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23/08/2024
12/04/2024

चेन्नई में जल संकट है।

अखिलेश यादव की यह तस्वीर कैसी है?
03/04/2024

अखिलेश यादव की यह तस्वीर कैसी है?

16/02/2024

कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने भाजपा पर लगाये आरोप

बैंक खाते तो BJP के फ्रीज होने चाहिए, क्योंकि जो असंवैधानिक कॉर्पोरेट बांड उन्होंने अपने खातों में डाल रखे हैं, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार असंवैधानिक हैं।

हमारे खातों में कार्यकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन डोनेशन से जुटाया गया पैसा है। इसे इनकम टैक्स और मोदी सरकार कैसे फ्रीज कर सकती है।

इस कदम से स्पष्ट है कि अब हमारे देश में लोकतंत्र नहीं रहा। ऐसा लगता है देश में 'वन पार्टी सिस्टम' लाने का प्रयास किया जा रहा है।

स्वामी प्रसाद मौर्य को बदहजमी क्यों हुई?स्वामी प्रसाद मौर्य जी काफी अरसे से अपने बयानों से सपा को असहज कर रहे थे। जैसे ह...
15/02/2024

स्वामी प्रसाद मौर्य को बदहजमी क्यों हुई?
स्वामी प्रसाद मौर्य जी काफी अरसे से अपने बयानों से सपा को असहज कर रहे थे। जैसे ही मौर्य का हिंदू विरोधी बयान आता बीजेपी सपा को हिंदू विरोधी ठहराने की मुहिम चलाने लगती लेकिन मौर्य जी थमने को तैयार नहीं थे। बसपा में रहते हुए भी वह इसी तरह के बयान फेंका करते थे। इसलिए मायावती ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था और भाजपा ने बिना देर किए मौर्य जी को पार्टी में शामिल कर लिया जिसका फायदा उसे मिला और स्वामी प्रसाद जी बेटी को भी एम पी बनवाने में कामयाब हो गए। बदायूं में धर्मेंद्र जी हारे जहां वोट पड़ने और गिनने में भारी अंतर का आरोप लगा जिसे लेकर धर्मेंद्र यादव जी कोर्ट भी गए। स्वामी प्रसाद जी के सपा में आने के एवज में यह केस वापस भी ले लिया गया। गौरतलब बात ये है कि भाजपा में रहते स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने एक बार भी हिंदू विरोधी बयान नहीं दिया। सपा में हार के बाद भी एम एल सी बनाए गए।राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए।सपा में मौर्य का कद बढ़ने से केशव देव मौर्य जी नाखुश हुए और गठबंधन से बाहर हो गए।
अब सवाल उठता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य जो बयानबाजी कर रहे थे उसके लिए क्या सपा की विचारधारा में कोई जगह थी। समाजवाद तो सभी धर्मों के सम्मान की वकालत करता है।फिर स्वामी प्रसाद ये कदम क्यों उठा रहे थे।कई बार अखिलेश यादव उनका बचाव करते दिखे। लोगों ने तो यहां तक कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा के भेजे हुए हैं।राजभर ने तो ये बात खुलकर कही थी।
अब सवाल उठता है कि स्वामी प्रसाद जी ने यह कदम क्यों उठाया वो भी ऐसे समय पर जब राज्य सभा के चुनाव और लोक सभा के लिए टिकट वितरण की जद्दोजहद चल रही है।
दर असल राष्ट्रीय महासचिव होने के नाते वह चाहते थे कि टिकट वितरण में उनकी भी सहभागिता हो खासतौर पर उन सीटों पर जहां सपा शाक्य मौर्य प्रत्याशी तय करे। वह चाहते थे कि संघ मित्रा एटा से चुनाव लड़ें ।इस बात की चर्चा भी जोरों पर रही।शायद सपा तैयार भी थी लेकिन स्वामी प्रसाद जी डा नवल किशोर शाक्य को फर्रुखाबाद से टिकट देने के विरोध में थे। अखिलेश यादव जब नवल किशोर की टिकट काटने को तैयार नहीं हुए तो संघ मित्रा का एटा से चुनाव लड़ने का इरादा भी बदल गया। अखिलेश यादव ने अपने पुराने समाजवादी कार्यकर्ताओं को वरीयता देते हुए एटा से देवेश शाक्य और फर्रुखाबाद से डा नवल किशोर शाक्य को प्रत्याशी बना दिया तो ये बात स्वामी प्रसाद मौर्य जी शायद हजम नहीं कर पाए । अब चूंकि भाजपा में भी टिकटें फाइनल हो रहीं हैं और संघमित्रा जी की टिकट कटने की चर्चा भी जोरों पर हैं। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना हैं संघ मित्रा जी ने बीजेपी में अपनी टिकट बचाने के लिए पिता को मजबूर किया हो। मौर्य जी अनुकूल वक्त तलाश रहे थे और बहाना भी।
बलराम सरस (लेखक एक राजनैतिक विश्लेषक और समाजवादी चिंतक हैं)

13/02/2024

सपा ने राज्यसभा के लिए जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन (पूर्वआईएएस) के नामों की घोषणा की।।

महाराष्ट्र के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चह्वाण ने इस्तीफा दिया।।
13/02/2024

महाराष्ट्र के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चह्वाण ने इस्तीफा दिया।।

काँग्रेस ने पंजाब में लोकसभा की तैयारी के लिए वार रूम में नियुक्त की हैं।
12/02/2024

काँग्रेस ने पंजाब में लोकसभा की तैयारी के लिए वार रूम में नियुक्त की हैं।

11/02/2024

उत्तर प्रदेश की फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से सपा से डॉक्टर नवल किशोर शाक्य चुनाव लड़ेंगे।।

11/02/2024

बदायूँ लोकसभा सीट से सपा से धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ेंगे।।

11/02/2024

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की एटा लोकसभा सीट से देवेश शाक्य को टिकट देकर चुनाव में बढ़त बना ली है। भाजपा यहाँ से अभी तक प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है।।

11/02/2024

भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में बसे सुंदर राज्य सिक्किम से कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर आई है। इस समय सिक्किम में वहां की क्षेत्रीय पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम)की सरकार है। और प्रेम सिंह तमांग सिक्किम के मुख्यमंत्री हैं। यहां पर विधानसभा की कुल 32 सीटें हैं।और लोकसभा की 1 सीट है। जिसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों की सीट संख्या शून्य है। एसकेएम सरकार ने अपने एक फैसले से राज्य में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर दी है।
और जिन अस्थाई कर्मियों को सरकार की सेवा में 4 साल हो गए हैं उन्हें भी स्थाई कर दिया है। मई 2024 में सिक्किम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस दृष्टि से आगामी विधानसभा चुनाव में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के लिए यह बहुत बढ़त वाला कदम होगा।

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