21/06/2024
नवीन मंघरानी छात्रावास एवं श्रीमती राज फरसैया कन्या छात्रावास दिल्ली गेट पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बच्चे योग करते हुए।
#सेवाप्रकल्पसंस्थानआगरा
#अंतर्राष्ट्रीययोगदिवस2024
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संबद्ध, आगरा
(1)
नवीन मंघरानी छात्रावास एवं श्रीमती राज फरसैया कन्या छात्रावास दिल्ली गेट पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बच्चे योग करते हुए।
#सेवाप्रकल्पसंस्थानआगरा
#अंतर्राष्ट्रीययोगदिवस2024
आज लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती (31 मई 1725) है। आइए एक प्रेरक कहानी आपके लिए -
अहिल्याबाई के बेटे मालोजीराव अपने रथ से सवार होकर राजबाड़ा के पास से गुजर रहे थे। उसी दौरान मार्ग के किनारे गाय का छोटा-सा बछड़ा भी खड़ा था। जैसे ही मालोराव का रथ वहां से गुजरा अचानक कूदता-फांदता बछड़ा रथ की चपेट में आ गया और बुरी तरह घायल हो गया। थोड़ी देर में तड़प-तड़प कर उसकी वहीं मौत हो गई। इस घटना को नजरअंदाज कर मालोजीराव आगे बढ़ गए। इसके बाद गाय अपने बछड़े की मौत पर वहीं बैठ गई। वो अपने बछड़े को नहीं छोड़ रही थी।
कुछ ही देर बाद वहां से अहिल्याबाई भी वहां से गुजर रही थी। तभी उन्होंने बछड़े के पास बैठी हुई एक गाय को देखा, तो रुक गईं। उन्हें जानकारी दी गई। कैसे मौत हुई कोई बताने को तैयार नहीं था। अंततः किसी ने डरते हुए उन्हें बताया कि मालोजी के रथ की चपेट में बछड़ा मर गया। यह घटनाक्रम जानने के बाद अहिल्या ने दरबार में मालोजी की धर्मपत्नी मेनाबाई को बुलाकर पूछा कि यदि कोई व्यक्ति किसी की मां के सामने उसके बेटे का कत्ल कर दे तो उसे क्या दंड देना चाहिए? मेनाबाई ने तुरंत जवाब दिया कि उसे मृत्युदंड देना चाहिए।
इसके बाद अहिल्याबाई ने आदेश दिया कि उनके बेटे मालोजीराव के हाथ-पैर बांध दिए जाएं और उन्हें उसी प्रकार से रथ से कुचलकर मृत्यु दंड दिया जाए, जिस प्रकार गाय के बछड़े की मौत हुई थी।
इस आदेश के बाद कोई भी व्यक्ति उस रथ का सारथी बनने को तैयार नहीं था। जब कोई भी उस रथ की लगाम नहीं थाम रहा था तब अहिल्याबाई खुद आकर रथ पर बैठ गईं। वो जब रथ आगे बढ़ा रही थी, तब एक ऐसी घटना हुई, जिसने सभी को हैरान कर दिया। वही गाय रथ के सामने आकर खड़ी हो गई थी। जब अहिल्याबाई के आदेश के बाद उस गाय को हटाया जाता तो वो बार-बार रथ के सामने आकर खड़ी हो जाती। यह देश दरबारी मंत्रियों ने महारानी से आग्रह किया कि यह गाय भी नहीं चाहती है कि किसी और मां के बेटे के साथ ऐसी घटना हो। इसलिए यह गाय भी दया करने की मांग कर रही है। गाय अपनी जगह पर रही और रथ वहीं पर अड़ा रहा। राजबाड़ा के पास जिस स्थान पर यह घटना हुई थी, उस जगह को आज सभी लोग ‘आड़ा बाजार’ के नाम से जानते है।
ऐसी न्याय प्रिय देवी, आदर्श माता, कुशल प्रशासक देवी अहिल्याबाई होल्कर को शत - शत नमन।
सेवा प्रकल्प संस्थान के प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री सुरेश राणा जिनसे उन्नत किसान होने के कारण मन की बात में मोदी जी ने बात की ।
उनका गांव खैराना में मिलना हुआ ।
उन्होंने परंपरागत खेती और पंत नगर के वैज्ञानिकों के परामर्श से अपनी विधि निकली जिससे उन्हें बहुत लाभ हुआ
#सेवाप्रकल्पसंस्थान
अखिल भारतीय आरोग्य चिकित्सा प्रमुख डॉक्टर पंकज भाटिया जी संकुल प्रमुख बहनों को प्रशिक्षण देते हुए सितारगंज में आलोक जी एवं विकास जी के साथ उपस्थित रहे।
हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
🚩🚩🚩🚩🚩
#विक्रमसंवत2081
#सेवाप्रकल्पसंस्थानआगरा
राम लल्ला का आगमन एवं प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024, सोमवार के दिन श्री रामधाम अयोध्या में अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठित होने जा रहे हैं ऐसा अमृत सिद्धि योग लगभग चार सौ पिचानवे वर्षों बाद आ रहा है । बच्चों के साथ हम सब भी मिलकर ख़ुशी मनाते हैं राम जी के आगमन की ।
जय श्री राम
जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर नवीन मंघरानी वनवासी कन्या छात्रावास की छात्राओं द्वारा सामूहिक , एकल गीत एवम मणिपुरी नृत्य किया।
Dr. MPS Group of Institutions
#सेवा_प्रकल्प_संस्थान_आगरा
सेवा प्रकल्प संस्थान उत्तराखंड एवं प उत्तर प्रदेश
सेवा प्रकल्प संस्थान आगरा महानगर द्वारा "जनजाति गौरव दिवस" भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिवस Dr. M. P. S. Group of institutions में विद्यार्थियों के बीच मनाया गया। जिसमे विद्यार्थी,शिक्षको एवं अथितियों को जनजाति क्रांतिकारियों के बारे में मुख्य वक्ता डॉ. तरुण शर्मा एवं मुख्य अतिथि डॉ. वंदना कालरा द्वारा रानी गाइदिन्ल्यू जी के बलिदान के बारे में बताया। वक्ता के रूप में संघ विभाग प्रचारक श्री आनंद जी का सानिध्य प्राप्त हुआ।
नवीन मन्घ्रानी कन्या छात्रावास आगरा की छात्राओं ने मणिपुरी नृत्य, सामूहिक एवम एकल गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम अध्यक्ष स्क्वाड्रन लीडर ए. के. सिंह. जी रहे।
इंस्टीट्यूशन में जनजाति क्रांतिकारियों की प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें लगभग हर प्रदेश प्रान्त से वीर जनजाति क्रांतिकारियों के बारे में बताया गया है।
त्रिपुरा की चांगमुन हलाम B.ed करके, अपने घर जा रही है 2008 में रुद्रपुर स्थित वनवासी कल्याण आश्रम के छात्रावास में आई थी।
जहां चांगमुन 9 वर्ष रही फिर आगरा में नवीन मंघरानी वनवासी कन्या छात्रावास में 5 वर्ष रह के वापिस अब अपने घर जा रही है।
उनकी विदाई समारोह पर हवन के साथ सभी ने उत्तम भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
जनजाति गौरव दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
बिरसा मुंडा
जन्म तिथि 15 नवंबर 1875 उलिहातु खूंटी झारखंड
बलिदान जून 1900
बिरसा मुंडा 19वी सदी में हुए स्वतंत्रता संग्राम के जनजाति जननायक थे जनजातियों के जल जंगल जमीन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले बिरसा ने उलगुलान क्रांति का आवाहन किया जनजाति संस्कृत स्वाभिमान और स्वतंत्राता की रक्षा के लिए बिरसा के संघर्ष में अंग्रेजी राज को हिला कर रख दिया
भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतो में बसी जनजातियों के संतानों की गौरव गाथा जब हम याद करते हैं तो एक स्वर्णिम नाम उभरता है बिरसा मुंडा जिन्होंने अपने जनजाति बंधुयो को प्यार और श्रद्धा के साथ बिरसा भगवान के रूप में नमन करते
जनजाति समाज को नई दिशा देने वाले क्रांतिकारी बिरसा मुंडा का जन्म राची जिले के उलिहतु गांव में 15 नवंबर 1875 को हुआ था पिता सुगना मुंडा और माता करमी अत्यंत निर्धन थे और दूसरे गांव जाकर के मजदूरी का काम पिया करते थे उनके दो भाई एवं तो बहनें भी थी बिरसा का बचपन एक सामान जनजाति वालों की तरह बीता माता पिता ने उन्हें पढ़ने के लिए मामा के घर आयुबहातु भेज दिया जहां बिरसा ने भेड़ बकरी चराने के साथ-साथ शिक्षा जयपाल नाग से अक्षर ज्ञान और गणित की प्रारंभिक शिक्षा पाई
बिरसा ने बिरजू मिशन स्कूल में साथ में प्राथमिक शिक्षा पाई आगे की पढ़ाई के लिए वह चाईबासा के लूथरेन मिशन स्कूल में दाखिल हुए जहां बिरसा की सिखा काटी गई इस घटना से उनके मन को बड़ा आघात लगा वहां उन्होंने अपने धर्म पर संकट महसूस किया बिरसा ने इसाईओ के षड्यंत्रों को भाप लिया बिरसा धर्म रक्षा का संकल्प ले कर गांव लौटे चाईबासा से लौटने के बाद बिरसा बंदगांव आ गए यहां लोग उनके अनूआई बनने लगे एक जनआंदोलन खड़ा हो गया
बिरसा ने मुंडा युवाओं का एक संगठन बनाया सामाजिक सुधार के साथ-साथ राजनीतिक शोषण के विरुद्ध लोगों को जागरुक किया बिरसा ने आवाहन किया कि अंग्रेज शासन और गोरे विदेशी पादरी मिलकर इस देश को भ्रष्ट करना चाहते हैं दोनों की टोपीया एक है दोनों के लक्ष्य एक हैं वह हमारे देश को गुलाम बनाना चाहते हैं
बिरसा ने स्वतंत्रता के लिए नारा दिया अबुआ डिसोम आबुआ राज अपना देश अपनी माटी बिरसा के इस शंखनाद से जनजाति युवक जाग उठे चलकद ग्राम में एक आश्रम एक आरोग्य निकेतन और एक क्रांति का गढ़ बन गया
वर्ष 1893 _ 94 में सिंहभूम मनभूम पलामू और अन्य क्षेत्र में खाली पड़ी भूमि को दुष्ट अंग्रेजों की सरकार ने भारतीय वन अधिनियम के तहत आरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया इसके अंतर्गत जनजाति के वनों पर अधिकार छीन गए बिरसा के नेतृत्व में जनजातियों ने याचिका दायर कर अपने अधिकारों की मांग की
अंग्रेज सरकार ने किसी भी कीमत पर बिरसा की क्रांति को कुचल ने का आदेश दिया 25 अगस्त 1995 को छल प्रपंच से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और हजारीबाग जेल ले गए 30 नवंबर 1897 को बिरसा रिहा हुए और 1899 उनका आंदोलन शुरु हुआ 9 जनवरी 1900 के दिन बिरसा ने जोजोहतू के निकट डाबारी पहाड़ीयो में एक सभा आयोजित की जिसमें हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए कमिश्नर स्ट्रीटफिल्ड को खबर मिलि तो उसने पूरे पहाड़ को घेर लिया
3 फरवरी को गुप्तचर और भेदिया की मदद से बंदगांव में उन्हें पकड़ लिया गया उन्हें हथकड़ी पहनाकर राची जेल लाया गया 9 जून 1900 के दिन स्वतंत्रता के इस महानायक की रहस्यमय ढंग से राची जेल में मृत हो गई कूर अंग्रेजों ने जेल में उन्हें मार डाला अपनी माटी अपने जंगल के लिए यह बिरसा जी का ही प्रयास था कि अंग्रेजों ने जमीन अधिग्रहण और नई जमींदारी रोकने के लिए छोटा नागपुर कास्तकारी कानून पारित किया और जनजातियों के अधिकार बहाल कर दिए गए मात्र 25 वर्ष की अल्प आयु में बिरसा मुंडा ने धर्म संस्कृत व देश कि स्वतंत्रता के लिए अदभुत कार्य किए भारत सरकार ने बिरसा मुंडा की जन्मदिन पर 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस घोषित कर बिरसा मुंडा जैसे सैकड़ों जनजाति वीरों का यथोचित सम्मान किया है
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा के जन्म जयंती के दिवस पर उनके प्रेरक स्मृति को वंदन।
जनजातीय गौरव दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। अपनी धर्म - संस्कृति - परंपरा की रक्षा के लिए भगवान बिरसा का बलिदान और समर्पण आज भी हम सबके लिए प्रेरणा देता रहेगा।
#हमारे_भगवान_बिरसा
15 - नवम्बर
जनजाति गौरव दिवस
महाराष्ट्र के प्रसिद्ध क्रांतिकारी राघोजी भांगरे जी की आज जन्म जयंती।
उनके प्रेरक स्मृति को शत-शत वंदन।
बिरसा मुण्डा एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक थे। उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान 19व...
आज नवीन मंघरानी वनवासी कल्याण छात्रावास एवं राज फरसैया छात्रावास में दीपावली उत्सव मनाते हुए छात्रावास की बच्चियां।
*दीपावली की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं* 🙏😊🪔🪔
लोकसभा ने आज "नारी शक्ति वंदन अधिनियम" को दो तिहाई बहुमत से पारित किया। सभी सांसदों का इस सराहनीय भूमिका के लिए हार्दिक अभिनंदन।
महिलाओं को 33% आरक्षण देकर समस्त नारी शक्ति को सामर्थ्यशाली बनाने की दृष्टि से यह एक मजबूत कदम है।
सबल नारी से सबल राष्ट्र हो। मंत्र यही गूंजायेंगे। हम विश्व विजय कर जायेंगे।
सेवा प्रकल्प संस्थान द्वारा भुर्जी वाला मंदिर जयपुर हाउस में हरियाली तीज कार्यक्रम किया गया।
#हरियालीतीज2023
#सेवा_प्रकल्प_संस्थान
चंद्रयान-3 की सफलता के लिए सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
15 अगस्त 2023 एवं हरियाली तीज कार्यक्रम की कुछ झलकियां।
नवीन मंघरानी कन्या छात्रावास आगरा में हरियाली तीज का कार्यक्रम किया गया जिसमें सभी महिलाओं ने बड़ चढ़कर भाग लिया वनवासी बच्चियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया।
#हरियालीतीज2023
#सेवा_प्रकल्प_संस्थान
CNN - न्यूज़ 18 टीवी नेटवर्क द्वारा आयोजित Rising India She Shakti यह एक विशेष कार्यक्रम आज नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में वनवासी कल्याण आश्रम की आंध्र प्रदेश प्रांत की महिला प्रमुख श्रीमती अचम्मा जी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अचम्मा जी ने श्रीराम का एक सुंदर तेलुगू भजन सुना कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। इसी कार्यक्रम में हमारी जनजाति क्षेत्र में कार्यरत वरिष्ठ कार्यकर्ता श्रीमती बूधरी ताती और पद्मश्री भूरी बाई को भी सम्मानित किया गया।
Agra
Be the first to know and let us send you an email when Seva Prakalp sansthan posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.