05/09/2022
*कांग्रेस मृतप्राय ही नहीं मस्तिष्क सन्निपात का भी शिकार*
*मीडिया भी अपना मर्सिया पढ़ने में मगन*
इन सालों में कांग्रेस मृतप्राय स्थिति में जा रही है..दोष किसी एक का नहीं, कांग्रेस नेतृत्व, नेताओं और कार्यकर्ताओं की समान भागीदारी के भागीरथी प्रयासों की स्वाभाविक परिणति मात्र है।
आज भास्कर में मुखपृष्ठ पर राजस्थान सरकार को बदनाम करने के लिए मुख्यमंत्री के बयान के संदर्भ में 5 कॉलम की खबर है। महिला अत्याचार के आंकड़ों को विषद विश्लेषण है और एक सांख्यिकी बॉक्स है- शीर्षक है *पुलिस ने महिला अत्याचार का हर दूसरा आंकड़ा झूठा माना*
इस आंकड़ों के मायाजाल में दिखाया है महिला अत्याचार के मामलों में कितने मामले दर्ज हुए, कितने मामलों में एफ आर लगी और ये मामले कुल मामलों में कितने प्रतिशत हुए। खबर तीन विद्वान ब्राह्मण पत्रकारों के नाम से छपी है याने बड़ी उपलब्धि है।
*इस सांख्यिकी को बेहद सनसनीखेज बनाने के लिए प्रतिशत की गणना में ही घोटाला किया गया है। उदाहरण के लिए दुष्कर्म के मामले 4271 दर्ज बताए गए हैं..इनमें 1290 में एफ आर लगनी बताई जाकर इनका प्रतिशत 47.48 बताया है। एक बार गुणा भाग करके देखिए ये 30.20 प्रतिशत होता है (जो गणित हमने पढ़ी उसके हिसाब से) ऐसे ही छेड़छाड़ के मामलों में एफ आर का प्रतिशत 42.35 बताया है जो हकीकत में 29.33 प्रतिशत होगी। और आगे चलिए दहेज प्रताणना में एफ आर का प्रतिशत 43.15 बताया है जो वहां लिखे आंकड़ों के हिसाब से 28.16 प्रतिशत और दहेज मृत्यु में 37.59 दिखाया जो उनके ही दिए आंकड़ों से 20.38 ही आती है।*
*जय हो पत्रकारिता की..जय हो गोदीमीडिया की..उसके इस नए तेवर के लिए और जय हो कांग्रेस की अपने निकम्मेपन के लिए*