23/10/2019
शांति की खोज में" - उ"स
अनुमानित-राक्षस" ••• •
यह है क्या? क्यों है? यह कहाँ है? करता क्या है? क्यों करता है? कैसे करता है? इत्यादि इत्यादि।।।।
उपरोक्त तीन प्रश्न का उत्तर आपको स्वयं ढूंढना पड़ेगा? मैं यह कह सकता हूँ कि- यह प्राय: प्रत्येक के जीवन में हाहाकार मचाये हुए है। यह प्रत्येक के पास रहता है। हम अपने से दूसरों के प्रति जो कुछ भी बुरा अनुमान लगाते हैं, यह वही है। अनुमान लगाकर जो कुछ भी करते हैं, यह वही करवाता है। करवाता इसलिए है कि उसे स्मूथ एनर्जी ( ऊर्जा) पसंद नहीं है, वह चाहता है कि एनर्जी डिस्ट्रब रहे उसे ऐसा देखने में मज़ा आता है और इसमें उसे सच्चाई की हार नज़र आती है, नियम कानून फेल होते हैं यह उसे अच्छा लगता है। यह ऐसा करता है जैसे कि यह आप पर सवार हो गया है आप को अपने वश में कर लिया है, आपकी मानसिकता बदल देता है आप से अपनी बात बोलवाता है, प्रतिक्रिया करवाता है इत्यादि इत्यादि। कभी आप में अहंकार भाव, लोभ-भाव, कामचोरी - भाव , ईर्ष्या इत्यादि भर देता है और आपको निर्देशित कर शैतानी काम करवाता है। आप को पता ही नहीं चल पायेगा कि कब वह आप को वश में कर लिया, कभी कभी आप को अच्छा बना कर, अच्छा अनुभव दिला कर भी आप को अपने वश में कर लेगा; आपको पता भी नहीं होगा। बचने का उपाय बहुत कठिन है। आप अपने को चेक कीजिये कहीं आपके कार्य/ प्रतिक्रिया जिससे दूसरों की हानि हुई हो पर आपको उचित लग रहा हो या आपने कार्य पर आपको ही असंतोष, गलानी, दुख हो रहा हो तो समझ लीजिए यह काम उसने ही आप से करवा लिया है। इससे बचने के लिए - कोशिश करें कि कोई भी कार्य करने से पहले अपने गुरु और माँ से आज्ञा लें, अपने मित्र समय और गणेश से आज्ञा लें, श्रीकृष्ण से आज्ञा लें,तीनों देव एवं देवियों से आज्ञा लें, और करते समय यह जरुर सोचे की कोई कारण होगा? जो ईश्वर मुझसे यह करवा रहे हैं।।।।उ'स
August 29 at 12:02 AM ·
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