Bharat Hindi News

Bharat Hindi News Bharat Hindi News भारत के प्रमुख समाचार चैनलों में से एक है। लाइव अपडेट देखने के लिए कृपया फॉलो करे

11/12/2024

क्या यह आत्महत्या है या मर्डर? बैंगलोर में अतुल सुभाष के दर्दनाक अंतिम शब्द, पत्नी और कानूनी लड़ाई ने लिया उसकी जान

बैंगलोर: एक और दिल दहला देने वाली घटना, जिसमें 34 वर्षीय अतुल सुभाष ने अपने जीवन को समाप्त कर लिया, लेकिन इसके पीछे की कहानी कहीं ज्यादा जटिल और कष्टदायक है। 2019 में शादी करने वाले अतुल को अपनी पत्नी और ससुरालवालों से बर्बरता का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा।

अतुल सुभाष के साथ क्या हुआ?
अतुल ने अपनी मौत से पहले 1.5 घंटे का एक वीडियो रिकॉर्ड किया और 40 पेज का नोट छोड़ा, जिसमें उसने अपने दर्द को बयां किया। उसने बताया कि उसकी पत्नी ने 3 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता मांगा, अपने बच्चे का चेहरा भी उसे नहीं देखने दिया, और उसके खिलाफ दहेज का झूठा आरोप लगाया। यही नहीं, उसे परिवार कोर्ट के जज के साथ भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, जिनके बारे में उसने आरोप लगाया कि वे रिश्वत लेते थे और मामलों का निष्पक्ष तरीके से निपटारा नहीं करते थे।

परिस्थितियाँ जो इस मामले को और जटिल बनाती हैं:
अतुल ने अपनी पत्नी को अच्छी नौकरी दिलवाई, ससुराल वालों की मदद की, लेकिन बदले में उसे झूठे आरोपों का सामना करना पड़ा। उसकी पत्नी के पिता की मृत्यु के बाद, पत्नी ने उसे और उसके परिवार को हत्या के आरोप में घसीट लिया, यह दावा करते हुए कि अतुल ने दहेज की मांग की थी, जिसके कारण उसकी मां की मौत हो गई।

अतुल की अंतिम घोषणा स्पष्ट थी: "मैं भुगतान करने से इनकार करता हूं और मृत्यु को चुनता हूं, क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरे पैसे का इस्तेमाल मेरे खिलाफ और मेरे परिवार के खिलाफ किया जाए।"

कानूनी प्रणाली पर सवाल:
अतुल का मामला भारतीय कानूनी प्रणाली और परिवार न्यायालयों की विफलताओं को उजागर करता है। वह पिछले दो वर्षों में 120 तारीखों पर पेश हुआ, लेकिन उसके मामले का निपटारा समय पर नहीं हो सका। अंततः, उसे अपने जीवन का अंतिम निर्णय लेना पड़ा।

अतुल का संदेश:
यह केवल अतुल का मामला नहीं है, यह हर उस पुरुष का मुद्दा है जो अपने परिवार के लिए संघर्ष करता है, लेकिन एकतरफा और असंवेदनशील कानूनी प्रणाली के कारण उसे न्याय नहीं मिलता। अतुल की मौत, उसकी दुखद कहानी और उसके अंतिम शब्द भारतीय समाज और कानूनी व्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करते हैं।

क्या आप के लिए आवाज उठाएंग

भारतीय पारिवारिक न्यायालय पुरुषों के लिए एक बूचड़खाना है जहां उसको लूटने काटने और बर्बाद करने के लिए सोचा जाता है। बिल्क...
11/12/2024

भारतीय पारिवारिक न्यायालय पुरुषों के लिए एक बूचड़खाना है जहां उसको लूटने काटने और बर्बाद करने के लिए सोचा जाता है। बिल्कुल झूठी पिटीशन पर भी उसके खिलाफ आदेश दिए जाते हैं और न्यायालय में बैठे लोग सुनने को तैयार नहीं।

नाम: अतुल सुभाष◾उम्र: 34 ◾2019 में शादी हुई◾शादी के 5 साल में ही पत्नी, ससुराल, पक्षपाती कानून व्यवस्था ने उसे आत्महत्या...
11/12/2024

नाम: अतुल सुभाष
◾उम्र: 34
◾2019 में शादी हुई
◾शादी के 5 साल में ही पत्नी, ससुराल, पक्षपाती कानून व्यवस्था ने उसे आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया

◾1.5 घंटे का सुसाइड वीडियो, 24 पेज का डेथ नोट छोड़ा
◾पत्नी ने 3 करोड़ का गुजारा भत्ता मांगा
◾पत्नी ने उसे अपने बच्चे का चेहरा भी नहीं देखने दिया

◾जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक ने केस निपटाने के लिए 5 लाख मांगे
◾उसने अपनी पत्नी को उसके परिवार की मदद के लिए लाखों दिए, लेकिन फिर उस पर दहेज का आरोप लगा

◾उसकी पत्नी के पिता की शादी के तुरंत बाद बीमारी से मौत हो गई, लेकिन उसकी पत्नी ने उसके परिवार पर हत्या की धाराओं के तहत FIR दर्ज करवा दी, जिसमें दावा किया गया कि "दहेज" की मांग के कारण उनके पिता की सदमे से मौत हो गई

◾अतुल को पिछले 2 साल में 120 बार पेशी पर जाना पड़ा
◾फैमिली कोर्ट के जज ने 2 साल की बेटी के लिए 40,000 प्रति माह भरण-पोषण का आदेश पारित किया, क्योंकि उसने रिश्वत नहीं दी

◾अतुल घर के काम करता था, अपनी पत्नी को Accenture में नौकरी दिलवाई, अपने साले की आर्थिक मदद की, अपने बच्चे के जन्म पर लाखों खर्च किए

ये आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है- जो कि इस सिस्टम ने की है.

एक तरफा कानून घातक होता है, इस कानून पर पुर्नविचार करना चाहिए, अभी तो शुरुआत है यही कानून अगर ग्रामीण परिवेश की तरफ बढ़ा...
11/12/2024

एक तरफा कानून घातक होता है, इस कानून पर पुर्नविचार करना चाहिए, अभी तो शुरुआत है यही कानून अगर ग्रामीण परिवेश की तरफ बढ़ा तो विवाह एक व्यवसाय बन जायेगा ....

भारतीय न्याय व्यवस्था की क्रूरता

कुछ आंकड़ों पर ध्यान दीजिए -

9 मुकदमे

2 साल से कोर्ट का चक्कर

120 बार कोर्ट में तारीख

40 बार बैंगलोर से जौनपुर कोर्ट में हाजिरी

3 करोड़ का मुआवजा या 80 हजार रुपए महीने का खर्च ( जज का प्रस्ताव)

40 पेज का सुसाइड नोट

90 मिनट का सुसाइड वीडियो और अंत में सुसाइड

कोर्ट का चक्कर कोई क्रिमिनल नहीं लगा रहा था बल्कि एक पढ़ा लिखा इंजिनियर लगा रहा था।

अतुल सुभाष की शादी जौनपुर की निकिता सिंघानिया से हुई था। निकिता एक चालू लड़की थी जिसने अपने पति पर घरेलू हिंसा, अप्राकृतिक यौन संबंध, दहेज उत्पीड़न आदि के मुकदमे दर्ज करवाए थे।

अतुल सुभाष कोर्ट का चक्कर लगाते लगाते तक चुके थे। कोर्ट में पेशी के लिए पेशकार को रिश्वत देनी पड़ती थी। इसके अलावा कोर्ट में कोई काम भी नहीं होता था।

कोर्ट के अन्याय और पत्नी के झूठे आरोपों से तंग आकर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली।

भारतीय न्याय व्यवस्था कितनी सड़ चुकी है और जज कितने निर्मम हो चुके हैं यह इस केस से पता चलता है।

इसलिए ऊपर वाले से प्रार्थना करिए की कभी भारतीय अदालतों, पुलिस और डॉक्टरों का सामना ना करना पड़े।

08/12/2024

नरेश मीणा की रिहाई और समरावता गांव को न्याय दिलाने के लिए चौथ का बरवाड़ा में उमड़ा जनसैलाब

सवाई माधोपुर – नरेश मीणा की रिहाई और समरावता गांव को न्याय दिलाने के लिए चौथ का बरवाड़ा में रविवार को हजारों की संख्या में लोग एकजुट हुए। सर्वसमाज की महापंचायत में विभिन्न समाजों, संगठनों और स्थानीय नेताओं ने भाग लिया और अपनी आवाज़ बुलंद की।

समाज के हर वर्ग से आए हुए लोगों ने इस महापंचायत में नरेश मीणा की बेगुनाही साबित करने की मांग की, साथ ही समरावता गांव में हुए कथित अन्याय के खिलाफ संघर्ष का संकल्प लिया। पंचायत में भाग लेने वाले जनसैलाब ने नारेबाजी की और सरकार से अपील की कि मामले की निष्पक्ष जांच कर नरेश मीणा को जल्द रिहा किया जाए।

04/12/2024

सम्भल SP कृष्ण विश्नोई का बड़ा बयान: पाकिस्तान मेड कारतूस की सघन जांच होगी, दंगाई-आरोपी बच नहीं पाएंगे

सम्भल: सम्भल के पुलिस अधीक्षक (SP) कृष्ण विश्नोई ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से मिलने वाले कारतूस की सघन जांच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि इसके पीछे पाकिस्तान का क्या कनेक्शन है। SP ने यह भी स्पष्ट किया कि दंगाई और आरोपी कितनी भी कोशिश कर लें, वे कानून से बचने में सफल नहीं होंगे।

उन्होंने यह भी कहा, "इन दंगाइयों का इलाज ऐसा किया जाएगा कि उनकी तीन पीढ़ियाँ इसे याद रखेंगी।" यह बयान एक दृढ़ संकेत है कि उत्तर प्रदेश पुलिस दंगों और अपराधों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

03/12/2024

Live : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानूनों का उद्घाटन किया, जो भारतीय न्याय व्यवस्था को और भी सुदृढ़, पारदर्शी, और प्रभावी बनाने के लिए तैयार हैं। इन कानूनों में भारतीय दंड संहिता (IPC), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (ICSC), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को सरल और सशक्त बनाना है, जिससे नागरिकों को जल्दी और निष्पक्ष न्याय मिल सके।

उन्होंने यह भी बताया कि इन सुधारों से सुरक्षा की भावना को भी मजबूती मिलेगी और नागरिकों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण किया जाएगा। इस ऐतिहासिक कदम से न्यायपालिका में सुधार के साथ-साथ कानून व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी और संवेदनशील बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।














कांग्रेस नेता और बाड़मेर से पूर्व सांसद हरिश चौधरी ने गतदिवस प्रदेश में संपन्न हुई पशु परिचर भर्ती परीक्षा के दौरान महिल...
03/12/2024

कांग्रेस नेता और बाड़मेर से पूर्व सांसद हरिश चौधरी ने गतदिवस प्रदेश में संपन्न हुई पशु परिचर भर्ती परीक्षा के दौरान महिला अभ्यर्थियों से "चुड़ियां" तुड़वाने की घटना पर गहरा विरोध जताया। उन्होंने ट्वीट में कहा कि यह घटना समाज और सरकार के लिए गंभीर सवाल खड़ा करती है। उनका कहना था कि यह स्थिति अत्यंत निंदनीय है और यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं।

हरिश चौधरी ने राज्य सरकार से मांग की कि वह इस मामले का तत्काल संज्ञान ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि महिला अभ्यर्थियों का सम्मान सुरक्षित रहे।

यह घटना समाज में महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल उठाती है और प्रदेश सरकार पर दबाव बना रही है कि वह त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करे।

03/12/2024

150 मोहल्ला बसें हर गली में पहुंचाएंगी सुविधा, सीएम अतिशी ने किया निरीक्षण | AAP दिल्ली

सीएम अतिशी ने दिल्ली में 150 मोहल्ला बसों की सेवा का निरीक्षण किया, जो अब हर गली और कूचे तक पहुंचेगी। इस पहल के माध्यम से दिल्लीवासियों को सुरक्षित, आरामदायक और किफायती परिवहन सेवा मिलेगी। मोहल्ला बसें अब दिल्ली के हर क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन को सुलभ बनाएंगी, जिससे ट्रैफिक की समस्या कम होगी और लोग आसानी से यात्रा कर सकेंगे।

यह कदम AAP सरकार के प्रयासों का हिस्सा है, जो दिल्लीवासियों के जीवन को और बेहतर बनाने की दिशा में है।

03/12/2024

अमित शाह का बड़ा ऐलान: तीन नए आपराधिक कानूनों का राष्ट्र को समर्पण

गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए तीन परिवर्तनकारी नए आपराधिक कानूनों के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया। इन कानूनों में भारतीय न्याय संहिता (IPC), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (ICSC), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) शामिल हैं।

अमित शाह ने इन कानूनों को लागू करने के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कदम भारतीय न्याय व्यवस्था को और मजबूत बनाएगा और नागरिकों की सुरक्षा में भी वृद्धि करेगा। उन्होंने इन सुधारों को देश की न्यायिक प्रक्रिया में एक नई क्रांति करार दिया।

03/12/2024

क्यों नहीं चलने दे रही मोदी सरकार सदन? प्रमोद तिवारी ने उठाए गंभीर सवाल

मोदी सरकार लगातार 5 दिन से सदन नहीं चलने दे रही है।

सबने देखा है कि विपक्ष सदन स्थगित करने जैसी कोई स्थिति नहीं बना रहा है, फिर भी यह सवाल उठता है कि किसके आदेश पर सरकार सदन को चलने नहीं दे रही है।

हम उम्मीद करते हैं कि कल सदन चलेगा और हमें अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।

सरकार अडानी, मणिपुर, संभल जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करने से इतना क्यों डर रही है? वे इतने डरे हुए हैं कि सदन नहीं चलने दे रहे।


03/12/2024

किसानों के बीच पहुंची सुप्रिया श्रीनेत, दिल्ली-नोएडा बॉर्डर से उठाई किसानों की आवाज़

सुप्रिया श्रीनेत, जो कि कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता और सीनियर नेता हैं, हाल ही में दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचीं और वहां की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने किसानों के संघर्ष और उनकी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। यह रिपोर्ट लाइव के तौर पर प्रसारित हुई, जिसमें सुप्रिया ने किसानों से संवाद किया और उनकी मांगों का समर्थन किया।

इस दौरान, सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार से किसानों के लिए उचित कदम उठाने की अपील की और कहा कि सरकार को किसान आंदोलन को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के साथ होने वाली अन्यायपूर्ण नीतियों का विरोध किया जाना चाहिए और उनके हक के लिए आवाज उठाई जानी चाहिए।

सुप्रिया श्रीनेत ने किसानों के संघर्ष को एक "संवैधानिक अधिकार" बताया और कहा कि उनकी मांगों को पूरी तरह से सुना जाना चाहिए। उनका कहना था कि किसानों की कठिनाइयों का समाधान निकालने के लिए सरकार को सीधे बातचीत करनी चाहिए और उनके मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए।

इस दौरान, मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और उनके संघर्ष में समर्थन करती है।

मैं, निर्मला सीतारमण, ईश्वर की शपथ लेती हूं कि मैं नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह द्वारा स्थापित भारत की नई अर्थव्यवस्था को...
03/12/2024

मैं, निर्मला सीतारमण, ईश्वर की शपथ लेती हूं कि मैं नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह द्वारा स्थापित भारत की नई अर्थव्यवस्था को सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ स्लो करूंगी ,
मैं भारत की मिडिल क्लास की आर्थिक तंगी और गरीबी को अक्षुण्ण रखूंगी,
मैं संघ के लूटमंत्री के रूप में अपने टैक्स लगाने के अधिकार का श्रद्धापूर्वक एवं शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगी ,
तथा मैं हिन्दू या मुसलमान, सवर्ण या दलित में किसी प्रकार के भेदभाव के बिना मिडिल क्लास का करुणारहित ढंग से शोषण जारी रखूंगी” ।

मैं यह वादा करती हूं कि मैं जीएसटी को इस तरह लागू करूंगी कि हर छोटे व्यापारी का चैन हराम हो जाए।
मैं बजट पेश करते समय यह सुनिश्चित करूंगी कि आकड़ों का जादू ऐसा हो कि असली सच्चाई कहीं गुम हो जाए।
मैं पेट्रोल और डीजल की कीमतों को आसमान तक पहुंचाने का पुण्य कार्य करूंगी, ताकि लोग पैदल चलने की भारतीय संस्कृति को अपनाएं।
मैं यह भी सुनिश्चित करूंगी कि रसोई गैस इतनी महंगी हो जाए कि लोग वापस चूल्हे पर लौट जाएं और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें।

मैं यह भी सुनिश्चित करूंगी कि मिडिल क्लास अपनी आर्थिक तंगी और गरीबी के पुराने गौरव को बनाए रख सके।
मैं टैक्स लगाने की अपनी कला को इस स्तर तक ले जाऊंगी कि हर आम आदमी खुद को धन्य महसूस करे।
मैं संघ की परंपराओं का पालन करते हुए,लूटमंत्री की भूमिका को पूरी ईमानदारी और लगन से निभाऊंगी

02/12/2024

Naresh Balyan के वकील ने खोली Amit Shah की बड़ी साजिश! | Political Exposé

देश में राजनीतिक हलचल लगातार बढ़ रही है, और अब एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। Naresh Balyan के वकील ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनसे भाजपा के गृह मंत्री का नाम विवादों में घिरता हुआ नजर आ रहा है।

वकील का कहना है कि Naresh Balyan के खिलाफ चल रही जांच और उन्हें दोषी ठहराने की कोशिशें केवल एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा हैं, जिसे अमित शाह के आदेश पर अंजाम दिया जा रहा है। वकील ने दावा किया कि यह साजिश केवल Balyan को फंसाने के लिए नहीं, बल्कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए भी की जा रही है।

इस मामले में वकील ने आरोप लगाया कि कुछ ताकतवर लोगों की मदद से Naresh Balyan पर दबाव डाला जा रहा है, ताकि वह अपनी राजनीतिक गतिविधियों से पीछे हट जाएं। वकील ने इस पूरे घटनाक्रम को एक गहरी साजिश करार दिया और कहा कि अगर इसका सही तरीके से पर्दाफाश नहीं किया गया, तो यह राजनीति में एक खतरनाक प्रथा बन सकती है।

वहीं, अमित शाह की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। परंतु विपक्ष इस मामले को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है और मांग कर रहा है कि इस साजिश की जांच की जाए।

इस खुलासे के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या Naresh Balyan को मिल रही न्याय की उम्मीदें पूरी होती हैं या फिर यह मामला और जटिल होता जाएगा।

संभल हिंसा की जांच के लिए शिवपाल यादव का बयान: बीजेपी पर गंभीर आरोपसमाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने स...
01/12/2024

संभल हिंसा की जांच के लिए शिवपाल यादव का बयान: बीजेपी पर गंभीर आरोप

समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने संभल में हुए हालिया हिंसक घटनाक्रम को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बीजेपी मुस्लिम समुदाय के लोगों पर अत्याचार कर रही है और सरकार ने जान-बूझकर दंगा करवाया है।

शिवपाल यादव का आरोप:
बीजेपी पर अत्याचार का आरोप: शिवपाल यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि पार्टी मुस्लिम भाईयों के खिलाफ अत्याचार कर रही है और जानबूझकर दंगे भड़काए जा रहे हैं। उनका कहना था कि बीजेपी ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए माहौल को खराब किया।
पुलिस प्रशासन पर आरोप: उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन ने सरकार के इशारे पर गोली चलाई। यादव ने मांग की कि उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए जिन्होंने गोली चलाई।
किसान और आम आदमी की समस्याएं: शिवपाल यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ बयानबाजी करती है, जबकि किसानों और आम नागरिकों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य नहीं मिल रहा है, बिजली की कीमतें बढ़ रही हैं, और धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिल रहा है।
सपा की आलोचना और बीजेपी का बचाव:
शिवपाल यादव के इन आरोपों के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। वहीं बीजेपी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पार्टी हर वर्ग के हित में काम कर रही है और कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।


इंडोनेशिया ने iPhone 16 की बिक्री पर क्यों लगाया प्रतिबंध?नवंबर 2024 में, इंडोनेशिया सरकार ने Apple के नए iPhone 16 मॉडल...
30/11/2024

इंडोनेशिया ने iPhone 16 की बिक्री पर क्यों लगाया प्रतिबंध?

नवंबर 2024 में, इंडोनेशिया सरकार ने Apple के नए iPhone 16 मॉडल की बिक्री पर एक बड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय इस वजह से लिया गया क्योंकि Apple ने देश के स्थानीय सामग्री (local content) संबंधित नियमों का पालन नहीं किया था। आइए जानते हैं इस प्रतिबंध के कारणों और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।

स्थानीय सामग्री नियमों का उल्लंघन
इंडोनेशिया में मोबाइल फोन और अन्य तकनीकी उत्पादों के लिए कुछ कड़े नियम हैं, जिनमें एक प्रमुख नियम है—"स्थानीय सामग्री का प्रतिशत"। इस नियम के तहत, किसी भी स्मार्टफोन को इंडोनेशिया में बेचे जाने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उसमें स्थानीय उत्पादन का एक निश्चित प्रतिशत हो।

इंडोनेशिया सरकार का मानना है कि यह कदम स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए है और इससे देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होता है। विशेष रूप से, स्थानीय असेंबली और उत्पादन की प्रक्रिया से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भी बढ़ती है।

Apple का दोष
Apple ने iPhone 16 के उत्पादन और वितरण के दौरान इस नियम को पूरी तरह से नहीं माना। कंपनी ने स्थानीय असेंबली के लिए आवश्यक प्रतिशत सामग्री का उपयोग नहीं किया, जो कि इंडोनेशिया के विनिर्माण मानकों के अनुसार जरूरी था। यही कारण था कि इंडोनेशिया सरकार ने इन उपकरणों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया।

Apple की प्रतिक्रिया
Apple ने इस प्रतिबंध के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कंपनी ने कहा कि वह इंडोनेशिया सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और स्थानीय नियमों का पालन करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। Apple ने यह भी स्पष्ट किया कि वे इंडोनेशिया के लिए अपने उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार लाने पर विचार कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

प्रतिबंध का असर
इस प्रतिबंध का असर सीधे तौर पर Apple के व्यवसाय पर पड़ेगा, क्योंकि इंडोनेशिया स्मार्टफोन की बिक्री के लिए एक बड़ा बाजार है। हालांकि, यह कदम अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भी एक चेतावनी हो सकता है कि वे स्थानीय नियमों का पालन करने के लिए अधिक सतर्क रहें, अन्यथा उन्हें भी ऐसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

इंडोनेशिया सरकार का दृष्टिकोण
इंडोनेशिया सरकार ने स्पष्ट किया कि यह प्रतिबंध किसी कंपनी को निशाना बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यह देश के स्थानीय नियमों और उत्पादन नीतियों को लागू करने के लिए लिया गया कदम है। सरकार का कहना है कि यह निर्णय इंडोनेशिया के नागरिकों के लिए बेहतर आर्थिक अवसर और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है

Address

Shantigram
Ahmedabad
382421

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Bharat Hindi News posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Videos

Share