26/11/2022
किसानों का जंगी प्रदर्शन
केन्द्र और राज्य सरकारों को अल्टीमेटम
भोपाल। मध्य प्रदेश के किसान व आदिवासी, खेत मजदूर, भूमि एवं पर्यावरण से जुड़े संगठनों के साझा मंच - संयुक्त मोर्चा-ने भोपाल में जंगी प्रदर्शन कर केन्द्र और राज्य सरकारों को अल्टीमेटम दिया। ये प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चे के देश व्यापी आह्वान पर किया गया था।
प्रदेश के वरिष्ठ किसान नेताओं की अध्यक्षता में चार घंटे तक यादगारे शाहजहानी पार्क में चली आमसभा में वक्ताओं ने केंद्र तथा प्रदेश सरकार को किसान, जनता तथा देश हित के विरूद्ध काम करने वाली सरकार बताया। वक्ताओं ने कहा कि 380 दिन के ऐतिहासिक किसान आंदोलन के बाद मोदी सरकार ने जो करार किया था उसमें लिखित में दिए गए वचन से भी वह मुकर गई है। कारपोरेट कंपनियों की लूट से खेती और किसानी में ले जाने के लिए वह नए नए षडयंत्र रच रही है। नया बिजली कानून इसी तरह का एक षड्यंत्र है।
मध्य प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष बादल सरोज के संचालन में हुई सभा में प्रदेश के 40 जिलों से आए किसानों के 50 नेताओं ने अपनी बात रखी। इनमें किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक डा.सुनीलम, भारतीय किसान यूनियन(टिकेत ) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव,मध्यप्रदेश किसान सभा अजय भवन के महासचिव प्रहलाद बैरागी, जागृत किसान संगठन के प्रमुख इरफान जाफरी, मप्र किसान सभा के महासचिव अखिलेश यादव के अलावा अशोक तिवारी, रामनारायण कुररिया इत्यादि नेता शामिल थे।
प्रदर्शन के बाद करीब 2 घंटे तक प्रदर्शनकारियों को नीलम पार्क के सामने पुलिस ने रोककर रखा। बाद में एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पर जाकर ज्ञापन दिया।
ज्ञापन की दोनों प्रति सलंग्र है।
संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश
(मध्यप्रदेश के किसान तथा आदिवासी, खेत मजदूर भूमि, एवं पर्यावरण से जुड़े संगठनो का साझा मंच )
दिनांक - 26 नवंबर 2022
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति, भारत गणराज्य,
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली
द्वारा -
माननीय राज्यपाल,
मध्यप्रदेश
विषय - केंद्र सरकार द्वारा किसानों से किए गए वादाखिलाफी, और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, संपूर्ण कर्ज मुक्ति समेत अन्य मांगों पर ज्ञापन पत्र
माननीय राष्ट्रपति महोदया,
आज, संविधान दिवस के अवसर पर, देश भर के किसान अपने-अपने राज्यों के राज्यपाल महोदय के माध्यम से आपको केंद्र सरकार दारा किसानों से किए गए वादे याद दिला रहे हैं। जैसा कि आपको ज्ञात होगा, संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार को लिखे चि_ी में अपने छह लंबित मुद्दों की तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था। इसके जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री संजय अग्रवाल ने 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के नाम एक पत्र (सचिव/ऐएफडब्लू/2021/मिस/1) लिखा। इस पत्र में उन्होंने कई मुद्दों पर सरकार की ओर से आश्वासन दिया और आंदोलन को वापस लेने का आग्रह किया था। सरकार की इस चि_ी पर भरोसा कर संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली की सीमा पर लगे मोर्चा और तमाम धरना प्रदर्शनों को 11 दिसंबर 2021 को उठा लेने का निर्णय किया था। आज दस महीने बाद भी केंद्र सरकार ने किसानों से किए गए वायदे पूरे नहीं किए हैं। हम आपसे एक बार पुन: अनुरोध है कि आप केन्द्र सरकार से लंबित मांगों को हल करने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने और किसानों की समस्याओं पर ध्यान देते हुए निम्नलिखित मांगों को पूरा करने का आग्रह करें।
1. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर सभी फसलों के लिए सी2+50 फीसदी के फार्मूला से एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए। केन्द्र सरकार द्वारा एमएसपी पर गठित समिति व उसका घोषित ऐजेंडा किसानों द्वारा प्रस्तुत मांगों के विपरीत है। इस समिति को रद्द कर, एमएसपी पर सभी फसलों की कानूनी गारंटी के लिए, किसानों के उचित प्रतिनिधित्व के साथ, केंद्र सरकार के वादे के अनुसार एसकेएम के प्रतिनिधियों को शामिल कर, एमएसपी पर एक नई समिति का पुनर्गठन किया जाए।
2. खेती में बढ़ रहे लागत के दाम और फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं मिलने के कारण 80 फीसदी से अधिक किसान भारी कर्ज में फंस गए हैं, और आत्महत्या करने को मजबूर हैं। ऐसे में, आपसे निवेदन है कि सभी किसानों के सभी प्रकार के कर्ज माफ किए जाएं।
3. बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लिया जाए। केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा को लिखे पत्र में यह लिखित आश्वासन दिया था कि, च्च्मोर्चा से चर्चा होने के बाद ही बिल संसद में पेश किया जाएगा।Ó इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने बिना कोई विमर्श के यह विधेयक संसद में पेश किया।
4. (अ) लखीमपुर खीरी जिला के तिकोनिया में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।
(ब) लखीमपुर खीरी हत्याकांड में जो निर्दोष किसान जेल में कैद हैं, उनको तुरन्त रिहा किया जाए और उनके ऊपर दर्ज फर्जी मामले तुरन्त वापस लिए जाएं। शहीद किसान परिवारों एवं घायल किसानों को मुआवजा देने का सरकार अपना वादा पूरा करे।
5. सूखा, बाढ़, अतिवृष्टि, फसल संबंधी बीमारी, आदि तमाम कारणों से होने वाले नुकसान की पूर्ति के लिए सरकार सभी फसलों के लिए व्यापक एवं प्रभावी फसल बीमा लागू करे।
6. सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को 5,000 रुपए प्रति माह की किसान पेंशन की योजना लागू की जाए।
7. किसान आन्दोलन के दौरान भाजपा शासित प्रदेशों व अन्य राज्यों में किसानों के ऊपर जो फर्जी मुकदमे लादे गए हैं, उन्हें तुरंत वापस लिया जाए।
8. किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को मुआवजे का भुगतान और उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए, और शहीदों किसानों के लिए सिंघु मोर्चा पर स्मारक बनाने के लिए भूमि आवंटन का आवंटन किया जाए।
इस ज्ञापन के जरिए देश का अन्नदाता सरकार तक अपना गुस्सा प्रेषित करना चाहता है। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप केंद्र सरकार को उसके लिखित वादों की याद दिलाएं और देश के किसानों के संपूर्ण कर्ज मुक्ति, किसान बीमा, और किसान पेंशन की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करवाएं। हम आपके माध्यम से केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह किसानों के धैर्य की परीक्षा लेना बंद करे। यदि सरकार अपने वादे और किसानों के प्रति जिम्मेदारी से मुकरना जारी रखती है, तो किसानों के पास आंदोलन को और तेज करने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचेगा।
जय किसान! जय हिंद!,
हम, भारत के लोग, देश के अन्नदाता
संयुक्त किसान मोर्चा, मध्यप्रदेश
संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश
(मध्यप्रदेश के किसान तथा आदिवासी, खेत मजदूर भूमि, एवं पर्यावरण से जुड़े संगठनो का साझा मंच)
महामहिम राज्यपाल महोदय
मध्यप्रदेश शासन भोपाल
मध्यप्रदेश के मुद्दों से जुड़ा मांगपत्र
मान्यवर
मध्यप्रदेश के किसान तथा आदिवासी, खेत मजदूर भूमि, एवं पर्यावरण से जुड़े संगठनो की ओर से आज 26 नवम्बर 2022 को हम निम्नलिखित मुद्दों पर शासन को निर्देश एवं परामर्श देने का अनुरोध करते हैं ;
(1) बेमौसम की बारिश तथा सामान्य से कम बारिश से प्रभावित हुए किसानों को उनकी फसल के नुक्सान की भरपाई करने लायक राशि का मुआवजा दिया जाए और इसके आंकलन के लिए खेत को इकाई मानकर आंकलन किया जाए।
(2) पहले रोकी जा चुकी अटल एक्सप्रेस वे की चंबल क्षेत्र से गुजरने वाली परियोजना को पुन: प्रारम्भ करने का विचार त्यागा जाए। इस बारे में गुपचुप तरीके से, बिना किसानो को सूचित किये किया जाने वाला सर्वे रोका जाए। इस सर्वे की वजह से आहत हुए श्योपुर के किसान की मृत्यु पर उसके परिजनों को 1 करोड़ रुपया मुआवजा दिया जाए।
(3) पूरे प्रदेश में व्याप्त खाद संकट से किसानों को निजात दिलाने के लिए (अ) आवश्यकता से पहले ही पर्याप्त मात्रा में खाद का भंडार उपलब्ध रखा जाए, (ब) कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगाई जाए, (स) समितियों और निजी व्यापारियों के माध्यम से खाद बिक्री का पुराना अनुपात 70;30 बहाल किया जाए, (द) खाद की मनमानी दरों पर रोक लगाकर सस्ता खाद उपलब्ध कराया जाए.
(4) प्रदेश में आवारा पशुओं ने फसल तबाह कर किसानों की जिंदगी को मुश्किल में डाल दिया है। इस आपदा की रोकथाम के लिए (अ) प्रत्येक गौपालक किसान को प्रति माह 1000 रूपये प्रति गाय सहायता राशि दी जाए, (ब) पशु व्यापार पर लगी रोक हटाई जाए और पशु व्यापारियों पर कथित गोरक्षकों के हिंसक हमलों पर सख्त कार्यवाही की जाए, (स) गौशालाओं में अकल्पनीय भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए।
(5) किसान सम्मान निधि से वंचित किसानो को उसमे शामिल किया जाए तथा उन्हें एरियर सहित भुगतान किया जाए। निधि की राशि बढ़ाकर दो गुनी की जाए।
(6) बिजली बिलों के नाम पर लूट बंद कर किसानो को मुफ्त बिजली दी जाए। बिजली विभाग द्वारा बनाए फर्जी मुकदमे बापिस कर उनके बिल माफ किए जाएं।
(7) ड्रोन के जरिये किये जा रहे हवाई सर्वे से भू अभिलेखों का अद्यतनीकरण रोका जाए। भूअभिलेखों के डिजिटलाइजेशन में व्यापत गड़बड़ी और भ्रष्टाचार खत्म किया जाए। पूर्व रिकार्ड में शासकीय मद में दर्ज हजारों एकड़ बेशकीमती भूमियों को मिलीभगत कर निजी भू स्वामी के नाम दर्ज की गई भूमियों की सीबीआई जांच कर कार्यवाही की जाय।
(8) आदिवासियों तथा वनो की जमीन को कारपोरेट कंपनियों को दिए जाने को रोका जाए।
(9) खेत मजदूरों की दैनिक मजदूरी बढ़ाते हुए उन्हें कल्याणकारी योजनाओं के दायरे में लिया जाए।
(10) ओबीसी समुदायों की वास्तविक संख्या सुनिश्चित करने के लिए जनगणना की जाए।
(11) किसानों के समस्त कर्जे माफ किए जाएं। बैंक एवं बिजली विभाग द्वारा की जा रही जबरन वसूली पर रोक लगाई जावे।
(12) गांव से लगी खेतों को जाने वाली रास्ताओं का खेत सड़क एवं सुदूर सड़क योजना चालू कर प्राथमिकता से रोड निर्माण कराए जाएं।
हमें विश्वास है कि महामहिम उपरोक्त सभी मुद्दों पर मध्यप्रदेश शासन को निर्देशित कर सकारात्मक कार्यवाही का परामर्श देंगे।
संयुक्त किसान मोर्चे