18/10/2023
इसाईयों की अच्छी और समझदार नस्लें सिर्फ़ यूरोप और अमेरिका की कुछ जगहों पर हैं.. बाक़ी भारत और अफ्रीका जैसी जगहों पर गरीब, मजदूर और निचली जातियों के लोगों की भीड़ है जो धन या किसी अन्य लालच में इसाई बने.. ये भीड़ इसाई धर्म के किसी काम की नहीं होती है सिवाए तादाद दिखाने के.. इस्लाम का भी यही हाल है.. राह चलते किसी ने बोल दिया अगर कि “अल्लाह एक है और मुहम्मद उसके रसूल हैं” तो उसे ये मुसलमान मान लेते हैं.. उसका नतीजा ये हुआ कि ये धर्म सिवाए एक भीड़ के कुछ नहीं बचा है.. भारत में बौद्ध धर्म भी तर्क और चेतना के सबसे निचले पायदान पर है.. क्यूंकि एक भीड़ सिर्फ़ इसलिए बौद्ध बन रही है क्यूंकि उसे पंडितों के चंगुल से निकलना है.. बुद्ध की किसी भी शिक्षा की वजह से ये लोग बौद्ध नहीं बनते हैं.. ये भी बस भीड़ है.. बाहर देशों में जो लोग बौद्ध बनते हैं वो चेतना के शिखर पर पहुंचे हुवे लोग होते हैं.. वहां आपको जल्दी बौद्ध दीक्षा ही कोई नहीं देता है.. महीनों और सालों का प्रोसेस होता है बौद्ध बनने का.. भारत का बौद्ध धर्म किसी काम का नहीं है
बड़ी भीड़ तब सही थी जब हम घोड़ों पर चलते थे और तलवारें चलाते थे.. अब जितनी बड़ी भीड़ उतना बड़ा नुकसान.. भीड़ बड़ी रखने से सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि जो आपके धर्म की सामूहिक चेतना होती है वो “बहुत निम्न स्तर” की होती है.. सारे ऐसे देश जिनके लिए ग़रीबी, भुखमरी, लूटपाट आम थी, अगर आपने उन्हें अपनी भीड़ में शामिल कर लिया तो आपके धर्म की सामूहिक चेतना का स्तर क्या होगा? युगांडा और घाना को इस्लामिक बना कर आपने अपने धार्मिक दर्शन का पतन किया या उत्थान? उस भीड़ का क्या एडिशन है आपकी तरक्की में?
यही वजह है कि आज 57 इस्लामिक देश होते हुवे भी आप असहाय होते हैं.. सब मिलकर चीख पुकार बहुत मचाते हैं मगर कुछ कर नहीं पाते हैं.. आप दो बिल्डिंग गिराते हैं अमेरिका में और वो आपके कई देश तबाह कर देते हैं.. आप 1500 यहूदियों को मारते हैं तो वो आपके 10 हज़ार मार डालते हैं.. आपको लगता है आपके पास बड़ी भीड़ है मगर ये भीड़ “समझदार” नस्लों के आगे “नियंडरथल” होती है.. समझदार नस्लें आपको बाड़े में घेरकर बैल बकरियों की तरह ख़त्म कर देंगी.. अमेरिका के पास पांच हज़ार परमाणु बम हैं और इस्राईल के पास सौ.. और ईरान के पास शून्य.. आपकी भीड़ बहुत बड़ी है.. किसी भी हमले में आप ही ज़्यादा मारे जायेंगे.. भीड़ का नुक्सान मिलेगा आपको फायदा नहीं
राज हमेशा समझदार और उन्नत सोच के लोग ही करेंगे.. भीड़ बहुतायत में मारी ही जायेगी.. जितना हो सके क्वालिटी में विश्वास कीजिये.. अपने धर्म और अपने समाज को “एक्सक्लूसिव” बनाईये.. सामूहिक चेतना को और मज़बूत और अच्छा बनाईये
~सिद्धार्थ ताबिश