16/01/2024
मनुष्य को आनंदित करने वाली लोक साहित्य की परम्परायें इस देश व समाज मे पाई जाती है।लोक साहित्य किसी भी देश और समाज के प्राचीन रूप को देखने-जानने का सशक्त माध्यम है।यह वाचिक माध्यम है जिसे देश की सभी भाषाओं और बोलियों में देखा जा सकता है।
भारतीय लोक साहित्य भी व्यापक जन समूह की मौलिक सर्जनाओ का परिणाम है।यह लोक काव्य या लोकगीतों तक सीमित न होकर लोगो के जीवन, धर्म,संस्कृति तथा परम्पराओ से भी जुड़ा है।मुहावरे, लोकोक्तिया, लोक कथाएँ व लोकगीत उस समाज को प्रतिबिंबित करती है।किसी भी देश की लोक संस्कृति उस देश के इतिहास का दर्पण होता है।निःसंदेह भारत की लोक संस्कृति विस्तृत और समृद्ध है