झारखंड के न्यूज चैनल News 11 के एडिटर इन चीफ अरूप चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया है। धनबाद पुलिस उन्हें उनके कांके रोड स्थित उनके फ्लैट से से हिरासत में ली है। पुलिस के मुताबिक, अरूप चटर्जी की गिरफ्तारी पैसा उगाही के एक मामले में की गई है।
धनबाद के एक कारोबारी ने उनके खिलाफ पैसा उगाही का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इस मामले में अदालत ने अरूप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
व्यवसायी राकेश कुमार ने 26 जून को किए अपने कंप्लेन में कहा है कि चैनल के मालिक उनसे 6 लाख रुपए मांग रहे थे। इसका वीडियो भी उनके पास है। उन्होंने अपनी शिकायत में कही थी कि अगर उनकी शिकायत पर एक्शन नहीं लिया गया तब वे अपना व्यापार समेट कर शहर से बाहर चले जाएंगे।
टीम ग्राउंड जीरो
क्या संघ की राह पर हैं मुस्लिम संगठन
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अभी दो दिन पहले पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने कट्टरपंथी संगठन PFI के कार्यशैली की तुलना संघ से कर दी। उनके बयान के तुरंत बाद इस पर विवाद शुरू हो गया। ये तो होना ही था।
इस बीच उन्होंने इस पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि PFI के दो गिरफ्तार सदस्यों ने इसकी जानकारी दी थी कि उनका संगठन संघ की शाखा की तर्ज पर युवाओं को फिजिकल ट्रेनिंग दे रहा है। यही बात उन्होंने ब्रीफिंग के दौरान कही थी। हालांकि SSP साहब गच्चा तो कहा ही गए थे।
अब बिहार पुलिस की तरफ से PFI की ट्रेनिंग का एक वीडियो जारी किया गया है। दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो PFI के मोतिहारी, बिहार के ट्रेनिंग कैंप का है। ऐसे में कई सवाल एक साथ खड़े हो रहे हैं-
1.क्या संघ की तरह मुस्लिम संगठन देशव्यापी संगठन तैयार कर रहा है?
2. क्या फिजिकल ट्रे
रांची नगर निगम के कारनामे भी अजब-गजब हैं। अभी बीते दिनों मानसून की शुरुआत के बाद निगम ने गर्मी में पानी की किल्लत को लेकर बैठक बुलाई। बैठक में निर्देश दिया कि पानी की किल्लत को देखते हुए निगम शहर के 53 वार्डों में तीन-तीन बोरिंग कराएगा। अब बरसात शुरू होने के बाद एक बार फिर बुधवार को निगम ने वाटर स्प्रिंकलर मशीन का उद्घाटन किया है। इस मशीन के जरिये शहर में पानी का छिड़काव कर हवा में मौजूद धूलकण को कम किया जाएगा।
रिपोर्ट- ग्राउंड जीरो
खुशियां लौट आई है....
मांदर की संगीतमय थाप। उसे ताल से ताल मिलाती युवक और युवतियों की चाल। चेहरे पर मुस्कान और पूरे फिजाां में पसरा प्रकृति का संगीत। मानों हमारी रांची जिंदा सी हो उठी हो। आखिर हो भी क्यों न हो दो साल बाद प्रकृति के उपासक इस प्रांत में प्रकृति का महापर्व पाबंदीविहीन जो हुआ था।
आज हर मंजर को भूल बच्चे, बूढ़े जवान, महिला हर कोई खुशियों की भीड़ में खो जाने को आतुर थे। अस्तांचल की बेला से शुरू हुआ यह सैलाब धरती और सूरज के विवाह की खुशी में मस्त रहा।लोकगीतों के बीच शहर की हर सड़कें, हर गलियां और हर चौराहों पर बस कुछ दिख रहा था तो बस खुशियों से लबरेज चेहरे।
लाल पाड़ की सफेद साड़ी, बालों में खोपा, पांव में पायल और चेहरे पर मुस्कान लिए लड़कियां मानों आसमान से खुशियां जमीं पर उतर आई हो। सफेद धोती और गंजी पहने पुरुष ढोल, नगाड़ा, मांदर के साथ जुगलबंदी मानों प्रकृति क
नेता जी रेप का दर्द समझते हैं आप
माफ कीजिएगा नेताजी, लेकिन बोलते हुए जरा सा तो ठहर लेते। सांस ले लेते। सवाल पूरा सुन लिए होते । चंद पल के लिए ही सही, सोच लेते। जिस निर्ल्लज्जता से आप बोल दिए कि हमही का लड़का लोग रेप कर रहा है, उसी हया में आप डूब क्यों नहीं गए ?
सर आपकी सरकार क्या कर रही है? एक लंबी बहस का मुद्दा हो सकता है। लेकिन आप ही की बातों पर आएं तो क्या गांजा रेप करने के लिए पिया जाता है। भांग का नशा इतना गंदा है कि उसे खाकर कोई रेप कर देगा! दारू पीने के बाद किसी को अधिकार मिल जाता है रेप करने का।
नहीं आप कहना क्या चाहते हैं ? कि बेटी शाम को घर से नहीं निकले। शाम को घर से निकलते समय केवल बेटी से ही क्यों पूछे? ये सवाल बेटों से क्यों नहीं पूछा जााए? क्या बेटे के डर से बेटी घर में कैद हो जाए? क्या बेटी अपने अरमानों को दफन कर दे? खाली इसलिए कि बाहर बेटे हैवान बने पड़े हैं।
मुआफ कीजिएगा सर, लेकिन कभी उस पीड़िता