31/05/2024
एक,दो बड़े झटकों के साथ तेज रफ़्तार बस रुक गयी सभी यात्री ड्राइवर पर भड़कने लगे !
पर जब पसीना पसीना ड्राइवर ने बताया कि ब्रेक फेल हो गए थे, *एक किलोमीटर पहले किसी तरह सँभालते हुए यहाँ पर रोकना ठीक लगा और ......सब बच गए !*
तो सब ड्राइवर की भूरी भूरी प्रशंसा करने लगे ...
मगर थोड़ी देर में यात्रियों का ज्ञान जागृत होने लगा..
*एक बोलता है:* अगर यहाँ तक ले आये तो धीरे धीरे घर तक ही ले आता...
*दूसरा : मैं तो बाइक निकालने से पहले ब्रेक चेक करता हूँ...
*तीसरा:* अब हमारे रहने खाने का बंदोबस्त यह ड्राइवर ही करेगा...
*चौथा:* टिकटो के पैसे का हिसाब दो यहाँ तक कितना लगा कितना बचा...
और ड्राइवर सोच रहा था की वैसे तो ये हरामखोर बचाये जाने लायक नहीं है़, *मगर मुझे तो अपना फर्ज निभाना ही है।*
*देश की मौजूदा हालत को समर्पित एक कड़वा सत्य