Ground Zero

Ground Zero ग्राउंड जीरो की सूचनाओं का एक छोटा सा ?

सवाल से उठते सवाल-------------------------------------इसी महीने की बात है। जब महाराष्ट्र की सत्ता से शिवसेना सुप्रीमो उद...
24/07/2022

सवाल से उठते सवाल
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इसी महीने की बात है। जब महाराष्ट्र की सत्ता से शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे और महा विकास अघाड़ी सरकार को बेदखल किया गया। तब एक और चर्चा ने रफ्तार पकड़ी। क्या झारखंड में भी ऑपरेशन लोटस लांच होगा? हालांकि पिछले दो वर्षों में यदा-कदा इसकी कोशिश की गई। अलग बात है कि कामयाबी नहीं मिल सकी।

इस बार इस चर्चा के पीछे की क्रोनोलॉजी समझिये-
-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई के खिलाफ़ अवैध पट्टा लीज का मुद्दा गरम है।
- हाई कोर्ट से लेकर चुनाव आयोग तक मामला चल रहा है।
- कानून के जानकारों की मानें तो इसमें इनकी विधायकी जाने का भी खतरा है।
- इस बीच ED क्रूर बना हुआ है। मनरेगा घोटाले के रास्ते इसने राज्य में एंट्री मारी और अवैध खनन तक दविश दे चुका है।
- अधिकारी पूजा सिंघल से लेकर नेता नगरी में अपनी धाक रखने वाले CM हेमन्त सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा होटवार जेल पहुंच चुके हैं।
- इस बीच चर्चा ये है कि सरकार के कुछ मंत्रियों तक भी ED की जांच की आंच पहुंच सकती है।

- वहीं बेजेपी खास कर PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुख्यमंत्री के तीखे धार भी कुंद पड़ते दिख रहे हैं।
- जिस तरह देवघर एयरपोर्ट के दौरान CM ने PM की अगवानी की। उसमें बदलते समीकरण को साफ पढ़ा जा सकता है।

- राष्ट्रपति चुनाव तो झारखंड के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक रहा। जिसमें हेमंत सोरेन तो हथियार डाले ही कांग्रेस के विधायकों ने भी BJP की प्रत्यशी के पक्ष में वोट दिए।

इस बीच आज # JMM के सभी सोशल मीडिया एकाउंट के चेहरे को बदल दिया गया। इसमें एक सवाल पूछा जा रहा है। हेमंत नहीं तो कौन? इस सवाल से कई सवाल उपज रहे है-
1. क्या झारखंड के महागठबंधन की सरकार में सबकुछ स्मूद नहीं है?
2. क्या हेमंत सोरेन सरेंडर कर रहे हैं?
3. क्या झारखंड में मध्यावधि चुनाव होगा?
4. क्या झारखंड की सियासत में कुछ डील हो रही है।
5.क्या हेमंत सोरेन इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं?

टीम ग्राउंड जीरो

पढ़िए, पूजा सिंघल की बेटी आयुषी की सफलता कहानी उन्हीं की जुवानी—---------------------------------------------------------...
22/07/2022

पढ़िए, पूजा सिंघल की बेटी आयुषी की सफलता कहानी उन्हीं की जुवानी
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खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है…अल्लामा इकबाल की इस पंक्ति को आज चरितार्थ किया है झारखंड की सस्सपेंडेड IAS पूजा सिंघल की बेटी आयुषी पुरवार ने।

आयुषी ने CBSE की ओर से जारी 12वीं (ARTS) के रिजल्ट में 97.6% अंक हासिल किया है। ये नंबर खाली प्रमाण पत्र के कागजों पर दर्ज एक अंक नहीं है। ये जज्बा है एक बेटी का। जिसकी राह में असंख्य कांटे और रोड़े आए, लेकिन वो अपने लक्ष्य से नहीं डिगी नहीं।

जब आयुषी अपने जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा के लिए निकलने की तैयारी कर रही थी ठीक उसी वक्त उनकी मां पर सबसे बड़ी जांच ED की शुरू हुई। उस लड़की की हिम्मत देखिए उसी एग्जाम में वो शत-प्रतिशत नंबर प्राप्त की।

आगे की कहानी उसी साहसी लड़की आयुषी पुरवार की जुवानी पढ़िए ..

6 मई से मेरी परीक्षा शुरू होने वाली थी। 8 बजे परीक्षा के लिए निकलना था। इसलिए 6 बजे ही जग गई थी। अचानक घर में ED के अधिकारी आ धमके और रेड करने लगे। मैं घबरा गई। मां मुझे मेरे कमरे में ले आई। पीठ पर हाथ रखकर बोली इन सब चीजों से घबराना नहीं है। तुम्हें अपनी पढ़ाई और अपनी परीक्षा पर फोकस करना है। मैं भी बस परीक्षा पर ध्यान देने लगी।

पहले दिन समाजशास्त्र की परीक्षा थी। मेरे घर में रेड चल रही है किसी को पता नहीं था। किसी ने कुछ टोका भी नहीं। शांति से परीक्षा दी और घर आ गई। घर पर रेड जारी थी। ED वालों ने मुझे जरा सा परेशान नहीं किया। मुझे एक कमरा अलॉट किया गया था। मैं शांति से अपने कमरे में आ गई। अपने परीक्षा पर ध्यान देने लगी।

दूसरे पेपर तक शहर के अखबार, न्यूज चैनल मेरी मां की खबरों से रंगे हुए थे। सभी में लगभग निगेटिव खबरें ही थी। हर कोई अपने-अपने सवाल दागने लगे। मेरे पास और साथ वाले भी मुझसे सवाल पूछने लगे। मैं घबराने के बजाए मजबूत होने लगी। इसमें मेरी मां जो उस समय सबसे ज्यादा परेशान थी।

आज जब मैं सफल हुई हूं। तब सबसे ज्यादा अपनी मां को मिस कर रही हूं। 10 के रिजल्ट के दौरान मैं मां से चिपक गई थी। वो मेरे साथ थी। आज खुशियां साझा करने के लिए मेरी मां मेरे पास नहीं है। मैं उन्हें अपनी कामयाबी की सूचना भी नहीं दे सकती।
आगे अभी तय नहीं की हूं कि क्या बनना है फिलहाल तो पॉलिटिकल साइंस या साइकोलॉजी विषय से ऑनर्स करूंगी। दिल्ली, मुंबई और बेगलुरु के कॉलेजों में एडमिशन के लिए आवेदन दी हूं।

टीम- ग्राउंड जीरो

17/07/2022

झारखंड के न्यूज चैनल News 11 के एडिटर इन चीफ अरूप चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया है। धनबाद पुलिस उन्हें उनके कांके रोड स्थित उनके फ्लैट से से हिरासत में ली है। पुलिस के मुताबिक, अरूप चटर्जी की गिरफ्तारी पैसा उगाही के एक मामले में की गई है।

धनबाद के एक कारोबारी ने उनके खिलाफ पैसा उगाही का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इस मामले में अदालत ने अरूप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

व्यवसायी राकेश कुमार ने 26 जून को किए अपने कंप्लेन में कहा है कि चैनल के मालिक उनसे 6 लाख रुपए मांग रहे थे। इसका वीडियो भी उनके पास है। उन्होंने अपनी शिकायत में कही थी कि अगर उनकी शिकायत पर एक्शन नहीं लिया गया तब वे अपना व्यापार समेट कर शहर से बाहर चले जाएंगे।

टीम ग्राउंड जीरो

16/07/2022

क्या संघ की राह पर हैं मुस्लिम संगठन
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अभी दो दिन पहले पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने कट्टरपंथी संगठन PFI के कार्यशैली की तुलना संघ से कर दी। उनके बयान के तुरंत बाद इस पर विवाद शुरू हो गया। ये तो होना ही था।

इस बीच उन्होंने इस पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि PFI के दो गिरफ्तार सदस्यों ने इसकी जानकारी दी थी कि उनका संगठन संघ की शाखा की तर्ज पर युवाओं को फिजिकल ट्रेनिंग दे रहा है। यही बात उन्होंने ब्रीफिंग के दौरान कही थी। हालांकि SSP साहब गच्चा तो कहा ही गए थे।

अब बिहार पुलिस की तरफ से PFI की ट्रेनिंग का एक वीडियो जारी किया गया है। दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो PFI के मोतिहारी, बिहार के ट्रेनिंग कैंप का है। ऐसे में कई सवाल एक साथ खड़े हो रहे हैं-

1.क्या संघ की तरह मुस्लिम संगठन देशव्यापी संगठन तैयार कर रहा है?

2. क्या फिजिकल ट्रेनिंग की आड़ में देश के युवाओं को जिहाद का प्रशिक्षण दिया जा रहा है?

3. क्या चरमपंथी संगठन अब अपनी पहंच सोशल मीडिया की जगह गांव- गांव तक करने की कोशिश में है?

टीम ग्राउंड जीरो

06/07/2022

रांची नगर निगम के कारनामे भी अजब-गजब हैं। अभी बीते दिनों मानसून की शुरुआत के बाद निगम ने गर्मी में पानी की किल्लत को लेकर बैठक बुलाई। बैठक में निर्देश दिया कि पानी की किल्लत को देखते हुए निगम शहर के 53 वार्डों में तीन-तीन बोरिंग कराएगा। अब बरसात शुरू होने के बाद एक बार फिर बुधवार को निगम ने वाटर स्प्रिंकलर मशीन का उद्घाटन किया है। इस मशीन के जरिये शहर में पानी का छिड़काव कर हवा में मौजूद धूलकण को कम किया जाएगा।
रिपोर्ट- ग्राउंड जीरो

04/04/2022

खुशियां लौट आई है....

मांदर की संगीतमय थाप। उसे ताल से ताल मिलाती युवक और युवतियों की चाल। चेहरे पर मुस्कान और पूरे फिजाां में पसरा प्रकृति का संगीत। मानों हमारी रांची जिंदा सी हो उठी हो। आखिर हो भी क्यों न हो दो साल बाद प्रकृति के उपासक इस प्रांत में प्रकृति का महापर्व पाबंदीविहीन जो हुआ था।

आज हर मंजर को भूल बच्चे, बूढ़े जवान, महिला हर कोई खुशियों की भीड़ में खो जाने को आतुर थे। अस्तांचल की बेला से शुरू हुआ यह सैलाब धरती और सूरज के विवाह की खुशी में मस्त रहा।लोकगीतों के बीच शहर की हर सड़कें, हर गलियां और हर चौराहों पर बस कुछ दिख रहा था तो बस खुशियों से लबरेज चेहरे।

लाल पाड़ की सफेद साड़ी, बालों में खोपा, पांव में पायल और चेहरे पर मुस्कान लिए लड़कियां मानों आसमान से खुशियां जमीं पर उतर आई हो। सफेद धोती और गंजी पहने पुरुष ढोल, नगाड़ा, मांदर के साथ जुगलबंदी मानों प्रकृति के साथ ताल में ताल मिला रहे हों।

सीएम साहब अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे भले पाबंदियों की घोषणा किए हो, लेकिन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही वो पाबंदियों को भूल खुशियों में तल्लीन हो गए। भला प्रकृति के पूजक इस शहर में अब कहां पाबंदियां मानने वाले थे। बस खुशियों का यह मंजर बदस्तूर जारी रहे।

हम फिलहाल आपको यहां खुशियों के कुछ पल के सााथ छोड़े जा रहे हैं...

टीम ग्राउंड जीरो

19/03/2021

मानवता को मत मारने दीजिए महाराज
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58 सेकेंड का यह वीडियो झारखंड की राजधानी रांची की है। रांची के व्यस्ततम इलाके की। जगह का नाम है चुटिया। घटना गुरुवार की है। भीड़-भाड़ वाले इलाके में एक दारोगा अपराधियों से भिड़ रहा है। लोग ठहर रहे हैं। देख भी रहे हैं। लेकिन मूक बने हुए हैं। इन्हीं जैसे लोगों के लिए शायद मूकदर्शक जैसे शब्द की इजाद की गई होगी।

मामला इतने में ही नहीं रुकता है। दो अपराधियों के साथ अकेले जूझ रहे दारोगा को जूझते तो लोग देख ही रहे हैं। उन्हें गोली लग जाने के बाद उन्हीं के हाल में छोड़ कर लोग भाग जाते हैं। एक सचाई ये भी है कि दारोगा सिविल ड्रेस में हैं तो लोग उन्हें पहचान नहीं पा रहे हैं। लेकिन क्या हम इतने स्वार्थी हो गए हैं कि किसी को भी सड़क पर कोई गोली मार देगा और हम बस देखते रह जाएंगे।

खैर अच्छी खबर ये है कि दारोगा सुभाष चंद्र पूरी तरह सुरक्षित हैं। खतरे से बाहर हैं मेडिका में उनका इलाज चल रहा है। जिस खतरनाक चेन स्नेचर से वे संघर्ष कर रहे हैं। उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे 30 लोगों से छिना हुआ चेन भी बरामद कर लिया गया है।

रांची जिले के राहे प्रखंड के भेलवाटिकर गांव में 42 दिन की बच्ची को जिंदा जलाकर मार दिया गया। बच्ची राधिका को उसकी मां सु...
18/03/2021

रांची जिले के राहे प्रखंड के भेलवाटिकर गांव में 42 दिन की बच्ची को जिंदा जलाकर मार दिया गया। बच्ची राधिका को उसकी मां सुनीता देवी ने पारिवारिक कलह से तंग आकर जिंदा जला दिया। हालांकि फिलहाल पूरे मामले का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस बच्ची की मां को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
रिपोर्ट- टीम ग्राउंड जीरो

रांची में आज से सघन मास्क चेकिंग अभियान की शुरुआत हो गई है। अब बिना मास्क पहने घर से बाहर निकलने वालों से जुर्माना वसूला...
18/03/2021

रांची में आज से सघन मास्क चेकिंग अभियान की शुरुआत हो गई है। अब बिना मास्क पहने घर से बाहर निकलने वालों से जुर्माना वसूला जाएगा। पहले दिन रांची में इसे लेकर काफी सख्ती देखने को मिली। हालांकि इस बीच पुलिस-प्रशासन की टीम लोगों से हाथ जोड़ कर मास्क पहनने की अपील भी करती दिखी।

रिपोर्ट- टीम ग्राउंड जीरो

सखी सइयां तो खूब ही कमात है...झारखंड विधानसभा में इस साल का बजट पेश कर दिया गया है। अलग बात है बजट से ज्यादा चर्चा मधुमक...
05/03/2021

सखी सइयां तो खूब ही कमात है...

झारखंड विधानसभा में इस साल का बजट पेश कर दिया गया है। अलग बात है बजट से ज्यादा चर्चा मधुमक्खी के छत्ता पर है। दोनों मीडिया में। सदन में तो मेरी महंगाई और तेरी नियोजन नीति है। कार्यस्थगन का बहाना बना के हरे राम हरे कृष्ण चल रहा है। जय श्री राम तो सदाबहार थे। नई एंट्री हरे राम और हरे कृष्ण की हो गई है।

इस बीच राज्य में सत्ता चलाने वाली सरकार का एक खेला समझिए। सत्ताधारी विधायकों का गैस सिलेंडर लहराते फोटू तो देखबे किए होंगे। नहीं देखे हैं तो अभी देख लीजिएगा। पहले एक हिसाब के माध्यम से खेला समझ लीजिए कि महंगाई पर ड्रामा करने वाली सरकार चाहे तब राज्य बहुत सारी चीजों को सस्ता करने के लिए क्या कर सकती है।

अगर जल्दी में है तो इतना समझ लीजिए कि अगर माननीय मुख्यमंत्री जी चाह लें तो आज के आज राज्य में पेट्रोल की कीमत 72.56 रुपए और डीजल की कीमत 68.81 रुपए प्रति लीटर हो सकती है। लेकिन करेंगे नहीं न। काहे। तब बस इतना समझ लीजिए कि खाली पेट्रोल और डीजल से राज्य सरकार 3,29,93, 84,000 रूपए कमा रही है।

आप इस अंक को निबटाइए तब तक हम आपको दूसरा अंक में विस्तार से उलझाते हैं। तेल कंपनियों के मुताबिक झारखंड में हर महीने 57916 किलोलीटर पेट्रोल की खपत है। एक किलो लीटर में एक हजार लीटर होता है। यानी एक महीने में 579,16000 लीटर पेट्रोल झारखंड की गाड़ियां फूंक देती हैं।

एक लीटर पेट्रोल पर झारखंड सरकार फिलहाल 17 रुपए वैट ले रही है। यानी अभी हर माह पेट्रोल पर वैट से सरकार 984572000 रुपए कमा रही है। अभी ठहरिए। मामला यहीं नहीं ठहरता है। इसके अलावा सरकार डीजल और पेट्रोल पर एक रुपए प्रति लीटर रोड डेवलेपमेंट सेस भी लेती है यानी डीजल से सेस आ रहा है 579,16000 रुपए। दोनों कुल मिलाकर 1042488000 रुपए मंथली पेट्रोल से टैक्स आ रहा है राज्य सरकार को।

21 फरवरी को तेल कंपनियों की ओर से जारी रिकॉर्ड के मुताबिक झारखंड में हर महीने 140431 किलोलीटर डीजल की खपत है। इसे लीटर में बदलिएगा तब ये हो जाएगा 140431000 लीटर। इस पर सरकार फिलहाल 15 रुपए प्रति लीटर टैक्स ले रही है। तब सरकार को डीजल से प्रति महीने टैक्स (वैट) आ रहा है 2,10, 64,65000 रुपए। अरे ठहरिए अभी एक रुपए प्रति लीटर सेस भी तो जोड़िएगा न। इसको जोड़ दीजिएगा तब ये हो जाएगा 2,24,68,96,000

अब पेट्रोल और डीजल दोनों से हर महीने सरकार की आमदनी को जोड़ दीजिएगा तब ये हो जाता है 3,29, 93,84,000। जी आप सही पढ़ रहे हैं खाली पेट्रोल और डीजल से राज्य सरकार तीन अरब 29 करोड़ 93 लाख 84 हजार रुपए महीना कमा रही है। ई हम नहीं तेल कंपनी वाले बोल रहे हैं।

उन्हीं के एक प्रतिनिधि की मानें तो झारखंड में अभी सेस के साथ पेट्रोल की बेसिक प्राइस 72.56 रुपए प्रति लीटर और डीजल की बेसिक प्राइस सेस के साथ 68.81 रुपए है। लेकिन वैट के साथ कितना हो जा रहा इहो बताना पड़ेगा।

जी बहुत कुछ चल रहा था तब एक छोटा सा गणित हमलोग भी आपके लिए निकाल लिए। बाकी गाना है आनंद लीजिए सखी सइयां तो खूब ही कमात है....

टीम ग्राउंड जीरो

24/12/2020

झारखंडवासियों के लिए एक अच्छी ख़बर है। राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के स्वास्थ्य में अब तेजी से सुधार हो रहा है। गुरुवार को एमजीएम अस्पताल से शिक्षा मंत्री की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें टाइगर खुद से खाना खाते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान नर्स उन्हें खाना खिलाना चाहती हैं। लेकिन वे उन्हें मना कर देते हैं। देखें पूरा वीडियो...
रिपोर्ट- टीम ग्राउंड जीरो

कोयला को समझने वालों के लिए जरूरी सूचना---------------------------------------------रांची में रहते हैं। कोयला और खदान मे...
22/10/2020

कोयला को समझने वालों के लिए जरूरी सूचना
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रांची में रहते हैं। कोयला और खदान में तो दिलचस्पी रखते ही होंगे। कोयला छोड़िए भूविज्ञान बुझते हैं। ये भी नहीं समझे तब ई तो जानना चाहेंगे न कि पृथ्वी कैसे बना? ग्रह का निर्माण कैसे हुआ? समुद्र से लेकर पहाड़ तक में कितना लेयर है? कौन सा लेयर में क्या पाया जाता है? अरे खुद नहीं तो आप अपने बच्चे को तो ये बताना चाहेंगे न।

तब आपकी इस इच्छा की पूर्ति कर रहा है कोयला के खदान को ढूंढने में सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण काम करने वाली कंपनी सीएममपीडीआई । अब तक सजा धजा के चुपचाप अपने कर्मियों के लिए बने भू विज्ञान संग्रहालय अब ये आम लोगों के लिए भी खोलने का निर्णय लिया है।

संग्रहालय में कोयला के अलग-अलग किस्म से लेकर कोयला खनन की पूरी जानकारी प्रदर्शित की गई है। इसमें कोयले के विभिन्न गुण, कोयले के नमूने, उनका तकनीक ग्रेड के साथ प्रदर्शित किया गया है। एक बड़ा मॉडल एक विशिष्ट भूमिगत कोयला खदान और इससे संबंधित जानकारियों को दर्शाया गया है।

एक तो ऐसे ही रांची में संग्रहालय की घनघोर कमी है। जो था उस पर या तो ताला लटका रहता था या वहां जाकर देखने लायक चीजें वहां नहीं बच गयी थी। या तो सरकारी लापरवाही में या कर्मियों की मनमानी से वह कबूतरखाना बन रहा है। ऐसे में सीएमपीडीआई प्रबंधन का इतना आधुनिक और तकनीक से लैस संग्रहालय आम जनता के ज्ञानवर्धन के दृष्टिकोण से एक सुंदर फैसला है।

टीम ग्राउंड जीरो

19/10/2020

माफ कीजिएगा नेताजी, लेकिन बोलते हुए जरा सा तो ठहर लेते। सांस ले लेते। सवाल पूरा सुन लिए होते । चंद पल के लिए ही सही, सोच लेते। जिस निर्ल्लज्जता से आप बोल दिए कि हमही का लड़का लोग रेप कर रहा है, उसी हया में आप डूब क्यों नहीं गए ?

सर आपकी सरकार क्या कर रही है? एक लंबी बहस का मुद्दा हो सकता है। लेकिन आप ही की बातों पर आएं तो क्या गांजा रेप करने के लिए पिया जाता है। भांग का नशा इतना गंदा है कि उसे खाकर कोई रेप कर देगा! दारू पीने के बाद किसी को अधिकार मिल जाता है रेप करने का।

नहीं आप कहना क्या चाहते हैं ? कि बेटी शाम को घर से नहीं निकले। शाम को घर से निकलते समय केवल बेटी से ही क्यों पूछे? ये सवाल बेटों से क्यों नहीं पूछा जााए? क्या बेटे के डर से बेटी घर में कैद हो जाए? क्या बेटी अपने अरमानों को दफन कर दे? खाली इसलिए कि बाहर बेटे हैवान बने पड़े हैं।

मुआफ कीजिएगा सर, लेकिन कभी उस पीड़िता से मिलिएगा जिसने इसका दर्द सहा है। जानते हैं कल की घटना है। राजधानी के व्यस्ततम इलाके से उठाकर एक लड़की का ब्लात्कार कर दिया गया। उसकी गलती बस इतनी थी कि वो लिफ्ट मांग ली थी एक मोटरसाइकिल चालक से। कब तक हम अपने बेटों को सह और बेटियों को जंजीरों में जकड़ते रहेंगे सर।

नोट-वीडियो में बोलने वाले साहब बोरियो से विधायक हैं। नाम है लोबिन हेम्ब्रम। किस पार्टी से। इससे ज्यादा जरूरी है कि वे हमारे प्रतिनिधि हैं।

टीम ग्राउंड जीरो

16/10/2020

हे सरकार!
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सरकार कल भी आपको लूटी थी। आज भी आपको लूट रही है। कल भी आपको लूटेगी। लूटना उनका धर्म है और बिकना आपकी नियति । जब तक बिकते रहिएगा सरकारें लूटते रहेंगी। खोखले वादों के साथ मुंगेरी लाल के ख्वाब दिखाते रहेगी।

सड़क से सत्ता का मार्ग तय होते ही आपके रोजगार की जगह पहले वह अपने खाली खजाने को भरने का जुगाड़ करेंगे। आपकी नौकरी से ज्यादा जरूरी उनके लिए अपने परिजनों को पद पर पहुंचाना होगा। चुनाव से पहले तक आप युवा हैं। गांव, जवार, पंचायत, वार्ड, जिला, राज्य और राष्ट्र के होनहार धरोहर हैं। चुनाव के बाद आप क्या हैं?

पिछले एक सप्ताह से अपने हक के लिए भूख हड़ताल पर बैठे 50 हज़ार युवाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे इस युवा से सुन लीजिए। जान लीजिए कि एक नेता आपके भरोसे, आपके विश्वास आपकी उम्मीद का चिर हरण किस तरह करते है। ये युवा सभी जनप्रतिनिधियों के दरवाजे पर अपना चप्पल घिसने के बाद अब सरकार के ही शहर में बैठ गए हैं कि हे सरकार! सुन लीजिये। लेकिन क्या कीजिएगा सरकार की भी अपनी व्यस्तता है।

टीम ग्राउंड जीरो

19/09/2020

युवाओं को कब तक ठगिएगा सरकार
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रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। कोरोना ने पिछले छह महीने से ललहुन मिट्टी वाली इस मैदान को जिस कदर खामोश किया था। वहां अब राज्य भर के 2300 युवा अपनी नौकरी बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। कहते हैं बरसात की दोपहरी बडी जालिम होती है। जला देने वाली इसी दोपहरी और मूसलाधार बरसती रातों में ये युवा नंगे आसामान के नीचे सरकार से निवेदन कर रहे हैं। कह रहे हैं- हे सरकार ! कब तक ठगिएगा।

हेमंत है तो हिम्मत है, के नारे से सत्ताधीन हुई गठबंधन की सरकार कायदे से एक साल पूरा किए बिना ही सत्ता के नशे में मदमस्त हो गई है। नशे में चूर इस सरकार को न अपनी घोषणाएं याद है न अपने घोषणापत्र की पंक्तियां। चुनाव से पहले जिस युवाओं को ये सरकार वादों का लॉलीपॉप थमाई थी वही इन पर लाठियां बरसा रही है।

मुख्यमंत्री जी अगर भूल गए हों तो उन्हीं का एक वक्तव्य उन्हें दिला रहा हूं जो उन्होंने चुनावी रैली में नहीं बल्कि सीएम वाली कुर्सी पर बैठने के बाद कही थी कि नौकरी नहीं मिलने तक सभी बेरोजगार स्नातक को 5 हजार व स्नातकोत्तर को 7 हजार रुपए का भत्ता दिया जाएगा। इसके लिए सरकारी स्तर पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी।

ये हो गया कथनी। अब करनी की पूरी कहानी इस वीडियो में समझ लीजिए।इसमें उन युवाओं का दर्द है जो कोरोना जैसी महमारी में एक वारियर की भूमिका निभाने के बाद बेरोजगार कर दिए गए हैं।
नोटः चुनाव आयोग के आकड़ों के मुताबिक 2019 तक झारखंड में बार 2,20,753 युवा ऐसे थे जिनकी उम्र 18-19 वर्ष थी। यानी जो नौकरी के लायक हो गए थे। लगभग पांच लाख प्रवासी श्रमिक दूसरे राज्यों से लौटकर झारखंड आए हैं और सरकार से नौकरी की गुहार लगा रहे हैं।





टीम- ग्राउंड जीरो

कोरोना आपको बीमार बहुत बीमार बना रहा है....--------------------------------------------------------कोरोना का कहर बदस्तूर...
15/09/2020

कोरोना आपको बीमार बहुत बीमार बना रहा है....
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कोरोना का कहर बदस्तूर जारी है। झारखंड में यह अभी तक लगभग 65 हजार लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है । 565 लोगों को भगवान का प्यारा बना दिया है। हालांकि 48412 लोग ऐसे भी हैं जो कोरोना से दो-दो हाथ करके वापस लौट आए हैं।
कोरोना का जो खौफ लोगों के अंदर मार्च के आखिर दिनों में था सितंबर के शुरुआती सप्ताह में यह उनके लिए निमोनिया टाइप सर्दी-खांसी और बुखार वाली बीमारी रह गया है। वे अबोध ये नहीं समझ रहे हैं कि कोरोना हम सबको बीमार बहुत बीमार बना रहा है।

ग्राउंड जीरो की टीम आपको समझाएगी किस कदर ये आपको आर्थिक, शारिरिक और मानसिक रूप से खोखला बना रहा है। हमारे राज्य पर इसका कितना भयावह असर पड़ रहा है। शारीरिक रूप से नुकसान का अंदाजा तो आपको उपर के आकड़े से मिल ही गया है। अब जरा आर्थिक डाके को समझिए।

दैनिक भास्कर के रांची संस्कर में 15 सितंबर को छपी एक खबर के मुताबिक राज्य के सरकारी खजाने से कोरोना पर राज्य सरकार लगभग 350 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। इतना ही नहीं अक्तूबर तक 100 करोड़ रुपए और खर्च करने की योजना है। यानि मात्र सात महीने (अप्रैल- अक्तूबर) तक में कोरोना आपके हिस्से का 450 करोड़ रुपए डकार जाएगा। आप हैं कि इसे बस मामूली बुखार समझ कर घर में रहने के सलाह को छुट्टी समझते रहिए।

और हां ये सरकारी आकड़ों पर आधारित जानकारी है। इसमें ऐसे व्यक्तियों के खर्च की कोई सूचना नहीं है जिन्होंने निजी अस्पतालों में अपे खर्च से अपना इलाज कराया है। जो व्यक्ति संक्रमित होकर होम आइसोलेशन में रहना तय किए थे उनके खर्च का कोई ग्राफ इसमें नहीं है।

अब इसके मानसिक नुकसान को भी समझ लीजिए कि अप्रैल से जून तक में झारखंड में 450 से ज्यादा लोग आत्महत्या कर चुके हैं। ये ऑफिशियल डेटा है। कितने लोग निकल गए और किसी को पता भी नहीं चल पाया। ये जोड़ लीजिएगा तो ये आकड़ा बौना लगने लगेगा।
जी पूर्वी भारत के एक छोटे से राज्य में कोरोना के कहर का यह एक मामूली सी औपचारिक आकड़ों पर दी गई जानकारी है। कोरोना से कितना सावधान रहना है। इसका निर्धारण खुद करने के लिए आप तैयार हैं।

टीम ग्राउंड जीरो

नोट- तस्वीर दुमका की है। मंगलवार को झारखंड के मुख्यमंत्री वहां एक सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं।

शर्म है, हर किसी को कहां आती है !-------------------------------------------------भादो की बारिश ने खोली नगर निगम की पोल ...
07/09/2020

शर्म है, हर किसी को कहां आती है !
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भादो की बारिश ने खोली नगर निगम की पोल । अखबारों की ये परंपरागत हेडलाइन अब पुरानी हो गयी है। अब तो अश्विन की बारिश ने रांची नगर निगम के बयानवीरों के मुंह पर ताला ! अरे नहीं तमाचा जड़ा है। वो भी झन्नाटेदर वाला। बमुश्किल दो घंटे की बारिश में जिस तरह सोमवार को मोहल्ले की गलियां गांव के नहर में तब्दील हो गयी थी निगम के हुक्मरानों को शर्म से पानी-पानी हो जाना चाहिए था।

करोड़ो के बजट वाले जिस शहर में नालियां लोगों को लील रहा हो उस शहर के प्रबंधन के स्तर पर बात करनी भी बेमानी सी लगती है। यह सुनना ही कितना शर्मनाक सा है कि रांची के कोकर में एक व्यक्ति नाले में बह गया। लेकिन शर्म है कि इन्हें आती नहीं। शर्म है साहब। हर किसी को कहां आती है।

क्यों नहीं आती? उसे ऐसे समझिए।जुलाई 2019 में हिदपीढ़ी स्थित नाला रोड में नाला में गिरने से पांच वर्षीय फलक की मौत के बाद रांची नगर निगम ने खुले नालों को ढंकने की योजना तैयार की। लेकिन सितंबर 2020 तक नाली के ढंकने का कार्य केवल फलों में ही चल रहा है।

रांची नगर निगम की अभियंत्रण शाखा में नई योजनाओं के तहत कवर्ड नालियों का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन वर्षो पुरानी बनी नालियों व बड़े नालों को ढंकने की तैयारी अभी भी अधूरी है।
ढंकी नालियों की लंबाई 5,57,390 मीटर

जुलाई 2019 में रांची नगर निगम के माध्यम से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्र में 8,44,113 मीटर नालियों खुली हुई हैं। रांची नगर निगम क्षेत्र में नालियों की कुल लंबाई 14,01,808 मीटर है, जबकि ढंकी नालियों की लंबाई 5,57,390 मीटर है।

20 वार्डों में नालियां स्लैब रहित

रांची नगर निगम के 53 वार्डों में से लगभग 20 वार्ड ऐसे हैं, जिसमें 50 फीसद या उससे अधिक नालियां पूरी तरह स्लैब रहित है। इन वार्डों में वार्ड-1, 2, 6, 8, 9, 11, 15, 16, 20, 21, 29, 30, 33, 34, 44, 45, 49 व 52 शामिल हैं।

टीम ग्राउंड जीरो

नोट:- फोटो सोमवार को बारिश के बाद कोकर में नाले पर बनी पुलिया पर पानी के बहाव में डूबते शख्स की है।

07/09/2020

खुले नाले ने लील ली एक की जान...देखें वीडियो

झारखंड की राजधानी रांची के कोकर में बारिश के बाद हुए जलजमाव से एक व्यक्ति नाले में बह गया। वहीं एक और लड़के को स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिया गया। ये हाल सिर्फ दो घंटे हुई बारिश के बाद का है। यह हादसा तब हुआ जब वो पुल पार करने की कोशिश कर रहा था। बता दें कि तीन महीने पहले इसी पुल से दो स्कूली बच्ची बह गई थी।
रिपोर्ट- टीम-ग्राउंड जीरो।

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