं थी। विशेषज्ञों की अलग-अलग राय के बिच हमें नितियों का निर्धारण करना पडता था जो कि किसी अंधे कुॅंए में झांकने के समान था। कोविड का न तो कल कोई इलाज था न आज है। इलाज के नाम पर एक शून्य है जिसमें जाकर लडकर हमने कोविड पर जीत दर्ज की है।

एक अनूठा आयोजन

जिला रेडक्रॉस सोसायटी के द्वारा कोविड वारियरर्स के सम्मान का यह कार्यक्रम न केवल वृहद था, साथ ही अनूठा भी था। इस कार्यक्रम को जिला रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन श्री आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने एक दृष्टि दिया था। एक सामान्य कार्यक्रम में सम्मान पत्र वितरण के विपरीत उन्होंने यह तय किया कि कार्यक्रम के दौरान कोविडकाल के विस्मृतियों को सामने रखा जायेगा। उन परिस्थितियों में कार्य करने वाले लोगों के अनुभवों को सामने लाया जायेगा। कार्य करने के वास्तविक क्षणों से संबंधित वीडियो को कार्य करने वालों के अनुभवों के साथ वृतचित्र के रुप में जब बडे डिजिटल स्क्रीन पर सामने रखा गया तब खचाखच भरे कॉलेज ऑडीटोरियम के एक-एक व्यक्ति के स्मृति पटल पल हाल में घटित कोविड केे बुरे अनुभव ताजा हुए। श्री आदित्येश्वर शरण सिहदेव ने कहा कि जबतक उन परिस्थितियों की जानकारी नहीं होगी, जिनमें कोविड वारियर्स ने काम किया तबतक उन्हें दिये जाने वाले सम्मान से हम रुबरु नहीं होंगे। कोविड कॉल के दौरान भी श्री आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने जिला रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से कई महत्वपूर्ण कार्य किये थे, जिसके लिये तत्कानिक राज्यपाल एवं रेडक्रॉस सोयायटी की चेयरमैन श्रीमति अनुसुईया उईके ने उन्हें प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया था। T. S. BABA
Aadityeshwar Saran Singh Deo Surguja District Ministry of Health and Family Welfare, Government of India Department of Health & Family Welfare, Chhattisgarh

27/08/2023

60 victims were examined in a camp organized to deal with cancer, symptoms of cancer were found in 12

27/08/2023
27/08/2023

Corona Warriors of Surguja honored in the program have fought and won

अंबिकापुर,@लड़े हैं…जीते हैं…कार्यक्रम में सम्मानित हुए सरगुजा के कोरोना वारियर्स
27/08/2023

अंबिकापुर,@लड़े हैं…जीते हैं…कार्यक्रम में सम्मानित हुए सरगुजा के कोरोना वारियर्स

अंबिकापुर,26 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। अंबिकापुर के पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में ‘लड़े हैं जीते हैं’ कार्यक्रम संपन्न हुआ। र...

*लड़े हैं जीते हैं कार्यक्रम में सम्मानित हुए सरगुजा के कोरोना वारियर्स*https://www.surgujanewstoday.com/archives/4776   ...
27/08/2023

*लड़े हैं जीते हैं कार्यक्रम में सम्मानित हुए सरगुजा के कोरोना वारियर्स*

https://www.surgujanewstoday.com/archives/4776
*सरगुजा न्यूज टुडे*

लड़े हैं जीते हैं कार्यक्रम में सम्मानित हुए सरगुजा के कोरोना वारियर्सरेडक्रॉस सोसायटी के इस आयोजन में उपमुख्यमं....

27/08/2023

*लड़े हैं जीते हैं कार्यक्रम में सम्मानित हुए सरगुजा के कोरोना वारियर्स*

*रेडक्रॉस सोसायटी के इस आयोजन में उपमुख्यमंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने पुरस्कार प्रदान किया*

*अंबिकापुर, 26 अगस्त, 2023।* आज अंबिकापुर के पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में ‘लड़े हैं जीते हैं’ कार्यक्रम संपन्न हुआ। रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सरगुजा के कोरोना वारियर्स को सम्मानित किया गया। उपमुख्यमंत्री श्री टीएस सिंहदेव जी ने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने ‘लड़े हैं जीते हैं’ के मंच से सरगुजा जिले के कोरोना वारियर्स को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस कार्यक्रम में कोरोना काल में उत्कृष्ट योगदान के लिए 1000 से अधिक कोरोना वारियर्स को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। पुरस्कृतों में कई ऐसे थे जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से ज़रूरतमंदों की सहायता की। साथ ही वो भी थे जिन्होंने एक समूह के रूप कोरोना से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
पुरस्कार पाने वालो में मितानिनें, मरीज़ों की सेवा करने वाले निजी अस्पताल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मीडिया कर्मी शामिल हैं। इनके साथ-साथ नर्स, आरएचओ, पुलिस कर्मियों, ऑक्सीजन की आपूर्ति में योगदान देने वाले एनजीओ को सम्मानित किया गया। कई लैब टेक्नीशियन ने इस दौरान संक्रमित लोगों की पहचान हेतु जांच में महत्वपूर्ण योगदान दिया। फील्ड स्टाफ द्वारा सरगुजा जिले में कंटेनमेंट ज़ोन की पहचान और दवा का किट वितरण करने में योगदान दिया गया। लड़े हैं जीते हैं कार्यक्रम में इन्हें भी रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में कोरोना वारियर्स के योगदान को चित्रित करते थीम गीत को लॉन्च किया गया। पैनल डिस्कशन और जन संवाद कार्यक्रम के दौरान शहर के गणमान्य नागरिकों ने कोरोना काल में अपना अनुभव साझा किया। साथ उपस्थित आमजनों ने भी कोरोना वारियर्स के योगदान पर अपनी बात पर कही और शंका के निवारण हेतु सवाल भी किए।इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री टी एस सिंहदेव को कोरोना वारियर्स के रूप में सम्मानित किया गया। उन्हें सम्मानित करते हुए जिला स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी श्री पी एल सिसोदिया ने कहा कि बतौर स्वास्थ्य मंत्री कोविड काल में उनका योगदान अतुलनीय था। कार्यक्रम के आखिर में ड्यूटी के दौरान संक्रमण से मृत कोरोना वारियर्स को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम के दौरान मंच पर डॉ प्रीतम राम, औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक, श्री जे पी श्रीवास्तव, श्री द्वितेंद्र मिश्र, श्री राकेश गुप्ता, डॉ आर्या, डॉ आर एन गुप्ता, डॉ जे के रेलवानी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान शहर के गणमान्य नागरिक भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ अमीन फिरदौसी ने किया।

कोविड की विभीषिका का पहले ही अनुमान लगा लिया था- टी0एस0 सिंहदेव

इस कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री टी0एस0सिंहदेव को कोविड काल की स्मिृतियों पर बोलने के लिये निवेदन किया गया था। बतौर स्वास्थ्य मंत्री कोविड काल के अनुभवों पर उन्होंने बडी ही गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सत्ता सम्हालने के महज 1 वर्ष के भीतर ही चीन से आ रही इस बडी आफत को उन्होंने भांप लिया था। उन्होंने जानकारी दी कि 18 मार्च 2020 को जब छत्तीसगढ में कोविड का पहला केस आया था उसके तीन चार माह पूर्व ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बिमारी से निपटने के लिये एक आधारभूत चिकित्सीय ढांचे का निर्माण कर लिया था। इसी कारण छत्तीसगढ में कोविड के शुरुआती दौर में जब कम केस आ रहे थे तब रायपुर में कोविड नियंत्रण के लिये बने अस्पताल में लोगों का इलाज किया। इस दौरान विभिन्न जिलों के जिला अस्पतालों में भी तेजी से कोविड चिकित्सा इकाईयों का गठन किया गया। अम्बिकापुर के कोविड वार्ड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब अम्बिकापुर में कोविड का पहला मामला आया तब स्वास्थ्य विभाग सशंकित था कि मरीज का इलाज अम्बिकापुर में किया जाये या उसे रायपुर लाया जाये। तब मैने अम्बिकापुर की मेडिकल टीम पर भरोषा करते हुए मरीज का इलाज अम्बिकापुर के कोविड सेंटर में कराने का निर्णय लिया। सरगुजा के पहले कोविड मरीज का सफलतापूर्वक अम्बिकापुर के कोविड सेंटर में इलाज हुआ और इसके बाद अम्बिकापुर के कोविड सेंटर के साथ ही विभिन्न अस्पतालों में हजारो मरीजों का इलाज किया गया। अपने 45 मिनट के उद्बोधन में उन्होंने कहा कि जहां कोविड के नकारात्मक पक्ष की बहुतायत है वहीं इसके कई सकारात्मक परिणाम भी सामने आये। कोविड बिमारी के प्रबंधन में समूचे छत्तीसगढ में चिकित्सा क्षेत्र के आधारभूत ढांचे में अभूतपूर्व बढोत्तरी हुई है।सैकडों आई0सी0यू0 बेड तैयार हुए हैं। सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हुए हैं। कोविड के दौरान चेस्ट स्केन की सुविधा स्थापित करने के लिये सभी जिला चिकित्सालयों में सिटी स्केन मशीन लगाया गया, जो आज दूसरी व्याधियों के लिये उपयोग में आ रहा है। कोविडकाल में पूरे देश में मात्र पुणे में कोविड का वॉयरोलॉजी लैब था। आज अकेले छत्तीसगढ में ऐसे लैब की संख्या 14 से अधिक है। कोविडकॉल में छत्तीसगढ के कटघोरा में जो प्रथम व्यापक संक्रमण का फैलाव हुआ था पर एक रोचक प्रसंग का उन्होंने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब कटघोरा में एक साथ कई केस आये तब कोविड के लिये तैयार अमले में इसका सामना करने में कुछ हिचक-कुछ भय को मैने देखा जो कि मानव स्वभाव के अनुसार स्वभाविक था। तब मैने तय किया कि मै स्वयं वहां जाउंगा। उस वक्त मेरी आयु 68 वर्ष की थी। मेरे उत्साह को देख मेरी तब की स्वास्थ्य सचिव ने मुझे झिडकी दी और कहा कि मेरी आयु के मुताबिक यह सही नहीं है। लेकिन मेरे वहां जाने के उत्साह ने कोविड अमले में सक्रीयता ला दी। उन्होंने बताया कि कोविड वार रुम उनके बंगले के बगल में रेस्ट हाउस में बना था। इस वार रुम में निरंतर ऐसे लोगों का आनाजाना था जो सीधे कोविड के इलाज प्रक्रिया से जुडे हुए थे। इस वजह से स्टाफ के 60-70 लोग संक्रमित हो गये। मुझे स्वयं भी 3 बार कोविड संक्रमण हुआ। इतने संक्रमण के बावजूद भी स्टाफ ने कोविड काल में बेहद सक्रीयता से काम किया जिसके कारण मुझे अपने स्टाफ पर गर्व है। उन्होंने जानकारी दी कि आज तक कोविड की बीमारी का कोई सटीक इलाज सामने नहीं आया है। कोविड के तीन दौर में प्रदेश में 14190 मौतों का उन्होंने जिक्र किया। जिसमें सर्वाधिक मौतें वर्ष 2021 मंे कोविड के दूसरे दौर में मार्च से मई के बीच हुई जो 9000 से अधिक थी। उन्होंने कहा कि मौतों को देख हताश हो जाता था। कोई दिशा नहीं थी। विशेषज्ञों की अलग-अलग राय के बिच हमें नितियों का निर्धारण करना पडता था जो कि किसी अंधे कुॅंए में झांकने के समान था। कोविड का न तो कल कोई इलाज था न आज है। इलाज के नाम पर एक शून्य है जिसमें जाकर लडकर हमने कोविड पर जीत दर्ज की है।

एक अनूठा आयोजन

जिला रेडक्रॉस सोसायटी के द्वारा कोविड वारियरर्स के सम्मान का यह कार्यक्रम न केवल वृहद था, साथ ही अनूठा भी था। इस कार्यक्रम को जिला रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन श्री आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने एक दृष्टि दिया था। एक सामान्य कार्यक्रम में सम्मान पत्र वितरण के विपरीत उन्होंने यह तय किया कि कार्यक्रम के दौरान कोविडकाल के विस्मृतियों को सामने रखा जायेगा। उन परिस्थितियों में कार्य करने वाले लोगों के अनुभवों को सामने लाया जायेगा। कार्य करने के वास्तविक क्षणों से संबंधित वीडियो को कार्य करने वालों के अनुभवों के साथ वृतचित्र के रुप में जब बडे डिजिटल स्क्रीन पर सामने रखा गया तब खचाखच भरे कॉलेज ऑडीटोरियम के एक-एक व्यक्ति के स्मृति पटल पल हाल में घटित कोविड केे बुरे अनुभव ताजा हुए। श्री आदित्येश्वर शरण सिहदेव ने कहा कि जबतक उन परिस्थितियों की जानकारी नहीं होगी, जिनमें कोविड वारियर्स ने काम किया तबतक उन्हें दिये जाने वाले सम्मान से हम रुबरु नहीं होंगे। कोविड कॉल के दौरान भी श्री आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने जिला रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से कई महत्वपूर्ण कार्य किये थे, जिसके लिये तत्कानिक राज्यपाल एवं रेडक्रॉस सोयायटी की चेयरमैन श्रीमति अनुसुईया उईके ने उन्हें प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया था।

T. S. BABA Aadityeshwar Saran Singh Deo CMO Chhattisgarh Department of Health & Family Welfare, Chhattisgarh Surguja District Ministry of Health and Family Welfare, Government of India

27/08/2023

लड़े हैं जीते हैं कार्यक्रम में सम्मानित हुए सरगुजा के कोरोना वारियर्स
रेडक्रॉस सोसायटी के इस आयोजन में उपमुख्यमंत्री श्री ने कोरोना वारियर्स को किया सम्मानित।

chhattisgarh

27/08/2023

छत्तीसगढ़ के 66 फीसदी लोगों के पास है आयुष्मान कार्ड

राज्य के 1600 सरकारी और निजी अस्पतालों में 5 लाख तक मुफ़्त इलाज की सुविधा मिल रही है।

#छत्तीसगढ़_सरकार_भरोसे_की_सरकार T. S. BABA Department of Health & Family Welfare, Chhattisgarh

27/08/2023

रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा कोराना वरियर्स के सम्मान में ‘लड़े हैं जीते हैं‘ कार्यक्रम का आयोजन उपमुख्यमंत्री श्री ....

"मुख्य चिकित्सा डॉ आर एन गुप्ता और सिविल सर्जन डॉ जेके रेलवानी के संयमित प्रयासों से बच्चों के स्वास्थ्य की दिशा में एक ...
10/08/2023

"मुख्य चिकित्सा डॉ आर एन गुप्ता और सिविल सर्जन डॉ जेके रेलवानी के संयमित प्रयासों से बच्चों के स्वास्थ्य की दिशा में एक बेहतरीन कदम बढ़ाया गया है। माननीय उप मुख्यमंत्री श्री T. S. BABA जी द्वारा ऑनलाइन जुड़कर कार्यक्रम में हिस्सा लिया गया। #स्वास्थ्य_का_समर्थन #राष्ट्रीय_कृमि_मुक्ति_दिवस"
Aadityeshwar Saran Singh Deo Department of Health & Family Welfare, Chhattisgarh Ministry of Health and Family Welfare, Government of India

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