08/02/2023
🙏🙏🌿🌿🌿🌿 कचारगढ़ एशिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफा है जो एक समय में 5000 लोगों को समायोजित करती थी🙏🙏
कोहली कचारगढ़ महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ दोनों की सीमा के गोंदिया जिले के दर कैसा साले कैसा जंगलों में स्थित कचारगढ़ है
" कचारगढ़ की पावन भूमि एवं पावन धरती पर नतमस्तक भावपूर्ण श्रद्धा नमन सेवा जोहार🌿🌿
, जहां पर मिले जंगो ,लिंगो से हीरासुका,,
,, जहां पर कैद थे बच्चे ,जहां पर थी कोया गुफा,
जहां पर तय किया तीर्थ शंभू ने कोईतुर का,,
जहां पर है मां काली कंकाली दाई का पेन ठाना,🌿🙏
# कचारगढ़ से कोई तूरों का संबंध= # #
, जहां से कोया पुनेम मिला,,
, जहां से मंड मिंग मिजाज बना,,
, जहां से गोत्र व्यवस्था बनी,,
, जहां से पेन कढ़ा की बात हुई,,
, जहां से गोटूल कर्सना की शुरुआत हुई,,
, जहां से संस्कारित किया गया,,
, जहां से प्रकृति एवं प्रगति के पथ पर चलने का रास्ता दिखाया गया,,
, जहां से जीवन व्यवस्था पर एवं अमूल अचूक पर परिवर्तन हुए,,
, जहां से संस्कार धर्म संस्कृति सभ्यता एवं पूर्ण विकास की बात हुई🌿🌿🙏🙏
# # आधुनिक भारत में कचारगढ़ का शोध🌿🌿🙏🙏 सन 1978 से एवं 1980 से लगभग यहां आना-जाना लोगों का शुरू हुआ, दादा मोती रावण कंगाली दादा ,दादा सुमेर सिंह ताराम, कैमा मस कोले जी ,कुरामजी, शीतल मरकाम जी इन पांच महान विभूति,,
इन इतिहासकारों ने कचारगढ़ का शोध एवं गहन अध्ययन करके दुनिया के सामने रखा,,🌿🌿🍀🌴🌲☘🏞🌄
, सन 1980 के शुरुआत में ही इस पावन भूमि एवं पावन धरती 🙏आराध्य प्रभु पहनधी पारी kupar लिंगोजी एवं मां काली कंकाली दाई का गढ़ एवं इतिहास विरासत एवं इस कचारगढ़ जत्रा की शुरुआत हुई जो कि अभी तक कायम है और निरंतर कायम रहेगा,,🙏🙏☘🌲🌴🍀🏞🌄
# कचारगढ़ धर्म सम्मेलन जत्रा के पहले एवं प्रथम
आयोजक अड: केशव राव बनाजी मसकोले हैं🌿
,,लिंगो बाबा ना सेवा सेवा।
,,काली कंकाली दाई याया ना सेवा सेवा।
,,हीरा सुका बाबा ना सेवा सेवा
,, जंगो रायताड़ दाई ना सेवा सेवा।🌴🙏
है #आदिवासी_देशी_लेकीन_देश_के_मूल_निवाशी🏹 #आदिवासी_संस्कृति⛰⛰🏞 #आदिवासी_प्रकृति_पूजक #आदिवासी_समाज #आदिवासी_जीवनशैली #आदिवासी #आदिवासी_कल्चर #आदिवासी_विचार_दर्शन #कोयली_कचारगढ़ #आदिवासी_भील🏹
#प्रकृती_पूजक🌱🌿🌾🍁 #रावण #रावण_भक्त
#गोंडी_धर्म_गुरु_पहांदी_पारी_कुपार_लिंगो
#गोंडी_समाज_कोया_पुनेम_आदिवासी
#गोंडवाना
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🙏 अपनी संस्कृति अपना पहचान 🤟💥🌿🌿 जय सेवा जय जोहार जय आदिवासी🌴🙏.nbhalavi
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