28/10/2023
अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिला में मशरुम की खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित
अनोज कुमार प्रजापति, पासीघाट- 28 अक्टूबर-
अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिला अधीन कोरेंग गांव में शुक्रवार को ऑयस्टर मशरूम की खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के संसाधन व्यक्ति और मशरूम परियोजना पर एआईसीआरपी के प्रधान अन्वेषक (Investigator) डॉ. आरसी शाक्यवार, एसोसिएट प्रोफेसर, पौधा संरक्षण विभाग, सीएचएफ सीएयू (आई) पासीघाट ने सभी प्रतिभागियों को बुनियादी ज्ञान दिया जैसे कि आने वाले महीने में धान की कटाई शुरू हो जाएगी।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित मशरूम उत्पादकों को बताया कि मशरूम की खेती के लिये भविष्य में उपयोग के लिए धान के भूसे को शेड के नीचे रखा जाता है। साथ ही डॉ. शाक्यवार ने अरुणाचल प्रदेश में मशरूम की खेती की स्थिति और दायरे के साथ-साथ खाने की दृष्टि से जंगली और जहरीले मशरूम की पहचान पर प्रकाश डाला।
डॉ. शाक्यवार ने सभी प्रतिभागियों को मशरूम के पोषण संबंधी, आर्थिक लाभों के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। अरुणाचल प्रदेश में उच्च आय सृजन के लिए धान, बाजरा और मक्के के कचरे का पुनर्चक्रण करके व्यावसायिक मशरूम की खेती की काफी संभावनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया। साथ ही दैनिक मांग में मशरुम की बढ़ती मांग को देखते हुए भविष्य में इसके व्यापक बाजार की संभावनाओं के बारे में बताया। डॉ. शाक्यवार ने मशरुम की खेती से आर्थिक संवालंबन बनने के लिये लोगो को प्रोत्साहित किया।
सियांग जिले के लोकपेंग गांव से कार्यक्रम के एंकर गोगो सरोस भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। मशरुम की खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल मिलाकर 35 प्रतिभागीयों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय हैं कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम को आईसीएआर-मशरूम अनुसंधान निदेशालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।