23/08/2022
अमेरिकी प्रोफेसर का बयान... !!! हम लोगों ने बहुत कुछ खो दिया हैं । आधुनिकता की अंधी दौड़ ने हमें अपनी विश्व की सर्वश्रेष्ठ सभ्यता के मूल नियमो एवं विचारों को भुला दिया ।
Must say its a CORRUPT channel.
I hate NDTV India News channel , every channel is telecasting anti corruption stuff , but they are showing Vinod Dua show, some random interviews , cricket and other crap..
अमेरिकी प्रोफेसर का बयान... !!! हम लोगों ने बहुत कुछ खो दिया हैं । आधुनिकता की अंधी दौड़ ने हमें अपनी विश्व की सर्वश्रेष्ठ सभ्यता के मूल नियमो एवं विचारों को भुला दिया ।
With our respect
शेर (भारत) कमजोर हो गया था, अब फिर से ताकतवर है तो देश के दुश्मनो (Congress, Communists, AAP...) से बर्दास्त नहीं हो रहा 🤣💪
This is the actual Ashok stambh , which is roaring , seems Chacha Nehru mellowed it down because we are a Secular Nation afterall , we are suppose to be kicked from all sides and not roar ..😂😂😂
You did not deserve this Kanhaiyaa Ji! Om Shanti!
#ॐशांति
This is
Decide whether it's Fraud or Not
Reality of Bollywood 😡
See the beauty of Kota Rajasthan!
Kota City || Beauty of Rajasthan🐪|| Educational hub 🇮🇳 Location: Axis Bank ATM, Shop No 78, Near Allen Institute, Kota, Rajasthan, India
केजरीवाल ने नाविका के सामने खुलेआम झूठ बोला कश्मीरी पंडितों के बारे में
नाविका ने सफेद झूठ देश को दिखाया , कोई सवाल नहीं पूछा
सच ये हैं कि केजरीवाल सरकार कश्मीरी पंडितों के खिलाफ तीन बार कोर्ट गई, तीनों बार हारीं
ये वो सच है जो बिका हुआ मीडिया कभी नहीं दिखायेगा
See the truth of Kejriwal!
7 लाख कश्मीरी हिंदुओं की व्यथा पर किया गया यह अट्टहास सदैव याद रखा जाएगा
इतिहास साक्षी है कि जिस जिस ने हम हिंदुओं की त्रासदी और नरसंघार का मज़ाक़ उड़ाया है वो कहीं का नहीं रहा।
केजरीवाल जी हम जानते हैं ने आपके व आपके मित्रों की पोल खोल कर उनको सड़क पर ला कर खड़ा कर दिया है आपके इस अट्टहास के पीछे आपका वही पीड़ा छिपी है
Agar Doglepan ka competition ho to ye aadmi World record bana dega!
“Delhi CM asks to upload on YouTube .. Why tax concessions ..? That doesn’t applies for other films .. Shame on you Ad CM .... Shame .”
Those who still don't believe on the Movie The Kashmir Files, please see the confession video of terrorist Farooq Ahmed Dar, AKA Bitta karate
https://www.youtube.com/watch?v=oQ5y15ti5j8
Must make it a huge success, go in theatres and experience the plights of
🚩
कल ज़ी न्यूज़ में #सुधीर चौधरी को #पोलैंड में भारतीय 'छात्रों'... के बीच देखा.... इन कथित छात्रों और छात्राओं के हाव-भाव मुझे दूर तक छात्रों जैसे प्रतीत नहीं हुए ! कई हिंदी भाषी छात्र ... शुद्ध तो खैर क्या.... संभ्रांत हिंदी तक बोलने में असमर्थ थे ! एक छात्र दिखे जो इंटर के बाद #इकनॉमिक्स पढ़ने यूक्रेन आये पड़े थे ! कई महान छात्र... बीटेक और अन्य कोर्स भी करने आये रखे थे !
यूक्रेन में कोई प्रवेश परीक्षा नहीं होती है, MBBS करने के लिए ! आप इंटर.... नागरिक शास्त्र,संस्कृत और पुस्तक कला के साथ भी पास हो तो चार लाख प्रतिवर्ष खर्च करके यूक्रेन से फिजीशियन एंड सर्जन बन सकते हैं ! मैंने लिखा था कि यह छात्र माता-पिता की महत्वाकांक्षा का बोझ ढो रहे हैं... साथ मे सैर सपाटा-फॉरेन कंट्री और कुछ बियर-दारू की मौज भी ले रहे हैं.... जहां हज़ारों लड़के लड़कियां स्वछंद घूमते हों... तो और 'क्या-क्या' होता होगा,आप समझ सकते हैं....
एक ट्वीट में देखा कि मुहांसे भरी एक लड़की यूक्रेन में भारतीय दूतावास में टॉयलेट साफ करने को रो रही थी... दस टॉयलेट में एक हज़ार छात्र हग-मूत रहे थे..24 घण्टे !! युद्धरत युक्रेन में सफाई कर्मचारी क्या भारत से भेजे जाएंगे ? कमबख्तों फ्री का खा रहे थे... फिर धड़ाधड़ लैट्रिन जा रहे थे .. क्या तुम्हारी लैट्रिन भारतीय राजदूत साफ करेगा ? तुम एक हज़ार छात्र क्या रम्मी खेलोगे,वहां ?
यहां भारत मे मम्मी के हाथ की बैड टी पीकर टॉयलेट जाने वाली नस्ल यूक्रेन से कुत्ते लेकर लौट रही है !... एक भी छात्र के मुँह से लैब-डिसेक्शन और पढ़ाई के नुकसान का ज़िक्र तो सुना ही नहीं ! ऐसे कथित छात्रों के लिए भारत सरकार ने 4 मंत्री लगा दिए... एयर बसें और हरक्यूलिस भी ! किंतु छात्रों की एहसान फरामोशी और कृतघ्नता देख कर... इनके कथित 'संस्कारों' पर क्रोध आ रहा है... जबकि इतना बड़ा बचाव ऑपरेशन सिर्फ भारत की मोदी सरकार ने चला रखा है... किसी अन्य देश ने नहीं ! अनेक छात्र राजनीतिक घृणित बयानबाज़ी भी कर रहे हैं....
एक सीन में देखा कि छात्रों की लौटती फ्लाइट में "भारत माता की जय" के नारे लग रहे हैं... लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो इस पूरे ऑपरेशन का कर्ता-धर्ता हैं, जब मोदी के नाम का नारा लगता है तो छात्रों को सांप सूंघ जाता है !
एक सीन में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी यूक्रेन से लौटते छात्रों के स्वागत में एयरपोर्ट के बाहर हाथ जोड़े खड़ी हैं... छात्र केंद्रीय मंत्री की तरफ देखते तक नहीं.. जो देखते हैं.... वह उपहास से देखते हैं...
साहब ! यह देश डंडे के जोर से चलने का आदी है,सदियो से ! विनम्रता, सौजन्यता और शिष्टाचार यहां... कायरता और भीरुता माना जाता है ! यही कथित छात्र जिन्हें आप यूक्रेन से बचा कर लाये हैं.... (इनके कुत्तों के साथ) , यही आपके विरुद्ध.... शाहीन बाग और फ़र्ज़ी किसान आंदोलनों के बीच खड़े होकर आपको गालियां देंगे !!
लिंक ओपन कर ट्वीटर पर फॉलो करें https://twitter.com/NagendraSBJP?t=TAaOj3nTO0Ohtenr4S3Riw&s=08
We are an ancient continuous civilization !!
This post, by no means advocates war.
Its intention is to show what our ancestors had to endure to save this civilization. Include Arabs in this list. Russia is just trying to protect her by NATO expansionist vision.
यही है हमारी तो 15 लाख की किस्तें #यूक्रेन
भारत में सेवा करने वाले ब्रिटिश अधिकारियों को इंग्लैंड लौटने पर सार्वजनिक पद/जिम्मेदारी नहीं दी जाती थी। तर्क यह था कि उन्होंने एक गुलाम राष्ट्र पर शासन किया है जिस जी वजह से उनके दृष्टिकोण और व्यवहार में फर्क आ गया होगा। अगर उनको यहां ऐसी जिम्मेदारी दी जाए, तो वह आजाद ब्रिटिश नागरिकों के साथ भी उसी तरह से ही व्यवहार करेंगे।
इस बात को समझने के लिए नीचे दिया गया वाक्य जरूर पढ़ें
एक ब्रिटिश महिला जिसका पति ब्रिटिश शासन के दौरान पाकिस्तान और भारत में एक सिविल सेवा अधिकारी था। महिला ने अपने जीवन के कई साल भारत के विभिन्न हिस्सों में बिताए। अपनी वापसी पर उन्होंने अपने संस्मरणों पर आधारित एक सुंदर पुस्तक लिखी।
महिला ने लिखा कि जब मेरे पति एक जिले के डिप्टी कमिश्नर थे तो मेरा बेटा करीब चार साल का था और मेरी बेटी एक साल की थी। डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली कई एकड़ में बनी एक हवेली में रहते थे। सैकड़ों लोग डीसी के घर और परिवार की सेवा में लगे रहते थे। हर दिन पार्टियां होती थीं, जिले के बड़े जमींदार हमें अपने शिकार कार्यक्रमों में आमंत्रित करने में गर्व महसूस करते थे, और हम जिसके पास जाते थे, वह इसे सम्मान मानता था। हमारी शान और शौकत ऐसी थी कि ब्रिटेन में महारानी और शाही परिवार भी मुश्किल से मिलती होगी।
ट्रेन यात्रा के दौरान डिप्टी कमिश्नर के परिवार के लिए नवाबी ठाट से लैस एक आलीशान कंपार्टमेंट आरक्षित किया जाता था। जब हम ट्रेन में चढ़ते तो सफेद कपड़े वाला ड्राइवर दोनों हाथ बांधकर हमारे सामने खड़ा हो जाता। और यात्रा शुरू करने की अनुमति मांगता। अनुमति मिलने के बाद ही ट्रेन चलने लगती।
एक बार जब हम यात्रा के लिए ट्रेन में सवार हुए, तो परंपरा के अनुसार, ड्राइवर आया और अनुमति मांगी। इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाती, मेरे बेटे का किसी कारण से मूड खराब था। उसने ड्राइवर को गाड़ी न चलाने को कहा। ड्राइवर ने हुक्म बजा लाते हुए हुए कहा, जो हुक्म छोटे सरकार। कुछ देर बाद स्टेशन मास्टर समेत पूरा स्टाफ इकट्ठा हो गया और मेरे चार साल के बेटे से भीख मांगने लगा, लेकिन उसने ट्रेन को चलाने से मना कर दिया. आखिरकार, बड़ी मुश्किल से, मैंने अपने बेटे को कई चॉकलेट के वादे पर ट्रेन चलाने के लिए राजी किया, और यात्रा शुरू हुई।
कुछ महीने बाद, वह महिला अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने यूके लौट आई। वह जहाज से लंदन पहुंचे, उनकी रिहाइश वेल्स में एक काउंटी मेथी जिसके लिए उन्हें ट्रेन से यात्रा करनी थी। वह महिला स्टेशन पर एक बेंच पर अपनी बेटी और बेटे को बैठाकर टिकट लेने चली गई।लंबी कतार के कारण बहुत देर हो चुकी थी, जिससे उस महिला का बेटा बहुत परेशान हो गया था। जब वह ट्रेन में चढ़े तो आलीशान कंपाउंड की जगह फर्स्ट क्लास की सीटें देखकर उस बच्चे को फिर गुस्सा आ गया। ट्रेन ने समय पर यात्रा शुरू की तो वह बच्चा लगातार चीखने-चिल्लाने लगा। "वह ज़ोर से कह रहा था, यह कैसा उल्लू का पट्ठा ड्राइवर है है। उसने हमारी अनुमति के बिना ट्रेन चलाना शुरू कर दी है। मैं पापा को बोल कर इसे जूते लगवा लूंगा।" महिला को बच्चे को यह समझाना मुश्किल हो रहा था कि "यह उसके पिता का जिला नहीं है, यह एक स्वतंत्र देश है। यहां डिप्टी कमिश्नर जैसा तीसरे दर्जे का सरकारी अफसर तो क्या प्रधान मंत्री और राजा को भी यह अख्तियार नहीं है कि वह लोगों को उनके अहंकार को संतुष्ट करने के लिए अपमानित कर सके
आज यह स्पष्ट है कि हमने अंग्रेजों को खदेड़ दिया है। लेकिन हमने गुलामी को अभी तक देश बदर नहीं किया। आज भी कई डिप्टी कमिश्नर, एसपी, मंत्री, सलाहकार और राजनेता अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए आम लोगों को घंटों सड़कों पर परेशान करते हैं। इस गुलामी से छुटकारा पाने का एक ही तरीका है कि सभी पूर्वाग्रहों और विश्वासों को एक तरफ रख दिया जाए और सभी प्रोटोकॉल लेने वालों का विरोध किया जाए।
नहीं तो 15 अगस्त को झंडा फहराकर और मोमबत्तियां जलाकर लोग खुद को धोखा देते हैं के हम आजाद हैं...
प्रोटोकॉल को ना कहें।
Copied
कहाँ गए कनाडा के पीएम की शान में कसीदे पढ़ने वाले लिबरल...
मात्र शुरुआत है शरिया की और.....देश को मजबूती और सख्त रुख से इसका विरोध करना चाहिए।
स्कूल शिक्षा के लिए है... तमाशे के लिए नही, मदरसा इस पागलपन के लिए सही स्थान है।
ऐसी मानसिकता रखने वालों के लिए 1947 में पाकिस्तान बनाया गया था।
RIP Lata Mangeshkar !
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