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15/01/2025
संघर्ष से सफलता तक ❤️💯🙏🏼👍
यह कहानी है एक बहुत ही प्रतिभावान लड़की का नाम दिव्या है। दिव्या एक ऐसी लड़की है जिसने अपनी जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ जिताना ही सिखाया, जिसका सपना भी हमेशा से बड़ा था और हमेशा की तरह उसने अपने सपनों को पूरा करने का दम भी लिखा था, उसकी अपनी जिंदगी में हमेशा ही सब कुछ अच्छा रहा।
अपने स्कूल से लेकर कॉलेज में हमेशा प्रथम आने से लेकर, अपने स्कूल और कॉलेज के समय में हमेशा अन्य सहपाठियों के लिए एक आदर्श बनने तक की यात्रा हमेशा बहुत ही शानदार रही। अपने घर परिवार में भी सभी से बहुत प्यार सम्मान मिला। इस तरह अपने परिवार अपने दोस्तों के साथ अपनी जिंदगी बहुत ही अच्छे से चल रही थी।
दिव्या अपना सपना एक करके पूरी करती जा रही थी। लेकिन फिर उसके जीवन में एक ऐसी जगह आ गई जो सामान्य लड़की हर के जीवन में आती है। दिव्या के दोस्तों ने रचाई अपनी शादी। बहुत ही धाम से शादी हुई और दिव्या ने अपने नए मायके जीवन में कदम रखा, इस उम्मीद के साथ कि उसकी जो शादी का सपना देखा गया उससे पहले शादी रह गए थे वो अब पूरे हो जाएंगे। वह अपने जीवन में दोस्त के साथ मिलकर अपने जीवन में और आगे बहुचर्चित होंगी और जैसा जीवन वह चाहती थी अब वो और उसके साथी के साथ मिलकर बनायेगी।
लेकिन किस्मत को कुछ और ही विचार थे। दिव्या को बहुत ही पारंपरिक और दकियानूसी सोच रखने वाला जीवन साथी मिला,जिससे दिव्या किसी भी तरह के साथ की उम्मीद कभी कर ही नहीं पाएगी। शादी के बाद एक करके दिव्या के पैरो में परिवार की इज़्ज़त और घर की ज़िम्मेदारी के नाम पर तरह-तरह से जंजीरे बांधी जाने लगी। धीरे-धीरे दिव्या को घर की ज़िम्मेदारी के नाम पर उसके खुद के अस्तित्व पर मजबूर होना पड़ा। एक एक करके दिव्या के सपनों का गला घोटा जाने लगा। ऐसे समय में दिव्या ने जो कभी अपनी जिंदगी में सफल होने का सपना देखा था और जिंदगी में अपने दम पर कुछ हासिल करने का सपना देखा था वह सिर्फ एक मौके की तलाश में रह गई थी। हर दिन उसने खुद को कोसने लगा, अपनी किस्मत को,और अपने भगवान को जिन्होंने उसके साथ ऐसा किया।
एक खुशमिजाज लड़की अपने जीवन के हर पल को खोल कर जीने वाली लड़की दिव्या, एक नकारात्मक नजरिया रखने वाली क्षेत्र वाली लड़की रह गई और इसी वजह से उसके जीवन में कई सारी नकारात्मक चीजें एक के बाद एक हो गईं लगी।
फिर कुछ समय बाद ही दिव्या ने एक नन्हीं परी को जन्म दिया। वह नन्ही परी अपने जीवन में आशा की एक किरण बन कर आई। इस नन्हीं परी के आने के बाद दिव्या की जिंदगी फिर बदल गई। दिव्या अब अपनी नन्ही परी के लिए जीने लगी। धीरे-धीरे दिव्या एक साधारण लड़की से एक ऐसी मां के रूप में बदल गई जो उसके लिए पूरी दुनिया से लड़की बन गई। उस नन्हीं परी के आने के बाद दिव्या को ये अहसास हुआ कि वह अब एक और दिन ऐसी जिंदगी नहीं जी पाएगी। अगर वह खुद के अंदर से इतने अच्छे रिश्ते में हैं तो फिर वह अपनी नन्ही परी को एक जिंदगी कैसे दे सकती हैं।
अब दिव्या ने अपने हक के लिए आवाज उठाना शुरू कर दिया है। फिर क्या एक करके सभी दिव्या के खिलाफ होने लगे, तक की खुद की प्रेमिका ने अपने साथ छोड़ दिया, लेकिन संघर्ष, और विरोध के बाद भी दिव्या ने अपनी लड़ाई लड़ी, योकी अब दिव्या ने यह दावा किया था की वह अपने और अपने बच्चे की जिंदगी को इस तरह से घुट्टी-घुटकर नहीं जिएगी। उन्होंने फैसला किया कि वह अपने आप को और अपने बच्चे को एक अच्छा जीवन दें, जहां शांति और ईमानदारी हो और खुले कर अपने विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता हो। अपने जीवन को अपने सोसाइटी जीन की आज़ादी हो।
दिव्या के यह कर निर्धारण के कुछ समय बाद फिर धीरे-धीरे दिव्या का जीवन भी सकारात्मक रूप में बदल गया, उसे अपने जीवन में सभी सफलताएं मिलने लगीं और दिव्या अपने जीवन में एक के बाद एक सफलता हासिल करने लगी।
अब दिव्या में एक ऐसी ही बेहतर शक्ति आ गई थी कि दिव्या तुम्हारे साथ में हो रही चीज़ों को समझ में आ गई थी और हर स्थिति का सामना करने की कोशिश में उसे अपने ही अंदर से मिल गई थी। अब दिव्या पहले से बहुत ज्यादा खुश रहती थी। और जीवन में सब कुछ बदल गया उसकी सफलता को देखकर जंगल वाले लोग कई तरह की बातें भी कर गए लेकिन अब दिव्या को सहारा नहीं दिया गया था किसी की अब दिव्या ने अपने ऊपर भरोसा करके अकेले जीना सीख लिया था।