12/02/2021
जहां साल 2006 तक इस गांव में कुछ भी नहीं था। आम गांव की तरह पुंसारी गांव में भी ना तो बिजली थी, और ना ही कोई और सुविधा। लेकिन साल 2006 में जब हिमांशुभाई नरेंद्र पटेल को गांव का सरपंच बनाया गया, तब तो जैसे उन्होंने इस गांव की पूरी तस्वीर ही बदल दी।
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करीब 6,000 लोगों की आबादी वाला पुंसारी गाँव गुजरात के साबरकांठा जिले में बसा हुआ हैं और आज देश के करीब 6 लाख गाँवों का रोल मॉडल भी बन चुका है।
जहां साल 2006 तक इस गांव में कुछ भी नहीं था। आम गांव की तरह पुंसारी गांव में भी ना तो बिजली थी, और ना ही कोई और सुविधा। लेकिन साल 2006 में जब हिमांशुभाई नरेंद्र पटेल को गांव का सरपंच बनाया गया, तब तो जैसे उन्होंने इस गांव की पूरी तस्वीर ही बदल दी।
दरअसल, चरनोई की भूमि बेचकर उन्हें जो पैसा मिला, उस पैसे से उन्होंने अपना विकास करने की बजाय गांव का विकास करने का प्रण लिया और आखिर मे आकर उन्होंने गांव को पूरी तहर बदल कर रख दिया, अब इस गांव मे पांच स्कूल हैं सभी स्कूलों में एसी और सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। साथ ही, गांव मे पक्की सड़के हैं, दूध लाने ले जाने वाली महिलाओं के लिए अटल एक्सप्रेस नाम की बस सेवा भी है।
गांव में वाई-फाई, 120 स्पीकर भी लगे हुए हैं। ये स्पीकर इसलिए लगाए गए हैं ताकि अगर कभी सरपंच को कई घोषणा करनी हो या फिर भजन-कीर्तन का आयोजन हो तो वो इसके जरिए पूरे गांव मे बता सकते हैं। इस गांव मे साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। रोजना सुबह पंचायतकर्मी घर-घर जाकर कचरा बंटोरते हैं और कचरा फेंकने के लिए भी गांव के बाहर इंतजाम किए गए है। पुंसारी गांव की पंचायत पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड है।
#हिमांशुभाईनरेंद्रपटेल