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25/12/2024
झारखंड के महानायक शहीद निर्मल महतो जी की जयंती पर नमन
आज झारखंड के वीर सपूत, झारखंडी अस्मिता के प्रतीक, और झारखंड आंदोलन के महानायक शहीद निर्मल महतो जी की जयंती पर हम उन्हें शत-शत नमन करते हैं।
उनका जीवन संघर्ष और बलिदान की ऐसी गाथा है, जो हर झारखंडी के दिल में जिंदा है और सदियों तक प्रेरणा देती रहेगी।
निर्मल महतो जी का जन्म झारखंड के एक साधारण परिवार में हुआ था, लेकिन उनके सपने असाधारण थे। वे झारखंड की जनता के अधिकारों, उनकी पहचान और उनके संसाधनों की रक्षा के लिए पूरी शक्ति से खड़े हुए। उन्होंने झारखंड आंदोलन को दिशा और ऊर्जा दी।
1980 के दशक में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व में जनता को एकजुट किया और "झारखंड अलग राज्य" की मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई की। उनका दृढ़ विश्वास था कि झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों पर यहां के मूल निवासियों का अधिकार हो और उनका शोषण बंद होना चाहिए।
25 अगस्त 1987 को, रांची के अशोक नगर में निर्मल महतो जी की हत्या कर दी गई। लेकिन उनकी मृत्यु ने झारखंड आंदोलन को और भी मजबूत कर दिया। उनकी शहादत ने हर झारखंडी के दिल में न्याय और अधिकारों के लिए लड़ने की एक नई आग जलाई।
निर्मल महतो जी का सपना था एक ऐसा झारखंड जहां हर व्यक्ति को शिक्षा, रोजगार, और सम्मान मिले। उनका बलिदान हमें सिखाता है कि अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज उठाना कितना जरूरी है।
आज उनकी जयंती पर, हम झारखंड के हर नागरिक से अपील करते हैं कि वे निर्मल महतो जी के सपनों को साकार करने के लिए एकजुट हों।
झारखंड को एक समृद्ध, न्यायपूर्ण और खुशहाल राज्य बनाना ही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
सवाल बनकर फिर उठूंगा।
जो बन पड़े तो जवाब रखना।।
मेरा खून बेकार न जाए।
मेरा खून का हिसाब रखना।।
25.12.1950---08.08.1987
शहीद निर्मल महतो अमर रहें!