20/11/2024
हाल ही में नॉर्थ ईस्ट स्टेट मेघालय और आसाम घूमने फिरने का अवसर मिला ।
अपने भारत के ये पूर्वी राज्य है तो बेहद खूबसूरत !
हालां की ज्यादा विकास नहीं हुआ है, इंडस्ट्रीज, इंफ्रा में काफी पीछे है, पर एक बात देखने, समझने, और सोचने वाली है... वो यह की,
शिलांग का सिटी एरिया हो या छोटे छोटे गांव, मोहल्ले या रास्ते में लगने वाली बस्तियां, पहाड़ी इलाके ... हर जगह कमाल की स्वच्छता , साफ सुथरा पन.. कही पे भी कूड़ा कचरा डाला हुआ नही दिखेगा ।
जगह जगह डस्ट बीन लगी हुई है, और लोग उसमे ही कचरा डालते है।
कही पे कोई थूंकता हुआ नही दिखेगा।
कोई भी रास्ते पे पेशाब करता हुआ नही दिखेगा। जगह जगह टॉयलेट बने हुए है, जो की एकदम साफ सुथरे और स्वच्छ है और उसके इस्तेमाल के लिए १० रुपए लिए जाते है, जो की वर्थ है ।
पैसे की कमी, काम और रोजगार की कमी, मुंबई दिल्ली जैसी लाइफ स्टाइल से कोसो दूर रहकर भी इन लोगो ने अपने आप में एक डिसिप्लिन कायम की हुईं है। ऐसा लग रहा था की हम विदेश में घूम रहे है।
पिछले साल सिक्किम घूमते हुए भी हमने यही अनुभव किया था!
सच में सोचने वाली बात है की हमारे देश के बाकी इलाको में हमें स्वच्छता से इतना परहेज क्यू है? क्यू हम यह अच्छी आदत अपना नही रहे है?
सोचो, समझो और अपने से ही शुरुवात करो... तभी बनेगा अपना गांव, अपना शहर, और अपना देश सुंदर !!
है ना मजेदार ?? सोचने वाली बात 😊
महेश मेहता का उल्टा चश्मा !!