Fans Malti Chauhan

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संघर्ष से सफलता तक ❤️💯🙏🏼👍यह कहानी है एक बहुत ही प्रतिभावान लड़की का नाम दिव्या है। दिव्या एक ऐसी लड़की है जिसने अपनी जिं...
15/01/2025

संघर्ष से सफलता तक ❤️💯🙏🏼👍

यह कहानी है एक बहुत ही प्रतिभावान लड़की का नाम दिव्या है। दिव्या एक ऐसी लड़की है जिसने अपनी जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ जिताना ही सिखाया, जिसका सपना भी हमेशा से बड़ा था और हमेशा की तरह उसने अपने सपनों को पूरा करने का दम भी लिखा था, उसकी अपनी जिंदगी में हमेशा ही सब कुछ अच्छा रहा।

अपने स्कूल से लेकर कॉलेज में हमेशा प्रथम आने से लेकर, अपने स्कूल और कॉलेज के समय में हमेशा अन्य सहपाठियों के लिए एक आदर्श बनने तक की यात्रा हमेशा बहुत ही शानदार रही। अपने घर परिवार में भी सभी से बहुत प्यार सम्मान मिला। इस तरह अपने परिवार अपने दोस्तों के साथ अपनी जिंदगी बहुत ही अच्छे से चल रही थी।

दिव्या अपना सपना एक करके पूरी करती जा रही थी। लेकिन फिर उसके जीवन में एक ऐसी जगह आ गई जो सामान्य लड़की हर के जीवन में आती है। दिव्या के दोस्तों ने रचाई अपनी शादी। बहुत ही धाम से शादी हुई और दिव्या ने अपने नए मायके जीवन में कदम रखा, इस उम्मीद के साथ कि उसकी जो शादी का सपना देखा गया उससे पहले शादी रह गए थे वो अब पूरे हो जाएंगे। वह अपने जीवन में दोस्त के साथ मिलकर अपने जीवन में और आगे बहुचर्चित होंगी और जैसा जीवन वह चाहती थी अब वो और उसके साथी के साथ मिलकर बनायेगी।

लेकिन किस्मत को कुछ और ही विचार थे। दिव्या को बहुत ही पारंपरिक और दकियानूसी सोच रखने वाला जीवन साथी मिला,जिससे दिव्या किसी भी तरह के साथ की उम्मीद कभी कर ही नहीं पाएगी। शादी के बाद एक करके दिव्या के पैरो में परिवार की इज़्ज़त और घर की ज़िम्मेदारी के नाम पर तरह-तरह से जंजीरे बांधी जाने लगी। धीरे-धीरे दिव्या को घर की ज़िम्मेदारी के नाम पर उसके खुद के अस्तित्व पर मजबूर होना पड़ा। एक एक करके दिव्या के सपनों का गला घोटा जाने लगा। ऐसे समय में दिव्या ने जो कभी अपनी जिंदगी में सफल होने का सपना देखा था और जिंदगी में अपने दम पर कुछ हासिल करने का सपना देखा था वह सिर्फ एक मौके की तलाश में रह गई थी। हर दिन उसने खुद को कोसने लगा, अपनी किस्मत को,और अपने भगवान को जिन्होंने उसके साथ ऐसा किया।

एक खुशमिजाज लड़की अपने जीवन के हर पल को खोल कर जीने वाली लड़की दिव्या, एक नकारात्मक नजरिया रखने वाली क्षेत्र वाली लड़की रह गई और इसी वजह से उसके जीवन में कई सारी नकारात्मक चीजें एक के बाद एक हो गईं लगी।

फिर कुछ समय बाद ही दिव्या ने एक नन्हीं परी को जन्म दिया। वह नन्ही परी अपने जीवन में आशा की एक किरण बन कर आई। इस नन्हीं परी के आने के बाद दिव्या की जिंदगी फिर बदल गई। दिव्या अब अपनी नन्ही परी के लिए जीने लगी। धीरे-धीरे दिव्या एक साधारण लड़की से एक ऐसी मां के रूप में बदल गई जो उसके लिए पूरी दुनिया से लड़की बन गई। उस नन्हीं परी के आने के बाद दिव्या को ये अहसास हुआ कि वह अब एक और दिन ऐसी जिंदगी नहीं जी पाएगी। अगर वह खुद के अंदर से इतने अच्छे रिश्ते में हैं तो फिर वह अपनी नन्ही परी को एक जिंदगी कैसे दे सकती हैं।

अब दिव्या ने अपने हक के लिए आवाज उठाना शुरू कर दिया है। फिर क्या एक करके सभी दिव्या के खिलाफ होने लगे, तक की खुद की प्रेमिका ने अपने साथ छोड़ दिया, लेकिन संघर्ष, और विरोध के बाद भी दिव्या ने अपनी लड़ाई लड़ी, योकी अब दिव्या ने यह दावा किया था की वह अपने और अपने बच्चे की जिंदगी को इस तरह से घुट्टी-घुटकर नहीं जिएगी। उन्होंने फैसला किया कि वह अपने आप को और अपने बच्चे को एक अच्छा जीवन दें, जहां शांति और ईमानदारी हो और खुले कर अपने विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता हो। अपने जीवन को अपने सोसाइटी जीन की आज़ादी हो।

दिव्या के यह कर निर्धारण के कुछ समय बाद फिर धीरे-धीरे दिव्या का जीवन भी सकारात्मक रूप में बदल गया, उसे अपने जीवन में सभी सफलताएं मिलने लगीं और दिव्या अपने जीवन में एक के बाद एक सफलता हासिल करने लगी।

अब दिव्या में एक ऐसी ही बेहतर शक्ति आ गई थी कि दिव्या तुम्हारे साथ में हो रही चीज़ों को समझ में आ गई थी और हर स्थिति का सामना करने की कोशिश में उसे अपने ही अंदर से मिल गई थी। अब दिव्या पहले से बहुत ज्यादा खुश रहती थी। और जीवन में सब कुछ बदल गया उसकी सफलता को देखकर जंगल वाले लोग कई तरह की बातें भी कर गए लेकिन अब दिव्या को सहारा नहीं दिया गया था किसी की अब दिव्या ने अपने ऊपर भरोसा करके अकेले जीना सीख लिया था।

Motivational quotes 🫡🫡🙏🏼🙏🏼👍
13/01/2025

Motivational quotes 🫡🫡🙏🏼🙏🏼👍

संघर्ष से सफलता तक कहानी 🙏🏼👍🫡एक बहुत ही प्रतिभावान लड़की की जिसका नाम है दिव्या। दिव्या एक ऐसी लड़की जिसने अपनी जिंदगी म...
13/01/2025

संघर्ष से सफलता तक कहानी 🙏🏼👍🫡

एक बहुत ही प्रतिभावान लड़की की जिसका नाम है दिव्या। दिव्या एक ऐसी लड़की जिसने अपनी जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ जीतना ही सीखा, जिसके सपने भी हमेशा से बड़े थे और हमेशा की तरह वह अपने सपनो को पूरा करने का दम भी भी रखती थी, उसकी अपनी जिंदगी में हमेशा ही सब कुछ अच्छा रहा।

अपने स्कूल से लेकर कॉलेज में हमेशा प्रथम आने से तक,अपने स्कूल और कॉलेज के समय में हमेशा दूसरे सहपाठियों के लिए एक आदर्श बनने तक का सफर हमेशा बहुत ही शानदार रहा। अपने घर परिवार में भी उसको सभी से बहुत प्यार सम्मान मिला। इस तरह अपने परिवार अपने दोस्तो के साथ उसकी जिंदगी बहुत ही अच्छे से चल रही थी।

दिव्या अपने सपने एक एक करके पूरे करती जा रही थी। लेकिन फिर उसकी जिंदगी में एक ऐसा मुकाम आया जो सामान्यत हर लड़की के जीवन में आता है। दिव्या के घरवालों ने उसकी शादी करा दी। बहुत ही धूम धाम से शादी हुई और दिव्या ने अपने नए शादीशुदा जीवन में कदम रखा, इस उम्मीद के साथ की उसके जो सपने शादी से पहले अधूरे रह गए थे वो अब पूरे होंगे। वह अपने जीवन साथी के साथ मिलकर अपने जीवन में और आगे बढ़ती चली जायेगी और जैसा जीवन वह चाहती थी अब वो और उसका जीवनसाथी साथ में मिलकर हासिल करेंगे।

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। दिव्या को बहुत ही पारंपरिक और दकियानूसी सोच रखने वाला जीवन साथी मिला,जिससे दिव्या किसी भी तरह के साथ की उम्मीद कभी कर ही नहीं सकी। शादी होने के बाद एक एक करके दिव्या के पैरो में परिवार की इज्जत और घर की जिम्मेदारी के नाम पर तरह तरह से जंजीरे बंधी जाने लगी। धीरे धीरे दिव्या को घर की जिम्मेदारी के नाम पर उसका खुद का अस्तित्व खोने पर मजबूर किया जाने लगा। एक एक करके दिव्या के सपनो का गला घोटा जाने लगा। ऐसे समय में दिव्या जो कभी अपनी जिंदगी में कामयाब होने का और जीवन में अपने दम पर कुछ हासिल करने का सपना देखा करती थी वह सिर्फ एक हालतों की शिकार हो कर रह गई। हर दिन वह खुद को कोसने लग गई, अपनी किस्मत को,और अपने भगवान को जिन्होने उसके साथ ऐसा किया।

एक खुशमिजाज लड़की जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाली, अपने जीवन के हर पल को खुल कर जीने वाली लड़की दिव्या, एक नकारात्मक नजरिया रखने वाली लड़की बनकर रह गई और इसी कारण उसके जीवन में कई सारी नकारात्मक चीजे एक के बाद एक होने लगी।

फिर कुछ समय बाद ही दिव्या ने एक नन्ही परी को जन्म दिया। वह नन्ही परी उसके जीवन में उम्मीद की एक किरण बन कर आई। इस नन्ही परी के आने के बाद दिव्या की जिंदगी फिर बदलने लगी। दिव्या अब अपनी नन्ही परी के लिए जीने लगी। धीरे धीरे दिव्या कब एक साधारण लड़की से एक ऐसी मां के रूप में बदल चुकी थी जो अपने बच्चे के लिए पूरी दुनिया से लड़ जाए। उस नन्ही परी के आने के बाद दिव्या को यह एहसास होने लगा की वह अब एक और दिन ऐसा जीवन नही जिएगी। अगर वह खुद अंदर से इतना टूट जायेगी तो फिर वह अपनी नन्ही परी को एक अच्छा जीवन केसे दे पाएगी।

इसीलिए अब दिव्या ने अपने हक के लिए आवाज उठना शुरू कर दिया। फिर क्या एक एक करके सभी दिव्या के खिलाफ होने लगे यहा तक की खुद उसके जीवनसाथी ने उसका साथ छोड़ दिया, लेकिन तमाम संघर्षों, और विरोध के बाद भी दिव्या अपनी लड़ाई लड़ती रही, क्युकी अब दिव्या ने यह निश्चय कर लिया था की वह अपने और अपने बच्चे का जीवन को इस तरह से घुट घुट कर नही जीएगी। उसने फैसला किया की वह अपने आप को और अपने बच्चे को एक अच्छा जिंदगी देगी, जहा पर शांति और सुकून हो और खुल कर अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी हो। अपने जीवन को अपने अनुरूप जीने की आजादी हो।

दिव्या के यह निश्चय कर लेने के कुछ समय फिर धीरे धीरे दिव्या का जीवन भी सकारात्मक रूप बदलने लगा, उसे अपने जीवन के सभी कामों में सफलता मिलने लगी और दिव्या अपने जीवन में एक के बाद एक सफलता हासिल करने लगी।

अब दिव्या में एक ऐसी अंदरूनी शक्ति आ गई थी की दिव्या अपने साथ में हो रही चीजो को समझने लगी थी और हर स्थिति का सामना करने की हिम्मत उसे अपने ही अंदर से मिलने लगी थी।अब दिव्या पहले से बहुत ज्यादा खुश रहने लगी। और जीवन में सब कुछ बदलने लगा उसकी सफलता को देख कर उससे जलने वाले लोग कई तरह की बाते भी बनाने लगे परंतु अब दिव्या को परवाह नही थी किसी की क्युकी अब दिव्या ने अपने ऊपर भरोसा करके अकेले जीना सीख लिया था।




10/01/2025

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09/01/2025

हंसना मना है 😜


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07/01/2025
संघर्ष भरी कहानीअनिल एक छोटे से गांव में रहने वाला एक गरीब लड़का था, जिसके पास साधन सीमित थे। लेकिन उसके सपने बड़े थे। अ...
06/01/2025

संघर्ष भरी कहानी

अनिल एक छोटे से गांव में रहने वाला एक गरीब लड़का था, जिसके पास साधन सीमित थे। लेकिन उसके सपने बड़े थे। अनिल का सपना था कि वह एक पायलट बने और आसमान की ऊंचाईयों को छू ले। उसके पास पढ़ाई के लिए किताबें नही होती थीं, लेकिन उसने अपने दृढ़ संकल्प को नहीं छोड़ा। यह कहानी motivational kahani से जुड़ी है।

अनिल ने अपने अध्यापकों से पुराने किताबें उधार ली और रात-दिन मेहनत की। वह स्कूल की लंबी दूरी पैदल तय करता और अपने सपनों को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास करता। उसकी मेहनत का फल मिला, जब उसने स्कूल टॉप किया और सरकार से छात्रवृत्ति प्राप्त की।

अनिल की कहानी हमें यह सिखाती है कि “मुश्किलों के बावजूद निरंतर प्रयास और समर्पण हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचा सकते हैं।” आज अनिल एक प्रतिष्ठित पायलट है और उसकी यह प्रेरक कहानी के रूप में हम सभी के लिए एक सीख है।

Copyright Disclaimer: - Under section 107 of the copyright Act 1976, allowance is mad for FAIR USE for purpose such a as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship and research. Fair use is a use permitted by copyright statues that might otherwise be infringing. Non- Profit, educational or personal use tips the balance in favor of FAIR USE.


जब तक सफलता न मिल जाए, तब तक हार नहीं माननी चाहिएएक बार एक गांव में एक लड़का रहता था जो की हमेशा सपने देखता था लेकिन  जब...
05/01/2025

जब तक सफलता न मिल जाए, तब तक हार नहीं माननी चाहिए

एक बार एक गांव में एक लड़का रहता था जो की हमेशा सपने देखता था लेकिन जब वो अपने सपनो की बाते दूसरो से करता तब सब उसका मज़ाक उड़ाते और उसको समझने वाला कोई नहीं था।

सब उससे यही कहते की ये तुम्हारे सपने पूरे नही हो सकते क्युकी तुम एक छोटे से गांव में रहते हो

उस लड़के को ये सुनकर बहुत ही ज़्यादा गुस्सा आया की क्या हमारे गांव में कोई भी इतना काबिल नहीं है जो हमारे गांव का नाम रौशन का सके

अगर आज तक किसी ने हमारे गांव में सपने नही देखे और सफलता नहीं पाई तो कोई बात नहीं मैं अपने गांव का नाम रौशन ज़रूर करूंगा



लड़के के दोस्त ने लड़के की बात को समझा और उसे बताया कि हमारे गांव के पास में ही एक (library) पुस्तकालय है जहा जाकर उस को कई बातो की जानकारी मिल जाएगी जो वो जानना चाहता है।

उस लड़के ने (library) पुस्तकालय जाकर देखा तो वहा पर अनगिनत किताबे थी और तो और वहा एक दम शांति और हर कोई बस किताबे पड़ रहा था। वो लड़का बहुत ही ज़्यादा खुश हुआ और वो हर रोज़ वहा जाता और किताबे पड़ता उसके लिए अब कुछ भी करना मुश्किल नही था

लेकिन (library) पुस्तकालय से आते वक्त उसने गांव में कुछ बच्चो को देखा जो की उसको देखकर बहुत ही ज़्यादा खुश हो रहे थे लड़के ने बच्चो से पूछा तुम लोग आखिर इतना खुश क्यों हो तब उनमें से एक बच्चा बोला की भाई आज आप अपने सपने पूरे करेने के लिए इतना दूर जाते हो और आप थकते भी नही आप देखना जब हम बड़े हो जायेंगे तो हम भी अपने सपने पूरे करने के लिए उस अनोखी जगह जाएंगे जहा से आपने इतना ज्ञान पाया है अब आपको सफलता मिल कर ही रहेगी ।

लड़का हंसकर बोला सही कहा तुमने मैं अपना सपना ज़रूर पूरा करूंगा लेकिन क्या तुम्हे पता भी है की मेरा सपना क्या है बच्चो ने कहा नही हमे नही पता तब लड़के ने बताया "मैं अपने इसी गांव को शहर की तरह बनाना चाहता हु जैसे शहर में लोग पड़ते लिखते हैं और तरक्की करते हैं वैसे ही हमारे गांव के बच्चे भी तरक्की करेंगे।"



बच्चो ने सवाल पूछा की आखिर ये होगा कैसे लड़के ने जवाब दिया जो भी मैने (library) पुस्तकालय में सीखा है। मैं वो सब कुछ तुम्हे सिखाऊंगा तुम बस मुझे बता दो की तुम बनना क्या चाहते हो। बच्चो ने अपने अपने सपने लड़के को बता दिए अब लड़का रोज़ (library) पुस्तकालय जाता और बच्चो के ज़रूरत की सारी जानकारी एक किताब में चुपके से लिख लेता और बच्चो को वो सब कुछ सिखाता जो उसने अपनी किताब में लिखा है अब लड़का अपना ही नही बच्चो के सपनो के लिए भी मेहनत कर रहा था

कुछ वक्त बाद उस लड़के ने सिर्फ अपना ही नही बल्कि उन बच्चो का भी सपना पूरा किया। ये सब देखकर लड़के के दोस्त ने कहा तेरा सपना तो एक महान (writer) लेखक बनने का था तो तूने इन बच्चो पर अपना वक्त बर्बाद क्यों किया

लड़का बोला तू समझा नहीं जब मैने सपना देखा था एक महान (writer) लेखक बनकर अपने गांव का नाम रौशन करने का और जब मैने सबको अपने सपने के बारे में बताया था तब सबने कहा था कि मुझसे नही हो पाया क्यूंकि मैं छोटे से गांव में रहता हूं। आज देखना इस छोटे से गांव के बच्चे ही अपने सपने पूरे करके इस छोटे से गांव के नाम को बहुत बड़ा बना देंगे और देखना जब ये सफलता पा लेंगे तो इनकी सफलता की कहानी मैं खुद लिखूंगा तब मैं भी एक (writer) लेखक बन जाऊंगा तब होगा मेरा सपना पूरा।

सीख

इस कहानी से हमे सीखने को मिलता है की अगर सफलता पाने के लिए कोई रास्ता न दिखे तो खुद रास्ता बनाना ही बेहतर होता है क्युकी सफलता भी उन लोगो को ही मिलती हैं जो कभी हार नही मानते।

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जब तक सफलता न मिल जाए, तब तक हार नहीं माननी चाहिएएक बार एक गांव में एक लड़का रहता था जो की हमेशा सपने देखता था लेकिन  जब...
05/01/2025

जब तक सफलता न मिल जाए, तब तक हार नहीं माननी चाहिए

एक बार एक गांव में एक लड़का रहता था जो की हमेशा सपने देखता था लेकिन जब वो अपने सपनो की बाते दूसरो से करता तब सब उसका मज़ाक उड़ाते और उसको समझने वाला कोई नहीं था।

सब उससे यही कहते की ये तुम्हारे सपने पूरे नही हो सकते क्युकी तुम एक छोटे से गांव में रहते हो

उस लड़के को ये सुनकर बहुत ही ज़्यादा गुस्सा आया की क्या हमारे गांव में कोई भी इतना काबिल नहीं है जो हमारे गांव का नाम रौशन का सके

अगर आज तक किसी ने हमारे गांव में सपने नही देखे और सफलता नहीं पाई तो कोई बात नहीं मैं अपने गांव का नाम रौशन ज़रूर करूंगा



लड़के के दोस्त ने लड़के की बात को समझा और उसे बताया कि हमारे गांव के पास में ही एक (library) पुस्तकालय है जहा जाकर उस को कई बातो की जानकारी मिल जाएगी जो वो जानना चाहता है।

उस लड़के ने (library) पुस्तकालय जाकर देखा तो वहा पर अनगिनत किताबे थी और तो और वहा एक दम शांति और हर कोई बस किताबे पड़ रहा था। वो लड़का बहुत ही ज़्यादा खुश हुआ और वो हर रोज़ वहा जाता और किताबे पड़ता उसके लिए अब कुछ भी करना मुश्किल नही था

लेकिन (library) पुस्तकालय से आते वक्त उसने गांव में कुछ बच्चो को देखा जो की उसको देखकर बहुत ही ज़्यादा खुश हो रहे थे लड़के ने बच्चो से पूछा तुम लोग आखिर इतना खुश क्यों हो तब उनमें से एक बच्चा बोला की भाई आज आप अपने सपने पूरे करेने के लिए इतना दूर जाते हो और आप थकते भी नही आप देखना जब हम बड़े हो जायेंगे तो हम भी अपने सपने पूरे करने के लिए उस अनोखी जगह जाएंगे जहा से आपने इतना ज्ञान पाया है अब आपको सफलता मिल कर ही रहेगी ।

लड़का हंसकर बोला सही कहा तुमने मैं अपना सपना ज़रूर पूरा करूंगा लेकिन क्या तुम्हे पता भी है की मेरा सपना क्या है बच्चो ने कहा नही हमे नही पता तब लड़के ने बताया "मैं अपने इसी गांव को शहर की तरह बनाना चाहता हु जैसे शहर में लोग पड़ते लिखते हैं और तरक्की करते हैं वैसे ही हमारे गांव के बच्चे भी तरक्की करेंगे।"



बच्चो ने सवाल पूछा की आखिर ये होगा कैसे लड़के ने जवाब दिया जो भी मैने (library) पुस्तकालय में सीखा है। मैं वो सब कुछ तुम्हे सिखाऊंगा तुम बस मुझे बता दो की तुम बनना क्या चाहते हो। बच्चो ने अपने अपने सपने लड़के को बता दिए अब लड़का रोज़ (library) पुस्तकालय जाता और बच्चो के ज़रूरत की सारी जानकारी एक किताब में चुपके से लिख लेता और बच्चो को वो सब कुछ सिखाता जो उसने अपनी किताब में लिखा है अब लड़का अपना ही नही बच्चो के सपनो के लिए भी मेहनत कर रहा था

कुछ वक्त बाद उस लड़के ने सिर्फ अपना ही नही बल्कि उन बच्चो का भी सपना पूरा किया। ये सब देखकर लड़के के दोस्त ने कहा तेरा सपना तो एक महान (writer) लेखक बनने का था तो तूने इन बच्चो पर अपना वक्त बर्बाद क्यों किया

लड़का बोला तू समझा नहीं जब मैने सपना देखा था एक महान (writer) लेखक बनकर अपने गांव का नाम रौशन करने का और जब मैने सबको अपने सपने के बारे में बताया था तब सबने कहा था कि मुझसे नही हो पाया क्यूंकि मैं छोटे से गांव में रहता हूं। आज देखना इस छोटे से गांव के बच्चे ही अपने सपने पूरे करके इस छोटे से गांव के नाम को बहुत बड़ा बना देंगे और देखना जब ये सफलता पा लेंगे तो इनकी सफलता की कहानी मैं खुद लिखूंगा तब मैं भी एक (writer) लेखक बन जाऊंगा तब होगा मेरा सपना पूरा।

सीख

इस कहानी से हमे सीखने को मिलता है की अगर सफलता पाने के लिए कोई रास्ता न दिखे तो खुद रास्ता बनाना ही बेहतर होता है क्युकी सफलता भी उन लोगो को ही मिलती हैं जो कभी हार नही मानते।

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दुनियां सिर्फ तमाशा देखना पसंद करती हैं।♥️  motivational Story in Hindi🫡👌एक बार की बात है एक घर में आग लग गई। घर में से ...
04/01/2025

दुनियां सिर्फ तमाशा देखना पसंद करती हैं।

♥️ motivational Story in Hindi🫡👌

एक बार की बात है एक घर में आग लग गई। घर में से सभी लोगो को निकाला गया मौहल्ले के कुछ लोग आग बुझाने में लग गए तो कुछ लोग सिर्फ देख रहे थे। उसी घर में एक चिड़िया का घोंसला भी था

चिड़िया अपनी चोंच में थोड़ा पानी लाती और आग के ऊपर डाल देती लेकिन आग बुझ ही नही रही थी लेकिन चिड़िया भी रुक नही रही थी वो बस अपनी चोंच में पानी भर कर लाती और आग में डाल देती चिड़िया को बार बार मेहनत करते देख कौवा उसको देख कर हंसने लगा और बोला चिड़िया तू पागल है क्या ?

तुझे क्या लगता है ये घर देख इतना बड़ा है और तेरी चोंच इतनी छोटी है तुझे क्या लगता है तेरे बुझाने से ये आग बुझ जायेगी चिड़िया ने कहा हां मैं जानती हूं कि मेरे बुझाने से ये आग नही बुझेगी लेकिन जब भी इस आग के बारे में बात होगी तब मेरा नाम आग बुझाने वालों में होगा और तेरा नाम तमाशा देखने वालो में होगा।

सीख:

हमारी ज़िंदगी में भी ऐसे बहुत सारे लोग होते है जिनको हमारी Success बुरी लगती हैं वो हमेशा हमारे अंदर कोई न कोई कमी निकालते हैं और अगर हमसे कोई छोटी सी भी गलती हो जाए तो उसका तमाशा बना देते हैं इसलिए हमेशा ऐसे लोगो से दूर रहना ही बेहतर होता है।

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जब तक सफलता न मिल जाए, तब तक हार नहीं माननी चाहिएएक राजा युद्ध में हार गया तो शत्रु सैनिकों से बचने के लिए एक गुफा में छ...
04/01/2025

जब तक सफलता न मिल जाए, तब तक हार नहीं माननी चाहिए

एक राजा युद्ध में हार गया तो शत्रु सैनिकों से बचने के लिए एक गुफा में छिप गया, सैनिकों ने पत्थरों से बंद कर दी थी गुफा
जो लोग सफलता पाना चाहते हैं, उन्हें अंतिम पल तक हिम्मत नहीं हारना चाहिए। जिस पल हम हार मान लेते हैं, उसी समय हम असफल हो जाते हैं। ये बात एक लोक कथा से समझ सकते हैं।

कथा के अनुसार पुराने समय में एक राजा युद्ध में हार गया था। उसके सभी सैनिक मारे जा चुके थे। राजा किसी तरह अपनी जान बचाकर जंगल में भाग गया। सैनिक उसका पीछा कर रहे थे। वह बचने के लिए एक गुफा में छिप गया।

सैनिक राजा को जंगल में खोजते-खोजते उस गुफा तक पहुंच गए। गुफा के अंदर राजा को ढूंढा, लेकिन सैनिक उसे ढूंढ नहीं सके। बाहर आकर सैनिकों ने बड़े-बड़े पत्थरों से गुफा बंद कर दी।

गुफा बहुत गहरी थी। अंदर की ओर राजा छिपा हुआ था। वह काफी थक चुका था। भूख-प्यास की वजह से बेहाल हो रहा था। उसके शरीर में ताकत भी नहीं बची थी।

शत्रु सैनिक गुफा बंद करके वहां से चले गए तो राजा अंदर बैठा-बैठा सोच रहा था कि अब तो उसका जीवन खत्म हो गया। वह गुफा से कभी बाहर नहीं निकल पाएगा।

राजा निराश हो चुका था। तभी उसे मां की एक बात याद आई। उसकी मां कहती थी कि कुछ तो कर, यूं ही मत मर। ये बात याद आते ही राजा में फिर से ऊर्जा आ गई। उसने सोचा कि कोशिश किए बिना हार नहीं मानना चाहिए।

राजा गुफा के द्वार से पत्थरों को हटाने का काम शुरू कर दिया। कड़ी मेहनत के बाद राजा ने बड़े-बड़े पत्थर खिसका दिए। किसी तरह राजा ने बाहर निकलने की थोड़ी सी जगह बना ली थी। राजा गुफा से बाहर निकला और अपने मित्र राजा के पास पहुंच गया। मित्र राजाओं की मदद से उसने शत्रुओं को पराजित कर दिया और अपना राज्य वापस प्राप्त कर लिया।

सीख

इस कथा की सीख यही है कि हमें सफलता मिलने तक हार नहीं मानना चाहिए। जिस पल हम हार मान लेते हैं, उसी समय असफल हो जाते हैं।

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- : जीवन को बदलने वाला मंत्र: एक बार एक कॉलेज प्रतिष्ठान में स्थापित किया गया। सेमीनार में एक ज्ञानी शिक्षक व्याख्यान के...
03/01/2025

- : जीवन को बदलने वाला मंत्र:

एक बार एक कॉलेज प्रतिष्ठान में स्थापित किया गया। सेमीनार में एक ज्ञानी शिक्षक व्याख्यान के लिए आया और सभी छात्रों ने पूछा- क्या आपको पता है कि मैं किस विषय पर बात करने के लिए यहां उपस्थित हूं? सभी छात्रों ने कहा कि उन्हें इस बारे में नहीं पता!

इस पर शिक्षक नाराज हो गया और वहां से जाने लगा। कॉलेज प्रबंधन ने उनसे बातचीत की और काफी विनती करने के बाद शिक्षक स्टेज पर आए और फिर से उन्होंने वही सवाल दोहराया। इस बार सभी छात्रों ने हां में जवाब दिया। लेकिन वह ज्ञानी शिक्षक फिर से नाराज हो गए और दर्शन को रद्द कर दिया गया।

बहुत नटखट होने के बाद वह ज्ञानी शिक्षक इस बार फिर से स्टेज पर आए और उन्होंने वही प्रश्न पूछे लेकिन इस बार छात्रों ने उनसे कहा कि सर हम सब अज्ञानी हैं और आपकी बातें हमें समझ में नहीं आतीं। इसलिए कृपया अपना बहुमूल्य ज्ञान हम पर खर्च न करें, इसने सभी छात्रों को हाल ही में छोड़ दिया, और वह ज्ञानी शिक्षक एकजुट होकर खड़े हो गए, साथ ही उनका घमंड भी ठंडा-चूरा हो गया

जीवन को बदलने वाला मंत्र: - इंसान को अपनी जिंदगी में कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए अन्यथा वह अकेला रह जाता है।

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02/01/2025
जैसी करनी वैसी भरनी 🔥❤️👌👍💯🫡एक बार की बात है, एक गाँव में रमा नाम की एक लड़की रहती थी। रमा दयालु और परोपकारी स्वभाव की थी...
02/01/2025

जैसी करनी वैसी भरनी 🔥❤️👌👍💯🫡

एक बार की बात है, एक गाँव में रमा नाम की एक लड़की रहती थी। रमा दयालु और परोपकारी स्वभाव की थी। वह हमेशा जरूरतमंदों की मदद करती थी। एक दिन, रमा जंगल से लकड़ी इकट्ठा कर रही थी, तभी उसे एक बूढ़ी औरत दिखाई दी। बूढ़ी औरत थकी हुई और भूखी थी। रमा ने उसे अपने घर ले जाकर खाना और पानी दिया। बूढ़ी औरत रमा की दयालुता से बहुत प्रभावित हुई। उसने रमा को एक जादुई बीज दिया और कहा, "यह बीज तुम्हारी दयालुता का फल देगा। इसे अपने बगीचे में लगाओ और इसकी अच्छी देखभाल करो।"

रमा ने बूढ़ी औरत का धन्यवाद किया और बीज को अपने बगीचे में लगा दिया। रमा ने बीज की बहुत अच्छी देखभाल की। रोज सुबह, वह उसे पानी देती और उसकी मिट्टी को ढीला करती। कुछ ही दिनों में, बीज अंकुरित हो गया और एक सुंदर पौधा बन गया। पौधे पर खूबसूरत फूल खिले। रमा बहुत खुश थी।

एक दिन, रमा बगीचे में फूलों को देख रही थी, तभी उसने देखा कि एक गाय उसके बगीचे में घुस आई है और फूलों को खा रही है। रमा को गुस्सा आ गया। उसने गाय को भगाने के लिए पत्थर फेंका। पत्थर गाय के पैर में लग गया और गाय घायल हो गई।

रमा को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसे पछतावा हुआ कि उसने गाय को पत्थर मारा। उसने गाय की घाव पर दवा लगाई और उसे चारा खिलाया। गाय रमा की दयालुता से बहुत प्रभावित हुई।

कुछ दिनों बाद, रमा ने देखा कि पौधे पर एक फल लगा है। फल बहुत बड़ा और सुंदर था। रमा ने फल को तोड़ा और उसे अंदर ले गई। उसने फल को काटा और देखा कि उसके अंदर सोने के सिक्के भरे हुए हैं।

रमा बहुत खुश थी। उसे एहसास हुआ कि जैसी करनी वैसी भरनी। उसने अपनी दयालुता से दूसरों की मदद की और उसे बदले में फल मिला।

नैतिकता:

जैसी करनी वैसी भरनी। हम जो कर्म करते हैं, उसका फल हमें जरूर मिलता है।

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01/01/2025

Fans Malti Chauhan

पति-पत्नी का सच्चा प्यार, Real love of a husband and wifeएक आदमी ने एक बहुत ही खूबसूरत लड़की से शादी की।शादी के बाद दोनो ...
01/01/2025

पति-पत्नी का सच्चा प्यार, Real love of a husband and wife

एक आदमी ने एक बहुत ही खूबसूरत लड़की से शादी की।
शादी के बाद दोनो की ज़िन्दगी बहुत प्यार से गुजर रही थी।
वह उसे बहुत चाहता था और उसकी खूबसूरती की हमेशा तारीफ़ किया करता था।
लेकिन कुछ महीनों के बाद लड़की चर्मरोग से ग्रसित हो गई और धीरे-धीरे उसकी खूबसूरती जाने लगी।
खुद को इस तरह देख उसके मन में डर समाने लगा कि यदि वह बदसूरत हो गई, तो उसका पति उससे नफ़रत करने लगेगा और वह उसकी नफ़रत बर्दाशत नहीं कर पाएगी।
इस बीच एकदिन पति को किसी काम से शहर से बाहर जाना पड़ा।
काम ख़त्म कर जब वह घर वापस लौट रहा था, उसका हो गया।
में उसने अपनी दोनो आँखें खो दी।
लेकिन इसके बावजूद भी उन दोनो की जिंदगी सामान्य तरीके से आगे बढ़ती रही।
समय गुजरता रहा और अपने चर्मरोग के कारण लड़की ने अपनी खूबसूरती पूरी तरह गंवा दी।
वह बदसूरत हो गई, लेकिन अंधे पति को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था।
इसलिए इसका उनके खुशहाल विवाहित जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
वह उसे उसी तरह प्यार करता रहा।
एकदिन उस लड़की की मौत हो गई।
पति अब अकेला हो गया था। वह बहुत दु:खी था। वह उस शहर को छोड़कर जाना चाहता था।
उसने अंतिम संस्कार की सारी क्रियाविधि पूर्ण की और शहर छोड़कर जाने लगा।
तभी एक आदमी ने पीछे से उसे पुकारा और पास आकर कहा,
“अब तुम बिना सहारे के अकेले कैसे चल पाओगे?
इतने साल तो तुम्हारी पत्नि तुम्हारी मदद किया करती थी।
पति ने जवाब दिया, दोस्त! मैं अंधा नहीं हूँ! मैं बस अंधा होने का नाटक कर रहा था।
क्योंकि यदि मेरी पत्नि को पता चल जाता कि मैं उसकी बदसूरती देख सकता हूँ, तो यह उसे उसके रोग से ज्यादा दर्द देता।
इसलिए मैंने इतने साल अंधे होने का दिखावा किया।
वह बहुत अच्छी पत्नि थी। मैं बस उसे खुश रखना चाहता था।
खुश रहने के लिए हमें भी एक दूसरे की कमियो के प्रति आखे बंद कर लेनी चाहिए..
और उन कमियो को नजरन्दाज कर देना चाहिए...।

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