31/03/2024
किसानों को जानबूझकर प्राइवेट एजेंसियों के हाथों लुटवा रही बीजेपी सरकार-निर्मल सिंह
स्कूलों को बन्द करवाकर बच्चों को अशिक्षित रखना चाहती है सरकार:-चित्रा सरवारा
अम्बाला शहर/छावनी:-कांग्रेस नेता निर्मल सिंह ने आज अम्बाला शहर के माता रानी चौक जंडली से शुरू होकर व आस पास के इलाकों में 'घर-घर कांग्रेस, हर-घर कांग्रेस' अभियान की शुरुआत एक डोर टू डोर कार्यक्रम में लोगों से मुलाकात करते हुई की।इसी कड़ी में अम्बाला छावनी में कांग्रेस नेत्री चित्रा सरवारा ने छावनी के महेश नगर चौक मार्किट व आस पास के इलाकों में घर घर कांग्रेस हर घर कांग्रेस अभियान की शुरुवात की।
*घर-घर कांग्रेस, हर-घर कांग्रेस* एक जनसंपर्क अभियान है जिसके अंतर्गत कॉंग्रेस की टीमें घर-घर जा कर कॉंग्रेस के संकल्प,राहुल गांधी जी की सोच और 'न्याय' की सोच हर किसी तक पहुंचाएगी। हर घर में नीतियों पर चर्चा करते हुए कार्यकर्ताओं ने कॉंग्रेस के लिए समर्थन माँगा।उन्होंने कहा राहुल जी ने जो कहा वो करके दिखाया है यह राहुल जी की गारंटी है मोदी का जुमला नही।
कांग्रेस नेता निर्मल सिंह ने संबोधित करते हुए कहा की किसानों को एमएसपी देने वाले बीजेपी के वादे की पोल एकबार फिर खुल गई है। क्योंकि प्रदेश की मंडियों में आज किसानों की सरसों एमएसपी से 900-1000 रुपये कम रेट पर बिक रही है। सरकारी खरीद नहीं होने के चलते किसान प्राइवेट एजेंसियों के हाथों लुट रहे हैं। कांग्रेस और किसानों द्वारा बार-बार मांग उठाए जाने बावजूद सरकार ने अबतक सरसों की खरीद शुरू नहीं की गई। इक्का-दुक्का जगह पर जहां सरकारी एजेंसी पहुंच रही हैं, वहां भी नमी का बहाना बनाकर खरीद नहीं की जा रही। मजबूरी में किसानों को प्राइवेट हाथों में अपनी फसल बेचनी पड़ती है।
कांग्रेस नेत्री चित्रा सरवारा ने भाजपा सरकार की घोर निंदा करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने अम्बाला ने करीब 114 निजी स्कूल व पूरे हरियाणा में करीब 5000 निजी स्कूलों को मर्जर का नाम देकर बंद कर दिया। अगर स्कूल बंद करने ही थे तो पहले वहाँ पड़ रहे बच्चों को कही पर एडजेस्ट करना चाहिए था अब वो बच्चे कहा जायेगे जो आज ना तो इधर के रहे ना उधर के उनके भविष्य पर आज तलवार लटकी हुई है उन्होंने कहा
ये वहीं सरकारी या प्राइवेट स्कूल है जहां गरीब,दलित और पिछड़े वर्गों के बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन जब ऐसे स्कूलों को बंद किया जाता है तो लगता है कि ये सरकार वंचित वर्गों के बच्चों को अशिक्षित रखना चाहती है। इस सरकार की ये नीति स्कूलों पर ही नहीं बल्कि उच्च शिक्षण संस्थाओं पर भी लागू होती है। इसीलिए सरकार द्वारा कॉलेज,यूनिवर्सिटी, प्रोफेशनल कोर्सेज,मेडिकल कोर्सेज की फीस कई कई गुना बढ़ा दी गई। ताकि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे उन शिक्षण संस्थानों में दाखिला ही ना ले पाएं। उन्होंने कहा इस सरकार ने गरीबी नही गरीब ही खत्म करने की ठान रखी है।अब उनको गरीब बनाने के बाद शिक्षा भी इसी लिए छीनी जा रही है की ना वो शिक्षित होंगे ना ही अपने हको की बात करेंगे।