Mahesh Mehta Ka Ooltah Chashma

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Mahesh Mehta Ka Ooltah Chashma Intresting and funny facts in daily life ☺️

हाल ही में नॉर्थ ईस्ट स्टेट मेघालय और आसाम घूमने फिरने का अवसर मिला ।अपने भारत के ये पूर्वी राज्य है तो बेहद खूबसूरत ! ह...
20/11/2024

हाल ही में नॉर्थ ईस्ट स्टेट मेघालय और आसाम घूमने फिरने का अवसर मिला ।

अपने भारत के ये पूर्वी राज्य है तो बेहद खूबसूरत !
हालां की ज्यादा विकास नहीं हुआ है, इंडस्ट्रीज, इंफ्रा में काफी पीछे है, पर एक बात देखने, समझने, और सोचने वाली है... वो यह की,

शिलांग का सिटी एरिया हो या छोटे छोटे गांव, मोहल्ले या रास्ते में लगने वाली बस्तियां, पहाड़ी इलाके ... हर जगह कमाल की स्वच्छता , साफ सुथरा पन.. कही पे भी कूड़ा कचरा डाला हुआ नही दिखेगा ।
जगह जगह डस्ट बीन लगी हुई है, और लोग उसमे ही कचरा डालते है।
कही पे कोई थूंकता हुआ नही दिखेगा।
कोई भी रास्ते पे पेशाब करता हुआ नही दिखेगा। जगह जगह टॉयलेट बने हुए है, जो की एकदम साफ सुथरे और स्वच्छ है और उसके इस्तेमाल के लिए १० रुपए लिए जाते है, जो की वर्थ है ।

पैसे की कमी, काम और रोजगार की कमी, मुंबई दिल्ली जैसी लाइफ स्टाइल से कोसो दूर रहकर भी इन लोगो ने अपने आप में एक डिसिप्लिन कायम की हुईं है। ऐसा लग रहा था की हम विदेश में घूम रहे है।
पिछले साल सिक्किम घूमते हुए भी हमने यही अनुभव किया था!

सच में सोचने वाली बात है की हमारे देश के बाकी इलाको में हमें स्वच्छता से इतना परहेज क्यू है? क्यू हम यह अच्छी आदत अपना नही रहे है?
सोचो, समझो और अपने से ही शुरुवात करो... तभी बनेगा अपना गांव, अपना शहर, और अपना देश सुंदर !!

है ना मजेदार ?? सोचने वाली बात 😊

महेश मेहता का उल्टा चश्मा !!

रोशनी से झगमगाती , दियो से उजली हुई रंगीन दिवाली की धूम मची है चारो ओर!🎇🎊पर मॉल और बड़े बड़े दुकानों से बढ़कर असली हलचल ...
31/10/2024

रोशनी से झगमगाती , दियो से उजली हुई रंगीन दिवाली की धूम मची है चारो ओर!🎇🎊

पर मॉल और बड़े बड़े दुकानों से बढ़कर असली हलचल तो रास्तों और फुटपाथ पे नजर आती है।

गरीब आदमी अपनी छोटी सी कमाई, बचत और मिले हुए थोड़े बहुत बोनस की रकम से अपने बजेट अनुसार कपड़े, पूजा का सामान, फुल और न जाने कितनी वस्तुएं रास्ते पे मोल भाव कर के खरीदते है।

दिवाली की असली रौनक तो इन के चेहरे पर नजर आती है।

और दूसरी तरफ फुटपाथ पे सामान बेच रहे लोग... वे तो जिंदगी की रेस में दिवाली को कैश करने में लगे हुए है।
इस भीड़ भाड़ में दो पैसे ज्यादा कमाई करना यही उनके लिए दिवाली है।
थोड़ी ज्यादा कमाई कर के अपने छोटे छोटे सपनो के करीब पहुंचने की इनकी कोशिश में हम भी इनसे कुछ खरीदारी कर के हाथ बटा सकते है ना !!

है ना मजेदार बात 😊

महेश मेहता का उल्टा चश्मा !!

28/08/2024

जिसके पास अपनी खुशियों के लिए समय है...

जिसके पास अपने प्यारों का साथ है...

और जो सुकून भरी जिंदगी जीता है...

वही इंसान दुनिया में सबसे ज्यादा किस्मत वाला है!!

है ना मजेदार बात 😊

*महेश मेहता का उल्टा चश्मा*

18/07/2024

इन्सान इस तरह जीता है , की कभी मरेगा ही नही...
और इस तरह मरता है, की लगता है कभी जिंदगी जी ही नही !!

*महेश मेहता का उल्टा चश्मा*😊

21/06/2024

पक्षांना दाणे कसे वेचायचे, खाद्य कसं शोधायचं, घरटे कधी आणि कसे बांधायचे, पिलांना कसं आणि कधी उडायचं, कधी बाहेर जायचं आणि तिन्ही सांजेला मुक्कामी कधी परतायचं ..
..हे सगळं उपजतच माहिती असतं, कोणी शिकवावं नाही लागत...

माणसाला मात्र कोणी शिकवल्या शिवाय किंवा कोणाची मदत घेतल्या शिवाय काही नाही करता येत ...

आणि तरीही आपण म्हणतो की माणुसच आहे सगळ्यात हुशार प्राणी ???

_ आहे ना सगळं गमतीशीर !!

महेश मेहता का उलटा चष्मा !!☺️

21/05/2024

परसो पुणे में हुए हादसे के बाद कुछ बाते मन में आ रही है।

कितने सारे फलों के रस,जूस, शरबत, छास जैसी स्वादिष्ट ड्रिंक्स पीने के लिए अवेलेबल होकर भी लोग शराब, बियर जैसी खराब चीज़े क्यू पीते है?

गंदी स्मेल, सड़ी हुई चीजों का इस्तेमाल कर के बनाई हुई शराब पीकर नशे में धुत होकर खुद की सेहत , खुद की जिन्दगी तो खराब करते ही है, पर इनकी नशे की वजह से इसकी तकलीफ दूसरों को हो ये कहा का न्याय है ??

पीने वालों, कुछ तो शर्म करो

है ना सोचने वाली बात ?

*महेश मेहता का उल्टा चश्मा*

12/05/2024
11/05/2024

आज कल इंसानों को देखकर पंछी भी लड़ाई झगड़ा करने लगे है ! 😂
बस फर्क सिर्फ इतना है की,
पंछी थोड़ी देर झगड़कर भूल भी जाते है।

है ना मजेदार बात 😊

महेश मेहता का उल्टा चश्मा!!

23/04/2024

खाने के लिए जीना है , या जीने के लिए खाना है ?

हमे पता ही नही है, या फिर हमे पता करना ही नही है !

खाने में स्वाद तो जरूरी है ही !

जंक फूड, बाहर का खाना , मिर्च मसालेदार चटपटा ...

हम इसके इतने ज्यादा आदि हो गए है की इसके सिवा कही पे स्वाद ही नहीं लगता ।

उम्र और सेहत साथ देती है, तब तक ठीक है ।
पर थोड़ा कंट्रोल भी जरूरी है।

नही तो बाद में बीमारियां पीछे लग गई तो ये मत खाओ, ओ मत खाओ के चलते खाने में से स्वाद कब चला जायेगा पता ही नही चलेगा ।

ऊपर से साथ देने के लिए हैपर टेंशन, डायबिटीज , बीपी जुड़ जायेंगी सो अलग ।

इसलिए ४०/५० की उम्र के बाद याद रखिए ...

खाने के लिए जीना नही , अब जीने के लिए खाना है ।

है ना मजेदार बात 😊

महेश मेहता का उल्टा चश्मा !

रस्ते पर, ठेले पर सब्जी बेचने वाले लोग पैसे कमाने के लिए नहीं, बल्कि घर चलाने के लिए सब्जियां बेचते है!उनसे मोल भाव कर क...
12/04/2024

रस्ते पर, ठेले पर सब्जी बेचने वाले लोग पैसे कमाने के लिए नहीं,
बल्कि घर चलाने के लिए सब्जियां बेचते है!

उनसे मोल भाव कर के हम कितना बचा लेते है?
कृपया सोच समझ कर मोल भाव करे ।

हर विक एंड पर जब हम जैसे लोग होटलिंग के लिए जाते है ,
तब दो लोगों के लिए १ सब्जी लगभग २५० रुपए, १ बटर रोटी की कीमत लगभग ३० रुपए , पापड़ , डेजर्ट, जूस और टैक्स मिलाकर १०००/१२०० बिल आता है।
पूरा खाना खत्म भी नही होता, कभी कुछ पसंद नही आता, १००/२०० का वेस्टेज ,
ऊपर से वेटर को सौ, पचास की टीप !

कुछ भी डिस्काउंट नही 😂

दवाई जैसी जरूरी चीज तक खरीदते वक्त हम मोल भाव करते है, तो फिर होटल में खाना खाते वक्त डिस्काउंट क्यू नही मांगते???

मांगो ना !

देते है वो भी ...

नही देंगे तो निकल जाओ दूसरे होटल...
फिर आदत पड़ जायेगी उन्हें भी ! देंगे डिस्काउंट !

यहाँ पर १०% भी डिस्काउंट लो तो उन बचे हुए पैसों से पूरे हफ्ते की सब्जियां आ जायेंगी , वो भी बिना मोल भाव किए !

है ना मजेदार बात 😊

*महेश मेहता का उल्टा चश्मा* !

29/03/2024

८० _ ९० का जमाना भी क्या खूब था !
ब्लैक एंड व्हाइट टीवी का जमाना था ...
१९८३ के एशियाई खेलों के दौरान कलर टीवी की शुरुवात हो रही थी!

दिल्ली दूरदर्शन के समाचार और वही से प्रसारित कुछ सीरियल्स कलर में दिखाते थे।

दूरदर्शन पे नई नई सीरियल्स का दौर शुरू हुआ था, जिनमे हमलोग, बुनियाद, ये जो है जिंदगी जैसी सीरियल्स ने लोगो का दिल जीत लिया था।

तब हम तो १० / १२ साल के बच्चे थे!
इन सीरियल्स का हमे बड़ा इंतजार रहता था।
तब बुनियाद खत्म होने के बाद ये जो है जिंदगी , बैरिस्टर विनोद देर रात को शुरू होते थे, जो की हम बच्चो में कुछ ज्यादा ही पॉपुलर थे!

पर ये सीरियल्स बड़ी मुश्किल से देखे पाते थे हम!

होता यूं की जब तक बुनियाद खत्म हो , उससे पहले ही हमारी आंख लग जाती थी। कब नींद आती थी पता ही नही चलता था! फिर सुबह उठने के बाद पता चलता था, हम तो सीरियल देख ही नही पाए! 😄
वो जमाना था, जब ज्यादा तर लोग १०/१०.३० बजे तक सो जाया करते थे।

८० _९० का दौर था ना!
ना मोबाइल ना गैजेट्स.. बस एक दूरदर्शन का सहारा था!
चित्रहार, छाया गीत, साप्ताहिकी और फिर रविवार की हिंदी फिल्म का सबको इंतजार रहता था! बड़े चाव से इन सबका लुफ्त उठाते थे।

कितने सुहाने दिन थे वो।
अब तो मोबाइल से ऐसे जकड़े है की देर रात में भी नींद खुल जाए तो हाथ पहले मोबाइल की तरफ ही जाता है 😜

है ना मजेदार बात 😊

महेश मेहता का उल्टा चश्मा !

19/03/2024
अपना भारत भी कितना खूबसूरत है।Tourism के लिए शायद ही कोई ऐसा देश होगा जिसमे सब कुछ है!बर्फीले पहाड़, खूबसूरत वादियां, रा...
18/03/2024

अपना भारत भी कितना खूबसूरत है।
Tourism के लिए शायद ही कोई ऐसा देश होगा जिसमे सब कुछ है!

बर्फीले पहाड़, खूबसूरत वादियां, राजस्थान का रण, कच्छ का रणोत्सव , खूबसूरत बिचेस, हिल स्टेशन, जंगल सफारी, किले, मंदिर, एडवेंचर एक्टिविटीज, हिस्टोरिकल प्लेसेस, खान पान की इतनी विविधता...
क्या नहीं है??

घूमने के लिए कही और दूसरे देश जाना ही ना पड़े इतनी विविधता अपने ही देश में है!

बस कमी है तो अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर की, अच्छे रस्ते, एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए अच्छे ट्रांसपोर्ट, कनेक्टिविटी, सुरक्षा , भिखारियों से मुक्ति, टूरिस्ट स्पॉट पर अच्छे और साफ सुथरे वॉश रूम्स और खास तौर पे स्वच्छता की!

पता नही इन्ही बातों में हम क्यों पिछे रह गए है ? ?

काश इन बातों पर सरकार गौर करे और इनमे सुधार लाए, तो अपना देश भी टूरिस्ट के लिए स्वर्ग बन जायेगा !

है ना मजेदार बात 😊

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महेश मेहता का उल्टा चश्मा !

14/03/2024

वयाची पन्नाशी गाठली की आवरा आवरी करायला घ्यायची...

कशाची ?

आपल्या सगळ्या व्यवहारांची, गुंतवणुकीची, पैशाची..

आपल्या सगळ्या व्यवहारांची माहिती आपल्या जोडीदाराला अवश्य करून द्यायची..
Fd/ शेअर्स/ विमा / m. Fund/ बँक अकाऊंट..

जिथे नॉमिनेशन करायचे राहिले असेल, तिथे करून घ्यायचे..

शक्यतो मृत्युपत्र करून ठेवायचे..

एखाद्या वही मध्ये सगळ्या गुंतवणुकी, बँक अकाऊंट ची माहिती, क्रेडिट डेबिट कार्ड नंबर, पासवर्ड, upi pin, locker सगळी सगळी माहिती लिहून ठेवा, आपल्या जोडीदाराला सांगा..

जीवन सुंदर आहे, भरभरून जगा, healthy रहा..

पण वरील गोष्टी आवर्जून करा..

न होवून काही झालेच तर आपल्या नंतर आपल्या कुटुंबाला वरील गोष्टींसाठी धावपळ आणि अडचण येवू नये.. या साठी हि आवरा आवरी गरजेची आहे

हो ना?

_
*महेश मेहता का उल्टा चश्मा*

गर्मी कितनी बढ़ रही है ना !प्यास के मारे परेशान होकर कुछ ठंडा पीने का मन तो करता ही है सभी का !कोका कोला,  पेप्सी , मिरि...
11/03/2024

गर्मी कितनी बढ़ रही है ना !

प्यास के मारे परेशान होकर कुछ ठंडा पीने का मन तो करता ही है सभी का !

कोका कोला, पेप्सी , मिरिंडा को गोली मारो... क्यों इन केमिकल्स को पेट में डालें?

अपना देसी गन्ने का रस, नींबू शरबत, छास पीकर तो देखो,

कितना उमदा स्वाद और जायका...😋

ठंडक तो मिलेगी ही, और साथ में मन भी तृप्त हो जायेगा !

है ना मजेदार बात 😊

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महेश मेहता का उल्टा चश्मा !

28/02/2024

एक दोस्त ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पे लिखा था की...

रिश्तेदार इतने भी बुरे नही होते ,
जितने "स्टार प्लस" वाले दिखाते है,

और

पड़ोसी इतने भी अच्छे नहीं होते ,
जितने "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" वाले दिखाते है !

है ना मजेदार बात 😊

_
महेश मेहता का उल्टा चश्मा !

गर्मी का मौसम शुरू होकर कुल १५ दिन भी नही हुए है, पर हम है की अभी से गर्मी से परेशान हो रहे है।इससे पहले सर्दी का मौसम थ...
21/02/2024

गर्मी का मौसम शुरू होकर कुल १५ दिन भी नही हुए है,
पर हम है की अभी से गर्मी से परेशान हो रहे है।

इससे पहले सर्दी का मौसम था। अच्छी खासी ठंड पड़ी, तो हम ठंड से परेशान हो गए, और गर्मी का इंतजार करने लगे।

अब गर्मी शुरू ही नहीं हुई है, और हम है की सीज़न खतम होने से पहले ही बारिश का इंतजार करने लग जाते है।

अब जब बारिश शुरू होगी, और जम कर बरसेगी, तब हम उससे भी परेशान होकर सर्दी के सीज़न का इंतजार करने लग जायेंगे!😃

आखिर हमे चाहिए क्या???

पेशंस!!!

हर सीज़न का अपना अलग ही मजा होता है, लुफ्त उठाइए!

है ना मजेदार बात 😊

_
महेश मेहता का उल्टा चश्मा!

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