13/12/2024
हमारा समाज हर व्यक्ति को उसकी लेंगिकता को आधार बनाकर उसको पुरुष और महिला की श्रेणी में विभाजित कर देता है और जब से पृथ्वी पर मानव जीवन आया है तब से लेकर वर्तमान तक समाज के नज़ीरिये से एक व्यक्ति की केवल एक ही लैंगिक पहचान हो सकती है कहने का मतलब यह है कि समाज यह मान कर चलता है कि एक व्यक्ति अपने शरीर और मन से केवल या तो एक पुरुष हो सकता है या फिर केवल एक महिला | हमारे समाज की यहाँ यह धारणा बिलकुल ही गलत साबित हो जाती है क्योंकि हमारे समाज में व्यक्तियों की एक श्रेणी और भी आती है जो भूतकाल से लेकर वर्तमान तक आज भी अपने वजूद के लिए अपने ही समाज से लगातार संघर्ष करता आ रहा है | इतना समय बीत जाने के बाद भी आज तक इस श्रेणी को एक नाम नहीं मिल पाया है बल्कि इस श्रेणी को आज भी अलग अलग नामों के साथ पुकारा जाता है | किसी के लिए यह श्रेणी किन्नर के नाम से जानी जाती है, किसी के लिए समलैंगिग, किसी के लिए ट्रांसजेंडर तो फिर किसी के लिए क्रॉसड्रेस्सेर | आज के अपने इस लेख में हम क्रॉसड्रेस्सेर और उनके द्वारा की जाने वाली क्रॉसड्रेसिंग के बारे में जानने की और उनको समझने का प्रयास करेंगे |
प्राय: जब कोई महिला अपना रूप एक पुरुष के सामान बना कर रखती है तो उसे एक शब्द टॉमबॉय से पुकारा जाता है जो आम बोलचाल की भाषा में एक आसान सा शब्द है परन्तु उसी की जगह अगर एक पुरुष एक महिला की तरह अपना रूप बनाता है तो उसे एक हीन दृष्टि से पुकारे जाने वाले शब्द क्रॉसड्रेस्सेर से पुकारा जाता है। यह शब्द क्रॉसड्रेस्सेर या क्रॉसड्रेसिंग करना क्या है आइये इसके बारे में विस्तार से जानते है।
क्रॉसड्रेस्सेर और उसके द्वारा की जाने वाली क्रॉसड्रेसिंग क्या है ?
अपनी जिस लेंगिकता के साथ व्यक्ति ने जन्म लिया हो पर अगर उसे ज्यादा ख़ुशी मिलती हो उस लेंगिकता के साथ जीने में जिसमे उसने जन्म नहीं लिया हो तो ऐसे व्यक्ति को क्रॉसड्रेस्सेर शब्द के साथ पुकारा जाता है | कहने का मतलब यह है जैसे की एक व्यक्ति पुरुष रूप में पैदा हुआ हो पर उस पुरुष को स्त्री रूप में रहने से ज्यादा ख़ुशी महसूस होती है या फिर उस पुरुष को स्त्री के कपड़ें पहनना पसंद हो तो ऐसे व्यक्ति को क्रॉसड्रेस्सेर कहा जाता है और जब वह पैंट शर्ट के बजाय साड़ी या सलवार कमीज़ पहनकर खुद को ज्यादा आरामदायक महसूस करता हो उसके द्वारा किये गए इस कार्य को क्रॉसड्रेसिंग कहा जाता है | क्रॉसड्रेसिंग हमारे समाज में भूतकाल से वर्तमान तक चलती आ रही है | भूतकाल में किसी व्यक्ति द्वारा जब क्रॉसड्रेसिंग की जाती थी तो उसकी क्रॉसड्रेसिंग को अपनामित करते हुए उसे एक अलग ही शब्द से पुकारा जाता था वह शब्द था "ट्रांसवेस्टिज्म" और जो पुरुष और महिला इसमें शामिल होती थी उसके लिए एक अलग ही शब्द था और वह शब्द था "ट्रांसवेस्टाइट" | यह शब्द का इस्तेमाल क्रॉसड्रेसिंग करने वाले व्यक्ति को अपमानित करने के लिए किया जाता था इसलिए कुछ समय बाद इस शब्द को हटा दिया गया और एक नए शब्द का जन्म हुआ और वह शब्द था "क्रॉसड्रेस्सेर"। यह इस श्रेणी की विडंबना है कि समाज की इस श्रेणी के प्रति जो आज भी धारणा है उसको देखकर ऐसा ही प्रतीत होता है जैसा कि केवल शब्द ही बदला गया शब्द की परिभाषा आज भी वही है क्रॉसड्रेस्सेर को हीन दृष्टि से देखना और उसको लगातार अपमानित करना |
क्रॉसड्रेसिंग के प्रकार:- आमतौर पर क्रॉसड्रेसिंग के दो ही रूप देखे जाते है:-
मेल टू फीमेल क्रॉसड्रेसिंग : - क्रॉसड्रेसिंग के इस रूप में वह पुरुष आते है जो जन्म से तो पुरुष है पर अपने जेंडर के विपरीत उन्हें महिलाओं के कपड़ें पहनना ज्यादा पसंद आता है |
फीमेल टू मेल क्रॉसड्रेसिंग :- क्रॉसड्रेसिंग के इस रूप में वह महिलायें आती है जो जन्म से तो महिला हैं पर अपने जेंडर के विपरीत उनको पुरुषों की तरह रहना ज्यादा पसंद आता है और इसलिए वह अपना रूप एक पुरुष के रूप जैसा बना कर रखती है |
वर्तमान में जब भी क्रॉसड्रेसिंग की बात की जाती है तो इस विषय पर सबसे ज्यादा चर्चा "मेल टू फीमेल" क्रॉसड्रेसिंग की ही की जाती है क्योंकि वर्तमान समय में हमारे समाज ने "फीमेल टू मेल" क्रॉसड्रेसिंग को पूरी तरह से अपना लिया है | अब इसे समय का वदलाव कह लीजिये या फिर फैशन का दौर आज की महिलाओं ने अपने पहनावे में बहुत बदलाव कर लिए है आज महिलाये पैंट, शर्ट, ट्रॉउज़र और सूट-पैंट पहन रही हैं और यह सब चलन में इतना आम हो गया है कि महिलाओं द्वारा पुरुष के कपड़ें पहनने के बाद भी यानी "फीमेल टू मेल" ड्रेसिंग के बाद भी किसी का ध्यान उस तरफ नहीं जाता और कोई भी इसे "फीमेल टू मेल" क्रॉसड्रेसिंग की नज़र से नहीं देखता क्रॉसड्रेसिंग अलग अलग प्रकार से की जाती है। कुछ लोग कभी कभी ही क्रॉसड्रेस करते है और वह भी यह सब अकेले में घर के अंदर करना पसंद करते है जबकि कुछ लोग पूरे समय के लिए क्रॉसड्रेस करना पसंद करते है। इनमे से कुछ वह लोग भी है जो केवल विपरीत जेंडर की कुछ चीज़ो को ही पसंद करते है जैसे कोई कपड़ा विशेष या कोई श्रृंगार की खास वस्तु। जबकि कुछ क्रॉसड्रेसेर्स को विपरीत जेंडर की हर चीज़ पसंद होती है।
क्रॉसड्रेस्सेर की पहचान
क्रॉसड्रेस्सेर की पहचान को लेकर हमारी समाज और खुद एक क्रॉसड्रेस्सेर के मन में बहुत सी गलत धारणाएँ है | हमारे समाज द्वारा प्रायः यह मान लिया जाता है कि जो भी व्यक्ति अपने जीवन में क्रॉसड्रेसिंग करता है मतलब जो भी व्यक्ति अपने जेंडर के विपरीत जाकर कपड़ें पहनता है या उसकी तरह आचरण करता है समाज की नज़र में ऐसा व्यक्ति गलत होता है और समाज उसके प्रति हीन भावना रखना शुरू कर देता है | सच्चाई इससे काफी अलग है | क्रॉसड्रेसिंग करने का मतलब यह नहीं है कि क्रॉसड्रेसिंग करने वाला व्यक्ति अपनी लेंगिकता से नाखुश है और वह दूसरे जेंडर की लेंगिकता को अपने लिए आरामदायक मानता हो | एक क्रॉसड्रेस्सेर जिस जेंडर में पैदा होता है उसमे कभी खुद को असहज महसूस नहीं करता और ना ही कभी अपना जेंडर बदलने की दिशा की तरफ कोई कदम उठाता है। जैसे यदि किसी पुरुष को साडी पहनना पसंद है और यदि वह ऐसा करता है तो वह एक क्रॉसड्रेस्सेर है ना की एक ट्रांसजेंडर क्योकिं समाज में वह अपनी पहचान एक पुरुष के रूप में ही मानता है। एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति हमेशा अपने जेंडर के मुताबिक ही कपड़ें पहनता है तब इसे क्रॉसड्रेसिंग नहीं कहा जाता है क्योकिं वह अपने उसी हिसाब से अपने जेंडर के मुताबिक ही कपड़ें पहन रहा है जिस जेंडर से उसकी पहचान की जाती है। जैसे एक Trans women (वह स्त्री जो पुरुष जेंडर के साथ पैदा हुई हो और बाद में स्त्री बनी हो) वह अगर विपरीत जेंडर के कपड़ें पहनती है तो यह क्रॉसड्रेसिंग नहीं कहलाता है वह बस अपने जेंडर के मुताबिक कपड़ें पहन रही है।
ट्रांसजेंडर और क्रॉसड्रेस्सेर में अंतर
एक क्रॉसड्रेस्सेर और किन्नर की पहचान में भी अंतर है। किन्नर उन ट्रांसजेंडर लोगों को कहा जाता है जो किन्नर समुदाय के रीति रिवाजों का पालन करने की शपथ लेते है और उनके बनाये हुए रीति रिवाजों को अपनाते है। सभी ट्रांसजेंडर लोग किन्नरों के समुदाय में शामिल नहीं होते है। किन्नर विपरीत जेंडर को अपनी पहचान मानते है और उसी के अनुरूप अपनी ज़िन्दगी जीते हैं। जबकि एक क्रॉसड्रेस्सेर विपरीत जेंडर की चीज़ों को पसंद करता है और उसे अपनी पहचान नहीं मानता।
विपरीत जेंडर के कपड़ें पहनने से किसी की भी पहचान उसके लैगिंकता के आधार पर नहीं की जा सकती है। यदि एक पुरुष को साड़ी पहनना पसंद है तो इसका मतलब यह नहीं निकाला जा सकता है कि वह अपने जेंडर से अलग व्यक्तित्व का व्यक्ति है। इसी तरह से अगर किसी महिला को पुरुष के कपड़ें पहनने पसंद है तो उससे उसकी लैगिंकता की गलत पहचान नहीं बनायीं जा सकती है।
क्रॉसड्रेसिंग करने के पीछे कारण क्या है?
किसी भी पुरुष का महिला कपड़ों के प्रति प्यार या किसी महिला का पुरुष कपड़ों के प्रति प्यार इसके पीछे कुछ कारण देखे जाते है। जैसे की कुछ लोग इसे एक मनोरंजन के रूप में करते है और अपना वेश बदल कर क्रॉसड्रेस करते है। जैसे नाटक मंडलियों में आज भी महिला के किरदार पुरुषों द्वारा किये जाते है। इसका एक दूसरा कारण भी देखा जाता है। एक क्रॉसड्रेस्सेर विपरीत जेंडर के कपड़ों और उनका जैसा व्यक्तित्व बनाकर खुद को ज्यादा सहज महसूस करते है। कुछ क्रॉसड्रेस्सेर अपने मन की इच्छा पूरी करने के लिए भी क्रॉसड्रेसिंग करते है।
क्रॉसड्रेसिंग करना कोई गलत चीज़ नहीं है यह हमारे समाज में पहले से होती आयी है और आगे तक भी होती रहेगी। यह कोई बीमारी नहीं है जिसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है पर हर क्रॉसड्रेस्सेर को यह समझना चाहिए की उसकी यह इच्छा उस पर इतना हावी न हो जाये जिससे उसके व्यक्तित्व पर कोई विपरीत असर पड़े और उसका जीवन खुशाल न रहे।
एक क्रॉसड्रेस्सेर के लिए होने वाले नुक्सान:-
1)क्रॉसड्रेसिंग शब्द से आज भी लोग अनजान है और एक क्रॉसड्रेस्सेर की भावना को वह समझ नहीं पाते है जिससे एक क्रॉसड्रेस्सेर को कुछ नुक्सान उठाने पढ़ते है। एक क्रॉसड्रेस्सेर को समाज से आलोचना या उसके तानों का हमेशा डर बना रहता है इसलिए वह खुल कर अपनी इच्छा को किसी के सामने नहीं ला पाते और एक घुटन भरा जीवन बिताते है। पुरुषों की तरह कपड़ें पहनने वाली महिला से ज्यादा महिलाओं की तरह कपड़ें पहनने वाले पुरुषों को यह डर ज्यादा रहता है।
2)इसी सामाजिक शर्म से एक क्रॉसड्रेस्सेर शर्म महसूस करता है और वह दूसरों के मुकाबले में खुद को एक कमजोर व्यक्तित्व का इंसान समझने लगता है।
3)यदि क्रॉसड्रेस्सेर का जीवनसाथी उसकी भावना को नहीं समझ पाता है और उसकी क्रॉसड्रेसिंग भावना को स्वीकार नहीं कर पाता है तो उसके आपसी सम्बन्धो में दरार आ जाती है।
4)एक क्रॉसड्रेस्सेर की क्रॉसड्रेसिंग इच्छा पूरी नहीं होने पर वह केवल सामाजिक रूप से ही कमजोर नहीं होता बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर हो जाता है जिसका असर उसके करियर पर भी पड़ता है।
एक क्रॉसड्रेस्सेर को होने वाले नुकसानों का समाधान:-
क्रॉसड्रेसिंग को लेकर समाज के गलत नजरिये और अपने डर के कारण बहुत से क्रॉसड्रेस्सेर अपनी क्रॉसड्रेसिंग भावना को अपने मन तक ही सिमित रखते है और अपने जीवनसाथी या अपने परिवार को कुछ भी नहीं बताते है। इस तरह से अपनी भावना को छुपाना इस का समाधान नहीं है। अपने माता पिता या जीवन साथी से इस विषय पर खुल कर बात करना और उनको इस भावना से अवगत कराने में ही समझदारी है और अगर जरूरत पड़े तो इसके लिए किसी से परामर्श भी लिया जा सकता है।