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20/12/2021

Jay hind doston

12/06/2021

अगर आप काक्षा नवी के छात्र हैं या किसी प्रतियोगी तर की तयारी कर रहे हैं तो इस वीडियो को जरूर देखें अपनी परिवार के सदस्य को भी शेयर करें

21/05/2021

Hello
Aap log kaise ho????

08/02/2020
29/11/2019
https://youtu.be/t3ADq96yjN8
11/11/2019

https://youtu.be/t3ADq96yjN8

Dear friends we are providing here some information about seven wonders of the world. Watch and enjoy. Please subscribe, like and share this video Thanks

18/10/2019

*जब एक छिपकली कर सकती है, तो हम क्यों नहीं ?*

[यह जापान में घटी, एक सच्ची घटना है ।]

➖ अपने घर का नवीनीकरण करने के लिये,
एक जापानी अपने मकान की दीवारों को तोड़ रहा था ।
जापान में लकड़ी की दीवारों के बीच ख़ाली जगह होती हैं, यानी दीवारें अंदर से पोली होती हैं ।

जब वह लकड़ी की दीवारों को चीर-तोड़ रहा था, तभी उसने देखा कि दीवार के अंदर की तरफ लकड़ी पर एक छिपकली, बाहर से उसके पैर पर ठुकी कील के कारण, एक ही जगह पर जमी पड़ी है ।

जब उसने यह दृश्य देखा तो उसे बहुत दया आई पर साथ ही वह जिज्ञासु भी हो गया । जब उसने आगे जाँच की तो पाया कि वह कील तो उसके मकान बनते समय पाँच साल पहले ठोंका गई थी !

एक छिपकली इस स्थिति में पाँच साल तक जीवित थी ! दीवार के अँधेरे पार्टीशन के बीच, बिना हिले-डुले ? यह अविश्वसनीय, असंभव और चौंका देने वाला था !

उसकी समझ से यह परे था कि एक छिपकली, जिसका एक पैर, एक ही स्थान पर पिछले पाँच साल से कील के कारण चिपका हुआ था और जो अपनी जगह से एक इंच भी न हिली थी, वह कैसे जीवित रह सकती है ?

अब उसने यह देखने के लिये कि वह छिपकली अब तक क्या करती रही है और कैसे अपने भोजन की जरुरत को पूरा करती रही है, अपना काम रोक दिया ।

थोड़ी ही देर बाद, पता नहीं कहाँ से, एक दूसरी छिपकली प्रकट हुई, वह अपने मुँह में भोजन दबाये हुये थी - उस फँसी हुई छिपकली को खिलाने के लिये ! उफ़्फ़ ! वह सन्न रह गया ! यह दृश्य उसके दिल को अंदर तक छू गया !

एक छिपकली, जिसका एक पैर कील से ठुका हुआ था, को, एक दूसरी छिपकली पिछले पाँच साल से भोजन खिला रही थी !

अद्भुत ! दूसरी छिपकली ने अपने साथी के बचने की उम्मीद नहीं छोड़ी थी, वह पहली छिपकली को पिछले पाँच साल से भोजन करवा रही थी ।

अजीब है, एक छोटा-सा जंतु तो यह कर सकता है, पर हम मनुष्य जैसे प्राणी, जिसे बुद्धि में सर्वश्रेष्ठ होने का आशीर्वाद मिला हुआ है, नहीं कर सकता !

*कृपया अपने प्रिय लोगों को कभी न छोड़ें ! लोगों को उनकी तकलीफ़ के समय अपनी पीठ न दिखायें ! अपने आप को महाज्ञानी या सर्वश्रेष्ठ समझने की भूल न करें ! आज आप सौभाग्यशाली हो सकते हैं पर कल तो अनिश्चित ही है और कल चीज़ें बदल भी सकती हैं !*

प्रकृति ने हमारी अंगुलियों के बीच शायद जगह भी इसीलिये दी है ताकि हम किसी दूसरे का हाथ थाम सकें !

*आप आज किसी का साथ दीजिये, कल कोई-न-कोई दूसरा आपको साथ दे देगा !*

*धर्म चाहे जो भी हो बस अच्छे इंसान बनो, हिसाब हमारे कर्म का होगा धर्म का नहीं ।*

*👬🤝Help each others 🤝👬*

17/10/2019

*
*एक छोटा सा प्रयास @ दीपक यादव।*
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🎯🎯🎯🎯🎯🎯🎯

इस दुनिया में कोई ऐसा मुक़ाम या मंज़िल ऐसी नहीं है जो इंसान की पहुँच से दूर हो। बिल गेट्स, स्टीव जॉव, माइकल जैक्सन, सचिन तेंदुलकर, नेल्सन मंडेला आदि जितने भी सफ़ल और इतिहास बदलने वाले लोग इस दुनियाँ में हुए है, क्या आप जानते है कि इन सभी लोगो की सफ़लता का राज़ क्या है? ये सभी अलग-अलग जगहों से आकर अलग-अलग क्षेत्र में सफ़लता के नए शीर्ष स्थापित करने वाले लोग है। लेकिन इन सभी की सफ़लता के पीछे एक ही कारण रहा है, और वो ये है कि इन सभी व्यक्तियों ने कभी ये नहीं सोचा कि “मैं ये काम नहीं कर सकता।” बल्कि इन्होंने अपने मन मे ये सोच लिया था कि “इसे सिर्फ़ मैं ही कर सकता हूँ। “और “मेरा इस दुनियाँ में जन्म ही इस काम को करने के लिए हुआ है।” इनके इसी विश्वास ने इन्हें दुनियाँ के सबसे सफ़ल व्यक्तियों में से एक बना दिया और इन्होंने इसी सोच और ताकत के दम पर पूरी दुनियाँ में एक बार फिर से इस सच को साबित कर दिया कि इंसान जो भी चाहे कर सकता है, बस जरूरत है एक दृढ़ सोच की और कभी ना टूटने वाले हौसलें की।

तो दोस्तों अगर आपने भी कुछ मुक़ाम या लक्ष्य अपनी ज़िंदगी के लिए बनाया है तो बिना कुछ सोचे-समझे, बिना किसी की सुने उस लक्ष्य को, उस मुक़ाम को हासिल करने के लिए पूरी शिद्दत से जुट जाइये और अपने मन मे ये निश्चय कर लीजिए कि जब तक मैं इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेता तब तक मैं किसी के रोकने से भी नहीं रुकूँगा

17/10/2019

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019: भारत को 102वां स्थान प्राप्त हुआ
*_Prepared by Deepak Yadav_*
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) रिपोर्ट-2019 हाल ही में जारी की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अब भी काफी भुखमरी मौजूद है. भारत की रैंकिंग ग्लोबल हंगर इंडेक्स में एशियाई देशों में सबसे खराब है. यह रिपोर्ट किसी देश में कुपोषित बच्‍चों के अनुपात, पांच साल से कम आयु वाले बच्‍चे जिनका वजन या लंबाई उम्र के हिसाब से कम है और पांच साल से कम उम्र वाले बच्‍चों में मृत्‍यु दर के आधार पर तैयार की जाती है.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2019 में कुल 117 देशों को शामिल किया गया जिसमें भारत 102वें पायदान पर है. यह दक्षिण एशियाई देशों का सबसे निचला स्थान है. भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2019 में पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका से भी पीछे हैं. ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019 तैयार करने के लिए साल 2014 से साल 2018 के आंकड़ों का उपयोग हुआ है.

*ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2019 के मुख्य बिंदु:*

• भारत में बच्चों में कुपोषण की स्थिति बहुत ही खराब है. देश में 20.8 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण शारीरिक विकास नहीं हो पाता, इसकी सबसे बड़ी मुख्य ‘कुपोषण’ है.

• भारत इस रिपोर्ट में ब्रिक्स देशों में भी सबसे नीचे स्थान पर है. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान 94वें स्थान पर, बांग्लादेश 88वें स्थान पर, नेपाल 73वें स्थान पर और श्रीलंका 66वें स्थान पर है.

• इस सूची में दक्षिण अफ्रीका 59वें स्थान पर है. चीन ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 25वें स्थान पर है.

• इस रिपोर्ट में बेलारूस, यूक्रेन, तुर्की, क्यूबा और कुवैत टॉप पर हैं. यहां तक कि रवांडा और इथियोपिया जैसे देशों के जीएचआई रैंकों में अच्छा सुधार हुआ हैं.

• रिपोर्ट के अनुसार, भारत में छह से 23 महीने की उम्र के सभी बच्चों में से केवल 9.6 फीसदी को न्यूनतम जरूरी आहार दिया जाता है.

• रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के वजह से भूख का संकट चुनौतीपूर्ण हो गया है. इससे विश्व के पिछले क्षेत्रों में लोगों के लिए भोजन की उपलब्धता और बहुत ही मुश्किल हो गई है.

*भारत पिछले वर्षों में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में*

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में साल 2014 के बाद से भारत की रैंकिंग में लगातार गिरावट आई है. भारत साल 2014 में 55वें स्थान पर था. वहीं भारत साल 2015 में 80वें स्थान पर, साल 2016 में 97वें स्थान पर, साल 2017 में 100वें स्थान पर और साल 2018 में 103वें स्थान पर था. भारत साल 2010 में 95वें स्थान पर था और साल 2000 में 83वें स्थान पर आ गया था.

*भूख की 'गंभीर समस्या' भारत में*

जीएचआई ने भूख की स्थिति के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार किया है. इस रिपोर्ट में भूख की स्थिति के आधार पर देशों को 0 से 100 अंक दिये गये है. इस रिपोर्ट में 0 अंक सबसे अच्छा अर्थात भूख की स्थिति नहीं होना है. रिपोर्ट में 10 से कम अंक का मतलब है कि देश में भूख की बहुत कम समस्या है. इसी तरह, रिपोर्ट में 20 से 34.9 अंक का मतलब भूख का गंभीर संकट है. रिपोर्ट में 35 से 49.9 अंक का मतलब हालत बहुत ही चुनौतीपूर्ण है और 50 या इससे ज्यादा अंक का मतलब है कि देश में भूख की बहुत ही भयावह स्थिति है. इस रिपोर्ट में भारत को 30.3 अंक मिला है. इस अंक का मतलब है कि भारत में भूख का गंभीर संकट है.

*ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है?*

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में विश्व के भिन्न-भिन्न देशों में खानपान की स्थिति का विस्तृत जानकारी दिया जाता है. इस इंडेक्स में यह देखा जाता है कि लोगों को किस तरह का खाद्य पदार्थ मिल रहा है तथा उसकी गुणवत्ता और मात्रा कितनी है और उसमें कमियां क्या हैं. यह रिपोर्ट प्रत्येक साल अक्टूबर महीने में जारी की जाती है.

इंटरनेशनल फ़ूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ की शुरुआत साल 2006 में की थी. वेल्ट हंगरलाइफ नाम के एक जर्मन संस्था ने साल 2006 में पहली बार ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ जारी किया था.

Swadesh Bharat TV
04/10/2019

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