Jinda Bhoot : kahaniya

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माँ की मौत के बाद जब तेरहवीं भी निपट गई, तब चारु ने अपने भाई से विदा लेने के लिए नम आँखों से कहा, "सब काम हो गए भैया, मा...
20/07/2024

माँ की मौत के बाद जब तेरहवीं भी निपट गई, तब चारु ने अपने भाई से विदा लेने के लिए नम आँखों से कहा, "सब काम हो गए भैया, माँ चली गई अब मैं चलती हूँ।" आँसुओं के कारण उसके मुंह से केवल इतना ही निकला।

भैया ने उसकी बात सुनकर कहा, "रुक चारु, अभी एक काम बाकी है। ये ले माँ की अलमारी की चाभी और जो भी सामान चाहिए, ले जा।"

चारु ने चाभी लेने से इनकार करते हुए भाभी को चाभी पकड़ा दी और कहा, "भाभी, ये आपका हक है, आप ही खोलिए।" भाभी ने भैया की स्वीकृति पर अलमारी खोली।

भैया बोले, "देख ये माँ के कीमती गहने और कपड़े हैं। तुझे जो लेना है, ले जा क्योंकि माँ की चीजों पर बेटी का हक सबसे ज्यादा होता है।"

चारु ने उत्तर दिया, "भैया, मैंने हमेशा यहाँ इन गहनों और कपड़ों से भी कीमती चीज देखी है, मुझे वही चाहिए।"

भैया ने पूछा, "तू किस कीमती चीज की बात कर रही है, चारु? हमने माँ की अलमारी को हाथ तक नहीं लगाया, जो भी है, तेरे सामने है।"

चारु ने कहा, "भैया, इन गहनों और कपड़ों पर तो भाभी का हक है क्योंकि उन्होंने माँ की सेवा बहू नहीं, बेटी बनकर की है। मुझे तो वो कीमती सामान चाहिए जो हर बहन और बेटी चाहती है।"

भाभी ने समझते हुए कहा, "दीदी, मैं समझ गई कि आपको किस चीज की चाह है। आप फ़िक्र मत कीजिए, माँ के बाद भी आपका ये मायका हमेशा सलामत रहेगा। पर फिर भी माँ की निशानी समझ कुछ तो ले लीजिए।"

चारु ने भाभी को गले लगाते हुए रोते हुए कहा, "भाभी, जब मेरा मायका सलामत है मेरे भाई और भाभी के रूप में, तो मुझे किसी निशानी की जरूरत नहीं। फिर भी आप कहती हैं तो मैं ये हँसते-खेलते मेरे मायके की तस्वीर ले जाऊंगी, जो मुझे हमेशा एहसास कराएगी कि मेरी माँ भले ही नहीं है पर मायका है।"

यह कहकर चारु ने पूरे परिवार की तस्वीर उठाई और नम आँखों से सबसे विदा ली।

# # # यह कहानी आपको कैसी लगी? और कौन-कौन अपनी बहन से प्यार करता है? कृपया कमेंट बॉक्स में बताएं। क्या मैंने सही लिखा है?

06/10/2023

जब पहली बार  सुपरफास्ट ट्रेन में चढ़ा।सहयात्रियों से पूछने लगा,  गाजियाबाद कब आएगा ?मुझे उतरना है।*सहयात्रियों ने बताया, ...
01/01/2023

जब पहली बार सुपरफास्ट ट्रेन में चढ़ा।

सहयात्रियों से पूछने लगा, गाजियाबाद कब आएगा ?

मुझे उतरना है।*

सहयात्रियों ने बताया, *भाई, ये गाड़ी फास्ट ट्रैन है।

गाजियाबाद से गुजरेगी मगर रुकेगी नहीं।*

मैं घबरा गया।

सहयात्रियों ने समझाया, " घबराओ नहीं।

गाजियाबाद में ये ट्रेन रोज स्लो हो जाती है। तुम एक काम करो, गाजियाबाद में जैसे ही ट्रेन स्लो हो ,

तो तुम दौड़ते हुए प्लेटफॉर्म पर उतरना और फिर बिना रुके थोड़ी दूर तक, ट्रेन जिस दिशा में जा रही है, उसी दिशा में दौड़ते रहना। इससे तुम गिरोगे नहीं।

गाजियाबाद आने से पहले सहयात्रियों ने मुझे गेट पर खड़ा कर दिया। गाजियाबाद आते ही सिखाए अनुसार मैं प्लेटफार्म पर कूदा और कुछ अधिक ही तेजी से दौड़ गया।

इतना तेज दौड़ा कि अगले कोच तक जा पहुँचा। उस दुसरे कोच के यात्रियों में से, किसी ने मेरा हाथ पकड़ा तो किसी ने शर्ट पकड़ी और मुझे खींचकर ट्रेन में चढ़ा लिया। ट्रेन फिर गति पकड़ चुकी थी। सहयात्री मुझ से कहने लगे,

भाई, तेरा नसीब अच्छा है जो, ये गाड़ी तुझे मिल गई। ये फास्ट ट्रेन है, गाजियाबाद में तो रुकती ही नहीं । "

🤣🤣🤣😂😂😂😀😀😀

15/07/2022

जय जय श्री शिव शक्ति

27/06/2022
संतान कहानी का दूसरा भाग है मीना या उनकी संतान का जिके दो लड़कों या एक लड़की है लड़की की शादी हो चुकी है लड़कों के लिए र...
25/06/2022

संतान कहानी का दूसरा भाग है मीना या उनकी संतान का जिके दो लड़कों या एक लड़की है लड़की की शादी हो चुकी है लड़कों के लिए रिश्ता खोज कर रही है इस तरह ये कहानी है दो परिवारों की एक सुहा नी दुसरी मीणा या उसकी संतान की मोह की संतान के लिए एक मां क्या कर सकती है उसकी -------------------

शिकवे तो बहुत है जिंदगी से अगर बोलना शुरू किया तो कुछ लोग छुट जाएंगे
24/06/2022

शिकवे तो बहुत है जिंदगी से अगर बोलना शुरू किया तो कुछ लोग छुट जाएंगे

कहानी संतान मेरा नाम सुहानी शर्मा है ये मेरी कहानी है मेरी शादी होने वाली है सब खुश है मैं भी खुश हूं अपनी मर्जी से शादी...
22/06/2022

कहानी संतान
मेरा नाम सुहानी शर्मा है ये मेरी कहानी है मेरी शादी होने वाली है सब खुश है मैं भी खुश हूं अपनी मर्जी से शादी कर रही हूं वैसा तो आज कल का समय वह ऐसा है के लोग लव मैरिज करते हैं मैं भी उन में से एक कुछ शादी की खुशी या घर वाले से बिछड़ जाने का गम मेरी सोच कुछ ज्यादा ही स्वतंत्र है पहनवे से नहीं व्यवहार से नहीं सोच से इंडिपेंडेंट हू विचारो से स्वतंत्र हु। वह तो सब होती है स्वतंत्र लड़कों में से मैं भी एक हूं लेकिन कुछ अलग हूं शादी का दिन एक गया मैं तयार हो चुका हूं बारात भी दरवाजे पर खादी है दहेज के बिना शादी हो रही है वह भी मेरे स्वतंत्रता का एक पहलु है बात का डर नहीं है घर कैसा है सास-ससुर कैसे है सब मलूम है डर है मेरी स्वतंत्र सोच का________'_""शेष भाग कल

21/06/2022

संतान के होने की खुशी संतान के ना होने का गम माता-पिता के साथ चले ये भी होती है संतान और जो ना चले ऐसी भी होती है संतान एक संतान ऐसी भी होती है जो माता पिता के लिए सब कुछ सब कुछ दे देती है और ऐसी भी होती है जो छिन लेती है पर ही है हमारी कहानी संतान संतान संतान संतान सबकी प्यारी संतान

21/06/2022

कल से स्टोरी शुरू करेंगे . औलाद

21/06/2022

Kl se ek story start kr rahe h agr achi Lage to pls like or share jrur krna

20/06/2022

उसको सब कुछ सुनाई देता है जो आप मन में सोचते हो

उड़ गए वो परिंदे घोंसला छोड़कर जिनको अपना खून पिला पिला कर सींचा था🤔🤔😭😭😭😭🤔🤔
25/01/2022

उड़ गए वो परिंदे घोंसला छोड़कर जिनको अपना खून पिला पिला कर सींचा था🤔🤔
😭😭😭😭🤔🤔

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