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एक ऐसा क्रिकेटर जो आलोचना को सह कर भी आगे बढ़ता रहा है, इस उम्र में ही कई ऐसे कारनामें कर दिखाया जो इससे पहले कोई कर नहीं...
06/01/2023

एक ऐसा क्रिकेटर जो आलोचना को सह कर भी आगे बढ़ता रहा है, इस उम्र में ही कई ऐसे कारनामें कर दिखाया जो इससे पहले कोई कर नहीं पाया था, धोनी हमारे कल के स्टार विकेट कीपर बल्लेबाज थे तो ऋषभ हमारा आज का स्टार विकेट कीपर बल्लेबाज है, हाँ वो बात और है की बहुत से लोगों को उसमें सिर्फ खामियाँ ही नजर आयी हैं अब तक, और ऐसा क्यों है ये भी समझ में नहीं आता है, क्यूंकि ना तो ये घमंडी है ना दिल का बुरा इंसान है, मैंने कई ऐसे वीडियो देखें हैं जहाँ बाकि क्रिकेटर्स फैन्स को इग्नोर कर के आगे बढ़ जाते हैं पर ये फैन्स के बीच में जाकर उनसे मिलता है वो भी एक आम इंसान की तरह, जब उत्तराखंड में 2021 में आपदा आयी थी तब इसने पैसों से मदद की जबकि उस समय इसकी उम्र मात्र 23 साल की थी
एक बार क्रिकेट के मैदान में विकेटकीपिंग करते वक़्त बैट्समैन का बैट इसके पैर से टच हो गया तो इसने रुक कर उसके बैट को सर से लगाकर माफ़ी मांगी, ऐसी इज्जत देते सिर्फ धोनी और सचिन को ही देखा था
हे भगवान ऐसे इंसान के साथ गलत नहीं होना चाहिए, ये क्रिकेटर जबसे आया है तब से सुर्खियों में बना रहता है, कभी गाबा, लर्ड्स वाली परी खेलकर तो कभी थोड़ी बहुत लापरवाही दिखाकर, पर ऐसे हालत में सुर्खियों में आना पड़ेगा ये हमने कभी नहीं सोचा था
ऋषभ पंत को जल्दी ठीक कर देना भगवान


क्रिकेटर ऋषभ पंत सड़क हादसे में घायल भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य ऋषभ पंत का नारसन के पास एक्सीडेंट । ऋषभ को गंभीर चोटें ...
30/12/2022

क्रिकेटर ऋषभ पंत सड़क हादसे में घायल

भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य ऋषभ पंत का नारसन के पास एक्सीडेंट । ऋषभ को गंभीर चोटें आयी है लेकिन सुरक्षित है । अभी हायर सेंटर लेकर जा रहे है । ईश्वर से प्रार्थना करें ।

मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की पूज्य माता जी के देवलोक गमन का समाचार हम सभी के लिए अत्यंत दुखद है। एक शताब्दी ...
30/12/2022

मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की पूज्य माता जी के देवलोक गमन का समाचार हम सभी के लिए अत्यंत दुखद है। एक शताब्दी की जीवन यात्रा और निष्काम तपस्या के मूर्त रूप में हमें अपने आशीर्वाद से धन्य करने वाली मां के चरणों को मैं प्रणाम करता हूं एवं ईश्वर से कर्मयोग की पावन आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने की कामना करता हूं।

अपने पूरे सामर्थ्य और कुशलता से ईश्वर ने अपनी सबसे सुंदर रचना की जिसे 'मां' कहा गया। जिनके चरणों की रज मात्र से जीवन की सफलता के मार्ग खुल जाते हैं। वैसे जीवन चरित्र का दूर चला जाना निश्चित ही एक अपूरणीय क्षति है। परंतु कालचक्र का मुख्य चरित्र ही निरंतर गतिमान रहना है।

#मातृदेवोभव:

ॐ शांतिः

 #बच्चन के सभी काला चिट्ठा अब देश के सामने आना चाहिए।बच्चन साहब की कश्मीर फाइल्स पर आज़ादी कहा मर गई थी तब एक शब्द मुँह स...
29/12/2022

#बच्चन के सभी काला चिट्ठा अब देश के सामने आना चाहिए।बच्चन साहब की कश्मीर फाइल्स पर आज़ादी कहा मर गई थी तब एक शब्द मुँह से नहीं निकले,एक बडा ठग,एक टैक्स चोर,एक मतलबी आदमी जिसको हिंदुस्तान के लोगो ने प्यार किया। अब इस मतलबी से डर लगता है।

हमारे देश के पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण यह भी रहा कि हमने हमेशा अपने हीरो ओर आदर्श गलत लोगों को चुना।सबसे बडे हीरो जो हम पर थोपे गये जिनकी सच्चाई समझने में ही कई सदियां बीत गई वो थे गाँधी,नेहरू, अमिताभ बच्चन ओर समस्त बॉलीवुड के वो भांड जिनकी फैन फॉलोइंग लाखों करोड़ों में है।वर्तमान सरकार को चाहिए कि इन देशद्रोहियों के आरोपों को सत्यापित करके इन्हे दंडित करें।

अमिताभ बच्चन : My name is Anthony Gonsalves !!न जाने क्यों इस सदी के महानायक बार-बार यह भूल जाते हैं कि आप एंटनी नहीं,किशनलाल के बेटे हैं !

'हम जहाँ खड़े हो जाते हैं,लाइन वहीं से शुरू होती है' -- जैसे डायलॉग बोलने वाले अमिताभ भूल जाते हैं कि वे किसी के 'बेशर्म रंग' की लाइन को लम्बा करने के लिए उसके पीछे जाकर खड़े हो गए हैं !

'मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता' -- फिल्म दीवार का ये प्रसिद्ध डायलॉग बोलनेवाले अमिताभ भूल जाते हैं कि कभी कभी ये फेंके हुए पैसे बटोरने लग जाते हैं उसी तरह जैसे कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में किसी के लिखे हुए या लिखवाये हुए भाषण को पढ़ने लगे !! निस्संदेह आप अभिनय की यूनिवर्सिटी हैं लेकिन आप यह भूल जाते हैं कि यूनिवर्सिटी भाड़े पर नहीं चलायी जाती और यूनिवर्सिटी तो सरस्वती का पवित्र मंदिर होती है और मंदिर विधि-विधान से चलते हैं,बाजार की लाभ-हानि वाले दृष्टिकोण से नहीं।

आपको देश को जनता से दिल में भी बिठाया है और सिर पर भी लेकिन कभी-कभी आपकी चुप्पी बहुत खलती है तो कभी-कभी उससे भी अधिक आपकी कोई टिप्पणी खल जाती है आप यश,प्रतिष्ठा और जीवन के जिस पड़ाव पर हैं उस पड़ाव पर जब कोई धूर्त राजनेता या अंडरवर्ल्ड का कोई शिकारी आपका शिकार या इस्तेमाल कर लेता है तो हमें बहुत दुःख होता है। इतना ही नहीं आपके अभिनय से बनी आपकी छवि और आपके वास्तविक रूप को लेकर एक पीड़ादायक संशय भी उत्पन्न होता है।आज भी आप पर फिल्माए कुछ गानों जिनमें 'जुम्मा चुम्मा दे दे' और 'कजरारे कजरारे कजरारे तेरे नैना' आदि लज्जानवत कर देते हैं।

एक संस्कारवान अभिनेता को ऐसे दृश्य बिल्कुल इंकार करने चाहिए थे।'अभिनय तो मात्र एक ड्रामा है' कहकर श्वसुर और पुत्रवधू हर प्रकार के दृश्य कर सकते हैं क्या ??
अमिताभ एक आदर्श प्रस्तुत करने से बुरी तरह चूक गये और सबको शर्मशार कर गये !

पैसा,पैसा और सिर्फ पैसा.... यही न......!!?

कोलकाता फिल्म फेस्टिवल के प्रायोजित मंच पर प्लांट किए गए कुछ फिल्मी और राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने एक लिखित भाषण पढ़ते हुए देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश होने की बात कही।उनके इस वक्तव्य की टाइमिंग और निहित संदर्भ न केवल विस्मयकारी है बल्कि स्वाभाविक रूप से भृकुटि खींचने के लिए बाध्य करने वाली भी है।

शाहरुख खान की आनेवाली फिल्म पठान के एक बेशर्म गाने को लेकर जो उचित विवाद और विरोध शुरू हुआ है उसके बाद शाहरुख खान के न केवल बचाव में बल्कि उसकी वकालत में दिए गए इस वक्तव्य ने अमिताभ की केवल व्यावसायिक लाभ-हानि की अशुचितावादी सोच को ही उजाकर किया है।जो अमिताभ प्राय: जहाँ मुंह खोलना चाहिए वहाँ भी चुप रहते हैं वही अमिताभ जब एक प्रायोजित मंच से ऐसी टिप्पणी करते हैं तब तो उनके इस घोर सेलेक्टिव एप्रोच पर सवाल उठेंगे ही !सवाल उठेंगे कि --........

*उन्हें आपातकाल के दौरान संजय गांधी की तानाशाही द्वारा सुप्रसिद्ध गायक किशोर कुमार के गानों को आकाशवाणी पर प्रतिबंधित करने पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन दिखा था या नहीं ?
*इसी तरह उन दिनों हेमा मालिनी की फिल्मों को प्रदर्शित होने न देना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन था या नहीं ? ध्यातव्य है कि किशोर कुमार के गाने या हेमा मालिनी की फिल्मों के संवाद कोई राजनीतिक वक्तव्य तो थे नहीं !

* यही व्यवहार फिल्म आँधी से लेकर अन्य कई फिल्मों और कलाकारों के साथ भी हुआ था लेकिन तब अमिताभ बच्चन को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की याद नहीं आई !
*अब बाद की घटनाओं को देखें तो अभी एकदम हाल में गोवा फिल्म फेस्टिवल के आयोजन में ज्यूरी हेड नवाद लैपिड ने जब द कश्मीर फाइल्स' में अपनी वामपंथी सोच का शर्मनाक नमूना परोसते हुए इस फिल्म पर बहुत ही गन्दी टिप्पणी की तब अमिताभ कुछ क्यों नहीं बोले ?
*जब आमिर खान,उसकी पत्नी और नसीरुद्दीन खान ने 'भारत में रहने से डर लगता है' जैसा घिनौना वक्तव्य दिया पर 'सिर तन से जुदा' किए जाने की घटनाओं के समय वे निर्लज्जतापूर्वक एकदम चुप रहे तब अमिताभ ने उनसे सवाल क्यों नहीं पूछे ??

*इसी तरह जब कंगना रनौत,अर्नव गोस्वामी और नवनीत राणा आदि की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटते हुए उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित और अपमानित किया जा रहा था तब अमिताभ बच्चन को नागरिकों के बोलने के अधिकार की याद क्यों नहीं आई ???

क्या तब इनकी आत्मा ने इन्हें नहीं झकझोरा था,केवल अभी ही झकझोरा है ??

*कौन बनेगा करोड़पति में बुर्का पहनी मोहतरमा का लिबास तो इन्हें उसकी पसंद और मजहबी दस्तूर का सम्मानयोग्य हिस्सा लगा लेकिन वहीं एक राजस्थानी प्रतिभागी के घूंघट या सिर पर आँचल रखने और बिहार की एक सुशिक्षित महिला द्वारा सामान्य स्थितियों में अपने पति का नाम न लेने की बात को कुप्रथा कहकर उनका मजाक अमिताभ ने क्यों उड़ाया ??

क्या ये सब इन्हें एक अवसरवादी इंसान जो डरपोक भी है और पाखंडी भी साबित नहीं करता !?लोग तो पूछेंगे ही कि इनमें सच को सच और गलत को गलत कहने का साहस नहीं है क्या ?

Jai shree Ram 🙏🙏🚩🚩

अल्मोड़ा मोटर मार्ग पर, प्रसिद्ध है दुकान।बाल मिठाई और सिंगोड़ी,से इनकी पहचान।।खीम सिंह मोहन सिंह, रौतेला इनका नाम।वर्षो...
20/12/2022

अल्मोड़ा मोटर मार्ग पर,
प्रसिद्ध है दुकान।
बाल मिठाई और सिंगोड़ी,
से इनकी पहचान।।
खीम सिंह मोहन सिंह,
रौतेला इनका नाम।
वर्षों से करते आ रहे,
हलवाई का काम।।

आओ कभी जब आप भी,
अल्मोड़ा बाजार।
लेना स्वाद सखे तुम भी,
खाकर इनको एक बार।।
स्वाद भरा मिष्ठान का,
है यह तो भंडार।
उत्तराखंड की माटी की,
इसमें स्नेह अपार।।

✍️चंपा पांडे अल्मोड़ा उत्तराखंड

फ़िल्म का नाम है पठान अभिनेत्री है जेएनयू के टुकड़े टुकड़े गैंग की सदस्य दीपिका पादुकोण अभिनेता है शाहरुख़ ख़ान अब आता ह...
13/12/2022

फ़िल्म का नाम है पठान अभिनेत्री है जेएनयू के टुकड़े टुकड़े गैंग की सदस्य दीपिका पादुकोण अभिनेता है शाहरुख़ ख़ान अब आता हूँ मुद्दे पर दीपिका के नाम मात्र के कपड़ों का रंग है भगवा और जिस गाने का ये सीन है उस गाने का नाम है “बेशर्म रंग”…..अब आप ही बताएँ इनको जुते पड़ने चाहिए या नहीं ।

10/12/2022

सहस्त्रधारा आई टी पार्क के पास राजेश्वर नगर फेज 6 में एक हिन्दू जो कि एक गढ़वाली ब्राह्मण है जो कि मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के सतपुली का निवासी है जिसका नाम विवेक घिल्डियाल है अपने घर के अन्दर एक मजार बना रखी जिसमें की इस्लामिक संकेत 786 अंकित है बहुत ही दुखद और चिंताजनक है

350 करोड़ में बनी फिल्म पठान को फ्लॉप कराके शाहरुख खान को रजनीगंधा से खैनी बेचने पर लाना है... तैयार हो जाओ इसे 50 करोड़...
10/12/2022

350 करोड़ में बनी फिल्म पठान को फ्लॉप कराके शाहरुख खान को रजनीगंधा से खैनी बेचने पर लाना है... तैयार हो जाओ इसे 50 करोड़ में समेटने के लिए,,,

मोदी है तो मुमकिन है
28/09/2022

मोदी है तो मुमकिन है

26/09/2022

सर्व मंगल मांगल्ये,शिव सवार्थ सादिके,
शरण्ये त्र्यंबके माँ धारी नारायणी नमोस्तुते 🌸🙏

आप सभी मित्रो को नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएं

25/09/2022

अपने पत्नी के द्वारा *चप्पलों से पीटा जा रहा शख्स आगरा जिले का आम आदमी पार्टी का जिला अध्यक्ष* है
जिसे *अपनी पार्टी की ही एक शादीशुदा महिला कार्यकर्ता* के साथ होटल में *रंगरलिया मनाते हुए पकड़ा* गया। 🙆🏻‍♂️🤣😍😆😝

04/09/2022

अगर ब्रह्मास्त्र फिल्म हिट हुई तो 51करोड़ पाकिस्तान को देगा कारण जौहर...

देश का 51 करोड़ आतंकियों के हांथ जाने से बचाने की जिम्मेदारी अब देश की जनता के नाजुक कंधों पर आ गई है 👍🏻

विचारणीय #बायकॉट क्यों जरूरी है? आजकल  #सिनेमा का लक्षित बायकॉट सफलतापूर्वक हो रहा है। जनता ने पिछले दिनों कश्मीर के स्थ...
31/08/2022

विचारणीय
#बायकॉट क्यों जरूरी है? आजकल #सिनेमा का लक्षित बायकॉट सफलतापूर्वक हो रहा है। जनता ने पिछले दिनों कश्मीर के स्थापित #नैरेटिव को फिल्म की सफलता के माध्यम से ध्वस्त कर दिया था। ठीक उसी प्रकार से अहिंसक प्रतिकार भी हमारा संवैधानिक अधिकार है, लेकिन इस स्थिति के मूल में है ब्रेनवॉश।
#ब्रेनवॉश :- एक धीमी, दीर्घकालीन प्रक्रिया है किसी समुदाय विशेष या लक्ष्य को अपनी बात मनवाने का, नैरेटिव स्थापित करने का अचूक, #अहिंसक माध्यम।

इसमे समय के साथ साथ चार प्रकार के भी लगते हैं।

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And last, सबसे important है किसी खास मकसद से उपरोक्त चारों का मिश्रण कर वास्तविक या आभासी घटनाक्रम के माध्यम से समाज में चतुराई से प्रस्तुत कर स्थापित कर दिया जाए।

इसे #उदाहरण द्वारा समझते हैं।

"राम तेरी गंगा मैली" 1985 मे आई थी इस मूवी का प्रमुख Seen था एक मदद मांगने वाली औरत जिसे "काशी" के हरिश्चंद्र घाट से ले जाकर एक "पंडित" जी बलात्कार का प्रयास करते हैं...

और फिर अगले ही परिदृश्य मे एक मंदिर मे वही "पंडित"जी "हर हर महादेव ॐ नमः शिवाय" का जप करता है।
सनातन धर्म के चार मानबिन्दुओं पर सफलतापूर्वक एक साथ आघात किया गया।
#राम (मर्यादा पुरुषोत्तम)
#काशी (मोक्षदायिनी पुरी,विश्वनाथ शिव ज्योतिर्लिंग)
#गंगा (सनातन धर्म का पर्याय)
#हरिश्चंद्र (सत्य,न्याय,निष्ठा की प्रतिमूर्ति)

सनातन के चार मज़बूत स्तम्भों को एक साथ कटघरे में खींच लिया था।

और अपने चाचा ताऊ से पूछिएगा पूरे भारत में इस पिक्चर के पोस्टर लगे थे....

उन दिनों सवा करोड़ के खर्चे में बनी इस फिल्म ने बीस करोड़ का कारोबार किया था जो आज के हिसाब से लगभग पांच सौ करोड़ से अधिक ही बैठता है।

और इस फिल्म के किसी भी हिस्से में कोई विधर्मी भी नहीं था।

#बॉलीवुड अपने आप में #नेरेटिव स्थापित करने का सशक्त माध्यम है जिसने अपनी सम्पूर्ण शक्ति #सनातन को नीचा दिखाने में ही व्यतीत कर दी है।

इसलिए ही

'ऐसा हर बायकॉट जरूरी होता है।' by
Vikram Verma

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