11/04/2024
अलवर लोकसभा चुनाव 2024
दोनों ही उम्मीदवारों के बीच विकास के मुद्दे गायब
स्थानीय व बाहरी का मुद्दा बना रही है कांग्रेस
मोदी के नाम पर मांग रही है बीजेपी वोट
कांग्रेस का चुनाव जिताने की जिम्मेदारी उन लोगो के पास जिन्होंने छह चुनाव अब तक हराये
श्याम भारती शर्मा
अलवर 11अप्रैल! अलवर लोकसभा चुनाव का मुकाबला रोचक होता जा रहा है यहां का चुनाव मोदी, राहुल व स्थानीय व बाहरी व्यक्ति के बीच में है
दोनों ही उम्मीदवारों के बीच विकास के मुद्दे गायब हो चुके हैं
कांग्रेस के ललित यादव कांग्रेस के परंपरागत वोट मेव,मीना व एस. सी., को अपना मन कर चल रहे हैं वही ललित यादव स्थानीय व बाहरी का नारा बुलंद करके यादव वोटो को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं
भारतीय जनता पार्टी के भूपेंद्र यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं
भाजपा के कार्यकर्ता कहते हैं कि अलवर से दिल्ली तक एक ही सरकार की एकरूपता रहेगी तो अलवर के विकास को गति मिलेगी भूपेंद्र यादव जीतने पर केंद्र में मंत्री बनेंगे जिसे अलवर का पूर्ण विकास होगा!
भाजपा कांग्रेस के उम्मीदवार एक ही जाति के होने के कारण यादवों पर ही अपना फोकस ज्यादा केंद्रित कर रहे हैं
भाजपा का भी मानना है कि ब्राह्मण,वैश्य,राजपूत,जाट,गुर्जर भाजपा का परंपरागत वोट है इन वोटो में कांग्रेसी उम्मीदवार सेंध नहीं लग पाएगा!
हालांकि भाजपा के उम्मीदवार भूपेंद्र यादव अपनी जीत को अपने पक्ष में सुनिश्चित मान रहे हैं लेकिन फिर भी वह सम्हल सम्हल कर पैर रख रहे हैं
अपनी जीत का अंतर बढ़ाने के लिए भूपेंद्र यादव व बीजेपी के जिलाध्यक्ष अशोक गुप्ता कांग्रेस पार्टी के नेताओं को दल बदल करवा रहे हैं
कांग्रेस के जिला प्रमुख बालवीर छीलर जो जाट नेता हैं जाट मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए उन्हें कांग्रेस से भाजपा में लेकर आए हैं
यह अलग बात है कि जिला प्रमुख बालवीर छिलर की अपनी जाति में कोई पहचान नहीं है
वहीं भूपेंद्र यादव ने पूर्व सांसद व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर करण सिंह यादव को भी बीजेपी ज्वाइन करवाई है तथा कभी बीजेपी के बड़े चेहरे रहे हरिराम यादव जो काफी समय से कांग्रेस में थे उनको भी अपने पुराने घर भाजपा में वापसी करवाई है
हरिराम यादव पूर्व मुख्यमंत्री भैरू सिंह शेखावत के निकटवर्ती लोगों में रहे थे तथा भाजपा के सिंबल पर दो बार विधायक का चुनाव भी लड़ कर अपना भाग्य आजमा चुके हैं
हरिराम यादव वह बड़े किरदार हैं जो भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उनकी कैबिनेट में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी उपाध्यक्ष रह चुकी है
इसी तरह भंवर जितेंद्र सिंह की माता युवरानी महेंद्र कुमारी के निकटवर्ती रहे भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष फतेह सिंह यादव की भी अपने पुराने घर भाजपा में वापसी हुई है
व्यापार महासंघ के अध्यक्ष रमेश जुनेजा जो अलवर को संभाग का दर्जा दिलाने के लिए काफी समय से संघर्षरत थे वह भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए हैं
इस तरह बीजेपी के उमीदवार भूपेंद्र यादव व बीजेपी के जिलाध्यक्ष अशोक गुप्ता कांग्रेस खेमे में सेंध लगा बीजेपी की जीत के मतो का अधिक अंतर बढ़ाने का प्रयास कर रहे है
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आये नेतावो की भंवर जीतेन्द्र सिंह से भी नाराजगी एक कारण रही है
जो लोग कांग्रेस में काम करना चाहते है उनका कहना है की जीतेन्द्र सिंह के कारण यहाँ कोई काम नहीं कर सकता है उन्हें जी हुजूर संस्कृति के लोग पसंद है
कांग्रेस के जो निष्ठावान लोग है वह भी सक्रिय दिखाई नहीं देते है ऐसे में ललित यादव अपने जहाज को कैसे पार लगाएंगे
ललित यादव गुर्जर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए अपने को सचिन पायलेट का ही समर्थित उमीदवार बता रहे है तथा सचिन पायलेट का दौरा भी करा रहे है
बीजेपी, व कांग्रेस दोनों ही उमीदवारो के सामने भीतरी घात का खतरा है लेकिन ज्यादा खतरा कांग्रेस उमीदवार के सामने है
कांग्रेस उमीदवार ललित यादव पर विधानसभा चुनाव के दौरान पैसे देकर टिकट लेने का आरोप लगा विडिओ जारी कराने वाले ही कोंग्रेसी इसके चुनाव सर्वें सर्वा बने हुए है
जिन लोगो ने ऐसा विडिओ जारी करवाकर ललित यादव की उमीदवारी पर प्रश्न चिन्ह लगवाया वही मुख्य बने हुए है
यही नहीं भंवर जीतेन्द्र सिंह पर भी उन्होंने कीचड़ उछाला था वह ललित के पक्षधर कैसे हो सकते है
अंदर खाने यह दर्द ललित को भी है पर चुनाव है, करे क्या?
बीजेपी के उमीदवार से उसकी अपनी जाती के नेता भी नाराज है लेकिन मोदी, अमित शाह के कारण वह अपनी नाराजगी करना तो दूर नाराजगी के भाव भी चेहरे पर नहीं आने दें रहे है
अलवर लोकसभा चुनाव में विकास के मुद्दे गायब है यह चुनाव एक ही जाती के दो लोगो के बिच है मतदाताओ का रुझान मोदी के कारण बीजेपी की और है इसलिए यहाँ मोदी की जीत सुनिश्चित है
यहाँ यह भी बात मजेदार है की ललित यादव के चुनाव की बागडोर ऐसे कोंग्रेसी नेताओं के पास है जिनके पास कांग्रेस को छह चुनाव हराने का अनुभव है और कुछ ऐसे है जिन्होंने एक भी चुनाव नहीं जीता!