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"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" की यशोगाथा

"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" व्यवसाय नहीं, ध्येयवाद है, स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी पत्रकारिता के लिए यह कम गौरव की बात नहीं है कि किसी व्यक्तिगत स्वामित्व अथवा औद्योगिक घराने की छत्रछाया से बाहर रहकर भी '"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" ने वर्ष 2014 में अपनी स्वर्ण अंक की सुरूआत की हैं और इस में उसका प्रथम संपादक

भारत का आम नागरिक हैं और वो आज भी किसी भी संगठन या राजनीति के पद पर आसीन नहीं हैं और न ही किसी से संबंध हैं सिवाय राष्ट्रवाद के। क्या यह आश्चर्य की बात नहीं कि जब 'धर्मयुग', 'दिनमान', 'साप्ताहिक हिन्दुस्तान', 'रविवार' जैसे प्रतिष्ठित और साधन सम्पन्न साप्ताहिक असमय ही कालकवलित हो गए, ऐसे में साधनविहीन '"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" न केवल अपनी जीवन-यात्रा को अखंड रखने जा रहा अपितु आज प्रथम प्रकासन ("राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" 2 जनवरी 2015) आने से पहले ही सर्वाधिक प्रसार संख्या वाले सामासिक पत्रिकाओं के बीच प्रथम पंक्ति में आ खड़ा हूवा है। "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" सुरूवात से पहले ही इतनी सफलता का एकमात्र रहस्य यही हो सकता है कि उसका जन्म मुनाफाखोर, व्यावसायिकता के बजाय समाजनिष्ठ ध्येयवादी पत्रकारिता में से हुआ है। ध्येयवादी पत्रकारिता की यात्रा कभी सरल और सुगम नहीं हो सकती ???? इसलिए "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" की यात्रा स्वातंत्र्योत्तर ध्येय समर्पित और आदर्शवादी पत्रकारिता के संघर्ष की यशोगाथा होने वाली हैं। इस पत्रिका के सुचारु रूप से चलने के रास्ते में फूल नहीं बल्कि काँटे ही काँटे आने वाले होंगे ?

2014 के सत्ता परिवर्तन के तुरन्त बाद 17 मई 2014 को अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ "श्री महावीर प्रसाद खिलेरी" के संपादकत्व में "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" मासिक का अवतरण अर्ध स्वाधीन भारत में पूर्ण स्वाधीनता आन्दोलन के प्रेरक स्व. सहीद श्री राजीव दीक्षित जी आदशोंर् एवं राष्ट्रीय लक्ष्यों का स्मरण दिलाते रहने के संकल्प का उद्घोष हो गया हैं।

"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" के सम्पादक पद को सुशोभित करने वालों की सूची में सर्व श्री कुणाल आर्य जी, सिधार्थ भरोदिया जी, दिनेश राठौर, आयुर्वेद सचिन तिवारी, वैदिक ज्ञाता श्री पंडित महेन्द्रपाल आर्य, डॉ. माधवराव जी, दीपक भाटिया जी, समाजसेवी श्रीमती प्रिया भाटिया, श्रीमती मोनिका शाह, जीत शर्मा मानव, श्रीमती निधी, गौपुत्र सम्पत सिंह, बुध्दिप्रकाश गुर्जर, गौपुत्र मौनी बाबा, आर्य जितेंद्र, गौ रक्षक सुरेन्द्र सिंह पुरोहित, कैलाश पुरोहित, भाई चंद्रभान, गिरीश जी, रोहित कुमार, टीनु जैन, धनञ्जय प्रकृतिवादी, अतुल दुबे, अमित दुबे जैसे नाम आते हैं। "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" की निष्ठा और स्वर में कभी कोई परिवर्तन नहीं आयेगा, व अविचल रहेंगे।

किन्तु एक ऐसा नाम है जो इस सूची में कहीं नहीं है, परन्तु वह इस सूची के प्रत्येक नाम का प्रेरणा-स्रोत कहा जा सकता है जिसने सम्पादक के रूप में अपना नाम नहीं छपवाया, किन्तु जिसकी कल्पना में से "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" का जन्म हुआ, वह नाम है "श्री ध्रुव साहनी जी" । वस्तुत: जिस राष्ट्र धर्म प्रकाशन के तत्वावधान में जयपुर से "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" का प्रकाशन प्रारम्भ होगा उसका बीजारोपण भाई "ध्रुव साहनी जी" की पहल पर हो चुका हैं, जिन्होंने "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" के शैशव काल से ही सम्पादक से लेकर प्रूफ रीडर, कम्पोजिटर, मुद्रक और कभी-कभी बंडल बांधने, उन्हें ले जाने के सब दायित्वों का निर्वाह करते हुए "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" का पालन पोषण करने का निश्चय किया हैं। उन्होंने "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" के सम्पादक पद पर अपना नाम नहीं दिया पर वे सही अर्थों में 'राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका' के जन्मदाता और पालनकर्ता हैं। वे महान व्यक्ति मौलिक चिन्तक और कलम के धनी भी हैं। पर वे स्वयं सम्पादक नहीं बनने का संकल्प कर चुके बल्कि उन्होंने सम्पादकों की निर्मिति की। वे सम्पादक नहीं, सम्पादकों के गुरु हैं। 2008 से 2014 तक उन्होने "फैसबुक" पर पर्दे के पीछे रहकर जो राष्ट्रवाद की नई ज्योत जलाई और एक ही परिवार की 65 सालों से चल रही राजनीति को नष्ट कराने में जो अहम भूमिका निभाई थी वो आप सब जानते होंगे?? जिसका परिणाम आप सब के सामने हैं। अब तक उन्होने फैसबुक पर उन्होंने बहुत लिखा हैं, अनेक नामों से लेख लिखा। उन्होंने स्वातंत्र्योत्तर पत्रकारिता में प्रसिद्धि, ध्येय समर्पित पत्रकारिता का एक दुर्लभ उदाहरण प्रस्तुत किया। श्री राजीव दीक्षित जी की उनकी पावन स्मृति ही "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" की कठिन ध्येय यात्रा का पाथेय है। एक प्रकार से ये 'पत्रिका' राजीव दीक्षित जी के चिन्तन तंत्र का अखंड प्रवाह है, दीक्षित जी की पावन स्मृति का अक्षय केन्द्र है।

भाई ध्रुव साहनी जी जैसे प्रसिद्धि प्रमुख, ध्येयनिष्ठ व्यक्तित्व की भावभूमि पर टिका होने के कारण ही "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" साधनविहीन होने के बावजूद भी सत्ता की ओर से आने वाले अनेक विपरीत प्रवाहों को झेलकर भी अपने ध्येय पथ पर आगे बढ़ रहा है। राष्ट्र हित में "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" का निर्भीक स्वर सायद सभी सरकारों के लिए हमेशा सिरदर्द बना रहेगा हैं।

भाई ध्रुव साहनी जी के भारत की 1947 से 2014 तक के बजट नीति पर लिखे लेख की सभी सरकारों ने हमारी "पत्रिका" की नीति की सभी ने मिलकर एक स्वर में आलोचना योजना करने की ठानी होगी पर हम न आज रुके हैं न दबे हैं और न आगे रुकेंगे हम भारत के हित में सब कुछ लिखने का संकल्प ले चुके हैं।

"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" की यात्रा साधनों के अभाव एवं सरकारी प्रकोपों के विरुद्घ राष्ट्रीय चेतना की जिविका और संघर्ष की प्रेरणादायी गाथा है। "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" द्वारा समय-समय पर घोषित ध्येय वाक्यों जैसे 'राष्ट्र गान या गुलामी गान', 'स्वदेशी नीति से भारत', 'सांस्कृतिक पतन एक साजिश', 'राष्ट्रीय स्वाभिमान' एवं 'गुलामी की निशानियाँ', 'किसान और खेती', 'काला धन', 'विदेशी कम्पनियों की लूट', विश्व को भारत की देन', 'अँग्रेजीयत ही भारत के पतन का कारण' और 'बात इंडिया से भारत की' से स्पष्ट है कि "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के पथ पर अर्ध स्वाधीन भारत की यात्रा को "पूर्ण स्वाधीनता आंदोलन" की मूल प्रेरणाओं से जोड़े रखने के लिए खतरा उत्पन्न करने वाली प्रवृत्तियों एवं शक्तियों को चेतावनी का स्वर निर्भीकता के साथ बार-बार गुंजाता रहेगा। समय-समय पर प्रारंभ किए गए स्तम्भों से स्पष्ट होता है कि राष्ट्र जीवन का कोई भी क्षेत्र या पहलू उसकी दृष्टि से ओझल नहीं रहा। अन्तरराष्ट्रीय घटनाचक्र हो या राष्ट्रीय घटना चक्र, अर्थ जगत, शिक्षा जगत, नारी जगत, युवा जगत, राष्ट्र चिन्तन, सामयिकी, इतिहास के झरोखे से, फिल्म समीक्षा, साहित्य समीक्षा, संस्कृति-सत्य जैसे अनेक स्तंभ "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" की सवांर्गीण रचनात्मक दृष्टि के परिचायक रहेंगे।

"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" के लेखक वर्ग में श्री कुणाल आर्य जी, दिनेश राठौर, आयुर्वेद सचिन तिवारी, वैदिक ज्ञाता श्री पंडित महेन्द्रपाल आर्य जी, डॉ. माधवराव जी, दीपक भाटिया जी, समाजसेवी श्रीमती प्रिया भाटिया, अतुल दुबे, श्रीमती मोनिका शाह, जीत शर्मा मानव, श्रीमती निधी, गौपुत्र सम्पत सिंह, गौपुत्र मौनी बाबा, गौ रक्षक सुरेन्द्र सिंह पुरोहित, कैलाश पुरोहित, सिधार्थ भदोरिया जी, धनञ्जय प्रकृतिवादी, अमित दुबे, बुध्दिप्रकाश गुर्जर, आर्य जितेंद्र जैसे मूर्धन्य विचारकों समाजसेवी तथा साहित्यकारों का योगदान रहेगा।

"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" जहां अपने सामान्य अंक के सीमित कलेवर में अनेक स्तम्भों के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक दृष्टि के आलोक में पाठकों को देश-विदेश के घटनाचक्र से अवगत कराने की कोशिश करेगा, तो विचार प्रधान लेखों के द्वारा मूलगामी राष्ट्रीय प्रश्नों पर भी उन्हें सोचने की सामग्री प्रदान करेगा। असम और पूर्वोत्तर भारत आज जिस संकट से गुजर रहा है, कश्मीर समस्या आज क्यों हमारे जी का जंजाल बनी हुई है, इसके बारे में "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" अपने जन्म काल होते ही चेतावनी देगा। "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" की तरह छपी राजीव दीक्षित जी की पुरानी किताबों का अध्ययन करने पर स्पष्ट होगा कि यदि हमने समय रहते "अमर बलदानी भाई श्री राजीव दीक्षित जी" की चेतावनियों को सुना गया होता तो पृथकतावाद, सामाजिक विघटन एवं राजनैतिक दलों के जिस संकट से हम गुजर रहे हैं, वह हमारे सामने न आता। अभी "पूर्ण स्वाधीन भारत" की यात्रा के प्रत्येक महत्वपूर्ण मोड़ पर "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" राष्ट्रीयता के प्रहरी की भूमिका निभाता रहेगा। "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" ने इस वर्ष में कम से कम पांच अवसरों पर विशेषांक निकालने का निश्चय किया था। 'अर्ध स्वाधीनता दिवस '15 अगस्त', विदेशी गुलाम गणतंत्र दिवस '26 जनवरी', विजयादशमी, दीपावली, वर्ष प्रतिपदा आदि..... पर अब श्री राजीव दीक्षित जी की प्रेरणा व उनके के करोड़ों समर्थकों के दिल की भावना व इच्छा जानने के बाद "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" के प्रधान संपादक भाई श्री "महावीर प्रसाद खिलेरी जी" के अथक प्रयासों व कड़ी तपस्या से "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" का "मासिक पत्रिका" के रूप में अवतरण होने जा रहा हैं।

आज संविधान की समीक्षा की चर्चा जोर पकड़ रही है। किन्तु "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" ने इस संदर्भ में जुलाई 2015 से ही जयप्रकाश नारायण, के़ एम़ मुंशी, मीनू मसानी, मेहरचंद महाजन, सत्यकेतु विद्यालंकार आदि अधिकारी विद्वानों के लेखों की एक श्रृंखला प्रकाशित करेगा, जिसमें वर्तमान संविधान की अपूर्णता के तथ्य पर प्रकाश डालते हुए उसके पुनर्निरीक्षण की आवश्यकता पर बल दिया जायेगा। ऐसी अनेक विचारोत्तेजक मूलगामी लेखमालाओं से "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" भरा रहेगा। "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" संकलन का प्रकाशन आज भी उद्बोधक और उपादेयपूर्ण है।


"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" का जन्म 17 मई 2014 को राजस्थान के चुरू जिले के "जोगलिया" ग्राम में हुआ, किन्तु राष्ट्रीय मंच पर अपनी भूमिका को अधिक प्रभावशाली बनाने हेतु 2 जनवरी 2015 में उसका प्रकाशन जयपुर/दिल्ली/कर्णावती/भाग्य नगर/मुंबई स्थानांतरित कर दिया जायेगा।

सम्पादक, स्थान और स्वामित्व परिवर्तन के अतिरिक्त "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" ने आकार और सज्जावट परिवर्तन की दृष्टि से समय-समय पर तरह-तरह के प्रयोग किए। विशेषांकों के बारे में ऊपर बताया ही जा चुका है कि "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" का कोई विशेषांक पूर्णाकार में निकला, तो कोई पत्रिकाकार में और कोई पुस्तकाकार में। लेकिन 2 जनवरी 2015ई. से अब "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" मैगजीन में नियमित मासिक प्रकाशित होता रहेगा। मैगजीनकार में पहले अंक का लोकार्पण स्व. राजीव दीक्षित जी पुण्यतिथि पर 30 नवंबर 2014 को (((जगह > वीर हनुमान मंदिर, जोगलिया , राजस्थान) पर करेंगे।

किन्तु स्थान परिवर्तन, स्वामित्व परिवर्तन या आकार परिवर्तन का अर्थ "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" का चरित्र परिवर्तन नहीं है। राष्ट्रीय चेतना की जिस भावभूमि से "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" का जन्म हुआ, स्वाधीन भारत की भौगोलिक अखंडता एवं सुरक्षा, उसकी सामाजिक समरसता एवं राष्ट्रीय एकता को पुष्ट करते हुए उसे ससम्मान श्रेष्ठ सांस्कृतिक जीवन मूल्यों के आधार पर युगानुकूल सवांर्गीण पुनर्रचना के पथ पर आगे ले जाने के जिस संकल्प को लेकर "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" ने अपनी जीवन यात्रा आरम्भ की हैं, वह आज पूरी शक्ति के साथ अपने उसी कर्त्तव्य पथ पर डटा हुआ है।

पूर्ण स्वाधीन भारत के सपने के साथ-साथ "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" न केवल उसका सहयात्री है, बल्कि इस यात्रा में भावना और कर्म से पूरी तरह जुड़ा रहेगा। "राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" सभी देशवासियों के स्नेह और सहयोग की याचना करता है ताकि वह राष्ट्र रक्षा और राष्ट्रीय पुनर्रचना के यज्ञ में सतत् आहुति देता रहे।

"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका" मासिक प्रकासित

: वर्तमान कार्यालय :
"राजीव दीक्षित न्यूज़ पत्रिका"
गाँव - जोगलिया, तहसील - सूजानगढ़
जिला - चुरू, राजस्थान - 331802
दूरभाष- 077425 43272, 077425 94482
ईमेल : [email protected]
website : https://www.rajivdixitmp3.com

जय हिन्द..... जय भारत......

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