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16/04/2024

“मोदी की गारंटी” चारों तरफ़ यहीं विज्ञापन देखने और सुनने को मिल रहा है, आख़िर मोदी की गारंटी क्या है? Dhruv Rathee का चंद सेकंड का ये वीडियो देखिए मोदी की गारंटी की सच्चाई आपको पता चल जायेगा।

मोदी जी ने कुछ दिन पहले एक गारंटी दी थी भ्रष्टाचार को लेकर इतनी बेशर्मी से इतना बड़ा झूठ सिर्फ़ वहीं इंसान बोल सकता है जो मानकर बैठा है कि जनता तो मूर्ख है, मैं जो बोलूँगा अंधाधुंध मेरे बातों में विश्वास कर लेंगे, आगे वीडियो देखिए।

जो काम पूरे मीडिया नहीं कर रही है वो Dhruv Rathee अपने चंद सेकेंड के वीडियो में कर दिया।

04/04/2024

क्या हमारा देश तानाशाही की और गिरता जा रहा है? ये सिर्फ़ एक सवाल नहीं जवाब भी है।

साथी Dhruv Rathee का ये वीडियो इसे समझने का एक बढ़िया उदाहरण व तथ्य है, जैसे-जैसे दिन बीतता जा रहा है तानाशाही मोदी सरकार अपनी भेड़ियों की खाल से बाहर आ रहा है।

विपक्ष को लगभग ख़त्म कर दिया गया है या जो बचा है उन्हें सभी प्रकार से(जिनमें डरा कर, लालच देकर या फिर ED, CBI, IT का डर दिखाकर) रोज़ ख़त्म किया जा रहा है दिल्ली और झारखंड की सरकार ताज़ा उदाहरण है।

पूरी मेनस्ट्रीम मीडिया को ख़रीद जा चुका है, जो कुछ डिजिटल मीडिया या वैकल्पिक मीडिया बचा है उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है या फिर उन्हें बंद किया जा रहा है।

कहने को तो लोकसभा चुनाव में भाजपा वाली NDA गठबंधन अब की बार 400 पार लाने का दावा कर रही है, लेकिन इनकी बौखलाहट दिखा रही है कि इनकी क्या हाल है।

हम में से बहुत से ऐसे लोग है जो इस व्यवस्था को अच्छे से जानते हैं, इसी कारण चुनाव में वोट नहीं डालते, लेकिन इस बार सवाल देश को बचाने का है, आप जहां भी हो इस बार वोट ज़रूर करें और इस तानाशाही सरकार को जवाब दें।

ये वीडियो आप ख़ुद भी देखें और अपने जानने वाले सभी लोगों को ज़रूर दिखाएं चाहे वो मोदी समर्थक ही क्यों न हो।

AISA Releases DUSU Elections 2023 Manifesto!AISA released its Delhi University Student Union (DUSU) Election Manifesto o...
21/09/2023

AISA Releases DUSU Elections 2023 Manifesto!

AISA released its Delhi University Student Union (DUSU) Election Manifesto on the assault on specialized, quality and accessible education through FYUP, raises concerns over the withering safety, autonomy and democracy of women and gender minorities, the need for affordable hostels and quality housing, and increasing fares of metro and issues faced by local students.

AISA's DUSU 2023 Panel is as follows:

President - Aiyesha Ahmad Khan
Vice President - Anushka Choudhary
Secretary - Aditya Pratap Singh
Jt. Secretary - Anjali Kumari

AISA Central Agendas For DUSU 2023:

• Stop dilution of our courses through SEC and VAC!
• Roll Back New Internal Scheme!
• End fee hike!
• Add English to AEC options!
• Provide Concessional Students' Metro Pass!
• From strong Gender Cells (GSCASH)
• Implement Rent Control Act!
• Ensure hostels for all students!

AISA is calling upon all students to exercise their democratic right to vote to uphold student democracy, student welfare and ensures affordable, accessible, inclusive and quality education for all students who come to Delhi University.

AISA KA DUSU PANEL
1-3-2-2

जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने 100 साल पहले एक किताब लिखा था जिसका नाम Mein Kampf(मेरा संघर्ष) है, इसके एक चेप्टर जिसका नाम ...
20/05/2023

जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने 100 साल पहले एक किताब लिखा था जिसका नाम Mein Kampf(मेरा संघर्ष) है, इसके एक चेप्टर जिसका नाम है “बिग लाई” इसमें हिटलर ने कहा था लोगों को बहकाने के लिए “इतना बड़ा झूठ बोलो-इतना बड़ा झूठ बोलो कि लोगों को लगें कि कोई इतना बड़ा झूठ कैसे बोल सकता है? कुछ तो सच्चाई होगी ही इसमें।

यानी कि जब झूठ इतना बड़ा हो और झूठ को इतने कॉन्फ़िडेंस और इस तरीक़े से बोला जाए तो कुछ लोग उसे सच मान बैठते है, लोगों को लगने लगता है कि कोई इतना बड़ा आदमी झूठ क्यों बोलेगा कुछ तो सच्चाई होगी ही इसमें, उदाहरण के लिए कहूँ कि “मैं बचपन में चाय बेचता था” जबकि ये झूठ है।

आगे चलकर हिटलर के प्रोपेगेंडा प्रचार मंत्री जोसेफ़ गोयबल्स ने हिटलर की उस बात को आगे बढ़ाते हुए कहा जो बड़ी मशहूर है, गोयबल्स ने कहा था कि “किसी झूठ को इतनी बार कहो कि वो सच बन जाए और सब उस पर यक़ीन करने लगें” यानी की झूठ तब तक बोलो जब तक की लोग उसपर यक़ीन न कर ले।

तीसरा प्रोपेगेंडा बताया Half Truth(आधा सच) का यानी की झूठ कहते समय कभी-कभी कुछ बातें आधा सच भी हो ताकि झूठ पकड़ा न जाये, उदाहरण के लिए देख लीजिए जिसमें फ़िल्म के टीजर में दावा किया गया था कि राज्‍य में 32000 महिलाओं को धोखे से धर्म परिवर्तन कर इस्लाम ग्रहण कराया गया और आईएसआईएस में भर्ती किया गया।

जबकि सच्चाई यह है कि केरल से सिर्फ छह महिलाओं के ISIS में शामिल होने के सार्वजनिक रिकॉर्ड हैं, इनमें से तीन ने दूसरे धर्म से इस्लाम अपनाया था इनमें से भी सिर्फ एक महिला हिंदू थी।

हालांकि विवाद होने और कोर्ट के निर्देश के बाद इस दावे वाले टीजर को मेकर्स ने हटा लिया और इसे '3 महिलाओं' की कहानी बताया, सुप्रीम कोर्ट में फ़िल्म निर्माता ने ये भी माना की 32 हजार महिलाओं का डेटा प्रमाणित नहीं है।

निर्माता की ओर से कहा गया है कि वो 20 मई तक डिस्क्लेमर देंगे कि 32,000 महिलाओं के डेटा के लिए कोई प्रमाणिक सत्यापित डेटा नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 20 मई शाम 5 बजे तक डिस्क्लेमर लगाना होगा कि 32,000 का आंकडे का कोई पुख्ता आधार नहीं है कोर्ट ने निर्माता को ये आदेश भी दिया है कि डिस्क्लेमर दें कि ये फिल्म फिक्शन पर है यानी की काल्पनिक जिसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है।

फ़िल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ के बाद ‘द केरला स्टोरी’ का बनाया जाना एक सिलसिले की शुरुआत है, शुरुआत नफ़रत का, शुरुआत एक समुदाय के प्रति प्रोपेगेंडा का, शुरुआत हिटलर और उसके प्रोपेगेंडा प्रचार मंत्री जोसेफ़ गोयबल्स द्वारा बताए गए उस झूठ का जिसमें कहा गया है कि “किसी झूठ को इतनी बार कहो कि वो सच बन जाए और सब उस पर यक़ीन करने लगें” ताकि हिटलर जैसे तानाशाहों का सत्ता बरकरार रहे।

इसीलिए तो कम पैसों में, ख़राब अभिनय और निर्देशन के बावजूद सिर्फ़ मुसलमानों के ख़िलाफ़ घृणा प्रचार के विषय के सहारे अच्छी कमाई हो सकती है, क्योंकि ऐसी फ़िल्मों के प्रचार में अब राज्य की मशीनरी और भाजपा का एक पूरा तंत्र काम करता है।

कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव जीतने के लिए झूठ पर आधारित नफ़रती फ़िल्म का प्रचार ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं ने किया, और आज कल हर चुनाव से पहले ऐसी सांप्रदायिक झूठी फ़िल्म बनाकर लोगों को बरगलाना धंधा बन गया है।

जर्मनी में हिटलर और उसके मंत्री भी इसी झूठ और प्रचार का सहारा लेकर सत्ता में आया और वहाँ के अल्पसंख्यक यहूदी के ख़िलाफ़ इसी प्रकार नफ़रत उगलकर, उनके बारे में झूठी बातें फैलाकर, अफ़वाह उड़ाकर, झूठी न्यूज़ दिखाकर, झूठी फ़िल्म दिखाकर वहाँ के बहुसंख्यक को यहूदी का सबसे बड़ा दुश्मन बना दिया जिसके बाद यहूदियों पर हमले तेज हो गए थे जिसका अंजाम ख़तरनाक साबित हुआ।

आज भारत में भी यही सब दोहराया जा रहा है फ़िल्म रिलीज होने से लेकिन अभी तक कई घटना सामने आ चुकी है जिसमें मुस्लिम युवक पर हमला हुआ हो, सत्ताधारी पार्टी के नेता खुलेआम मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत उगल रहे है, सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनल और अब फ़िल्मों में इन्हें दुश्मन के तौर पर पेश किया जा रहा है, जिसके कारण ऐसा कोई दिन नहीं होता जब देश के किसी हिस्से में मुस्लिमों पर हमला न हुआ हो।

भारत के तानाशाह जिस हिटलर और मुसोलिनी को अपना गुरू मानते है और उनके बताए हुए प्रोपेगेंडा का इस्तेमाल अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए कर रहे है, उन्हें इतिहास से सबक लेते हुए ये भी ध्यान रखना चाहिए कि आख़िर हिटलर और मुसोलिनी का अंत कैसे हुआ, हिटलर ने डर की वजह से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली तो मुसोलिनी को लोगों ने गोली मारकर चौराहे पर उल्टा लटकाकर उसके ऊपर पेशाब कर जूते से पीटता रहा वो भी उन्हीं के द्वारा जो कभी उसे भगवान की तरह पूजा करते थे।

09/01/2022

भारत के पहले मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख़ जिनकी आज 191वीं जयंती है, जिन्हें आज गूगल भी सम्मानित और आभार व्यक्त .....

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