Situ Buddha

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आम्ही तुमच्यासारखे नाही, आमचे चारित्र्य आणि आमचे निर्णय नेहमीच न्यायाचे असतात. न्यायासाठी उभे रहा तुम्ही स्वतःवर जितका व...
16/11/2023

आम्ही तुमच्यासारखे नाही, आमचे चारित्र्य आणि आमचे निर्णय नेहमीच न्यायाचे असतात. न्यायासाठी उभे रहा
तुम्ही स्वतःवर जितका विश्वास ठेवता तितकाच लोक काय म्हणतात यावर विश्वास ठेवा
जय भीम जय संत गाडगे जय जोहर 🙏💐🙏

बिरसा मुंडा एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक थे। उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब...
15/11/2023

बिरसा मुंडा एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक थे। उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में हुए एक आदिवासी धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। भारत के आदिवासी उन्हें भगवान मानते हैं और 'धरती आबा' के नाम से भी जाना जाता है।

बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को ओडिशा के उड़ीसा जिला के उलिहातू गाँव में हुआ था। उनके पिता सुगना मुंडा और माता ईसाई धर्म में परिवर्तित हो चुके थे और उन्हें दाऊद मुंडा कहा जाता था। बिरसा मुंडा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल में प्राप्त की।

बिरसा मुंडा बचपन से ही बुद्धिमान और कुशाग्र बुद्धि के थे। वे आदिवासी संस्कृति और परंपराओं से भी परिचित थे। उन्होंने आदिवासी धर्म और संस्कृति के बारे में बहुत कुछ सीखा और उन्होंने आदिवासियों को संगठित करने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

बिरसा मुंडा ने देखा कि अंग्रेज सरकार आदिवासियों का शोषण कर रही थी। अंग्रेज सरकार ने आदिवासियों पर अत्यधिक कर लगाए थे और उन्हें अपनी जमीन से बेदखल कर रही थी। बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को इन अत्याचारों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया।

बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को एकजुट करने के लिए एक धर्म का प्रचार किया। उन्होंने कहा कि वह भगवान का दूत हैं और उन्हें आदिवासियों को मुक्त करने के लिए भेजा गया है। बिरसा मुंडा के धर्म का नाम "धरती आबा" था।

बिरसा मुंडा के नेतृत्व में आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ कई विद्रोह किए। इन विद्रोहों में आदिवासियों ने अंग्रेजों को भारी नुकसान पहुंचाया।

अंग्रेज सरकार बिरसा मुंडा से डर गई थी। उन्होंने बिरसा मुंडा को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें हजारीबाग जेल में डाल दिया। जेल में बिरसा मुंडा की तबीयत खराब हो गई और 9 जून 1900 को उनकी मृत्यु हो गई।

बिरसा मुंडा की मृत्यु के बाद भी आदिवासी उनके विचारों और आदर्शों को मानते रहे। बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के लिए एक नया युग का सूत्रपात किया। उन्होंने आदिवासियों को संगठित किया और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

बिरसा मुंडा के जीवन का संघर्ष आदिवासियों के संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और उन्हें एकजुट किया। बिरसा मुंडा भारत के आदिवासियों के लिए एक प्रेरणा हैं और उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।

* अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासियों के शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई।
* आदिवासियों को संगठित करने और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करना।
* एक नए धर्म का प्रचार करना, जिसका नाम "धरती आबा" था।
* अंग्रेजों के खिलाफ कई विद्रोह करना।
* अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तारी और जेल में बंदी।
* जेल में मृत्यु।

बिरसा मुंडा एक महान नेता थे, जिन्होंने आदिवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने आदिवासियों को संगठित किया और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। बिरसा मुंडा भारत के आदिवासियों के लिए एक प्रेरणा हैं और उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।

आदिवासी समाज के उत्थान और सशक्तीकरण के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर सादर नम...
15/11/2023

आदिवासी समाज के उत्थान और सशक्तीकरण के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर सादर नमन ।

11/11/2023

अजीब दिखावे में मत पढ़िए
अपने परिवार और प्रिय जनों की आचरण के तले अपना जीवन बताइए
नमो बुद्धाय 🙏💐

11/11/2023

I gained 56 followers, created 120 posts and received 1,962 reactions in the past 90 days! Thank you all for your continued support. I could not have done it without you. 🙏🤗🎉

विद्यार्थी दिवस 🙏💐
07/11/2023

विद्यार्थी दिवस 🙏💐

I've received 1,000 reactions to my posts in the past 30 days. Thanks for your support. 🙏🤗🎉
04/11/2023

I've received 1,000 reactions to my posts in the past 30 days. Thanks for your support. 🙏🤗🎉

01/11/2023

आध्यात्मिक जीवन का अनुभव भी आनंद मेए है
नमो बुद्धाय 🙏🙏❤️।

01/11/2023

आप सभी को धम्म प्रभात
ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि जीवन में जो ज्यादा सुख की कामना करते हैं वह सदैव ही दुखी का अनुभव सारा जीवन करते हैं
नमो बुद्धाय 🙏

The ongoing Buddhist Dhamma journey in India and abroad and the messages of Tathagat Buddha will play an important role ...
31/10/2023

The ongoing Buddhist Dhamma journey in India and abroad and the messages of Tathagat Buddha will play an important role in bringing about some social changes.

30/10/2023

इतिहास दबाकर इतिहास नहीं बनाए जाते
जो पत्थरों पर लिख दिया जाए फिर वह दोबारा मिटाए नहीं जाते
धम्म प्रभात 🙏💐

Bodh Gaya Team Management Committee Pujya Bhadant B. was the manager of Mahabodhi Mahavihar Bodh Gaya. Many congratulati...
29/10/2023

Bodh Gaya Team Management Committee Pujya Bhadant B. was the manager of Mahabodhi Mahavihar Bodh Gaya. Many congratulations to Manoj Ratan ji on his birthday. And on this occasion I seek blessings from respected Bhante ji. 🙏🙏💐

 ानदार_तरीके_से_निकली_शांति_संदेश_यात्रा शरद पूर्णिमा पर संकिसा में उमड़े धम्म अनुयायी 🙏 ो_बुद्धाय  ्राट_अशोक_महान 🙏🙏
28/10/2023

ानदार_तरीके_से_निकली_शांति_संदेश_यात्रा
शरद पूर्णिमा पर संकिसा में उमड़े धम्म अनुयायी 🙏
ो_बुद्धाय ्राट_अशोक_महान 🙏🙏

अपने खोए हुए बुद्ध को अपने ही आसपास ढूंढिए।वो आपको राम, विष्णु, महेश आदि बने मिलेंगे।।नमो बुद्धाय 💙🙏
28/10/2023

अपने खोए हुए बुद्ध को अपने ही आसपास ढूंढिए।
वो आपको राम, विष्णु, महेश आदि बने मिलेंगे।।
नमो बुद्धाय 💙🙏

28/10/2023

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नमो बुद्धायआपके जीवन में जो तकलीफें हैं उन तकलीफों का कारण स्वयं आप ही हैं जब आप किसी भी चीज को गहराई से सोते हैं तो वह ...
27/10/2023

नमो बुद्धाय

आपके जीवन में जो तकलीफें हैं उन तकलीफों का कारण स्वयं आप ही हैं जब आप किसी भी चीज को गहराई से सोते हैं तो वह चीज आपके जीवन में प्रभावित होने लगती है
इसलिए कल की चीज को कल पर ही छोड़ दें आज का जीवन अपने आनंद से जिए
जीवन में रुकावटें आती जाती रहती हैं जरूरी नहीं है हर जगह आप अपना उपस्थिति दर्ज करें
💐💙💙💙

25/10/2023

बाहर की सुंदरता से प्रभावित हुआ व्यक्ति अपने जीवन के विचारों को भूलने लगता है

Once, at Ghositaram Vihar in Kaushambi, the monks quarreled among themselves over toilet water. When Lord Buddha did not...
25/10/2023

Once, at Ghositaram Vihar in Kaushambi, the monks quarreled among themselves over toilet water. When Lord Buddha did not agree even after trying to convince him, Buddha was fed up, so he went to spend the rainy season in the forest around Parileyak village. The elephant king Parilleyaka was also waiting for the Buddha's service along with the monkey. When the monkey saw this, he took some bee hives and offered them to Lord Buddha, but Buddha did not accept it because there were larvae (bee eggs) in the hive. When the monkey found out, he took out the larvae from the hive and offered them again to the Buddha, the Buddha accepted the hive offered by the monkey. When the Varshavas ended, the monk Ananda came with a group of monks to inform Lord Buddha of his return to Jetavana Mahavihara. Buddha accepted the request and returned. Just as Buddha and his group of monks were about to leave the forest. Then the king of elephants chased Lord Buddha, but Lord Buddha dissuaded him and asked him to return to the forest. The king of elephants became sad and fell down and died in separation and as a result of the good deeds done by him he attained the status of a god. After that, all those monks who had quarreled among themselves were very sad to hear that Lord Buddha had returned to Jetavana Monastery. And after that they all quickly went to Jetavana Monastery to meet him to express their repentance.

Kaushambi: The Forgotten Jewel of Ancient IndiaOnce, at Ghositaram Vihar in Kaushambi, the monks quarreled among themselves over toilet water. When Lord Budd...

 #तथागत_बुद्ध_के_उपदेशों_को_अपने_जीवन_में_उतारकर_हर_तरहां_के_पीड़ा_से_मुक्ति_संभव_हैं..!“इस संसार में आकर्षण के कई प्रका...
23/10/2023

#तथागत_बुद्ध_के_उपदेशों_को_अपने_जीवन_में_उतारकर_हर_तरहां_के_पीड़ा_से_मुक्ति_संभव_हैं..!

“इस संसार में आकर्षण के कई प्रकार होते हैं| किसी को व्यक्ति आकर्षण किसी को पशु-पक्षियों का आकर्षण तों किसी को सजीव का तों किसी को निर्जीव वस्तुओं का आकर्षण होता हैं| अर्थात् इस संसार में हर तरहां का आकर्षण मौजूद हैं| किसी जीव/ वस्तु और अपनी अधूरी इच्छाओं का निरंतर चिन्तन मनन करने से इन सभी विषयों पर आकर्षण बढ़ जाता हैं| आकर्षण क्यों बढ़ जाता हैं ? क्योंकि हमारे मन और तन पर स्वयं का नियंत्रण होता नहीं| मन में विभिन्न तरहां के जो नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं , ऐसे विचारों को “बुद्धिज़्म” में ‘मारा’ कहा गया हैं| पौराणिक कथाओं में मारा को “मोहिनी” कहा गया हैं| जब यह मोहिनी किसी व्यक्ति विशेष पर हावी हो जातीं हैं , तों व्यक्ति अपने लक्ष्य से विचलित हो जाता हैं , और यह सब सिर्फ़ आकर्षण के कारण होता हैं|

सबसे घातक और नुकसानदेह आकर्षण य़दि कुछ हैं ? तों वह शारीरिक आकर्षण हैं| तथागत बुद्धा ने अपने जीवन में शारीरिक आकर्षण पर अनेक प्रवचन दिए| बुद्ध कहते हैं , सब अनित्य हैं| सब नष्ट होने वाला हैं , आज़ का सुन्दर शरीर यह कल का कुरूप शरीर होगा , क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को बाल्यावस्था/ ज़वानी और‌ बुढ़ापे से गुजरना हैं| आज़ जो हैं , वह कल नहीं , और कल जो हैं , वह आज़ नहीं| इसलिए सब परिवर्तनशील हैं , आकर्षण भी सिर्फ़ क्षणिक समयों का ही होता हैं| जिसने स्वयं को जीत लिया , उस पर किसी भी आकर्षण का असर होता नहीं| वर्तमान में ऐसा एक भी व्यक्ति नहीं हैं , जो आकर्षण मुक्त हैं| छोटे-छोटे बच्चों को अपने माता-पिता का आकर्षण/ बडे-बुजुर्गों को अपने सहयोगियों का आकर्षण/ किसी को भुख का आकर्षण , किसी को पढ़ाई/ किसी को नोकरी/ खेलकूद/ किसी को लिखने का तों किसीको अपनी धन-दौलत , संपत्ति का आकर्षण मतलब हर तरहां के आकर्षण से आज़ का व्यक्ति पीड़ित हैं| “बोधिसत्व” की कसौटी पर खरे उतरे लोग आकर्षण मुक्त होते हैं , क्योंकि उनका मार्ग यह ‘मध्यम मार्ग’ होता हैं|

अगर मैं किसी विषय पर लेख लिखतीं हूं , तों हर तरफ़ से तारीफ़ की बौछार शुरू होती हैं , मन प्रसन्न हो जाता हैं| और तारीफ़ करने वालों के तरफ़ मन आकर्षित हो जाता हैं| किन्तु मैंने किसी विषय पर लिखना नहीं चाहिए/ बुद्धिज़्म के विषय पर तों बिल्कुल भी नहीं , इसके लिए अगर कोई यंत्रणा काम पर लगतीं हैं ? तों मन अत्यन्त दुःखी हो जाता हैं| और लिखने का आकर्षण कम होता हैं , मतलब मीठे बोलने वाले लोगों के बीच में भी एक तीखापन छुपा होता हैं| यहीं इससे सीख मिलतीं हैं| किन्तु जब आप किसी की प्रशंसा से , किसी निन्दा से , किसी षडयंत्र से बिल्कुल भी नहीं डगमगाते , और अपने लक्ष्य की तरफ़ निरंतर चलतें रहते हैं ? तों निश्चित रूप से जीत आपकी होती हैं| किन्तु एक बात याद रहें कि , हमें जीतने से पहले ‘स्वयं का मूल्य’ पता होना चाहिए| क्योंकि अक्सर लोग किसी आकर्षण के कारण स्वयं का मूल्य खो देते हैं| जब प्रत्येक व्यक्ति स्वयं का मूल्य जानेगा , अपने जीवन में तथागत बुद्ध के उपदेश और उनकी शिक्षाओं को सही मायने में उतारेगा| तभी वह व्यक्ति “बौद्ध उपासक” की कसौटी पर खरा उतरेगा| इसलिए प्रत्येक बौद्ध अनुयायियों ने तथागत बुद्ध के उपदेशों को अपने जीवन में उतरना चाहिए , तभी जाकर प्रत्येक व्यक्ति की हर तरहां के पीड़ा और हर तरहां के दुःख से मुक्ति संभव हैं”.🫂🫂
बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क.
नमो बुद्धाय..

सम्राट अशोक विजयदशमी की आप सभी को मंगलकामनाएं💐💐🙏💐🫂
23/10/2023

सम्राट अशोक विजयदशमी की आप सभी को मंगलकामनाएं
💐💐🙏💐🫂

बोधगया में बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क का प्रथम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।बोधगया पर विदेशी ब्राम्हणो ...
23/10/2023

बोधगया में बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क का प्रथम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
बोधगया पर विदेशी ब्राम्हणो के कब्जे को बिल्कुल बर्दाश्त नही किया जाएगा।
इस परिषद में फैसला लिया गया कि अगले वर्ष 2 लाख लोग बोधगया के महंत ब्राम्हण के कोठी पर मोर्चा निकलेगे। महाबोधि टेम्पल एक्ट 1949 ही विदेशी ब्राम्हणो के वर्चस्व की मूल जड़ है।इसलिए उस एक्ट को ही जलाया गया।और इस वर्ष भारत के 31 राज्यो में 550 जिलों में और 4500 तहसीलों में अशोक विजयादशमी के ही दिन उस कानून की कॉपी सार्वजनिक तौर पर जलाएंगे।
बोधगया यह मूलनिवासी बौद्धो की है।

•तथागत गौतम  बुद्ध ने पारिल्लेयक (पूर्व का कोसम्बी वर्तमान कौशाम्बी, उत्तर प्रदेश) के जंगल में वर्षा ऋतु बिताई।•एक बार, ...
23/10/2023

•तथागत गौतम बुद्ध ने पारिल्लेयक (पूर्व का कोसम्बी वर्तमान कौशाम्बी, उत्तर प्रदेश) के जंगल में वर्षा ऋतु बिताई।•

एक बार, कौशाम्बी के घोसिताराम विहार में शौचालय के पानी को लेकर भिक्षु आपस में झगड़ पड़े। भगवान् बुद्ध द्वारा समझाने के प्रयास के बाद भी नहीं मानने पर बुद्ध तंग आ गए थे इसलिए वे पारिल्लेयक गांव के आसपास के जंगल में बरसात का मौसम बिताने चले गए। हाथी राजा पारिल्लेयक भी बुद्ध की बन्दर के साथ सेवा की प्रतीक्षा कर रहा था। जब बंदर ने यह देखा, तो उसने कुछ मधुमक्खी के शहद के छत्ते लिए और उन्हें भगवान बुद्ध को अर्पित किया, लेकिन बुद्ध ने इसे स्वीकार नहीं किया क्योंकि छत्ते में लार्वा (मधुमक्खी के अंडे) थे। जब बंदर को पता चला, तो उसने छत्ते से लार्वा निकाला और उन्हें फिर से बुद्ध को अर्पित किया , बुद्ध ने बंदर द्वारा अर्पित छत्ते को स्वीकार कर लिया। जब वर्सषावास माप्त होता है तो भिक्षु आनंद भिक्षुओं के एक समूह के साथ भगवान बुद्ध को जेतवन महाविहार में उनकी वापसी की सूचना देने आए थे। बुद्ध ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और लौट आये। जैसे ही बुद्ध और उनके भिक्षुओं का समूह जंगल छोड़ने वाले थे। तब हाथियों के राजा ने भगवान बुद्ध का पीछा किया, लेकिन भगवान बुद्ध ने उसे मना किया और जंगल में लौटने के लिए कहा। हाथियों का राजा दुखी हो गया और गिर गया और गिर कर वियोग में मर गया और एक उसके द्वारा किए गए अच्छे कर्मों के फल से उसने देव के रूप में भव प्राप्त किया। उसके बाद उन सभी भिक्षुओं जिन्कोहोंने आपस में विवाद किया था उन्हें यह सुनने में बहुत दुःख हुआ कि भगवान बुद्ध जेतवन महाविहार में लौट आए हैं। और उसके बाद वह सब अपना पश्चाताप व्यक्त करने के लिए जल्दी से उनसे मिलने के लिए जेतवन महाविहार गए।

नोट:- आज के समय कौशाम्बी के 95% लोग इस घटना को नहीं जानते जिसके कारण कौशाम्बी को आज के समय बहुत अनदेखा कर दिया गया है।

23/10/2023

उनके पुतले से डर उनकी किताबों से डर
दुनिया में एक ही ऐसा इंसान हुआ है जिसके न होने से भी डर
वो है Dr. B .R अंबेडकर
🤔🤔🤔

16/10/2023

जिस धर्म में पाप धोने की व्यवस्था रहेगी
उसे धर्म के लोग पाप धो धो कर पाप करते रहेंगे
🤔🤔🤔

16/10/2023
16/10/2023
16/10/2023
15/10/2023

दादासाहेब गायकवाड जी की जयंती में उन्हें शत-शत नमन है
💐💐🙏

13/10/2023

हम मंदिरों में जाकर उन मूर्तियों को देखते हैं जो हमने खुद बनाई है
🤔🤔🤔
लेकिन घर में उन मूर्तियों की ओर नहीं देखते हैं जिन्होंने हमें बनाया है
🙏🙏🙏

शहीद भगत सिंह जी की जयंती में उन्हें शत-शत नमन 🙏💐🙏🇮🇳...
27/09/2023

शहीद भगत सिंह जी की जयंती में उन्हें शत-शत नमन 🙏💐🙏🇮🇳...

हर समस्या का समाधान किया जा सकता है धैर्य और अपने विचारों के माध्यम से
14/09/2023

हर समस्या का समाधान किया जा सकता है धैर्य और अपने विचारों के माध्यम से

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