Manoj Malayanil

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Manoj Malayanil Sr Editor at Network18,Ex Editor at Zee media,Ex-ABP News, Ex-Star News,Ex Sahara, Ex-MPC,Ex-AIR

30/12/2023

बिहार में आपको रिटायर्ड IAS-IPS नहीं मिलेंगे। कई बार ऐसा हुआ कि अहम विषयों पर चर्चा और बहस के लिए जब हमने उन्हें बुलाना चाहा तो पता चला कि बिहार छोड़े उन्हें कई साल हो गए हैं। हमें बिहार में एक भी रिटायर्ड चीफ सेक्रेटरी नहीं मिला। चीफ सेक्रेटरी तो छोड़िये रिटायर्ड सेक्रेटरी भी ढूंढने पर नहीं मिले। तीस-तीस, पैंतीस-पैंतीस साल तक राज्य में ऊंचे से ऊंचे ओहदे पर काम करने के बाद ये IAS और IPS अफसर रिटायर होते ही बिहार छोड़कर क्यों चले जाते हैं?
जाहिर है बिहार में एक भी ऐसी जगह नहीं है जो 'उनके रहने' लायक हो। तुर्रा ये कि फलांना चीफ सेक्रेटरी कमाल के थे। उनकी योग्यता हर पैमाने से परे थी। फलां सीएम फलांना चीफ सेक्रेटरी के दीवाने थे। फलां सेक्रेटरी की तो पूछिये ही मत, उन्हें तो जो शहर मिला उन्होंने सूरत बदल डाली।
अगर ये सब के सब इतने ही योग्य थे तो इतने बड़े बिहार में शहर छोड़िये ऐसे दो चार मोहल्ले भी नहीं बना सके जहां ये खुद रिटायर होने के बाद रह सकें।
ये सवाल जेहन में इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि बिहार के बड़े-बड़े महकमों में आज बड़े-बड़े सेक्रेटरी नियुक्त हुए हैं। जिनकी तारीफ में फिर वैसे ही कसीदे पढ़े जा रहे हैं जैसे बिहार को बाय-बाय बोलकर निकल चुके अव्वल दर्जे के अधिकारियों के बारे में पढ़े जाते थे।
(यादों के गलियारे…)

21/12/2023

एक बार फिर यह बहस शुरू हो गई है कि मोदी कितना अनुदारवादी, अलोकतांत्रिक और जाहिल नेता है और जवाहरलाल नेहरु कितने लोकतांत्रिक और महान थे।

जवाहर लाल नेहरू की एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर खूब घूम रही है। नेहरू जी ने ये चिट्ठी फिल्म सुजाता देखने के बाद फिल्म के निर्देशक बिमल रॉय को लिखी थी।उस चिट्ठी के जरिए ये बताने की कोशिश की जा रही है, कि पंडित नेहरू कितने महान कला प्रेमी प्रेमी और कितने सौंदर्य प्रेमी भी थे।

पर दिलचस्प है कि उसी फिल्म में 'सुन मेरे बंधु रे सुन मेरे मितवा'... 'जलते हैं जिसके लिए, तेरी आंखों के दीये'... नन्हीं कली सोने चली, हवा धीरे आना...सरीखे अलग-अलग फिल्मों में हजारों लोकप्रिय गीत लिखनेवाले महान गीतकार मजरूह सुलतानपुरी को मुंबई की जेल में दो साल के लिए डाल दिया गया था। मजरूह की गलती इतनी थी कि उन्होंने अपनी एक कविता में पंडित नेहरू की तुलना हिटलर से कर दी थी। जिस कविता के लिए उन्हें जेल जाना पड़ा, वो ये रचना थी...

मन में ज़हर डॉलर के
बसा के फिरती है...
भारत की अहिंसा
खादी के केंचुल को पहनकर
ये केंचुल लहराने न पाए
अमन का झंडा इस धरती पर।
किसने कहा लहराने न पाए,
ये भी कोई हिटलर का है चेला।
मार लो साथ जाने न पाए
कॉमनवेल्थ का दास है नेहरू
मार ले साथी जाने न पाए।

अगर हम आपसे ये पूछें कि भारत का वो कौन का नेता है, जिसके लिए हाल के वर्षों में सबसे ज्यादा हिटलर शब्द का इस्तेमाल किया गया, तो क्या इसका जवाब देने में आपको दो सेकेंड भी लेगेगा? अगर नेहरू जी की तरह नरेन्द्र मोदी हिटलर शब्द से नाराज होकर
लोगों को जेल भिजवाते, तो कई सौ-हजार लोग जेल में होते।

एक व्यक्ति के कई रूप होते हैं। नेता-अभिनेता तो किसी बहुरूपिये से कम नहीं होते हैं। हर जिंदगी में एक ग्रे एरिया होता है। सिर्फ उस आधार पर उस व्यक्ति के बारे में आप किसी निरपेक्ष नतीजे पर नहीं पहुंच सकते। हमने देखने का सिर्फ दो ही नजरिया तय कर रखा है। या तो कोई महान है, या फिर जालिम। समग्रता से देखने का नजरिया हमने ताक पर रख दिया है।

14/12/2023

शैलेंद्र के लिए बिहार ने क्या किया?

उस लड़के का नाम शंकर दास केसरीलाल था। जन्म तो उसका रावलपिंडी में हुआ था लेकिन उसके पिता और दादा बिहार के आरा के थे। जो लोग बिहार और यूपी के हैं उन्हें पता है कि दास सरनेम होने का स्थानीय समाज में क्या मतलब होता है। पिता की बीमारी और गरीबी के चलते शंकर दास का पूरा परिवार रावलपिंडी से मथुरा आ गया था जहां उसके चाचा रेलवे में नौकरी करते थे। एक दिन शंकर दास को हॉकी खेलते देख कुछ छात्रों ने कहा कि ‘अब ये लोग भी खेलेंगे’ ..बालक शंकर दास को इतनी तकलीफ हुई कि उसने तुरंत वहीं अपनी हॉकी स्टिक तोड़ दी और वहां से निकल गया। वही शंकर दास आगे चलकर मुंबई में लिखता है-

होठों पे सच्चाई रहती है
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

क्या कोई कल्पना कर सकता है कि जिस समाज में जाति को लेकर लोगों के मन में इतनी मैल हो और जो व्यक्ति उस गंदगी से दिल के भीतर तक आहत रह चुका हो, वो आसमान से भी बड़ा दिल रख कर कहता है कि ‘…जहां दिल में सफाई रहती है, हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है…’
शंकर दास केसरीलाल उर्फ गीतकार शैलेन्द्र ने क्या-क्या नहीं रचा।

आवारा हूँ
या गर्दिश में हूँ आसमान का तारा हूँ
आवारा हूँ...

किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार
किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार
जीना इसी का नाम है ...

दिल का हाल सुने दिलवाला
सीधी सी बात न मिर्च मसाला
कहके रहेगा कहनेवाला,
दिल का हाल सुने दिलवाला..

सजन रे झूठ मत बोलो
खुदा के पास जाना है...

आज फिर जीने की तम्ना है
आज फिर मरने का इरादा है...

ये तो बस चंद बानगी हैं..तभी तो गुलजार कहते हैं कि शैलेंद्र से बड़ा गीतकार आज तक कोई नहीं हुआ।

शैलेंद्र जब इतने बड़े गीतकार थे तो उन्हें कोई बड़ा सरकारी सम्मान क्यों नहीं मिला? मरणोपरांत हमने कई दिग्गजों को सम्मानित किया है। मरणोपरांत भी क्या शैलेंद्र हमारे लिए पद्म भूषण या पद्म विभूषण भी नहीं हैं?

शैलेंद्र मूलत: बिहार में आरा के अख्तियारपुर गांव के रहने वाले थे। उनके दादा-परदादा को रोटी के लिए बिहार से बाहर जाना पड़ा था। पाकिस्तान के रावलपिंडी में जन्मे, मथुरा में पले-बढ़े और मुंबई को कर्म भूमि बनाया..फिर भी शैलेंद्र के दिल में हमेशा बिहार धड़कता था। दुनिया से रुखसत होने से पहले अपनी डायरी में अपने बच्चों के लिए उनके गांव का पता ‘अख्तियारपुर, भोजपुर,बिहार’ लिख कर गए थे।

‘पान खाय सैंया हमार’,
‘सजनवा बैरी हो गए हमार’,
‘अब के बरस मोरे भैया को भेजो’
‘चलत मुसाफिर मोह लियो पिंजरे वाली मुनिया’

शैलेंद्र के इन गानों में आप आरा को,भोजपुर को, बिहार को दिल खोल कर महसूस कर सकते हैं। इतना ही नहीं अपनी जिंदगी की एक मात्र फिल्म बनाई जो उनकी मौत की वजह भी बनी वो फिल्म (तीसरी कसम) भी बिहार की मिट्टी और अंचल पर बनाई गई कृति थी।

ऐसे में सवाल उठता है कि जिस शैलेंद्र का दिल बिहार में बसता था उस महान गीतकार और कवि के लिए बिहार सरकार ने क्या किया? क्या बिहार सरकार उनके नाम कोई सम्मान, कोई संस्थान, सड़क-चौराहा तक समर्पित नहीं कर सकती !
Nitish Kumar CMO Bihar Sanjay Kumar Jha

10/10/2023

जो लोग आतंकवादी संगठन हमास और हिज़्बुल्लाह का समर्थन कर रह हैं उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि इजराइल मुसलमानों पर हमला नहीं कर रहा है, वह आतंकवाद के शिकार अपने लोगों की जान का बदला ले रहा है।

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06/01/2023
IIMCAA Awards 2023 | 9 Categories of Journalism, PR and Advertising | Deadline - 10 January, 2023*Apply/ Encourage to Ap...
05/01/2023

IIMCAA Awards 2023 | 9 Categories of Journalism, PR and Advertising | Deadline - 10 January, 2023

*Apply/ Encourage to Apply/ Share & Comment for Reach*

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