Voice of Bharat

Voice of Bharat हम राष्ट्र एवं भारतीय संस्कृति से जुड़ी राष्ट्रवादी विचारधाराओं की आवाज बुलंद करने का प्रयास करते हैं
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आज के समय में 20 हजार की नौकरी में आप केवल जिंदा रहके तड़प सकते हैं... चालीस पचास में आपका घर चल जायेगा गिरते पड़ते.. यद...
29/12/2024

आज के समय में 20 हजार की नौकरी में आप केवल जिंदा रहके तड़प सकते हैं... चालीस पचास में आपका घर चल जायेगा गिरते पड़ते.. यदि आप चाहते है की ठीक स्तर का जीवन जिएं और घर आलीशान टाइप हो तो भैया आपको हाथ खोलने ही पड़ेंगे न्यूनतम लाख रुपए महीने इधर उधर करने ही पड़ेंगे !!

इसलिए धन कमाने का सोचना ही सच्चा समाजशास्त्र और पुरूषार्थ भी है और नये साल का आपका गोल भी 🙂

28/12/2024
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन। ॐ शांति
27/12/2024

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन। ॐ शांति

पुस्तकों से शत्रुता निभाती सरकार! न कोई पढ़ेगा, न सवाल मन में आएगा और फिर वह न सवाल पूछेगा
26/12/2024

पुस्तकों से शत्रुता निभाती सरकार! न कोई पढ़ेगा, न सवाल मन में आएगा और फिर वह न सवाल पूछेगा

सर्दी में लंच की थाली , बाजरा की रोटी  उर्द दाल पालक, पत्तागोभी मटर की सब्जी , बथुए का रायता , धनिया की चटनी, सलाद में म...
25/12/2024

सर्दी में लंच की थाली , बाजरा की रोटी उर्द दाल पालक, पत्तागोभी मटर की सब्जी , बथुए का रायता , धनिया की चटनी, सलाद में मूली गाजर हरी मिर्च। Full of good carbs protien, फैट, Vitamins and minerals ❤️

- अंशु सक्सेना

जीवन में कभी ब्याज पर पैसे नहीं लेना चाहिए चाहे भूखे बैठे रहना 😢
25/12/2024

जीवन में कभी ब्याज पर पैसे नहीं लेना चाहिए चाहे भूखे बैठे रहना 😢

कुछ समय पहले कैप्टन अंशुमान सियाचिन में देश की सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। मरणोपरांत सम्मानित किए गए कीर्त...
23/12/2024

कुछ समय पहले कैप्टन अंशुमान सियाचिन में देश की सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। मरणोपरांत सम्मानित किए गए कीर्ति चक्र को थामे उनकी पत्नी स्मृति की तस्वीर बहुत वायरल हुई। स्मृति और अंशुमान की मोहब्बत पर कविताएं रची गईं। स्मृति को नारीत्व के उच्चतम आदर्शों पर स्थापित कर दिया गया।
कुछ समय बाद इसी सोशल मीडिया ने स्मृति के चरित्र पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। अपनी ससुराल क्यों न लौटी? अपनी पेंशन सास-ससुर को क्यों न सौंप दी? सास-ससुर से ज्यादा मुआवजा कैसे ले गयी? देवर से शादी क्यों न कर ली?
फिर इंस्टाग्राम पर स्मृति की हंसती-मुस्कुराती रील वायरल हुईं तो सवाल उठने लगा कि वह पति की मृत्यु के बाद हंस-बोल कैसे रही है? वैसे तो रील्स फेक थीं। पर मान लीजिए, सच भी होती तो? दुःख की गठरी ताउम्र तो ढोई नहीं जा सकती। अगर कोई स्त्री किसी दुःख से निकल कर हंसना-बोलना-नाचना भी चाह रही है तो इसमें दिक्कत क्या है?
हमनें तो इसी हिंदुस्तान में ऐसी बलिदानी औरतें देखी हैं, जिन्होंने छोटी सी उम्र में अपनी पति को खो कर ताउम्र बिना किसी शिकायत के वैधव्य सहा। न जाने कितनी औरतें अपने पति का शव लेकर चिता पर जीवित ही लेट गईं। आज भी न जाने कितनी महिलाएं हैं, जो संकट के समय में या रोगग्रस्त पतियों की सेवा-टहल करते हुए जिंदगी से जद्दोजहद कर रही हैं, लड़ रही हैं, साथ निभा रही हैं। अपने आसपास किसी भी सरकारी अस्पताल चले जाइए। बैठी मिलेंगी आपको सैकड़ों औरतें - गंदगी के बीच बैठ कर अपने पतियों का सर गोद में रखे हुए, उनका मलमूत्र साफ करते हुए।
सबको अमेरिका के टॉप हॉस्पिटल का आरामदेह बिस्तर, मेडिकल इंश्योरेंस और हाई फैसिलिटीज उपलब्ध नहीं हैं, फिर भी कठिन परिस्थितियों में लड़ रही हैं। और ऐसा भी नहीं है कि जो पढ़-लिख गयी, सभ्रांत हो गईं - उन सभी ने अपने पतियों का साथ छोड़ दिया। तमाम पढ़ी-लिखी महिलाएं हैं, जो संकट में पति का साथ भी निभा रही हैं और घर भी चला रही हैं। बस सबको रील बनाने का शौक नहीं है।
आज सोशल मीडिया पर रील बना कर त्याग की देवी के रूप में प्रचार पा जाना बेहद आसान है। देख रहा हूँ कि बहुत से लोगों ने चित्र में दिख रही महिला की तुलना सती-सावित्री तक से करनी शुरू कर दी है। खैर सोशल मीडिया पर अपने जज्बातों को साझा करना कोई बुराई भी नहीं है। पर निजी पलों और निजी समस्याओं को अपलोड करते समय इतना धातव्य होना चाहिए कि यह दोधारी तलवार पर चलना है। सोशल मीडिया पर बहते आंसुओं के विनियम से प्रसिद्धि कमाइए, कोई ताज्जुब नहीं कि कल को यही जमात आपकी मुस्कुराहटों का हिसाब मांगने लगे।
सच तो यह है कि हमारे समाज को बलिदानी औरतें ही पसंद हैं - जीवन में अपना कर्तव्य निर्वाह कर आगे बढ़ती औरतें नहीं।
इस समाज ने एक बार आपको सती-सावित्री-अनुसूया बना दिया, तो उसके बाद जीवन में कुछ और हो जाने का विकल्प शेष नहीं बच जाता।

साभार - विजय सिंह ठकुराय (झकझकिया)

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21/12/2024

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21/12/2024

आज ऐसा समय है जब लाइब्रेरी में बैठकर लोग फोन पर लगे रहते हैं, ये बंदा लोकल ट्रेन में किताब पढ़ रहा है, वो भी खड़े - खड़े। अदभुत!

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19/12/2024

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17/12/2024

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17/12/2024

ऐसा एंटीना किस-किस के घर पर होता था? आजकल तो मुझे कहीं देखने को नहीं मिलता है। इस एंटीना के सहारे बचपन में परिवार के साथ बैठक में बहुत सारे धारावाहिक देखें हैं। क्या आपने भी ऐसे एंटीना से टीवी पर कोई सीरियल देखा है ❤️😊

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