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Hindi Choupal Duniya Bhar Ki Rochak Jaankariya!

18/10/2016
05/10/2016

ना जाने कितने ही #रिश्ते ख़त्म कर दिए इस भ्रम ने,
कि मैं ही सही हूँ..
और सिर्फ मैं ही सही हूँ...

19/09/2016
13/09/2016
02/09/2016

बदल जाते है वह लोग वक्त की तरह
जिन्हें हद से ज्यादा वक़्त दिया जाता है।

02/09/2016

कितना अजीब है ना ,
84 लाख जीवो में एक मानव ही धन कमाता है ||
अन्य कोई जीव कभी भूखा नहीं मरा
और मानव का कभी पेट नहीं भरा ||

शिक्षक हो तो ऎसेशिक्षक के विदाई समारोह में उमड़ पड़ा गांव रो पड़े स्कूल के बच्चेशिक्षा में अवनीश यादव ने बदल दी थी गांव में...
01/09/2016

शिक्षक हो तो ऎसे
शिक्षक के विदाई समारोह में उमड़ पड़ा गांव रो पड़े स्कूल के बच्चे
शिक्षा में अवनीश यादव ने बदल दी थी गांव में शिक्षा की सूरत
देवरिया । गाजीपुर जिले के बभनोली निवासी अवनीश यादव की तैनाती 2009 में गौरी बाजार के प्राथमिक विद्यालय पिपराधन्नी गांव में हुई इस गांव में अवनीश ने घर घर जाकर सम्पर्क किया गरीब मजदूर की सख्या काफी है स्कूल नही आते घर घर जाकर सम्पर्क करना शुरू किया और पढ़ाई के गुण बताने लगे खेल खुद से बच्चों को जागरूक करने लगे यहाँ शिक्षा की यह अलख पुरे गांव में जगने लगी गांव के लोग अवनीश को अपने बेटे की तरह मानने लगे उन्होंने कई पुरस्कार पाये उनका सरकारी स्कूल किसी बड़े कान्वेंट को फेल कर दिया थी की अचानक उनका तबादला गाजीपुर हो गया गांव वालो ने उनका विदाई की पूरा गांव भावुक हो गये स्कूल के बच्चे रोने लगे अवनीश भी खूब रोहे क्या बूढ़े क्या जवान क्या बच्चे हर लोगो की दशा एक तरह थी
हर शख्स यही कह रहा था शिक्षक हो तो ऐसा

26/08/2016

कुछ ऐसे हो गए हैं.. इस दौर के रिश्ते..!
जो आवाज़ तुम ना दो.. तो बोलते वो भी नही..!

शर्त एक ही है कि बस RuknaNahiHai...
02/08/2016

शर्त एक ही है कि बस RuknaNahiHai...

Small towns, Olympic Dreams. There's no stopping our 12 athletes. It's a challenge to oneself. It's a passion to persevere. JSW is proud to spo...

11/07/2016

कश्मीरी आतंकवाद अब एक राजनीतिक संकट नहीं रहा, वह कारोबार भी हो गया है- उसमें आतंकवादियों को भी पैसा मिलता है, अलगाववादियों को भी, पत्थर उछालने वालों को भी और अमन की बात करने वालों को भी.

24/06/2016

""अजनबी शहर में एक दोस्त मिला!
"वक्त" नाम था! "पर जब भी मिला,,"मजबूर" मिला!

24/06/2016

त्वमेव लाडू च भुजिया त्वमेव,
त्वमेव रसगुल्ला, जलेबी त्वमेव ।
त्वमेव कचौरी च चटणी त्वमेव,
त्वमेव सर्वम् समोसा ने सेव ।’
रोज सुबह इस मंत्र का जाप करने से
उच्च श्रेणी के नाश्ते की प्राप्ति होती है !

07/06/2016

बहुत दूर तक जाना पड़ता है....!
सिर्फ यह जानने के लिए, "नज़दीक कौन है.”

05/06/2016

कल जो वो नासमझ*बहन की पढाई के खिलाफ़ था
आज बीवी के इलाज के लिये लेडी डॉक्टर ढूंढता है.

03/06/2016
खुशियों के भी क्या कहने एक बच्चा खुश हुआ खरीद कर गुब्बारा और दुसरा बच्चा खुश हुआ बेच कर गुब्बारा...
01/06/2016

खुशियों के भी क्या कहने
एक बच्चा खुश हुआ खरीद कर गुब्बारा
और दुसरा बच्चा खुश हुआ बेच कर गुब्बारा...

कभी-कभी बच्चे ऐसा काम कर जाते हैं कि उनसे बड़ों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए. Share कर साझा कीजिए और प्रेरित कीजिए.
30/05/2016

कभी-कभी बच्चे ऐसा काम कर जाते हैं कि उनसे बड़ों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए. Share कर साझा कीजिए और प्रेरित कीजिए.

28/05/2016

Safar men dhup to hogi, jo chal sako to chalo
sabhi hain bhid men, tum bhi nikal sako to chalo
kisi ke waaste raahen kahaaan badalti hain
tum apane aap ko khud hi badal sako to chalo
yahaaan kisi ko koi raastaa nahin detaa
mujhe giraake agar tum sambhal sako to chalo
yahi hai jindagi, kuchh khwaab chnd ummiden
inhi khilaunon se tum bhi bahal sako to chalo...

'गाँव वालों के लिए बाँध बनवाने के लिए इस किसान ने बेच दी अपनी ज़मीन'सरकार की तरफ़ से जब कोई मदद ना मिली तो अकोला ज़िला, महा...
26/05/2016

'गाँव वालों के लिए बाँध बनवाने के लिए इस किसान ने बेच दी अपनी ज़मीन'
सरकार की तरफ़ से जब कोई मदद ना मिली तो अकोला ज़िला, महाराष्ट्र के 42 वर्षीय किसान ने अपनी ज़मीन को दांव पर लगाकर अपने गाँव वालों के लिए बाँध का निर्माण करवाने का निर्णय किया।
संजय तिड़के के पास अपने गाँव सांग्वी दुर्गवाड़ा में 30 एकड़ ज़मीन है, उन्होंने इसमें से 10 एकड़ ज़मीन 55 लाख रुपये में बेच दी। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की माने तो इस रकम में से 20 लाख रुपये से वह बाँध का निर्माण कराने जा रहे हैं।
इस बाँध की क्षमता 3 करोड़ लीटर बताई जा रही है, संजय कहते हैं कि उन्होंने वो ज़मीन बेची है जो अक्सर बाढ़ के दिनों में बह जाया करती थी, जिससे उनकी पूरी फ़सल बर्बाद हो जाया करती थी। संजय कहते हैं कि उन्होंने सरकार के आगे बहुत हाथ-पाँव जोड़े पर जब उनके कानों पर जूं भी ना रेंगी तो उन्होंने स्वयं इसके निर्माण का बीड़ा उठा लिया।

25/05/2016

भारत विभिन्नताओं का देश है कहाँ जाता है। कि हर सौ मिटर पर यहाँ बोली और रिवाज बदल जाते हैं। अलग-अलग जाति और धर्म को मानने वाले इस देश मे शादी को लेकर भी बड़ी अजीब

24/05/2016

गुरुगोबिंद सिंह जी ने अपने साथ बाज ही क्यों रखा कोई और पंछी क्यों नही ??
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गुरुगोबिन्द सिंह जी जो भी करते थे
उसके पीछे कौम के लिये कोई मैसेज जरूर होता था

इसके पीछे भी था

1 गुण )
बाज़ को कभी गुलाम नही रख सकते या तो वो पिंजरा तोड़ देगा या मर जायगा लेकिन गुलाम नही रहेगा

2 गुण )
बाज़ कभी किसी का किया हुआ शिकार नही खाता

3 गुण)
बाज़ बहुत ऊपर उड़ता है लेकिन इतना ऊपर उड़ने के बाद भी उसकी नज़र हमेशा ज़मीन पर ही होती है

4 गुण)
बाज़ सारी ज़िंदगि कभी अपने पास आलस नही आने देता

5 गुण,)
बाज़ कभी अपना घर या घोंसला नही बनाता 18 वीं सदी में सिक्ख भी ऐसा ही करते थे

6 गुण )
बाज़ दूसरे पंछियों के समान हवा ke साथ नही उड़ता बल्कि हवा के विपरीत साइड में उड़ता है

24/05/2016

आपने पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे ट्रैवलिंग किस्से पढ़े होंगे जिन्होंने अपनी कार से ड्राइव कर के कई देशो की यात्रा की हम आप को आज कुछ ऐसे देशो के बारे में बताने जा रहे है जहाँ अगर आप के पास इंडियन ड्राइविंग लिनसेंस है तब आप को इंटरनेशनल ड्राइविंग लिनसें

23/05/2016

ऐसा आपने हाल में अमरनाथ के रास्ते में बादल फटने की खबर पढ़ी या सुनी होगी आप सोच रहे होंगे की बादल फटना क्या होता है। और क्यों फटते हैं बादल?

14/04/2016
आज जबकि पानी की किल्लत से अधिकाँश भारत जूझ रहा है, यह जानना दिलचस्प होगा की धरती जिसे जलीय ग्रह की उपाधि दी जाती है, उसप...
11/04/2016

आज जबकि पानी की किल्लत से अधिकाँश भारत जूझ रहा है, यह जानना दिलचस्प होगा की धरती जिसे जलीय ग्रह की उपाधि दी जाती है, उसपर कितना पानी है? चित्र में दिखाई गयी पानी की बड़ी बून्द, इस धरती पर उपलब्ध जल की कुल मात्रा है। सभी सागरों-महासागरों, नदियों, ग्लेशियरों, दोनों ध्रुवो और वायमण्डल में मौजूद.. यानी ठोस, द्रव और गैस के रूप में धरती पर उपलब्ध पानी की सम्पूर्ण मात्रा।
और दूसरी छोटी बून्द है, धरती पर मौजूद सम्पूर्ण मीठे जल की मात्रा जिसका अधिकाँश ध्रुवों पर ठोस अवस्था में है। ध्यान से देखें तो एक और सबसे छोटी बून्द दिखाई देगी। यही उस पानी की कुल मात्रा है जो हमारे पीने के लिए मीठे पानी के रूप में नदियों, झीलों और भूमिगत स्रोतों में तरल रूप में मौजूद है।
ये छोटी बूंदें अपने से बड़ी बूंदों का हिस्सा हैं।
जरा सोचिये, जल कितना महत्वपूर्ण है..
साभार विज्ञान विश्व

पटियाला हाउस कोर्ट में काम करने के दौरान ही धनी राम को पता चला कि झज्जर कोर्ट के एक एडिशनल सेशन जज पर किसी मामले की विभा...
09/04/2016

पटियाला हाउस कोर्ट में काम करने के दौरान ही धनी राम को पता चला कि झज्जर कोर्ट के एक एडिशनल सेशन जज पर किसी मामले की विभागीय जांच चल रही है. उसने एक फर्जी लैटर बनाकर एडिशनल सेशन जज को छुट्टी पर भेज दिया और दो महीने तक जज की कुर्सी पर बैठ कर कोर्ट में बतौर जज हजारी देता रहा. इस दौरान उसने करीब 2,740 लोगों को जमानत दी.

07/04/2016

19वीं सदी में युवाओं में एक बीमारी पायी गयी. उन्हें जबरदस्त प्यास और तेज भूख लगती थी. लेकिन पेट भर भोजन करने के बाद भी वे कुपोषण से मारे जाते थे. इस बीमारी को

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