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अकल्पनीय दुख की घड़ी में, टाटा समूह सहानुभूति के साथ सामने आया है। हर मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये की मदद सिर्फ एक सह...
13/06/2025

अकल्पनीय दुख की घड़ी में, टाटा समूह सहानुभूति के साथ सामने आया है। हर मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये की मदद सिर्फ एक सहारा नहीं, बल्कि इंसानियत की मिसाल है। यह एक ऐसा कदम है जो बहुत कुछ कहता है।

महिला और उसके प्रेमी का 5 साल से अफेयर चल रहा था। शव बरामद होने के बाद मामले की जांच में पत्नी के प्रेम संबंधों का खुलास...
12/06/2025

महिला और उसके प्रेमी का 5 साल से अफेयर चल रहा था। शव बरामद होने के बाद मामले की जांच में पत्नी के प्रेम संबंधों का खुलासा हुआ। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

मामला उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर का है

ये क्या हो रहा है पुरुषों के साथ हर रोज एक नई खबर

11/06/2025
उन्होंने नेहरू के व्यक्तित्व की तुलना वाल्मीकि के महाकाव्य रामायण में भगवान राम से की। लेकिन पौराणिक अतीत के सबसे पवित्र...
06/06/2025

उन्होंने नेहरू के व्यक्तित्व की तुलना वाल्मीकि के महाकाव्य रामायण में भगवान राम से की। लेकिन पौराणिक अतीत के सबसे पवित्र नायकों के साथ तुलना करने से पहले, वाजपेयी ने नेहरू को भारत माता का "पसंदीदा राजकुमार" कहा।

वाजपेयी ने कहा, "भारत माता आज शोकाकुल हैं। उन्होंने अपना प्रिय राजकुमार खो दिया है। मानवता आज दुखी है। उसने अपना भक्त खो दिया है। शांति आज अशांत है। उसका रक्षक नहीं रहा। दलितों ने अपना आश्रय खो दिया है। आम आदमी ने अपनी आंखों की रोशनी खो दी है।"

अटल जी कहते है मुझे याद है कि मैंने एक बार उन्हें चीनी आक्रमण के दिनों में बहुत गुस्से में देखा था, जब हमारे पश्चिमी मित्र इस बात की कोशीश कर रहे थे कि हम कश्मीर के सवाल पर पाकिस्तान से कोई समझौता कर ले, जब उनसे कहा गया कि कश्मीर के प्रश्न पर समझौता नहीं होगा तो? हमें दो मोर्चों पर लड़ना पड़ेगा यानी एक तरफ चीन से और एक तरफ पाकिस्तान से अटल बताते हैं की नेहरू इस पर बिगड़ गये और कहने लगे की अगर आवश्यकता पड़ेगी तो हम दोनों मोर्चों पर लड़ेंगे किसी दबाव में आकर बातचीत करने के खिलाफ़ थे नेहरु।

जिम्बाब्वे सेव वैली कंजरवेंसी में हाथियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए लगभग 50 हाथियों को मारने की योजना बना...
05/06/2025

जिम्बाब्वे सेव वैली कंजरवेंसी में हाथियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए लगभग 50 हाथियों को मारने की योजना बना रहा है। 2024 की एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, इस इलाके में 2,550 हाथी हैं, जबकि यह जमीन केवल 800 हाथियों को ही संभाल सकती है।

देश की वाइल्डलाइफ अथॉरिटी ZimParks ने बताया कि यह कदम "हाथी प्रबंधन अभ्यास" का हिस्सा है, न कि बड़े पैमाने पर हत्या (मास कुलिंग)। पिछले पांच वर्षों में 200 हाथियों को देश के अन्य हिस्सों में भेजा गया था, लेकिन अब आसपास ऐसा कोई इलाका नहीं बचा जहां पहले से हाथी न हों।

पहले चरण का मकसद पर्यावरण, आर्थिक और योजना से जुड़ी चुनौतियों को समझना है। मारे गए हाथियों का मांस पास के गांवों में रहने वाले लोगों को दिया जाएगा, जबकि हाथीदांत ZimParks को सौंपा जाएगा, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय नियमों के कारण इसकी बिक्री पर प्रतिबंध है।

कितने हाथियों को मारा जाएगा, यह अंतिम संख्या झुंड के आकार और प्रबंधन की स्थिति पर निर्भर करेगी। जिम्बाब्वे, बोत्सवाना के बाद दुनिया में हाथियों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। अधिकारियों का कहना है कि उनका लक्ष्य हाथियों की संख्या और जमीन की क्षमता के बीच संतुलन बनाए रखना है।

राजस्थान के डूंगरपुर जिले के गलंदर गांव में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां 95 साल के रामा भाई अंगारी और 90...
05/06/2025

राजस्थान के डूंगरपुर जिले के गलंदर गांव में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां 95 साल के रामा भाई अंगारी और 90 साल की जीवली देवी ने 70 साल साथ रहने के बाद अब शादी की है। यह बुजुर्ग जोड़ा पिछले सात दशक से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था। उनके चार बेटे और दो बेटियां हैं, कुल मिलाकर आठ बच्चे हैं।

बुजुर्ग जोड़े की शादी की इच्छा जानकर बच्चों ने इसे पूरा करने का फैसला किया। फिर गांव में पूरे रीति-रिवाज से शादी की तैयारियां शुरू हुईं। हल्दी, मेहंदी, बिंदोरी जैसी सभी रस्में निभाई गईं। गांव में डीजे बुलाया गया और बिंदोरी निकाली गई। बच्चों और गांववालों ने जमकर नाच-गाना किया।

वैज्ञानिकों ने पाया है कि कुछ बैक्टीरिया ऑक्सीजन पर निर्भर रहने के बजाय बिजली पैदा करके सांस ले सकते हैं, जिसे बाह्यकोशि...
03/06/2025

वैज्ञानिकों ने पाया है कि कुछ बैक्टीरिया ऑक्सीजन पर निर्भर रहने के बजाय बिजली पैदा करके सांस ले सकते हैं, जिसे बाह्यकोशिकीय श्वसन कहा जाता है। ये बैक्टीरिया इलेक्ट्रॉनों को बाहरी सतहों पर धकेलने के लिए नैफ्थोक्विनोन नामक प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले अणुओं का उपयोग करते हैं, जो अनिवार्य रूप से बिजली को "बाहर" छोड़ते हैं । यह प्रक्रिया उन्हें ऐसे वातावरण में भी पनपने देती है जहाँ ऑक्सीजन कम या अनुपस्थित होती है।

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28/05/2025

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