20/12/2024
वैसे ही ख़याल आ गया है
या दिल में मलाल आ गया है
आँसू जो रुका वो किश्त-ए-जाँ में
बारिश की मिसाल आ गया है
ग़म को न ज़ियाँ कहो कि दिल में
इक साहिब-ए-हाल आ गया है
मुद्दत हुई कुछ न देखने का
आँखों को कमाल आ गया है
मैं कितने हिसार तोड़ आया "अरमान"
जीना था मुहाल आ गया है